2022 का दुर्गा पूजा कब है

  1. दुर्गा पूजा कब है 2022
  2. Shravan Month Sawan Durgashtami 2022 Date Time Shubh Muhurat Puja Vidhi
  3. 2022 में दुर्गा विसर्जन कब है New Delhi, India में
  4. Durga Puja 2022 Date: बंगाल में इस दिन शुरू होगी दुर्गा पूजा की धूम, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त
  5. दुर्गा पूजा कब है 2022
  6. shardiya navratri 2022 durga puja kalash sthapana tithi shubh muhurat vidhi samgri detail know in hindi tvi
  7. Shravan Month Sawan Durgashtami 2022 Date Time Shubh Muhurat Puja Vidhi
  8. 2022 में दुर्गा विसर्जन कब है New Delhi, India में


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दुर्गा पूजा कब है 2022

दुर्गा पूजा कब है 2022? | Durga Puja का इतिहास, महत्व, तथा निबंध दुर्गा पूजा हिंदू धर्म का एक बड़ा, प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस त्यौहार में मां शक्ति के नौ रूपों की आराधना की जाती है। निरंतर 10 दिनों तक चलने वाली यह उत्सव मां शक्ति की जल समाधि के साथ संपन्न हो जाती है। दुर्गा पूजा को दुर्गोत्सव या शरदोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा पूजा देश के कई भागों में धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की भव्यता अलग ही होती है। यहां इसे बांग्ला भाषा में “Dugga Puja” के नाम से जाना जाता है। 10 दिनों तक चलने वाली इस त्यौहार को मनाने के लिए वे महीनों पहले इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं। यह दक्षिण एशिया में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा वार्षिक हिंदू पर्व में से एक है। कई लोगों का सवाल है कि आखिर 2022 का दुर्गा पूजा कब है? (Durga Puja 2022 date). आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि आखिर इस वर्ष दुर्गा पूजा कब है? (Durga Puja 2022 date) हिंदू पंचांग के अनुसार दुर्गा पूजा प्रत्येक वर्ष अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शुरू होती है। दशमी पूजन के साथ यह पर्व संपन्न हो जाती है। ईसाई अथवा ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार दुर्गा पूजा सितंबर या अक्टूबर महीने में शुरू होती है। इस वर्ष Durga Puja 2022 की शुरुआत 26 सितंबर को कलश स्थापना के साथ होगी। हालांकि षष्ठी तिथि से शुरू होने वाली महापूजा 1 अक्टूबर 2022 से शुरू होकर 5 अक्टूबर 2022 मूर्ति विसर्जन के साथ समाप्त होगी। कलश स्थापना से लेकर विसर्जन तक चलने वाली पूजा के क्रम तथा तिथि इस प्रकार हैं- दुर्गा पूजा 2022 तिथि मां शक्ति की उपासना 26-09-2022 (सोमवार) शैलपुत्री 27-09-2022 (मंगलवार) ब्रह्मचारिणी 28-09-...

Shravan Month Sawan Durgashtami 2022 Date Time Shubh Muhurat Puja Vidhi

Sawan Durgashtami 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat: हिंदू धर्म मां में दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इनकी हर माह में विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों के हर मनोकामना की पूर्ति होती है. इसी दिन लोग व्रत रखते हैं और मां दुर्गा के अलावा मां जगदंबा की भी पूजा करते हैं. हर महीने में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक़, इस दिशा में करें पूजा मासिक दुर्गाष्टमी व्रत पूजा में व्रती को दिशाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि पूजा के दौरान इसका विशेष महत्त्व होता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा पाठ करते समय मां दुर्गा की ज्योति को आग्नेय कोण में जलाना चाहिए तथा पूजा करने वाले का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए. मां दुर्गा की पूजा करते समय पूजा का सामान दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए. कहा जाता है कि दिशाओं के अनुसार मां दुर्गा की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती हैं. घर में धन का आगमन होता रहता है. कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है. मासिक दुर्गाष्टमी व्रत में रखें इन बातों का ध्यान

2022 में दुर्गा विसर्जन कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में दुर्गा विसर्जन कब है व दुर्गा विसर्जन 2022 की तारीख व मुहूर्त। दुर्गा पूजा उत्सव का समापन दुर्गा विर्सजन के साथ होता है। दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त प्रात:काल या अपराह्न काल में विजयादशमी तिथि लगने पर शुरू होता है। इसलिए प्रात: कालया अपराह्न काल में जब विजयादशमी तिथि व्याप्त हो, तब मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाना चाहिए। कई सालों से विसर्जन प्रात:काल मुहूर्त में होता आया है लेकिन यदि श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि अपराह्न काल में एक साथ व्याप्त हो, तो यह समय दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के लिए श्रेष्ठ है। देवी दुर्गा के ज्यादातर भक्त विसर्जन के बाद ही नवरात्रि का व्रत तोड़ते हैं। दुर्गा विसर्जन के बाद विजयादशमी का त्यौहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री राम ने राक्षस राज रावण को मारा था। वहीं देवी दुर्गा ने इस दिन असुर महिषासुर का वध किया था। दशहरा के दिन शमी पूजा, अपराजिता पूजा और सीमा अवलंघन जैसी परंपराएं भी निभाई जाती है। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार ये सभी परंपरा अपराह्न काल में मनानी चाहिए। सिंदूर उत्सव दुर्गा पूजा के दौरान सिंदूर उत्सव पश्चिम बंगाल में मनाई जाने वाली एक अनोखी परंपरा है। विजयादशमी के दिन दुर्गा विसर्जन से पहले सिंदूर खेला की रस्म निभाई जाती है। इस अवसर पर विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं और शुभकामनाएं देती हैं। सिंदूर उत्सव को सिंदूर खेला भी कहते हैं।

