आंवला एकादशी कब है

  1. Amalaki Ekadashi 2022 Date Tithi Puja Muhurat Parana Time And Importance Of Amla Ekadashi
  2. Rangbhari Ekadashi 2023 Date Vrat Parana Time Lord Shiva Puja Muhurat Amlaki Ekadashi Signifciance
  3. Amalaki Ekadashi 2023: कब है आंवला एकादशी? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और उपाय
  4. आमलकी एकादशी का शुभ महत्व, श्रेष्ठ मुहूर्त, पौराणिक कथा, सरल मंत्र, सही पूजा विधि और सटीक उपाय
  5. Amalaki Ekadashi 2023: कब मनाई जाएगी आमलकी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  6. Amalaki Ekadashi 2023 आंवला एकादशी कब है? पढ़ें आमलकी एकादशी की व्रत कथा
  7. Amalaki Ekadashi 2022 Date Tithi Puja Muhurat Parana Time And Importance Of Amla Ekadashi
  8. Rangbhari Ekadashi 2023 Date Vrat Parana Time Lord Shiva Puja Muhurat Amlaki Ekadashi Signifciance
  9. Amalaki Ekadashi 2023: कब मनाई जाएगी आमलकी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  10. Amalaki Ekadashi 2023 आंवला एकादशी कब है? पढ़ें आमलकी एकादशी की व्रत कथा


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Amalaki Ekadashi 2022 Date Tithi Puja Muhurat Parana Time And Importance Of Amla Ekadashi

Amalaki Ekadashi 2022: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. इसे आमली ग्यारस (Amli Gyaras) या आंवला एकादशी (Amla Ekadashi) भी कहा जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. आंवले के पेड़ को आदि वृक्ष कहते हैं क्योंकि इसमें सभी देवों का वास माना जाता है. ब्रह्मा जी की उत्पत्ति के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु ने आंवले के पेड़ की उत्पत्ति की थी. आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी की पूजा करते हैं. इस व्रत को करने से स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं आमलकी एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat), पारण समय (Parana Time) और महत्व (Importance) के बारे में. आमलकी एकादशी 2022 तिथि एवं पूजा मुहूर्त पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर शुरु हो रही है. यह तिथि अगले दिन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक मान्य है. ऐसे में उदयातिथि को ध्यान करते हुए आमलकी एकादशी व्रत 14 मार्च दिन सोमवार को रखा जाएगा. आमलकी एकादशी को सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जो रात 10 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. आमलकी एकादशी के दिन पुष्य नक्षत्र भी रात 10 बजकर 08 मिनट तक है. इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है. यह भी पढ़ें: आमलकी एकादशी 2022 पारण समय जो लोग आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखेंगे, वे 15 मार्च दिन मंगलवार को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 55 मिनट के बीच पारण करके व्रत को पूरा करेंगे. यह आमलकी एकादशी व्रत के पारण का मुहूर्त है. इस ...

Rangbhari Ekadashi 2023 Date Vrat Parana Time Lord Shiva Puja Muhurat Amlaki Ekadashi Signifciance

Rangbhari Ekadashi 2023: होली से पहले रंगभरी एकादशी कब है? इस व्रत से गौरी-शंकर का है खास संबंध, जानें डेट और मुहूर्त Rangbhari Ekadashi 2023: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी, आमलकी एकादशी और आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. जानते हैं रंगभरी एकादशी की डेट, मुहूर्त और महत्व. Rangbhari Ekadashi 2023: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी, आमलकी एकादशी और आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है लेकिन रंगभरी एकादशी का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से है. काशी में इस पर्व को शिव भक्त बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाते हैं. रंगरी एकादशी पर बाबा भोलेनाथ अपने गणों के साथ अबीर-गुलाल से होली खेलते हैं. इस दिन आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है. आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी की डेट, मुहूर्त और महत्व. रंगभरी एकादशी 2023 डेट (Rangbhari Ekadashi 2023 Date) इस साल रंगभरी एकादशी 3 मार्च 2023 को मनाई जाएगी. रंगभरी एकादशी के दिन से ही वाराणसी में रंगों उत्सव का आगाज होता है जो लगातार 6 दिनों तक चलता है. साल में आने वाली सभी एकादशियों में यह एकमात्र ऐसी एकादशी है, जिसमें विष्णु जी के अलावा शिव-पार्वती की पूजा का विधान है. रंगभरी एकादशी 2023 मुहूर्त (Rangbhari Ekadashi 2023 Muhurat) फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की रंगभरी एकादशी 02 मार्च 2023, गुरुवार को सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो रही है. रंगभरी एकादशी का समापन 03 मार्च 2023, सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगा. • पूजा मुहूर्त - सुबह 08:17 - सुबह 09:44 (3 मार्च 2023) • रंगभरी एकादशी व्रत पारण समय - सुबह 06.48 - सुबह 09.09 (4 मार्च 2023) रंगभरी एकादशी...

