अम्बेडकर जयंती पर भाषण

  1. अम्बेडकर जयंती पर निबंध Ambedkar Jayanti Essay in Hindi
  2. अम्बेडकर जयंती पर भाषण हिंदी में
  3. डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर जी की जयंती पर भाषण
  4. अंबेडकर जयंती पर भाषण
  5. अंबेडकर जयंती भाषण हिंदी, Ambedkar Jayanti speech in Hindi
  6. अंबेडकर जयंती 2021
  7. अम्बेडकर जयंती पर निबंध
  8. अम्बेडकर जयंती 2022 मेसेज Babasaheb Ambedkar Jayanti Messages Quotes
  9. Babasaheb Ambedkar Jayanti speech : 10 lines about Dr BR Ambedkar essay who was Ambedkar


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अम्बेडकर जयंती पर निबंध Ambedkar Jayanti Essay in Hindi

Ambedkar Jayanti Essay in Hindi दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर निबंध. हर साल यह जयंती 14 अप्रैल को देशभर में मनाई जाती है यह जयंती दलित लोगों के लिए बहुत ही खास होती है क्योंकि अंबेडकर जी ने दलितों के लिए जो किया वह वास्तव में बहुत ही अच्छा है तो चलिए पढ़ते हैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर निबंध। Ambedkar Jayanti Essay in Hindi अंबेडकर जयंती हर साल 14 अप्रैल को मनाई जाती है दरअसल इस 14 अप्रैल को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का जन्म हुआ था जोकि एक राजनेता, वकील और समाज सुधारक थे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश के इंदौर के महू में हुआ था। दरअसल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी दलित परिवार से थे उन्हें अपने बचपन से ही कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था बचपन में ही उनकी मां का देहांत हो गया था दलित होने के कारण बहुत से लोग उनको छूना भी पसंद नहीं करते थे स्कूलों में भी उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था उस समय दलितों की स्थिति काफी खराब थी। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की पढ़ाई में विशेष रूचि थी उन्होंने पढ़ाई की, उन्होंने राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में पढ़ाई की वह पढ़ाई करने के लिए विदेश भी गए। विदेश से जब अपने देश भारत आए तो तब भी उन्हें छुआछूत की समस्या से गुजरना पड़ता था उनका निरादर किया जाता था। दलित वर्ग की स्थिति को मजबूत करने के लिए उन्होंने काफी प्रयत्न किए इसके लिए उन्होंने लोगों को एकजुट कर छुआछूत को दूर करने का प्रयत्न किया. मंदिरों में दलितों को जाने के लिए प्रेरित किया उन्होंने इस छुआछूत जाति धर्म के हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और दलितों की स्थिति मजबूत की। अ...

अम्बेडकर जयंती पर भाषण हिंदी में

हम भारतीयों के लिए अपने इतिहास और संस्कृति की समृद्धि का प्रदर्शन करना हमेशा गर्व की बात है। हमारा इतिहास कई नायकों की कहानियां और हमारे देश में उनके योगदान को बताता है। ऐसे ही एक नायक हैं डॉ भीम राव अंबेडकर। हम सभी उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में जानते हैं। डॉ भीम राव अम्बेडकर एक महान व्यक्तित्व थे। वह भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक थे। कोई आश्चर्य नहीं कि उनका जन्मदिन पूरे भारत में इतने गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है। हम यहां छात्रों के लिए अंबेडकर जयंती पर भाषण प्रस्तुत करते हैं। एक लंबा भाषण, एक छोटा भाषण और एक 10 लाइन भाषण है। छात्र अपने स्कूल कार्यक्रम या अपनी परीक्षाओं के लिए भी इन लंबी, छोटी और 10 लाइन के भाषणों का उल्लेख कर सकते हैं। चलो देखते हैं: अम्बेडकर जयंती पर लंबा भाषण सभी को नमस्कार। अम्बेडकर जयंती पर आपके सामने एक भाषण प्रस्तुत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। अंबेडकर जयंती डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्मदिन है। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। हर साल इस दिन को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। हम सभी उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में जानते हैं। लेकिन उनका योगदान यहीं तक सीमित नहीं है। वह बहुत प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। वह एक राजनीतिज्ञ, एक समाज सुधारक, एक न्यायविद और एक अर्थशास्त्री थे। उन्होंने हमेशा भारतीय समाज में व्याप्त अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वे दलितों के नेता थे। 1947 में डॉ अम्बेडकर कानून मंत्री बने। लेकिन उन्होंने 1951 में इस्तीफा दे दिया क्योंकि वे भारत सरकार में अपने प्रभाव की कमी से निराश थे। हिंदू सिद्धांत में अस्पृश्यता को कायम रखने के कारण, डॉ अम्बेडकर ने हिंदू धर्म को त्याग दिया और अ...

डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर जी की जयंती पर भाषण

सम्मानीयमुख्यअतिथि, आदरणीयप्रधानाचार्यमहोदयऔरयहांमौजूदसभीछोटे-बड़ेभाई-बहनएवंमेरेप्रियसाथियों, आपसभीकाइसकार्यक्रममेंउपस्थितहोनेकेलिएबहुत-बहुतधन्यवाद। मुझेबेहदखुशीहोरहीहैकि, आजइसमौकेपरमुझेआधुनिकभारतकेनिर्माताऔरदलितोंकेमसीहाडॉ. भीमरावअंबेडकरजीपरभाषणदेनेकासुनहराअवसरप्राप्तहुआहै। मैअपनेइसभाषणकीशुरुआतडॉ. भीमरावअंबेडकरजीपरलिखीगईंकुछपंक्तियोंकेमाध्यमसेकरनाचाहूंगी/ करनाचाहूंगा– ”देशप्रेममेंजिसनेआरामकोठुकरायाथा गिरेहुएइंसानकोस्वाभिमानसिखायाथा जिसनेहमकोमुश्किलोंसेलड़नासिखायाथा इसआसमांपरऐसाइकदीपकबाबासाहेबकहलायाथा। यहपंक्तियांबाबासाहेबपरएकदमसटीकबैठतीहैं, उन्होंनेअपनेजीवनमेंतमामसंघर्षकरदलितोंकेउत्थानकेलिएकामकियाऔरअपनापूराजीवनदेशकीसेवामेंसमर्पितकरदिया। अंबेडकरजीकोबचपनसेहीदलितहोनेकादंशझेलनापड़ाथा, यहांतककिपढ़ाईमेंकाफीहोनहारहोनेकेबाबजूदभीस्कूलमेंउनकेसाथकाफीबुराबर्तावकियाजाताथा, कईबारतोउन्हेंस्कूलमेंपूरेदिनप्यासाहीरहनापड़ताथा। सिर्फइसलिए, क्योंकिवेएकदलितजातिकेथे, लेकिनअंबेडकरजीनेअपनेजीवनकेसभीसंघर्षोंकाडटकरसामनाकियाऔरअपनीकाबिलियतऔरयोग्यताकेबलपरअपनानामस्वर्णिमअक्षरोंमेंइतिहासकेपन्नोंमेंलिखदिया। दलितोकेसमर्थनमेंकिएगएकामोंकेलिएउन्हेंदलितवर्गकेलोगोंद्धाराउन्हेंमसीहाकेरुपमेंपूजाजाताहै। आपकोबतादेंकिभीमरावअंबेडकरजीनसिर्फभारतकेएकमहानसमाजसुधारकथे, बल्किवेभारतीयसंविधानकेनिर्माता, एकमशहूरराजनेताऔरप्रख्यातवकीलभीथे, जिन्होंनेसामाजिकभेदभावकासामनाकरतेहुएकानूनकीउच्चडिग्रीहासिलकीऔरआधुनिकभारतकेसंविधानकानिर्माणकियाऔरसमाजमेंफैलीजातिगदभेदभावजैसीकुरोतिकोजड़सेखत्मकर, सभीकोएकसमानअधिकारदिलवाए। इसकेअलावाउन्होंनेसतीप्रथा, पर्दाप्रथा, बालविवाहजैसीसमाजिकबुराइयोंकोदूरकरनेमेंभीअपनीमहत्वपूर्णभूमिकानिभाई।भीमरावअंबेडकर– Bhimr...

