Ajanta ki gufa kaha h

  1. अजंता की गुफाएँ
  2. अजंता गुफाओं का इतिहास और कला Ajanta Caves History in Hindi
  3. भीमबेटका की गुफाएँ कहाँ पर स्थित है?
  4. Ajanta Caves History In Hindi Maharashtra
  5. अजंता गुफाओं का इतिहास और कला Ajanta Caves History in Hindi
  6. Ajanta Caves History In Hindi Maharashtra
  7. भीमबेटका की गुफाएँ कहाँ पर स्थित है?
  8. अजंता की गुफाएँ


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अजंता की गुफाएँ

अजंता की गुफा – Ajanta ki Gufa अजंता की गुफाएँ ’बाघोरा नदी’ की घाटी में अवस्थित एक ऊँची पहाङी के ढाल को काटकर बनाई गई है। यह गुफाएँ ’घोङे की नाल’ के आकार की है। वर्ष 1819 ईस्वी में मद्रास सेना के कुछ ’यूरोपीय सैनिकों’ ने इन गुफाओं की अकस्मात् खोज की थी। वर्ष 1824 ईस्वी में ’जनरल जेम्स अलेग्जेंडर’ ने ’राॅयल एशियाटिक सोसाइटी’ की पत्रिका में पहली बार इन गुफाओं का विवरण प्रकाशित कर इन्हें सभ्य संसार के सामने प्रकट किया था। इन गुफाओं को बौद्ध भिक्षु शिल्पियों द्वारा बनाया गया था। इन गुफाओं का निर्माण काल द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व से सातवीं शताब्दी के मध्य माना गया है। सर्वप्रथम अजन्ता गुफा को ’चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग’ ने देखा। इसका वर्णन ‘Jravels in India’ नामक किताब में मिलता है। इसी प्रकार फाह्यान ने सन् 398 ई. में इन कला मंदिरों का उल्लेख किया है। बाणभट्ट ने जो गुफा चित्रों का वर्णन किया है वो भी अजन्ता के समान ही लगता है। अजन्ता की गुफा में 20 प्रकार की रेखा शैलियों का प्रयोग किया गया है। सर्वाधिक अलंकरण गुफा संख्या 1 में है। यहाँ की सुन्दरता रेखाओं में है, अगर रेखाओं में रंग न भरा जाये तो भी यह रेखाएँ मानव के भाव को प्रदर्शित कर देती है। इसमें मुख्य आकृति बङी बनाई गई है तथा गौङ आकृति छोटी बनाई गई है। इसमें नारी-चित्रण की चरम उपलब्धि है। अजन्ता गुफा मूर्तिकला, स्थापत्य कला, चित्रकला तीनों का संगम है। यह 800 वर्षों में निर्मित है। इसमें कुल जातक कथाएं 547 है। अजन्ता गुफा का सर्वोकृष्ट कार्य गुप्तकाल में हुआ। अजन्ता की गुफा 2000 साल पुरानी है और वहाँ बुद्ध का पुतला करीब 600 साल पुराना है। यह गुफा बौद्ध धर्म से जुङी हुई है। अजंता की गुफाओं की दीवारों और छत पर भगवान बुद्ध क...

अजंता गुफाओं का इतिहास और कला Ajanta Caves History in Hindi

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भीमबेटका की गुफाएँ कहाँ पर स्थित है?

Explanation : भीमबेटका की गुफाएँ मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के अब्दुल्लागंज में स्थित है। यह भोपाल से 46 किलोमीटर दक्षिण में स्थित हैं। यह पूरा क्षेत्र गुफाओं से पटा है, यहां करीब 600 गुफाएं हैं। यह पूरा क्षेत्र खड़े और बिखरे पत्थरों के बीच सागवान और सखुआ पेड़ों से अटा पड़ा है। इस गुफा की प्रमुख विशेषता बौद्धकालीन चित्रकारी है। इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल में शामिल किया है। भारत के प्रसिद्ध पुरातत्‍व विशेषज्ञ डॉक्टर वीएस वाकांकर ने इन गुफाओं की खोज की थी। 1958 में उन्होंने नागपुर जाने के रास्ते में अचानक ही दूर के एक पहाड़ी से इन गुफाओं को चिह्नित किया। भीमबेटका नाम भीम और वाटिका, दो शब्दों से मिल कर बना है। पौराणिक महाभारत कथा से इसका संबंध है। इसका नाम महाभारत काल के पांच पांडवों में से एक भीम के नाम पर पड़ा है।

