आज चंद्र ग्रहण कब से कब तक है

  1. Chandra Grahan 2023: कब है साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण? जानिए सूतक काल और ग्रहण का सही समय
  2. Chandra Grahan 2023: साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, जानिए क्या है सूतक टाइम?
  3. Chandra Grahan 2023: साल 2023 मे चंद्र ग्रहण कब और कहाँ लगेंगे
  4. देवघर में 4 घंटे 9 मिनट तक रहेगा चंद्र ग्रहण, जानें कब से कब तक
  5. Chandra Grahan: 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगेगा चंद्र ग्रहण, कब लगेगा सूतक काल? क्या है ग्रहण की टाइमिंग, जानिए अपने शहर का हाल
  6. Chandra Grahan 2023 In India Sutak Kaal Time Niyam Lunar Eclipse
  7. चंद्र ग्रहण आज कब से कब तक रहेगा और कहां


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Chandra Grahan 2023: कब है साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण? जानिए सूतक काल और ग्रहण का सही समय

डीएनए हिंदीः ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) के अनुसार, जब राहु-केतु (Rahu Ketu) सूर्य या चंद्रमा का ग्रास करने का प्रयास करते हैं तो उस समय ग्रहण लगता है.राहु और केतु की कथा समुद्र मंथन (Samudra Manthan) से निकले अमृत के पान से जुड़ी हुई है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, जब भी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023 Date And Time) अपने देश में लगता है तो वह दृश्य होता है और उसका सूतक काल मान्य होता है. इस बार साल का पहला चंद्र ग्रहण मई माह में पूर्णिमा तिथि को लगेगा. इससे पहले 10 अप्रेल को साल का पहला सूर्य (Surya Grahan 2023) ग्रहण लगेगा. आज हम आपको बताने वाले हैं साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा और उसका सूतक काल कब से कब तक रहेगा. चंद्र ग्रहण 2023 (Chandra Grahan 2023) इस बार साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 05 मई, शुक्रवार को लगने वाला है. इस दिन वैशाख पूर्णिमा है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण अमावस्या और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को लगता है. यह भी पढ़ें - चंद्र ग्रहण 2023 समय (Chandra Grahan 2023 Timing) चंद्र ग्रहण 05 मई को रात 08 बजकर 45 मिनट पर लगेगा और रात 01:00 बजे समाप्त होगा. चंद्र ग्रहण की अवधि 04 घंटे 15 मिनट 34 सेकेंड्स तक है. उपच्छाया से पहला स्पर्श: रात 08:45 बजे और परमग्रास चंद्र ग्रहण का समय: रात 10:53 बजे तक होगा इसके अलावा उपच्छाया से अंतिम स्पर्श: देर रात 01:00 बजे होगा. चंद्र ग्रहण 2023 सूतक काल ( Chandra Grahan 2023 Sutak Kal) क्या होता है सूतक काल? (Sutak Kal Kya Hota Hai) चंद्र ग्रहण से 09 घंटे पूर्व और सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व तक का समय सूतक काल माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य और चंद्र...

Chandra Grahan 2023: साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, जानिए क्या है सूतक टाइम?

चंद्र ग्रहण के साक्षी इस बार यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर के लोग बनेंगे, जहां ये स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। क्या हैं चंद्र ग्रहण का वक्त चंद्र ग्रहण आज रात 08: 45 PM से शुरू होगा और इसकी 6 मई को देर रात 1.00 बजे होगी। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही लगता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और तीनों एक सीध में हो जाते हैं तो वो घटना चंद्र ग्रहण की कहलाती है। चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो कि हर साल घटती है। चंद्र ग्रहण तीन तरह के होते हैं। इस बार का ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। एक साल में करीब दो से चार ग्रहण लग सकते हैं। इस बार भी साल में चार ग्रहण लगने वाले हैं, जिसमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण हैं लेकिन ज्योतिषियों के मुताबिक ग्रहण की घटनाएं मनुष्य के जीवन को प्रभावित करती हैं इसलिए ग्रहण के दौरान हर किसी को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। भद्रा का भी दिखेगा असर आपको बता दें कि वैसे तो ये ग्रहण इंडिया में अदृश्य ही रहेगा और ना ही इसका सूतक काल लगेगा। इस ग्रहण पर भद्रा का भी साया रहेगा। आम तौर पर सूतक काल 9 घंटे पहले लगता है लेकिन इस बार ग्रहण के प्रभावी नहीं होने की वजह से ये सूतककाल मान्य नहीं है। फिलहाल चंद्र ग्रहण के असर को रोकने के लिए ग्रहण के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का प्रयोग करना चाहिए। • नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।। • ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्। • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा: ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम: ॐ ह्लीं दुं दुर्गाय: नम: दधिशंखतुषार...

