आयो अंग्रेज मुल्क रे ऊपर

  1. मारवाड़ का राठौड़ वंश
  2. अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में
  3. राजस्थान के क्रांतिकारी
  4. ओ रे पिया O Re Piya Lyrics in Hindi
  5. rajasthani lok sahitya
  6. अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में
  7. rajasthani lok sahitya
  8. राजस्थान के क्रांतिकारी


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मारवाड़ का राठौड़ वंश

मारवाड़ का राठौड़ वंश मारवाड़- ➠मारवाड़ में राठौड़ वंश का शासन था। मारवाड़ के राठौड़ वंश के प्रमुख राजा- 1. राव सीहा 2. राव घूहड़ (1291- 1309 ई.) 3. मल्लीनाथ जी 4. राव चून्डा (1394- 1423 ई.) 4. राव चूण्डा (1394- 1423 ई.) 5. राव रणमल (1427- 1438 ई.) 6. राव जोधा (1438- 1489 ई.) 7. राव मालदेव (1531- 1562 ई.) 8. राव चन्द्रसेन (1562- 1581 ई.) 9. उदयसिंह (1583- 1595 ई.) 10. महाराजा गजसिंह (1615- 1638 ई.) 11. महाराजा जसवंतसिंह या महाराजा जसवंतसिंह- I (1638- 1678 ई.) 12. महाराजा अजीत सिंह (1679- 1724 ई.) 13. महाराजा अभय सिंह (1724- 1749 ई.) 14. महाराजा मानसिंह (1803- 1843 ई.) 1. राव सीहा- ➠राव सीहा मारवाड़ में राठौड़ों का संस्थापक था। ➠1240 ई. में पाली के पालीवाल ब्राह्मणों की सहायता के लिए राव सीहा बदायूं से मारवाड़ आया था। ➠बदायूं नामक स्थान उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। ➠राव सीहा ने अपनी राजधानी खेड़ को बनाया था। ➠खेड़ राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। ➠राव सीहा की छतरी राजस्थान के पाली जिले की बीठू नामक स्थान पर स्थित है। 2. राव घूहड़ (1291- 1309 ई.)- ➠राव घूहड़ कर्नाटक से अपनी कुल देवी नागणेची माता की मूर्ति लेकर आया था तथा बाड़मेर के नागाणा नामक स्थान पर नागणेची माता की मूर्ति स्थापित करवायी थी। अर्थात् राव घूहड़ ने बाड़मेर के नागाणा नामक स्थान पर नागणेची माता का मंदिर बनवाया था। ➠नागणेची माता राठौड़ वंश की कुल देवी है। 3. मल्लीनाथ जी- ➠मल्लीनाथ जी ने बाड़मेर के मेवानगर को अपनी राजधानी बनाया था। ➠मल्लीनाथ जी ने मालवा के निजामुद्दीन को हराया था। ➠मल्लीनाथ जी पश्चिमी राजस्थान के लोक देवता है। ➠मल्लीनाथ जी के कारण बाड़मेर क्षेत्र का नाम मालाणी पड़ा था। ➠मालाणी घोड़े की ...

Hindi

Independence Day 2022 : 15 अगस्त भारत की स्वतंत्रता से सम्बंधित वह सुनहरा दिन है जब वर्षों से गुलामी झेल रहे भारतीयों को स्वतंत्रता प्राप्त हुए थी. भारतीय इतिहास में ये दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है. आज हम यहाँ आपके लिए भारतीय इतिहास से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी ले कर आयें हैं , जिससे आपको पता चलेगा कि, अंग्रेज पहली बार कब और क्यों भारत आए थे? Independence Day 2022 : हर साल की तरह, इस वर्ष भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को दिल्ली स्थित लाल किले पर तिरंगा फहराएंगेI इस वर्ष भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण कर रहा है जिसके उपलक्ष्य में हम आजादी का अमृत महोत्सव पर्व मना रहें हैं I स्वतंत्रता दिवस के दिन, हम उन सभी महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देते हैं और याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया और जिनकी वजह से आज हम स्वतंत्र हैं I स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है और इस दिन देश के सभी प्रमुख प्रतिष्ठान, सरकारी कार्यालय, डाकघर, बैंक और स्टोर इत्यादि बंद रहते हैं I आजादी से पहले भारत एक ब्रिटिश उपनिवेश था और अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 200 वर्षों तक शासन किया, इस अवधि के दौरान भारतीयों ने बहुत कष्ट और गुलामी सहन की और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी I आइये जाने भारतीय इतिहास के उन महत्वपूर्ण तथ्यों को जिनके कारण पहली बार अंग्रेज भारत आए I सर्वप्रथम अंग्रेज मुग़ल काल में भारत आये थे, परन्तु 31 दिसंबर 1600 को, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को ईस्ट इंडीज के साथ व्यापार करने के लिए ब्रिटिश सम्राज्ञी एलिजाबेथ प्रथम से एक रॉयल चार्टर प्राप्त हुआ थाI जिसके बाद भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी,...

अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में

• • • • • साझा कलम • बटरोही • अशोक पाण्डे • देवेन मेवाड़ी • ललित मोहन रयाल • अमित श्रीवास्तव • गीता गैरोला • नवीन जोशी • प्रमोद साह • भुवन चन्द्र पन्त • • शंभू राणा • विनीता यशस्वी • गिरीश लोहनी • सुन्दर चन्द ठाकुर • जगमोहन रौतेला • बसंत कुमार भट्ट • केशव भट्ट • गायत्री आर्य • चंद्रशेखर बेंजवाल • • जयमित्र सिंह बिष्ट • दिनेश कर्नाटक • सुधीर कुमार • संजय जोशी • प्रो. मृगेश पाण्डे • प्रिय अभिषेक • विवेक सौनकिया • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Menu • • • • • साझा कलम • बटरोही • अशोक पाण्डे • देवेन मेवाड़ी • ललित मोहन रयाल • अमित श्रीवास्तव • गीता गैरोला • नवीन जोशी • प्रमोद साह • भुवन चन्द्र पन्त • • शंभू राणा • विनीता यशस्वी • गिरीश लोहनी • सुन्दर चन्द ठाकुर • जगमोहन रौतेला • बसंत कुमार भट्ट • केशव भट्ट • गायत्री आर्य • चंद्रशेखर बेंजवाल • • जयमित्र सिंह बिष्ट • दिनेश कर्नाटक • सुधीर कुमार • संजय जोशी • प्रो. मृगेश पाण्डे • प्रिय अभिषेक • विवेक सौनकिया • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • गीत का फिल्मांकन सुदूरवर्ती क्षेत्र पिथौरागढ़ के डीडीहाट में किया गया है. गीत का कथ्य बहुत कम समझने के बावजूद इसे व्यूअर्स का भरपूर प्रेम मिल रहा है. रिलीज़ होते ही ये मिलियन-व्यूज़ क्लब में शामिल हो गया था और फिलहाल पाँच मिलियन व्यूज़ के साथ साल का सर्वाधिक हिट गीत बना हुआ है. गीत की सादगी ही उसका प्लस प्वाइंट बन गयी है. खुशी जोशी की कर्णप्रिय आवाज़ मन पर जादू करती है और उनके हँसमुख चेहरे के एक्सप्रेशन्स सम्मोहन. 52 लाख से अधिक व्यूज़ से गीत के प्रति दीवानगी समझी जा सकती है. गीत के बारे में रोचक ये भी कि गीत की थीम भले ही सभी लोगों के गले न उतर रही हो पर स्वर और सं...

राजस्थान के क्रांतिकारी

दिल्ली की बादशाहत के विघटित होने के बाद ही यहां अंग्रेजों को अपने पाँव पसारने का अवसर मिला। राजस्थान में सामन्तवाद के सबसे क्रूर और घृणित रूप अंग्रेजों के शासनकाल की देन है। परंतु इस काल के आरम्भ होने के साथ ही उस शासन का विरोध भी आरम्भ हो गया था। इस दौर की अनेक साम्राज्य विरोधी कविताओं का संबंध भरतपुर से है। मराठा सरदार होलकर ने यहां शरण ली थी। भरतपुर के राजा रणजीत सिंह ने अंग्रेजों से संधि के बावजूद होलकर को अंग्रेजों के हवाले करने से इन्कार कर दिया। इस पर अंग्रेजों ने भरतपुर पर हमला किया। आछो गोरा हट जा। राज भरतपुर को रै गोरा हट जा। भरतपुर गढ़ बाँको, किलो रे बाँको। गोरा हट जा। भरतपुर से संबंधित एक कविता कविराजा बाँकीदास की है। वह जोधपुर नरेश मानसिंह के राजकवि और उनके काव्यगुरु थे। उनकी ग्रंथावली नागरी प्रचारिणी सभा से तीन खंडों में प्रकाशित हो चुकी है। इनकी लिखी तथा संकलित, राजस्थानी में 2700 ऐतिहासिक वातें भी हैं। विभिन्न भाषाओं की जानकारी के साथ-साथ इतिहास का भी इन्हें बहुत अच्छा ज्ञान था। इनका निधन 1833 ई. में हुआ। उतन विलायत किलकता कानपुर आविया, ममोई लंक मदरास मेला। यलम धुर वहण अंग्रेज वाटन चला, भरतपुर ऊपरा हुवा मेला। विलायत से आकर अंग्रेज अपने इल्म के बल पर कलकत्ता, कानपुर, बंबई, मद्रास तक आधकार करता चला गया और अब वह भरतपुर पर चढ़ आया। ये सब नगर जिस देश में हैं, उसका नाम भरतखंड है। अंग्रेजों ने जो फौज बटोरी है, वह इसी देश के विभिन्न प्रदेशों के लोगों से बनी है। सैन रिजमंट असंख मलटणां तणे संग भड़ तिलंक बंग किलंग तणा मिलिया अभंग जंग भरतखंड पारका ऊसर ऊवै, मारका वजंद्र रै दुरंग मिलिया। कविता में उल्लास का स्वर है क्योंकि अंग्रेज आक्रमणकारी विजयी न हुए थे। गीत की दो मजे...