अंबेडकर जयंती पर भाषण

बाबा साहब अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल को हुआ था, इसलिए इस दिन को अम्बेडकर जयंती के रुप में मनाया जाता है। ये दिवस सभी भारतीयों के लिए एक शुभ दिन माना जाता हैं। उन्होंने सक्रिय रूप से दलितों के साथ-साथ हमारे समाज के अधिकारहीन वर्ग के लिए भी कार्य किया और उनके अधिकारों के लिए लड़े। वे एक राजनीतिक नेता, कानूनविद, मानवविज्ञानी, शिक्षक, अर्थशास्त्री थे। चूंकि इस दिन का भारतीय इतिहास में बहुत बड़ा महत्व है, इसलिए इसे भारतीय लोगों द्वारा अम्बेडकर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए देश भर में धूममधाम और हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है। अंबेडकर जयंती पर लंबे और छोटे भाषण (Long and Short Speech on Ambedkar Jayanti in Hindi) भाषण- 1 माननीय प्रधानाचार्य, उपाध्यक्ष, शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रों – आप सभी को मेरा नमस्कार! आज मैं आप सभी का इस भाषण समारोह में स्वागत करता हूं। मुझे आप सभी के सामने इस भाषण को संबोधित करने में बेहद प्रसन्न्ता महसुस हो रही है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम अम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर बाबा साहब अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। उनका पूरा नाम भीमराव रामजी अम्बेडकर था और 14 अप्रैल 1891 को भारत के महो में इनका जन्म हुआ था, जोकि वर्तमान में मध्य प्रदेश राज्य का एक शहर हैं। यह प्रत्येक भारतीय के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल थे और मां भीमबाई थीं। उन्हें लोग प्यार से ‘बाबासाहेब’ के नाम से बुलाते हैं। जब वे पांच साल के थे, तो उन्होंने अपनी मां को खो दिया था। अपनी शिक्षा पुरी करने के लिए वो मुंबई चले गये, वहां से उन्होंने अपना बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) की शिक्षा पूरी की और फिर अपने आगे की पढ़ाई के...

अंबेडकर जयंती भाषण हिंदी, Ambedkar Jayanti speech in Hindi

Dr. Babasaheb Ambedkar jayanti speech in Hindi, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती भाषण हिंदी: नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए लेके आये है डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती भाषण हिंदी, Dr. Babasaheb Ambedkar jayanti speech in Hindi लेख। यह डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती भाषण हिंदी लेख में आपको इस विषय की पूरी जानकारी देने का मेरा प्रयास रहेगा। हमारा एकमात्र उद्देश्य हमारे हिंदी भाई बहनो को एक ही लेख में सारी जानकारी प्रदान करना है, ताकि आपका सारा समय बर्बाद न हो। तो आइए देखते हैं डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती भाषण हिंदी, Dr. Babasaheb Ambedkar jayanti speech in Hindi लेख। इस लेख में महत्वपूर्ण मुद्दे • • • • • डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती भाषण हिंदी, Dr. Babasaheb Ambedkar Jayanti Speech in Hindi भीमराव रामजी अम्बेडकर हमारे राष्ट्र के नायक और लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने बचपन में अस्पृश्यता का शिकार होने से लेकर अपने समय के सर्वोच्च शिक्षित भारतीय नागरिक और भारतीय संविधान के निर्माता बनने के लिए अपने जीवन को बदल दिया। भारत के संविधान को डिजाइन करने में भीमराव अंबेडकर का योगदान सम्माननीय है। उन्होंने अपना जीवन पिछड़े वर्गों के न्याय, समानता और अधिकारों के लिए लड़ने में लगा दिया। परिचय भीमराव रामजी अम्बेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से जाना जाता है, आधुनिक भारत के संस्थापक पिता थे। वह हर भारतीय के लिए आदर्श हैं। तमाम सामाजिक और आर्थिक कमियों के बावजूद बाबासाहेब अम्बेडकर भारतीय संविधान के निर्माता बने। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती भाषण नमस्कार दोस्तों, आप सभी का हार्दिक स्वागत है, मैं अपने भाषण की शुरुआत माननीय निदेशकों, शिक्षकों, सदस्यों और मेरे प्रिय मित्रों को बधाई देकर क...