Chandra Grahan 2023: साल 2023 मे चंद्र ग्रहण कब और कहाँ लगेंगे

चंद्र ग्रहण 2023 चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) भी सूर्य ग्रहण की ही तरह घटने वाली एक अनोखी खगोलीय घटना है। वैज्ञानिक रूप से तो इसका महत्व होता ही है लेकिन पौराणिक रूप से इसके धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व भी हैं। सामाजिक तौर पर भी ग्रहण शब्द नकारात्मक रूप में इस्तेमाल किया जाता है। लोक भाषा में ग्रहण लगने का अर्थ हानि होने से लिया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार भी मान्यताएं हैं कि ग्रहण काल के जीव जगत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। कब व कैसे लगता है चंद्र ग्रहण? विज्ञान मानता है कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की ऐसे में एक बिंदू ऐसा भी आता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य तीनों एक सीध में होते हैं। जब चंद्रमा बीच में हो और वह सूर्य को ढ़क रहा हो तो सूर्य ग्रहण लगता है लेकिन जब पृथ्वी सूर्य व चंद्रमा के बीच हो तो वह चंद्रमा को ढ़क लेती है जिस कारण चंद्र ग्रहण लगता है। लेकिन पौराणिक ग्रंथों में सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगने की वजह राहू-केतु माने जाते हैं। माना जाता है राहू स्वरभानू नाम का एक दैत्य था। क्षीर सागर मंथन के पश्चात जब मोहिनी रूप में भगवान विष्णु देवताओं को अमृतपान करवा रहे थे तो स्वरभानू को यह संदेह हो गया कि भगवान विष्णु दैत्यों के साथ छल कर देवताओं को ही अमृतपान करवा रहे हैं। ऐसे में वह देव रूप धारण कर देवताओं की कतार में बैठ गया। लेकिन वह अमृत की बूंद अपने गले से नीचे उतार पाता उससे पहले ही सूर्य व चंद्रमा ने उसके रहस्य को उजागर कर भगवान विष्णु को सूचित कर दिया जिससे विष्णु जी ने तुरंत अपने सुदर्शन चक्र से स्वरभानू का सिर उसके धड़ से अलग कर दिया लेकिन अमृत पान करने की वजह से उसके सिर व धड़ दोनों जीवित रहे। सिर को राहू कहा गया और धड़ वाला भा...

देवघर में 4 घंटे 9 मिनट तक रहेगा चंद्र ग्रहण, जानें कब से कब तक

अंबाती रायडू का बड़ा खुलासा, पूर्व सेलेक्टर ने अपने बेटे के कारण मेरा करियर बर्बाद कर दिया © News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "देवघर में 4 घंटे 9 मिनट तक रहेगा चंद्र ग्रहण, जानें कब से कब तक" परमजीत कुमार/देवघर. 5 मई 2023 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है. इसी दिन वैशाख पूर्णिमा भी है. इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है. कहा जा रहा है कि इस दिन चंद्र ग्रहण का लगना काफी दुर्लभ संयोग है. आज से 130 साल पहले वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगा था. शुक्रवार को लग रहे चंद्र ग्रहण को लोकर लोगों के मन में सबसे बड़ी दुविधा यह है कि यहां ग्रहण का असर रहेगा या नहीं. इस सवाल के जवाब के लिए न्यूज18 लोकल ने देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुदगल से बातचीत की. उन्होंने कहा कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार 5 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है. आगे बताया कि भारत में ग्रहण शाम 8 बजकर 45 मिनट से लेकर रात 1 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. वहीं देवों की नगरी देवघर यानी बैद्यनाथ धाम में चंद्र ग्रहण 8 बजकर 47 मिनट पर शुरू होकर रात्री 01 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगा. कहा कि चंद्र ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पूर्व सूतक काल लग जाता है. इस दौरान पूजा-पाठ वर्जित है. हालांकि भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा. खुले रहेंगे बैद्यनाथ धाम के पट वहीं, बैद्यनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने बताया कि इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में दिखाई नहीं देगा. लिहाजा यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा. इसलिए शुक्रवार को बैद्यनाथ मंदिर के पट आम दिनों की तरह खुले रहेंगे और पूजा-पाठ सहित सभी तरह के धार्मिक अनुष्ठान जारी रहेंगे. वहीं, शाम में रोजाना की तरह श्रृंगार पूजा भी होगी. इन जगहों पर दिखेगा ग्रह...

Chandra Grahan: 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगेगा चंद्र ग्रहण, कब लगेगा सूतक काल? क्या है ग्रहण की टाइमिंग, जानिए अपने शहर का हाल