Durga Puja 2022 Date: बंगाल में इस दिन शुरू होगी दुर्गा पूजा की धूम, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

• • Faith Hindi • Durga Puja 2022 Date: बंगाल में इस दिन शुरू होगी दुर्गा पूजा की धूम, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त Durga Puja 2022 Date: बंगाल में इस दिन शुरू होगी दुर्गा पूजा की धूम, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त Durga Puja 2022 Date: शारदीय नवरात्रि में दुर्गा पूजा का भी विशेष महत्व होता है जो कि बंगाल समेत देश के कई राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. आइए जानते हैं 5 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की डेट और शुभ मुहूर्त. महा नवमी 2022 शुभकामना संदेश Durga Puja 2022 Date: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि के दौरान आने वाली दुर्गा पूजा का बेहद ही खास महत्व होता है. यह विशेष तौर पर बंगाल का त्योहार है लेकिन अब देशभर में कई राज्यों में इसे बड़ी धूमधाम के साथ ( Navratri 2022) सेलिब्रेट किया जाता है. दुर्गा पूजा शारदीय नवरात्रि के छठे दिन यानि षष्ठी तिथि से आरंभ होती है. ( Durga Puja 2022 Kab Hai) आइए जानते हैं इस साल कब है कि दुर्गा पूजा और इसके शुभ मुहूर्त से लेकर पूजन विधि तक सबकुछ. पहला दिन: कल्परम्भ पूजा इस साल षष्ठी तिथि 30 सितंबर का रात 11 बजकर 36 मिनट पर आरंभ होगी और 1 अक्टूबर को रात 8 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन कल्पम्भ पूजा होती है और दौरान मां दुर्गा से मुख से पर्दा हटाया जाता है. कहते हैं दुर्गा पूजा के पहले दिन मां अपने चार बच्चों गणेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी और सरस्वती के साथ धरती पर अवतरित होती हैं. दूसरा दिन: कोला बौ या कोलाबोऊ पूजा दुर्गा पूजा के दूसरे दिन को कोला बौ या कोलाबोऊ पूजा के नाम से जाना जाता है. इस पूजा की शुरुआत सुबह स्नान के साथ शुरू होती है. इस दिन केले के पेड़ को नदी या पानी से नहलाया जाता है. फिर उसे नवविवाहित दुल्हन की तरह साड़ी पहनाकर तैयार क...

दुर्गा पूजा कब है 2022

दुर्गा पूजा कब है 2022? | Durga Puja का इतिहास, महत्व, तथा निबंध दुर्गा पूजा हिंदू धर्म का एक बड़ा, प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस त्यौहार में मां शक्ति के नौ रूपों की आराधना की जाती है। निरंतर 10 दिनों तक चलने वाली यह उत्सव मां शक्ति की जल समाधि के साथ संपन्न हो जाती है। दुर्गा पूजा को दुर्गोत्सव या शरदोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा पूजा देश के कई भागों में धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की भव्यता अलग ही होती है। यहां इसे बांग्ला भाषा में “Dugga Puja” के नाम से जाना जाता है। 10 दिनों तक चलने वाली इस त्यौहार को मनाने के लिए वे महीनों पहले इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं। यह दक्षिण एशिया में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा वार्षिक हिंदू पर्व में से एक है। कई लोगों का सवाल है कि आखिर 2022 का दुर्गा पूजा कब है? (Durga Puja 2022 date). आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि आखिर इस वर्ष दुर्गा पूजा कब है? (Durga Puja 2022 date) हिंदू पंचांग के अनुसार दुर्गा पूजा प्रत्येक वर्ष अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शुरू होती है। दशमी पूजन के साथ यह पर्व संपन्न हो जाती है। ईसाई अथवा ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार दुर्गा पूजा सितंबर या अक्टूबर महीने में शुरू होती है। इस वर्ष Durga Puja 2022 की शुरुआत 26 सितंबर को कलश स्थापना के साथ होगी। हालांकि षष्ठी तिथि से शुरू होने वाली महापूजा 1 अक्टूबर 2022 से शुरू होकर 5 अक्टूबर 2022 मूर्ति विसर्जन के साथ समाप्त होगी। कलश स्थापना से लेकर विसर्जन तक चलने वाली पूजा के क्रम तथा तिथि इस प्रकार हैं- दुर्गा पूजा 2022 तिथि मां शक्ति की उपासना 26-09-2022 (सोमवार) शैलपुत्री 27-09-2022 (मंगलवार) ब्रह्मचारिणी 28-09-...