Amalaki Ekadashi 2023: कब है आंवला एकादशी? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और उपाय

मैनपुरी में 8 साल का बच्चा नानी को बता रहा पत्नी, पूर्वजन्म का किया जा रहा दावा © Jansatta द्वारा प्रदत्त Amalaki Ekadashi 2023: आंवला एकादशी पर बन रहे हैं 3 शुभ योग- (जनसत्ता) Amalaki Ekadashi 2023: एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन हर साल कुल 24 एकादशी के व्रत आते हैं। वहीं प्रत्येक एकादशी का अपना खास महत्व होता है। मान्यता है इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करता है। उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आमलकी एकादशी या आंवला एकादशी के नाम से जाना जाता है।इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं। आंवले के पेड़ को देव वृक्ष कहा जाता है क्योंकि उसमें देवताओं का वास होता है। साथ ही जो व्यक्ति आंवले की इस दिन पूजा करता है, उसे भगवान विष्णु सहित सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और तिथि… आमलकी एकादशी तिथि (Amalaki Ekadashi 2023 Tithi) वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 2 मार्च को सुबह 6 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रही है जो 3 मार्च को सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर खत्म हो जाएगी। इसलिए उदया तिथि को मानते हुए आमलकी एकादशी 3 मार्च 2023 को मनाई जाएगी। आमलकी एकादशी 2023 पूजा मुहूर्त (Amalaki Ekadashi 2023 Shubh Muhurat) पंचागं के मुताबिक आमलकी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा आप सुबह से ही कर सकते हैं। क्योंकि सुबह से ही सौभाग्य योग शुरू होगा। वहीं उसके बाद से शोभन योग आंरभ होगा। मतलब आप इस दिन आप सुबह 06 बजकर 44 मिनट से दिन में 11 बजकर 07 मिनट तक विष्णु पूजा कर सकते हैं। आमलकी एकादशी उपाय (Amalaki Ekadashi Upay) 1-...

आमलकी एकादशी का शुभ महत्व, श्रेष्ठ मुहूर्त, पौराणिक कथा, सरल मंत्र, सही पूजा विधि और सटीक उपाय

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। आमलकी यानी आंवला को शास्त्रों में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। आमलकी एकादशी की महिमा बताते हुए भगवान श्री विष्णु ने कहा है कि जो व्यक्ति स्वर्ग तथा मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं, उनके लिए फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष के पुष्य नक्षत्र में आने वाली एकादशी का व्रत अत्यंत श्रेष्ठ है। इस दिन आंवला पूजन का विशेष महत्व है। पौराणिक जानकारी के अनुसार विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया, उसी समय उन्होंने आंवले के वृक्ष को जन्म दिया। आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया तथा उसके हर अंग में ईश्वर का स्थान बताया गया है। प्राचीन काल में चैतरथ नाम का चंद्रवंशी राजा राज्य करता था। वह अत्यंत विद्वान तथा धर्मी था। उस नगर में कोई भी व्यक्ति दरिद्र व कंजूस नहीं था। सभी नगरवासी विष्णु भक्त थे और राज्य के सभी लोग एकादशी का व्रत किया करते थे। एक समय फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी आई। उस दिन राजा, प्रजा तथा बाल-वृद्ध सबने हर्षपूर्वक व्रत किया। राजा अपनी प्रजा के साथ मंदिर में जाकर पूर्ण कुंभ स्थापित करके धूप, दीप, नैवेद्य, पंचरत्न आदि से धात्री (आंवले) का पूजन करने लगे और इस प्रकार स्तुति करने लगे- हे धात्री! तुम ब्रह्मस्वरूप हो, तुम ब्रह्माजी द्वारा उत्पन्न हुए हो और समस्त पापों का नाश करने वाले हो, तुमको नमस्कार है। अब तुम मेरा अर्घ्य स्वीकार करो। तुम श्रीराम चंद्रजी द्वारा सम्मानित हो, मैं आपकी प्रार्थना करता हूं, अत: आप मेरे समस्त पापों का नाश करो। उस मंदिर में सब ने रात्रि को जागरण किया। रात के समय वहां एक बहेलिया आया, जो अत्यंत पापी और दुराचारी था। वह अपने कुटुंब का पालन जीव-हत...