अंबेडकर जयंती 2021

मुम्बई में निर्मित अंबेडकर स्मारक का उद्घाटन 14 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया। अंबेडकर जयंती पर काँग्रेस के द्वारा 14 अप्रैल 2015 को एक साल के उत्सव को प्रारंभ किया गया (अंबेडकर की जन्म स्थली, मध्य प्रदेश के महू में) जो देश के लिये उनके योगदान की प्रशंसा करने के लिये 125वीं जयंती पर किया गया। भारतीय संविधान को बनाने के साथ ही देश के लिये उनके योगदानों की चर्चा के लिये तथा पूरे साल भर अंबेडकर की विचारधारा के बारे में जागरुकता फैलाने के लिये काँग्रेस ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जैसे बैठक, चर्चा, सेमीनार, सम्मेलन आदि। अंबेडकर जयंती 2021 अंबेडकर जयंती 2021 पूरे भारत के लोगों द्वारा 14 अप्रैल, बुधवार को मनाया गया। अंबेडकर जयंती 2019 विशेष हर वर्ष के तरह इस वर्ष भी 14 अप्रैल के दिन भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की याद में देशभर में अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम को काफी धूम-धाम के साथ मनाया गया। इस महत्वपूर्ण दिन के उत्सव को लेकर काफी पहले से तैयारियां शुरु कर दी गयी थी। इसी के तहत जोधपुर में डॉ भीमराव अंबेडकर की 128वीं जयंती के अवसर पर जोधपुर में बाडी बिल्डिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसी तरह उत्तरप्रदेश के मऊ में इब्राहिमाबाद स्थित अंबेडकर प्रतिमा के पास 14 अप्रैल को बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के युवा एकता मंच के बैनर तले विशाल मानव श्रृंखला का भी आयोजन किया गया। अंबेडकर जयंती के अवसर पर राजस्थान के भरतपुर जिले में जिला जाटव महासमिति के द्वारा डॉ अंबेडकर जयंती पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके साथ ही अंबेडकर जयंती से एक दिन पहले स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया और 13 तथा 14 अप्रैल को झांकीयों द्वारा शोभयात्र...

अम्बेडकर जयंती पर निबंध

हर साल 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती मनायी जाती है। इस महान व्यक्ति की आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए, इस दिन को भारत में सार्वजनिक अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। डॉ भीम राव अम्बेडकर दलितों और अछूतो लोगों के अधिकारों के लिए सभी बाधाओं के खिलाफ लड़ने के लिये तत्पर रहते थे। दलित समुदाय से संबंधित लोग समाज में अम्बेडकर जी के द्वारा किए गए अनुकूल परिवर्तनों के लिए उनका धन्यवाद करते हैं। अम्बेडकर जयंती पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Ambedkar Jayanti in Hindi, Ambedkar Jayanti par Nibandh Hindi mein) निबंध – 1 (300 शब्दों में) प्रस्तावना हर साल 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनायी जाती है। अम्बेडकर जी को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस दिन को पुरे भारत में आधिकारिक अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। जाति व्यवस्था को समाप्त करने और भारत में सभी को एकसमान नागरिकता का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। अम्बेडकर जयंती: एक महान समाज सुधारक के आदर और सम्मान के उपलक्ष्य में बी.आर. अम्बेडकर या डॉ भीम राव अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के सामाज सुधारक थे, उन्होंने भारत में सामाजिक असमानता, जाति व्यवस्था को पूर्ण रुप से समाप्त करने में योगदान दिया। वो स्वतंत्र भारत संविधान के निर्माता भी बने। वे कानून, राजनीति और अर्थशास्त्र सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट थे। वो भारत गणराज्य के प्रमुख नेताओं और वास्तुकारों में से एक थे। अम्बेडकर जी का जन्म मध्यप्रदेश के सेना छावनी क्षेत्र में हुआ था। उस समय उनके पिता भारतीय सेना में एक कर्मचारी थे। बाबा साहब अम्बेडकर हिंदू धर्म के निचली जाति में पैदा हुए थे और उन्हें समाज के विशिष्ट वर्ग द्वारा अ...

