आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे pdf

  1. adithya ram सरकारी नौकरी के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ और फायदे ‣ Om Asttro / ॐ एस्ट्रो
  2. आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे, नियम / आदित्य हृदय स्तोत्र बीज मंत्र
  3. (PDF) संपूर्ण आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ
  4. आदित्य हृदय स्तोत्र – Aditya Hirdayam Stotram PDF Hindi – InstaPDF
  5. आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे
  6. आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ


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adithya ram सरकारी नौकरी के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ और फायदे ‣ Om Asttro / ॐ एस्ट्रो

News & Update ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे ‘ ‘इदं विष्णुर्विचक्रमे त्रेधा निदधेपदम्। समूढ़मस्यपा सुरे स्वाहा’’ जय श्री कृष्णा Om Asttro / ॐ एस्ट्रो आपका हार्दिक स्वागत करता है , आपको हमारी पोस्ट पर प्रतिदिन धर्म , ज्योतिष , वेद , पुराण , शास्त्र , वास्तु , कुंडली एवं त्योहार से जुड़ी जानकारियां मिलती रहेगी । /i> भगवान श्री राम भगवान विष्णु के सातवा अव...

आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे, नियम / आदित्य हृदय स्तोत्र बीज मंत्र

हिंदू सनातन धर्म में सूर्य देवता की पूजा अर्चना की जाती हैं. तथा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी सभी ग्रहों के राजा सूर्य को माना गया हैं. ऐसा माना जाता है सूर्य देवता का आदित्य ह्रदय स्तोत्र करने से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं. तथा मनुष्य का जीवन सफल बनता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे , नियम तथा आदित्य ह्रदय स्तोत्र बीज मंत्र बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. • नियमति रूप से सुबह के समय आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य के जीवन में काफी सारे सकारात्मक बदलाव आते हैं. • आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करने से पिता और पुत्र के संबंध मजबूत बनते हैं. क्योंकि सूर्य देवता को पिता का कारक माना जाता हैं. • अगर किसी व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी है. तो ऐसे व्यक्ति को रोजाना नियमति रूप से आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. • आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति हर एक क्षेत्र में सफल होता हैं. व्यक्ति के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती हैं. • आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को नकारात्मक विचारों तथा भय से मुक्ति मिलती हैं. • अगर किसी व्यक्ति का लंबे समय से सरकारी विवाद चल रहा हैं. तो ऐसे जातक को आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इससे सरकारी विवाद का निवारण होता हैं. गर्भ गीता के फायदे / गर्भ संस्कार मंत्र – गर्भ गीता में कितने अध्याय हैं आदित्य हृदय स्तोत्र बीज मंत्र आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण बीज मंत्र हमने नीचे बताया हैं. ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया...

(PDF) संपूर्ण आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ

नमस्कार आपक स्वागत हे आज इस पोस्ट मे हम आपके साथ Aditya Hridaya Stotra PDF ( आदित्य हृदय स्तोत्र ) शेयर करणे वाले हे, तो चालीये शुरु करते हे. आदित्य हृदय स्तोत्र क्या हे? – What is Aditya Hridaya Stotra? आदित्य हृदय स्तोत्रभगवान सूर्य देव की प्रार्थना है । जो राम और रावण के साथ महायुद्ध से पहले सुनाई गई थी। इस प्रार्थना को महर्षि ऋषि अगस्त्य द्वारा सुनाई गयी थी. यह पूजन तब है जब आपकी आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठनियमित करने से अप्रत्याशित लाभ मिलता है। आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से नौकरी में पदोन्नति, धन प्राप्ति, प्रसन्नता, आत्मविश्वास के साथ-साथ समस्त कार्यों में सफलता मिलती है। हर मनोकामना सिद्ध होती है. सरल शब्दों में कहें तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र हर क्षेत्र में चमत्कारी सफलता देता है.आदित्य हृदय स्तोत्र पूजा विधि से अनगिनत लाभ होते हैं। जिसके लिए आदित्य हृदय स्तोत्र के जप, पूजा पाठ हवन और व्रत रखे जाते हैं। आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे हिंदी मे – aditya hridaya stotra benefits in hindi कहा जाता है आदित्य हृदय स्तोत्रका नित्य पाठ करने से जीवन के अनेक कष्टों का एकमात्र निवारण होता है। इसके नियमित पाठ से मानसिक कष्टों से मुक्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, संपत्ति और स्वास्थ्य की समस्याओं में सुधार होता है। कर्ज से मुक्ति, मुकदमों से छुटकारा नौकरी में सफलता, शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति और नियमित धन आने का मार्ग बनता है।, अच्छा वैवाहिक जीवन, विदेश यात्र और अच्छे स्वभाव की प्राप्ति। Aditya Hridaya Stotra | आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपग...