Ajanta Caves History In Hindi Maharashtra

इनके साथ ही सजीव चित्रण भी मिलते हैं। यह गुफाएँ अजंता नामक गाँव के सन्निकट ही स्थित है, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। ajanta की गुफाएँ सन् 1983 में युनेस्को में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। उनकी बनावट तक़रीबन दूसरी शताब्दी के समय में मानी जाती है। चट्टानों पर काटकर बनाया यह बौद्ध स्मारक ऐतिहासिक चीज़ों को देखने का शौख रखने वालो के अलावा सभी को बहुत ही आनंदमय अनुभव देता है। उनकी सुंदरता एव कलाकारी यात्रलुओ के मन को मनमोहित करके शांति और सुख का एहसास कराती है। अजंता की गुफाओं का निर्माण गुप्त काल में हुआ ऐसा कहा जाता है। तो चलिए Ajanta ellora caves History in Hindi बताना शुरू करते है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Ajanta Caves History In Hindi – गुफा का नाम अजंता स्थान अजंता गांव , औरंगाबाद राज्य महाराष्ट्र निर्माण 200 ई. पू. और 7वीं शताब्दी ओरंगबादसे दुरी 100 कि.मी चैत्य गुफाएं गुफा नंबर 9, 10, 19, और 29 धर्म सम्बंद बौद्ध गुफा का समय 2000 साल पुरानी बुद्धा की मूर्ति 600 साल पुराना गुफाओक समूह 30 गुफा यूनेस्को धरोहर में स्थान सन् 1983 विहार गुफा गुफा नंबर 12, 13, 15 अजंता और एलोरा की गुफाएँ – ellora caves photos आपको जानकर हैरानी होगी कि अजंता एक दो नहीं बल्कि पूरे 30 गुफाओं का समूह है जिसे घोड़े की नाल के आकार में पहाड़ों को काटकर बनाया गया है और इसके सामने से बहती है एक संकरी सी नदी जिसका नाम वाघोरा है। पास ही मौजूद गांव अजंता के नाम पर इन गुफाओं का नाम पड़ा। इन गुफाओं में भगवान बुद्ध की कई प्रतिमाओं के साथ ही दीवार पर बौद्ध धर्म से जुड़ी कई पेंटिग्स भी बनाई गई हैं। साथ ही इसमें भगवान बुद्ध के पिछले जन्मों के बारे ...

अजंता गुफाओं का इतिहास और कला Ajanta Caves History in Hindi

Table of Content • • • • • • अजंता गुफाओं का इतिहास और कला Ajanta Caves History in Hindi महाराष्ट्र में स्थित अजंता की गुफ़ाएं मंदिर का एक आश्चर्यजनक शानदार वास्तुशिल्प कला है। यह भारत की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। इसे यूनेस्को – विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) के रूप में सन 1983 में स्वीकार किया गया है। अजंता की गुफाएं विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। अजंता की गुफाएं भारत के कौनसे राज्य में स्थित हैं? Where is Ajanta Caves? अजंता की गुफाएं, भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगावाद शहर के पास स्थित है। यहाँ पर दुनिया के किसी भी कोनें से आसानी से पहुंचा जा सकता है। महाराष्ट्र में नियमित पर्यटन के माध्यम से बसों या टैक्सियों का उपयोग किया जाता है। निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद में स्थित है, जो मंदिरों से 99 किलोमीटर दूर स्थित है। इन गुफाओं की करिश्मा हर साल लाखों अजंता गुफाओं की वास्तुकला Architecture of Ajanta Caves in Hindi 19वीं शताब्दी के शुरुआती दिनों में, लंबे समय से दफन अजंता गुफाएं एक ब्रिटिश सेना अधिकारी द्वारा अनजाने में खोजी गईं। इस मौके पर, सुंदर मूर्तियां गुफाएं जो वाघुर नदी के ऊपर सह्याद्री पहाड़ियों के भीतर कुछ दृष्टि में आईं। गुफा का मंदिर घोड़े-जूता के आकार की खड़ी की चट्टान की तरह दिखाई देता है, जहां नीचे वाघुर नदी बह रही है। वाघुर नदी 200 फुट की ऊंचाई से गिरती है, जिसके परिणाम स्वरूप झरने की एक श्रृंखला बनती है। इन बहते हुए झरने को चट्टानों में आसानी से देखा जा सकता है। अगर वास्तुकला की बात की जाए तो अजंता की गुफाओं में खासकर बौद्ध धर्म की छवि, दीवारों पर अनोखे चित्र, कुछ अद्भुत पुरातत्व बातें हैं। आईए अजंता गुफाओं की वास्तुकला के विषय में विस्तार से जानें। बौद्ध...