ओ रे पिया O Re Piya Lyrics in Hindi

O Re Piya Lyrics in Hindi ओ रे पिया है ओ रे पिया है ओ रे पिया है उड़ने लगा क्यों मन बावला रे आया कहाँ से यह होसला रे ओ रे पिया है ओ रे पिया है तानाबाना तानाबाना बुनती हवा हाय बूंटी हवा बूँदें भी तो आये नहीं बाज़ यहाँ साजिश में शामिल सारा जहाँ है हर ज़र्रे ज़र्रे की यह इल्तिज़ा है ओ रे पिया ओ रे पिया है ओ रे पिया ओ रे पिया है ओ रे पिया नि रे ग ग म माँ माँ प् प् म ग रे सा सा रे रे सा ग ग रे माँ माँ ग प् प् माँ ढ ढ प् नि नि स सा प् प् सा मा पा धा नि सा नि रे नि सा सा सा… नज़रें बोलेन दुनिया बोले दिल की ज़बान हाय दिल की जुबां इश्क़ माँगे इश्क़ चाहे कोई तूफ़ान चलना आहिस्ते इश्क़ नया है पहला यह वादा हमने किया है ओ रे पिया हाय ओ रे पिया हाय ओ रे पिया पियाआ… एहहह पिया नंगे पैरो पे अंगारो चलती रही हाय चलती रही लगता है के गैरो में पलती रही हाय ले चल वहाँ जो मुल्क तेरा है जाहिल ज़माना दुश्मन मेरा है हाय ओ रे पिया है ओ रे पिया है ओ रे पिया है ओ रे पिया है ओ रे पिया है… O Re Piya Lyrics in English O re piya haye O re piya haye O re piya haye Udne laga kyon man baawla re Aaya kahan se yeh hosla re O re piya haye O re piya haye Tanabana tanabana Bunti hawaa haaye bunti hawa Boondein bhi to aaye nahi baaz yahan Sagish mein shaamil sara jahan hai Har zare zare ki yeh iltiza hai O re piya O re piya haye O re piya O re piya haye O re piya Ni re ,re re ga Ga ga ma Ma ma pa Pa ma ga re sa Sa re re sa Ga ga re Ma ma ga Pa pa ma Dha dha pa Ni ni sa sa pa Pa sa ma pa dha ni sa ni Re ni sa sa sa… Nazrein bolen duniya bole Dil ki zaban haaye dil ki zubaan Ishq maange ishq chahe koi toofan Chalna aahiste ishq n...