shardiya navratri 2022 durga puja kalash sthapana tithi shubh muhurat vidhi samgri detail know in hindi tvi

Navratri 2022: दुर्गा पूजा 26 सितंबर से, कलश स्थापना विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री नोट कर लें नवरात्रि पूजा की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है. नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में कलश स्थापना शुभ मुहूर्त देख कर करना अच्छा माना जाता है. जानें इस बार कलश स्थापना का करने की तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है? Shardiya Navratri 2022 kalash sthapana Vidhi, Shubh Muhurat : शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है. नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है. कलश स्थापना को घटस्थापना भी कहा जाता है. कलश स्थापना के साथ ही देवी दुर्गा का अह्वान किया जाता है और नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में कलश स्थापना शुभ मुहूर्त देख कर करना अच्छा माना जाता है. पूरे विधि विधान के अनुसार कौन-कौन से शुभ मुहूर्त में शरदीय नवरात्रि 2022 कलश स्थापना कर सकते हैं? नवरात्रि घटस्थापना करने के दौरान कौन-कौन सी सामग्री की जरूरत होती है और घटस्थापना करने की संपूर्ण विधि क्या है? आगे पढ़ें. सप्त धान्य बोने के लिए चौड़ा और खुला मिट्टी का घड़ा. सप्त धान्य बोने के लिए स्वच्छ मिट्टी. सप्त धान्य या सात अलग-अलग अनाज के बीज. छोटी मिट्टी या पीतल का घड़ा. कलश में भरने के लिए गंगा जल या पवित्र जल. पवित्र धागा/मोली/कलया. खुशबू (इत्र). सुपारी. कलश में डालने के लिए सिक्के. अशोक या आम के पेड़ के 5 पत्ते. कलश को ढकने के लिए एक ढक्कन. ढक्कन में डालने के लिए अक्षत. बिना छिले नारियल. नारियल ताने के लिए लाल कपड़ा. गेंदा फूल और माला. दूर्वा घास. कलश की तैयारी. नवरात्रि में देवी का आह्वान करने से पहले कलश तैयार किया जाता है. स्टेप 1...

Shravan Month Sawan Durgashtami 2022 Date Time Shubh Muhurat Puja Vidhi

Sawan Durgashtami 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat: हिंदू धर्म मां में दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इनकी हर माह में विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों के हर मनोकामना की पूर्ति होती है. इसी दिन लोग व्रत रखते हैं और मां दुर्गा के अलावा मां जगदंबा की भी पूजा करते हैं. हर महीने में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक़, इस दिशा में करें पूजा मासिक दुर्गाष्टमी व्रत पूजा में व्रती को दिशाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि पूजा के दौरान इसका विशेष महत्त्व होता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा पाठ करते समय मां दुर्गा की ज्योति को आग्नेय कोण में जलाना चाहिए तथा पूजा करने वाले का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए. मां दुर्गा की पूजा करते समय पूजा का सामान दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए. कहा जाता है कि दिशाओं के अनुसार मां दुर्गा की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती हैं. घर में धन का आगमन होता रहता है. कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है. मासिक दुर्गाष्टमी व्रत में रखें इन बातों का ध्यान

2022 में दुर्गा विसर्जन कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में दुर्गा विसर्जन कब है व दुर्गा विसर्जन 2022 की तारीख व मुहूर्त। दुर्गा पूजा उत्सव का समापन दुर्गा विर्सजन के साथ होता है। दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त प्रात:काल या अपराह्न काल में विजयादशमी तिथि लगने पर शुरू होता है। इसलिए प्रात: कालया अपराह्न काल में जब विजयादशमी तिथि व्याप्त हो, तब मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाना चाहिए। कई सालों से विसर्जन प्रात:काल मुहूर्त में होता आया है लेकिन यदि श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि अपराह्न काल में एक साथ व्याप्त हो, तो यह समय दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के लिए श्रेष्ठ है। देवी दुर्गा के ज्यादातर भक्त विसर्जन के बाद ही नवरात्रि का व्रत तोड़ते हैं। दुर्गा विसर्जन के बाद विजयादशमी का त्यौहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री राम ने राक्षस राज रावण को मारा था। वहीं देवी दुर्गा ने इस दिन असुर महिषासुर का वध किया था। दशहरा के दिन शमी पूजा, अपराजिता पूजा और सीमा अवलंघन जैसी परंपराएं भी निभाई जाती है। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार ये सभी परंपरा अपराह्न काल में मनानी चाहिए। सिंदूर उत्सव दुर्गा पूजा के दौरान सिंदूर उत्सव पश्चिम बंगाल में मनाई जाने वाली एक अनोखी परंपरा है। विजयादशमी के दिन दुर्गा विसर्जन से पहले सिंदूर खेला की रस्म निभाई जाती है। इस अवसर पर विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं और शुभकामनाएं देती हैं। सिंदूर उत्सव को सिंदूर खेला भी कहते हैं।