आदित्य हृदय स्तोत्र – Aditya Hirdayam Stotram PDF Hindi – InstaPDF

आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hirdayam Stotra) हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप आदित्य हृदय स्तोत्र - Aditya Hirdayam Stotram हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hirdayam Stotra) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। आदित्य ह्रदय स्तोत्र (Aditya Hirdayam Stotra) अगस्त्य ऋषि की रचना है और भगवान सूर्य को समर्पित यह स्तोत्र शक्ति और बुद्धि का संचार करने वाला है यह स्तोत्र मुनि अगस्त्य ने, जब भगवान् श्री राम युद्ध से थककर खड़े थे, तब श्री राम से कहा था। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्यता, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना गया है। सूर्य की आराधना से व्यक्ति को सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति होती है। इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन सुबह सूर्योदय के समय में करना सबसे अच्छा माना जाता है। सूर्य को मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना सर्वोत्तम माना जाता है। आदित्य हृदय स्तोत्र – Aditya Hirdayam Stotra पाठ की विधि- • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और एक तांबे के लोटे में जल लेकर रोली या चंदन और पुष्प डालकर सूर्य को अर्पित करें। • सूर्य को जल देते समय गायत्री मंत्र का जाप करें और वही सूर्यदेव के समक्ष आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। • इस पाठ को यदि शुक्ल पक्ष के किसी रविवार को किया जाए तो उत्तम रहता है। • यदि इस पाठ का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं तो नित्य सूर्योदय के समय इसका पाठ करना चाहिए। आदित्य हृदय स्तोत्र – Aditya Hridaya Stotra ।। विनियोगः ।। ॐ अस्य ...

आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे

क्या आप जानते हैं कि आदित्य हृदय स्तोत्र कितना चमत्कारिक है, क्या आप जानना चाहते हैं कि आदित्य हृदयम स्तोत्रम के क्या फायदे हैं, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से क्या लाभ होता है, आदित्य हृदय स्तोत्र की पाठविधि क्या है, तो आइये, आदित्य हृदय स्तोत्र से जुडे आपके इन सभी सवालों का जवाब हम यहां दे रहें है. जी हां, आज की इस पोस्ट में आपको आदित्य हृदय स्तोत्रम् के अनोखे चमत्कारिक फायदे बताये जा रहे हैं. इसके अलावा- आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कैसे करना है, इसके क्या नियम हैं, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए- इत्यादि आदित्य हृदय स्तोत्र से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी भी यहां दी जा रही है. तो आइये, बिना किसी विलम्ब के जानते हैं आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदों के बारें में (ओम् आदित्याय नमः) Aditya Hrudayam Benefits आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे- Aditya Hriday Stotra Benefits आदित्य हृदय स्तोत्रम् भगवान सूर्य को शीघ्र प्रसन्न करने वाला अन्यतम विशिष्ट स्तोत्र है. सूर्य भगवान एक ऐसे देवता है जो सृष्टि चक्र में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करते हैं. इसी कारण सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता कहा जाता है. सूर्य देव के अतिप्रिय स्तोत्र- आदित्य हृदय स्तोत्रम् का पाठ करने से भगवान सूर्य देव अति प्रसन्न होते हैं. सुख, शान्ति, ऐश्वर्य व समस्त ज्ञान व प्रकाश के देवता- सूर्य देव के इस आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से असंख्य चमत्कारी लाभ देखने को मिलते हैं. नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से निम्न फायदे शीघ्र ही देखने को मिलते हैं. Aditya Hrudayam Stotram Benefits #1. स्वास्थ लाभ जो व्यक्ति रोजाना आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करता है, वह शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से पूर्णतः स्...

आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ

आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्‌ । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्‌ ॥1॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्‌ । उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा ॥2॥ राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम्‌ । येन सर्वानरीन्‌ वत्स समरे विजयिष्यसे ॥3॥ आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्‌ । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्‌ ॥4॥ सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम्‌ । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम्‌ ॥5॥ रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम्‌ । पुजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम्‌ ॥6॥ सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावन: । एष देवासुरगणांल्लोकान्‌ पाति गभस्तिभि: ॥7॥ एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिव: स्कन्द: प्रजापति: । महेन्द्रो धनद: कालो यम: सोमो ह्यापां पतिः ॥8॥ पितरो वसव: साध्या अश्विनौ मरुतो मनु: । वायुर्वहिन: प्रजा प्राण ऋतुकर्ता प्रभाकर: ॥9॥ आदित्य: सविता सूर्य: खग: पूषा गभस्तिमान्‌ । सुवर्णसदृशो भानुर्हिरण्यरेता दिवाकर: ॥10॥ हरिदश्व: सहस्त्रार्चि: सप्तसप्तिर्मरीचिमान्‌ । तिमिरोन्मथन: शम्भुस्त्वष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान्‌ ॥11॥ हिरण्यगर्भ: शिशिरस्तपनोऽहस्करो रवि: । अग्निगर्भोऽदिते: पुत्रः शंखः शिशिरनाशन: ॥12॥ व्योमनाथस्तमोभेदी ऋग्यजु:सामपारग: । घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवंगमः ॥13॥ आतपी मण्डली मृत्यु: पिगंल: सर्वतापन:। कविर्विश्वो महातेजा: रक्त:सर्वभवोद् भव: ॥14॥ नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावन: । तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन्‌ नमोऽस्तु ते ॥15॥ नम: पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नम: । ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नम: ॥16॥ जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नम: । नमो नम: सहस्त्रांशो आदित्याय नमो नम: ॥17॥ नम उग्राय वीराय सारंगाय नमो नम:...