rajasthani lok sahitya

◼️ राजस्थानी साहित्य की दो प्रमुख शैलियां है ◼️ 🌟 1. डिंगल ▪️ राजस्थानी साहित्य के प्रमुख शैली है । ▪️ वीर रस में डिंगल काव्य की रचना का श्रेय चारण तथा भाटो को जाता है । ▪️ यदि भाषाओं का क्रमिक विकास देखा जाए तोप्राकृतभाषा सेडिंगल भाषाप्रकट हुई तथा डिंगल भाषा सेगुजरातीएवंमारवाड़ी भाषाओंका विकास हुआ है । ▪️पंडित रामकरणआसोपा ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ राज रूपकमें डिंगल भाषा को राजस्थानी भाषा बताया है । ▪️ पश्चिमी राजस्थान में चरणों द्वारा प्रस्तुत साहित्य की भाषा डिंगल ( मारवाड़ी बोली का साहित्यिक रूप ) तेजस का सर्वप्रथम प्रयोगपिंगल शिरोमणिपुस्तक मेंकुशल लाभने किया । 👉 इस शैली के प्रमुख चार उपशैलियांहै – 1. जैन शैली 2. चारण शैली 3. लौकिक शैली 4. संत शैली 🌟 2. पिंगल ▪️ यह राजस्थानी मिश्रित बृज भाषा है । ▪️ जो पूर्वी राजस्थान में प्रचलित है । ▪️ संस्कृत भाषा से पिंगल भाषा प्रकट हुई तथा पिंगल भाषा से बृज भाषा एवं खड़ी हिंदी का विकास हुआ । ▪️ पूर्वी राजस्थान की साहित्यिक भाषापिंगलभाषा है। ▪️ इसमेंभाटो द्वारा रचित साहित्यआता है । Contents • • • • 🔰 राजस्थानी साहित्य के प्रमुख तथ्य 🔺महाकवि माघको राजस्थान का कालिदासकहते हैं , तोराजपूताने का अबुल फजलमुंहनोत नैंसी को कहते हैं । 🔺कानून की माता/ मारवाड़ राज्य के कानून के निर्माता/ आधुनिक इतिहास के उन्नायकमुंशी देवी प्रसाद को कहते हैं । 🔺 इतिहास का जनक/ घोड़े वाले बाबा कर्नल जेम्स टॉडको कहते हैं । राजस्थानी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोशपदम श्री से सम्मानितसीताराम लालसद्वारा रचित राजस्थानी व्याकरण है । 🔺 तो संगीत का विश्वकोश कृष्णानंद व्यास द्वारा रचित राग कल्पद्रुम है । 🔺 पहला हिंदी उपन्यासअंबिकादत्त व्यासद्वारा रचितअबलाओ का इंसाफहै तोआधुनिक रा...

अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी में

• • • • • साझा कलम • बटरोही • अशोक पाण्डे • देवेन मेवाड़ी • ललित मोहन रयाल • अमित श्रीवास्तव • गीता गैरोला • नवीन जोशी • प्रमोद साह • भुवन चन्द्र पन्त • • शंभू राणा • विनीता यशस्वी • गिरीश लोहनी • सुन्दर चन्द ठाकुर • जगमोहन रौतेला • बसंत कुमार भट्ट • केशव भट्ट • गायत्री आर्य • चंद्रशेखर बेंजवाल • • जयमित्र सिंह बिष्ट • दिनेश कर्नाटक • सुधीर कुमार • संजय जोशी • प्रो. मृगेश पाण्डे • प्रिय अभिषेक • विवेक सौनकिया • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Menu • • • • • साझा कलम • बटरोही • अशोक पाण्डे • देवेन मेवाड़ी • ललित मोहन रयाल • अमित श्रीवास्तव • गीता गैरोला • नवीन जोशी • प्रमोद साह • भुवन चन्द्र पन्त • • शंभू राणा • विनीता यशस्वी • गिरीश लोहनी • सुन्दर चन्द ठाकुर • जगमोहन रौतेला • बसंत कुमार भट्ट • केशव भट्ट • गायत्री आर्य • चंद्रशेखर बेंजवाल • • जयमित्र सिंह बिष्ट • दिनेश कर्नाटक • सुधीर कुमार • संजय जोशी • प्रो. मृगेश पाण्डे • प्रिय अभिषेक • विवेक सौनकिया • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • गीत का फिल्मांकन सुदूरवर्ती क्षेत्र पिथौरागढ़ के डीडीहाट में किया गया है. गीत का कथ्य बहुत कम समझने के बावजूद इसे व्यूअर्स का भरपूर प्रेम मिल रहा है. रिलीज़ होते ही ये मिलियन-व्यूज़ क्लब में शामिल हो गया था और फिलहाल पाँच मिलियन व्यूज़ के साथ साल का सर्वाधिक हिट गीत बना हुआ है. गीत की सादगी ही उसका प्लस प्वाइंट बन गयी है. खुशी जोशी की कर्णप्रिय आवाज़ मन पर जादू करती है और उनके हँसमुख चेहरे के एक्सप्रेशन्स सम्मोहन. 52 लाख से अधिक व्यूज़ से गीत के प्रति दीवानगी समझी जा सकती है. गीत के बारे में रोचक ये भी कि गीत की थीम भले ही सभी लोगों के गले न उतर रही हो पर स्वर और सं...