Amalaki Ekadashi 2023: कब मनाई जाएगी आमलकी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है. एकादशी तिथि (Ekadashi Vrat 2023) पर भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना का महत्व होता है. साल में 24 एकादशी होती हैं इनमें से सभी का अपना अपना महत्व होता है. अब हाल ही में फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि (Ekadashi Vrat 2023) आने वाली है जिसे आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) के नाम से भी जाना जाता है. आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) के दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) पर भगवान विष्णु को आंवला अर्पित करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. आंवले के पेड़ को देव वृक्ष भी माना जाता है मान्यताओं के अनुसार, इस वृक्ष पर देवताओं का वास होता है. ऐसे में इस पेड़ की पूजा करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आज हम आपको आमलकी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi 2023) के शुभ मुहूर्त और एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat 2023) की तिथि के बारे में बताने वाले हैं. आमलकी एकादशी 2023 (Amalaki Ekadashi 2023) पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाएगी. आमलकी एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहते हैं. इस साल फाल्गुन माह की शुक्ल एकादशी तिथि का शूरूआत 2 मार्च की सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर हो जाएगी. एकादशी तिथि 3 मार्च सुबह 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगी. हिंदू धर्म में उदयातिथि को महत्व दिया जाता है ऐसे में आमलकी एकादशी व्रत उदयतिथि को महत्व देते हुए 3 मार्च को रखा जाएगा. यह भी पढ़ें - आमलकी एकादशी 2023 पूजा मुहूर्त (Amalaki Ekadashi 2023 Puja Muhurat) आमलकी एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं ऐसे में आप पूरा दिन पूजा कर सकते हैं. हालांकि आमल...

Amalaki Ekadashi 2023 आंवला एकादशी कब है? पढ़ें आमलकी एकादशी की व्रत कथा

Amalaki Ekadashi / Amla Ekadashi आमलकी एकादशी / आंवला एकादशी हिंदु पंचांग के फाल्गुन मास की शुक्लपक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। इस एकादशी को आंवला एकादशी और रंगभरी एकादशी के नाम से भी पुकारा जाता है। धर्मशास्त्रों में उल्लिखित कथाओं के आधार पर ऐसा माना जाता है कि जब सृष्टि की रचना हेतु भगवान विष्णु ने परमपिता ब्रह्मा को जन्म दिया तब उसी समय भगवान विष्णु ने आंवले के वृक्ष को भी उत्पन्न किया। पुराणों के अनुसार आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता हैं। इसलिये इस दिन इसकी पूजा करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती हैं। Amalaki Ekadashi (Amla Ekadashi) Ka Mahatva आमलकी एकादशी (आंवला एकादशी) का महत्व हिंदु धर्म में एकादशी के व्रत को बहुत महत्वपूर्ण और शुभफल देने वाला माना जाता है। पूरे वर्ष में आने वाली सभी एकादशियों की अपनी विशेषता और महत्व है। फाल्गुन माह की शुक्लपक्ष की एकादशी जिसे आमलकी एकादशी और आँवला एकादशी कहा जाता है उसका उल्लेख आयुर्वेद और पद्म पुराण में मिलता हैं। आमलकी एकादशी का व्रत एवं पूजन पूरे विधि-विधान और श्रद्धा-भक्ति के साथ करने से साधक को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती हैं। इस एकादशी के व्रत का इतना महात्म्य है कि इसका व्रत करने से साधक को सहस्त्रों गायों के दान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत का पालन करने से • साधक के सभी पापों का नाश हो जाता हैं। • ईश्वर उसकी सभी कठिन परिस्थितियों में सहायता करते हैं। • उसका कभी अनिष्ट नही होता। • धन-समृद्धि में वृद्धि होती हैं। • परिवार में सुख-शांति रहती हैं। • आमलकी एकादशी का व्रत करने से साधक को अनेकानेक तीर्थों के दर्शन के समान पुण्य प्राप्...