Ajanta Caves History In Hindi Maharashtra

इनके साथ ही सजीव चित्रण भी मिलते हैं। यह गुफाएँ अजंता नामक गाँव के सन्निकट ही स्थित है, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। ajanta की गुफाएँ सन् 1983 में युनेस्को में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। उनकी बनावट तक़रीबन दूसरी शताब्दी के समय में मानी जाती है। चट्टानों पर काटकर बनाया यह बौद्ध स्मारक ऐतिहासिक चीज़ों को देखने का शौख रखने वालो के अलावा सभी को बहुत ही आनंदमय अनुभव देता है। उनकी सुंदरता एव कलाकारी यात्रलुओ के मन को मनमोहित करके शांति और सुख का एहसास कराती है। अजंता की गुफाओं का निर्माण गुप्त काल में हुआ ऐसा कहा जाता है। तो चलिए Ajanta ellora caves History in Hindi बताना शुरू करते है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Ajanta Caves History In Hindi – गुफा का नाम अजंता स्थान अजंता गांव , औरंगाबाद राज्य महाराष्ट्र निर्माण 200 ई. पू. और 7वीं शताब्दी ओरंगबादसे दुरी 100 कि.मी चैत्य गुफाएं गुफा नंबर 9, 10, 19, और 29 धर्म सम्बंद बौद्ध गुफा का समय 2000 साल पुरानी बुद्धा की मूर्ति 600 साल पुराना गुफाओक समूह 30 गुफा यूनेस्को धरोहर में स्थान सन् 1983 विहार गुफा गुफा नंबर 12, 13, 15 अजंता और एलोरा की गुफाएँ – ellora caves photos आपको जानकर हैरानी होगी कि अजंता एक दो नहीं बल्कि पूरे 30 गुफाओं का समूह है जिसे घोड़े की नाल के आकार में पहाड़ों को काटकर बनाया गया है और इसके सामने से बहती है एक संकरी सी नदी जिसका नाम वाघोरा है। पास ही मौजूद गांव अजंता के नाम पर इन गुफाओं का नाम पड़ा। इन गुफाओं में भगवान बुद्ध की कई प्रतिमाओं के साथ ही दीवार पर बौद्ध धर्म से जुड़ी कई पेंटिग्स भी बनाई गई हैं। साथ ही इसमें भगवान बुद्ध के पिछले जन्मों के बारे ...

भीमबेटका की गुफाएँ कहाँ पर स्थित है?

Explanation : भीमबेटका की गुफाएँ मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के अब्दुल्लागंज में स्थित है। यह भोपाल से 46 किलोमीटर दक्षिण में स्थित हैं। यह पूरा क्षेत्र गुफाओं से पटा है, यहां करीब 600 गुफाएं हैं। यह पूरा क्षेत्र खड़े और बिखरे पत्थरों के बीच सागवान और सखुआ पेड़ों से अटा पड़ा है। इस गुफा की प्रमुख विशेषता बौद्धकालीन चित्रकारी है। इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल में शामिल किया है। भारत के प्रसिद्ध पुरातत्‍व विशेषज्ञ डॉक्टर वीएस वाकांकर ने इन गुफाओं की खोज की थी। 1958 में उन्होंने नागपुर जाने के रास्ते में अचानक ही दूर के एक पहाड़ी से इन गुफाओं को चिह्नित किया। भीमबेटका नाम भीम और वाटिका, दो शब्दों से मिल कर बना है। पौराणिक महाभारत कथा से इसका संबंध है। इसका नाम महाभारत काल के पांच पांडवों में से एक भीम के नाम पर पड़ा है।

अजंता की गुफाएँ

अजंता की गुफा – Ajanta ki Gufa अजंता की गुफाएँ ’बाघोरा नदी’ की घाटी में अवस्थित एक ऊँची पहाङी के ढाल को काटकर बनाई गई है। यह गुफाएँ ’घोङे की नाल’ के आकार की है। वर्ष 1819 ईस्वी में मद्रास सेना के कुछ ’यूरोपीय सैनिकों’ ने इन गुफाओं की अकस्मात् खोज की थी। वर्ष 1824 ईस्वी में ’जनरल जेम्स अलेग्जेंडर’ ने ’राॅयल एशियाटिक सोसाइटी’ की पत्रिका में पहली बार इन गुफाओं का विवरण प्रकाशित कर इन्हें सभ्य संसार के सामने प्रकट किया था। इन गुफाओं को बौद्ध भिक्षु शिल्पियों द्वारा बनाया गया था। इन गुफाओं का निर्माण काल द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व से सातवीं शताब्दी के मध्य माना गया है। सर्वप्रथम अजन्ता गुफा को ’चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग’ ने देखा। इसका वर्णन ‘Jravels in India’ नामक किताब में मिलता है। इसी प्रकार फाह्यान ने सन् 398 ई. में इन कला मंदिरों का उल्लेख किया है। बाणभट्ट ने जो गुफा चित्रों का वर्णन किया है वो भी अजन्ता के समान ही लगता है। अजन्ता की गुफा में 20 प्रकार की रेखा शैलियों का प्रयोग किया गया है। सर्वाधिक अलंकरण गुफा संख्या 1 में है। यहाँ की सुन्दरता रेखाओं में है, अगर रेखाओं में रंग न भरा जाये तो भी यह रेखाएँ मानव के भाव को प्रदर्शित कर देती है। इसमें मुख्य आकृति बङी बनाई गई है तथा गौङ आकृति छोटी बनाई गई है। इसमें नारी-चित्रण की चरम उपलब्धि है। अजन्ता गुफा मूर्तिकला, स्थापत्य कला, चित्रकला तीनों का संगम है। यह 800 वर्षों में निर्मित है। इसमें कुल जातक कथाएं 547 है। अजन्ता गुफा का सर्वोकृष्ट कार्य गुप्तकाल में हुआ। अजन्ता की गुफा 2000 साल पुरानी है और वहाँ बुद्ध का पुतला करीब 600 साल पुराना है। यह गुफा बौद्ध धर्म से जुङी हुई है। अजंता की गुफाओं की दीवारों और छत पर भगवान बुद्ध क...