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Independence Day 2022 : 15 अगस्त भारत की स्वतंत्रता से सम्बंधित वह सुनहरा दिन है जब वर्षों से गुलामी झेल रहे भारतीयों को स्वतंत्रता प्राप्त हुए थी. भारतीय इतिहास में ये दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है. आज हम यहाँ आपके लिए भारतीय इतिहास से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी ले कर आयें हैं , जिससे आपको पता चलेगा कि, अंग्रेज पहली बार कब और क्यों भारत आए थे? Independence Day 2022 : हर साल की तरह, इस वर्ष भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को दिल्ली स्थित लाल किले पर तिरंगा फहराएंगेI इस वर्ष भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण कर रहा है जिसके उपलक्ष्य में हम आजादी का अमृत महोत्सव पर्व मना रहें हैं I स्वतंत्रता दिवस के दिन, हम उन सभी महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देते हैं और याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया और जिनकी वजह से आज हम स्वतंत्र हैं I स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है और इस दिन देश के सभी प्रमुख प्रतिष्ठान, सरकारी कार्यालय, डाकघर, बैंक और स्टोर इत्यादि बंद रहते हैं I आजादी से पहले भारत एक ब्रिटिश उपनिवेश था और अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 200 वर्षों तक शासन किया, इस अवधि के दौरान भारतीयों ने बहुत कष्ट और गुलामी सहन की और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी I आइये जाने भारतीय इतिहास के उन महत्वपूर्ण तथ्यों को जिनके कारण पहली बार अंग्रेज भारत आए I सर्वप्रथम अंग्रेज मुग़ल काल में भारत आये थे, परन्तु 31 दिसंबर 1600 को, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को ईस्ट इंडीज के साथ व्यापार करने के लिए ब्रिटिश सम्राज्ञी एलिजाबेथ प्रथम से एक रॉयल चार्टर प्राप्त हुआ थाI जिसके बाद भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी,...

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◼️ राजस्थानी साहित्य की दो प्रमुख शैलियां है ◼️ 🌟 1. डिंगल ▪️ राजस्थानी साहित्य के प्रमुख शैली है । ▪️ वीर रस में डिंगल काव्य की रचना का श्रेय चारण तथा भाटो को जाता है । ▪️ यदि भाषाओं का क्रमिक विकास देखा जाए तोप्राकृतभाषा सेडिंगल भाषाप्रकट हुई तथा डिंगल भाषा सेगुजरातीएवंमारवाड़ी भाषाओंका विकास हुआ है । ▪️पंडित रामकरणआसोपा ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ राज रूपकमें डिंगल भाषा को राजस्थानी भाषा बताया है । ▪️ पश्चिमी राजस्थान में चरणों द्वारा प्रस्तुत साहित्य की भाषा डिंगल ( मारवाड़ी बोली का साहित्यिक रूप ) तेजस का सर्वप्रथम प्रयोगपिंगल शिरोमणिपुस्तक मेंकुशल लाभने किया । 👉 इस शैली के प्रमुख चार उपशैलियांहै – 1. जैन शैली 2. चारण शैली 3. लौकिक शैली 4. संत शैली 🌟 2. पिंगल ▪️ यह राजस्थानी मिश्रित बृज भाषा है । ▪️ जो पूर्वी राजस्थान में प्रचलित है । ▪️ संस्कृत भाषा से पिंगल भाषा प्रकट हुई तथा पिंगल भाषा से बृज भाषा एवं खड़ी हिंदी का विकास हुआ । ▪️ पूर्वी राजस्थान की साहित्यिक भाषापिंगलभाषा है। ▪️ इसमेंभाटो द्वारा रचित साहित्यआता है । Contents • • • • 🔰 राजस्थानी साहित्य के प्रमुख तथ्य 🔺महाकवि माघको राजस्थान का कालिदासकहते हैं , तोराजपूताने का अबुल फजलमुंहनोत नैंसी को कहते हैं । 🔺कानून की माता/ मारवाड़ राज्य के कानून के निर्माता/ आधुनिक इतिहास के उन्नायकमुंशी देवी प्रसाद को कहते हैं । 🔺 इतिहास का जनक/ घोड़े वाले बाबा कर्नल जेम्स टॉडको कहते हैं । राजस्थानी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोशपदम श्री से सम्मानितसीताराम लालसद्वारा रचित राजस्थानी व्याकरण है । 🔺 तो संगीत का विश्वकोश कृष्णानंद व्यास द्वारा रचित राग कल्पद्रुम है । 🔺 पहला हिंदी उपन्यासअंबिकादत्त व्यासद्वारा रचितअबलाओ का इंसाफहै तोआधुनिक रा...

राजस्थान के क्रांतिकारी

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