Amalaki Ekadashi 2022 Date Tithi Puja Muhurat Parana Time And Importance Of Amla Ekadashi

Amalaki Ekadashi 2022: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी व्रत रखा जाता है. इसे आमली ग्यारस (Amli Gyaras) या आंवला एकादशी (Amla Ekadashi) भी कहा जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. आंवले के पेड़ को आदि वृक्ष कहते हैं क्योंकि इसमें सभी देवों का वास माना जाता है. ब्रह्मा जी की उत्पत्ति के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु ने आंवले के पेड़ की उत्पत्ति की थी. आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी की पूजा करते हैं. इस व्रत को करने से स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं आमलकी एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat), पारण समय (Parana Time) और महत्व (Importance) के बारे में. आमलकी एकादशी 2022 तिथि एवं पूजा मुहूर्त पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर शुरु हो रही है. यह तिथि अगले दिन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक मान्य है. ऐसे में उदयातिथि को ध्यान करते हुए आमलकी एकादशी व्रत 14 मार्च दिन सोमवार को रखा जाएगा. आमलकी एकादशी को सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जो रात 10 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. आमलकी एकादशी के दिन पुष्य नक्षत्र भी रात 10 बजकर 08 मिनट तक है. इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है. यह भी पढ़ें: आमलकी एकादशी 2022 पारण समय जो लोग आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखेंगे, वे 15 मार्च दिन मंगलवार को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 55 मिनट के बीच पारण करके व्रत को पूरा करेंगे. यह आमलकी एकादशी व्रत के पारण का मुहूर्त है. इस ...

Rangbhari Ekadashi 2023 Date Vrat Parana Time Lord Shiva Puja Muhurat Amlaki Ekadashi Signifciance

Rangbhari Ekadashi 2023: होली से पहले रंगभरी एकादशी कब है? इस व्रत से गौरी-शंकर का है खास संबंध, जानें डेट और मुहूर्त Rangbhari Ekadashi 2023: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी, आमलकी एकादशी और आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. जानते हैं रंगभरी एकादशी की डेट, मुहूर्त और महत्व. Rangbhari Ekadashi 2023: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी, आमलकी एकादशी और आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है लेकिन रंगभरी एकादशी का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से है. काशी में इस पर्व को शिव भक्त बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाते हैं. रंगरी एकादशी पर बाबा भोलेनाथ अपने गणों के साथ अबीर-गुलाल से होली खेलते हैं. इस दिन आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है. आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी की डेट, मुहूर्त और महत्व. रंगभरी एकादशी 2023 डेट (Rangbhari Ekadashi 2023 Date) इस साल रंगभरी एकादशी 3 मार्च 2023 को मनाई जाएगी. रंगभरी एकादशी के दिन से ही वाराणसी में रंगों उत्सव का आगाज होता है जो लगातार 6 दिनों तक चलता है. साल में आने वाली सभी एकादशियों में यह एकमात्र ऐसी एकादशी है, जिसमें विष्णु जी के अलावा शिव-पार्वती की पूजा का विधान है. रंगभरी एकादशी 2023 मुहूर्त (Rangbhari Ekadashi 2023 Muhurat) फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की रंगभरी एकादशी 02 मार्च 2023, गुरुवार को सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो रही है. रंगभरी एकादशी का समापन 03 मार्च 2023, सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगा. • पूजा मुहूर्त - सुबह 08:17 - सुबह 09:44 (3 मार्च 2023) • रंगभरी एकादशी व्रत पारण समय - सुबह 06.48 - सुबह 09.09 (4 मार्च 2023) रंगभरी एकादशी...