अंबाती रायडू का बड़ा खुलासा, पूर्व सेलेक्टर ने अपने बेटे के कारण मेरा करियर बर्बाद कर दिया © Good News Today द्वारा प्रदत्त Chandra Grahan: 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगेगा चंद्र ग्रहण, कब लगेगा सूतक काल? क्या है ग्रहण की टाइमिंग, जानिए अपने शहर का हाल साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को पड़ रहा है और यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा. भारत में लोग इस खगोलीय घटना को देख सकेंगे. चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है, चंद्र चेहरे पर छाया डालती है. इस बीच, एक उपछाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के हल्के बाहरी क्षेत्र में गुजरता है, जिसे पेनम्ब्रा कहा जाता है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पृथ्वी सूर्य की डिस्क के हिस्से को ढकती हुई प्रतीत होती है लेकिन पूरी नहीं. इसका मतलब यह है कि जब चंद्रमा पेनुम्ब्रा के भीतर होता है, तो उसे सूर्य से कम रोशनी मिलती है और वह मंद हो जाता है लेकिन फिर भी कुछ हद तक रोशन रहता है. उपच्छाया चंद्र ग्रहण सूक्ष्म मद्धिम प्रभाव के कारण निरीक्षण करना कठिन है. आप इसे तस्वीरों या बॉयनोकुलर के माध्यम से आसानी से देख सकते हैं. अगर मौसम ठीक रहा तो कई भारतीय शहरों में चंद्रग्रहण दिखाई देगा. कब लगेगा सूतक काल? सूर्य या चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल का समय काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. यह समय शुभ और मांगलिक कार्य करने के लिए वर्जित माना जाता है. सूतक काल के दौरान पृथ्वी का वातावरण दूषित हो जाता है और इसका नकारात्मक असर मनुष्य के शरीर, मन और मस्तिष्क पर पड़ता है. इस बार चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई न देने से सूतक काल मान्य नहीं होगा. सूतक काल में क्या ना करें? ग्रहण से पहले सूतक काल और पूरे ग्...

Chandra Grahan 2023 In India Sutak Kaal Time Niyam Lunar Eclipse

Chandra Grahan Date: जब चंद्रमा और सूर्य के बीच धरती आ जाती है तो धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा दिखाई देना बंद हो जाता है. इस स्थिति को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं, लेकिन धार्मिक मान्‍यताओं में ग्रहण का विशेष महत्‍व है. ज्योतिष में भी चंद्रमा ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. साल का पहला चंद्र ग्रहण कल यानी 5 मई को लग रहा है. आइए जानते हैं इसके समय और सूतक काल से जुड़ी सारी जानकारी. चंद्र ग्रहण का समय साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार के दिन लग रहा है. यह ग्रहण रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 2 मिनट मध्यरात्रि में समाप्त होगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 15 मिनट की होगी. 5 मई को लगने वाला यह ग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा जो भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. सूतक के दौरान किसी भी तरह के धार्मिक या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक के दौरान पृथ्वी का वातावरण दूषित होता है और उसके हानिकारक दुष्प्रभाव से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी होती है. ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ और अन्य धार्मिक कार्य वर्जित माने गए हैं. ग्रहण के समापन के कुछ समय बाद सूतक काल खत्म हो जाता है. सूतक में भगवान की मूर्तियों को भी स्पर्श नहीं किया जाता है. कल लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा. भारत में ना दिखाई देने की वजह से यहां चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-प...

चंद्र ग्रहण आज कब से कब तक रहेगा और कहां

साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण आज 26 मई 2021, बुधवार को लगने जा रहा है। इसी दिन वैशाख पूर्णिमा भी है। आज लगने वाला यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। हालांकि यह उपछाया चंद्र ग्रहण है, लिहाजा इसका सूतक काल मान्‍य नहीं होग। ज्योतिष के मुताबिक सिर्फ उन्हीं ग्रहणों का धार्मिक महत्व होता है, जिन्हें खुली आंखों से देखा जा सके। उपछाया चंद्र ग्रहण को देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों की जरूरत होती है। इस ग्रहण में चंद्रमा मटमैला दिखाई देगा। कब और कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण ज्‍योतिर्विद के मुताबिक 2021 का प्रथम खग्रास चंद्र ग्रहण 26 मई, बुधवार को पूर्वोत्तर भारत में बहुत कम समय दिखाई देगा। बंगाल, अरुणाचल, नागालैंड, असम, त्रिपुरा, मेघालय में बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा। वहीं भारत के बाकी हिस्‍से में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। भारत के अलावा यह ग्रहण, जापान, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, सिंगापुर, बर्मा आस्ट्रे्लिया, दक्षिणी अमरीका, प्रशांत और हिन्द महासागर में भी दिखेगा। यह चंद्र ग्रहण दोपहर में करीब सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम को 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। पूरब में 26 मई की शाम को आसमान पर पूर्ण चंद्र ग्रहण के ठीक बाद एक दुर्लभ विशाल और सुर्ख चंद्रमा नजर आएगा। ग्रहण आरंभ- 15: 15 खग्रास आरंभ-16:40 ग्रहण मध्य- 16:49 ग्रहण समाप्त-16:58 खग्रास समाप्त-18:23 यह भी पढ़ें : कई महीनों से लापता थी यह राजकुमारी, अचानक हुईं प्रकट क्‍या करें, क्‍या न करें ज्‍योतिष के मुताबिक ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है, लिहाजा इस दिन कई कामों को वर्जित किया गया है। साथ ही ग्रहण के नकारात्‍मक असर से बचने के लिए कुछ काम करने की सलाह भी दी गई है। ग्रहण के दौरान शुभ कामों के अलावा कई अन्‍य कामों को भी वर्जित किया गया ह...