Amalaki Ekadashi 2023: कब मनाई जाएगी आमलकी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है. एकादशी तिथि (Ekadashi Vrat 2023) पर भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना का महत्व होता है. साल में 24 एकादशी होती हैं इनमें से सभी का अपना अपना महत्व होता है. अब हाल ही में फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि (Ekadashi Vrat 2023) आने वाली है जिसे आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) के नाम से भी जाना जाता है. आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) के दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है. आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2023) पर भगवान विष्णु को आंवला अर्पित करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. आंवले के पेड़ को देव वृक्ष भी माना जाता है मान्यताओं के अनुसार, इस वृक्ष पर देवताओं का वास होता है. ऐसे में इस पेड़ की पूजा करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आज हम आपको आमलकी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi 2023) के शुभ मुहूर्त और एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat 2023) की तिथि के बारे में बताने वाले हैं. आमलकी एकादशी 2023 (Amalaki Ekadashi 2023) पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाएगी. आमलकी एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहते हैं. इस साल फाल्गुन माह की शुक्ल एकादशी तिथि का शूरूआत 2 मार्च की सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर हो जाएगी. एकादशी तिथि 3 मार्च सुबह 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगी. हिंदू धर्म में उदयातिथि को महत्व दिया जाता है ऐसे में आमलकी एकादशी व्रत उदयतिथि को महत्व देते हुए 3 मार्च को रखा जाएगा. यह भी पढ़ें - आमलकी एकादशी 2023 पूजा मुहूर्त (Amalaki Ekadashi 2023 Puja Muhurat) आमलकी एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं ऐसे में आप पूरा दिन पूजा कर सकते हैं. हालांकि आमल...

Amalaki Ekadashi 2023 आंवला एकादशी कब है? पढ़ें आमलकी एकादशी की व्रत कथा

Amalaki Ekadashi / Amla Ekadashi आमलकी एकादशी / आंवला एकादशी हिंदु पंचांग के फाल्गुन मास की शुक्लपक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। इस एकादशी को आंवला एकादशी और रंगभरी एकादशी के नाम से भी पुकारा जाता है। धर्मशास्त्रों में उल्लिखित कथाओं के आधार पर ऐसा माना जाता है कि जब सृष्टि की रचना हेतु भगवान विष्णु ने परमपिता ब्रह्मा को जन्म दिया तब उसी समय भगवान विष्णु ने आंवले के वृक्ष को भी उत्पन्न किया। पुराणों के अनुसार आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता हैं। इसलिये इस दिन इसकी पूजा करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती हैं। Amalaki Ekadashi (Amla Ekadashi) Ka Mahatva आमलकी एकादशी (आंवला एकादशी) का महत्व हिंदु धर्म में एकादशी के व्रत को बहुत महत्वपूर्ण और शुभफल देने वाला माना जाता है। पूरे वर्ष में आने वाली सभी एकादशियों की अपनी विशेषता और महत्व है। फाल्गुन माह की शुक्लपक्ष की एकादशी जिसे आमलकी एकादशी और आँवला एकादशी कहा जाता है उसका उल्लेख आयुर्वेद और पद्म पुराण में मिलता हैं। आमलकी एकादशी का व्रत एवं पूजन पूरे विधि-विधान और श्रद्धा-भक्ति के साथ करने से साधक को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती हैं। इस एकादशी के व्रत का इतना महात्म्य है कि इसका व्रत करने से साधक को सहस्त्रों गायों के दान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत का पालन करने से • साधक के सभी पापों का नाश हो जाता हैं। • ईश्वर उसकी सभी कठिन परिस्थितियों में सहायता करते हैं। • उसका कभी अनिष्ट नही होता। • धन-समृद्धि में वृद्धि होती हैं। • परिवार में सुख-शांति रहती हैं। • आमलकी एकादशी का व्रत करने से साधक को अनेकानेक तीर्थों के दर्शन के समान पुण्य प्राप्...