अम्बेडकर जयंती 2022 मेसेज Babasaheb Ambedkar Jayanti Messages Quotes

Babasaheb Ambedkar Jayanti Messages Quotes Slogan SMS Shayari Msg अम्बेडकर जयंती 2022 मेसेज : आप सभी को बाबासाहेब ambedkar jayanti 2022 date 14 अप्रैल को हार्दिक शुभकामनाएं. वे महान पुरुष थे, इन्हें हमारे संविधान का निर्माता, दलितों के मसीहा भी कहा जाता हैं. 14 अप्रैल के दिन अम्बेडकर ला जन्म महू मध्यप्रदेश में हुआ था, निम्न जाति के परिवार में जन्म लेने वाले बाबा साहेब ने अपनी प्रतिभा के बल पर तथाकथित उच्च वर्ग को अपनी महानता का परिचय कराया. वे कहा करते थे शिक्षित बनो, संगठित रहो एवं संघर्ष करो. आज हम Babasaheb Ambedkar Jayanti 2022 Messages Hindi में आपके साथ साझा कर रहे हैं. Babasaheb Ambedkar Jayanti Messages Quotes Slogan SMS वे भारत के पहले कानून मंत्री भी रहे अपनी मृत्यु से कुछ महीने पूर्व उन्होंने बौद्ध धर्म में दीक्षा ली थी वर्ष 1990 में भारत सरकार द्वारा इन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया. basaheb Ambedkar SMS Jayanti Messages आपको बता रहे हैं जिन्हें आप अपने दोस्तों के साथ अम्बेडकर जयंती 2022 पर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं. Babasaheb Ambedkar Jayanti Messages 2022 In Hindi एक महान आदमी, एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है” – डॉ॰ भीमराव आंबेडकर “क़ानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए” – डॉ॰ भीमराव आंबेडकर कर गुजर गए वो भीम थे भारत को जगाने वाले भीम थे हमने तो सिर्फ इतिहास पढ़ा है यारो इतिहास को बनाने वाले मेरे भीम थे आंबेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाए ambedkar birthday 2022 एक सफल क्राति के लिए सिर्फ असतोष का होना पर्याप्त नही है। जिसक...

Babasaheb Ambedkar Jayanti speech : 10 lines about Dr BR Ambedkar essay who was Ambedkar

BR Ambedkar Jayanti speech : डॉ. बीआर अंबेडकर एक प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, दार्शनिक, लेखक, अर्थशास्त्री, न्यायविद्, बहु-भाषाविद्, धर्म दर्शन के विद्वान और एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारत में छूआछूत और सामाजिक असमानता के उन्मूलन के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका मानना था कि अस्पृश्यता को हटाए बिना राष्ट्र की प्रगति नहीं हो सकती है। 14 अप्रैल का दिन देश भर में अंबेडकर जयंती के तौर पर मनाया जाता है। वह भारत में दलितों व पिछड़े वर्गों को मसीहा थे। ये लोग उन्हें बाबासाहेब कहकर बुलाते थे। बाबासाहेब ने भारत के संविधान निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाई जिसके चलते उन्हें संविधान का जनक भी कहा जाता है। अंबेडकर जयंती के मौके पर स्कूल, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों व अन्य स्थानों पर कार्यक्रम होते हैं। अगर आप कहीं अंबेडकर जयंती पर निबंध लिख रहे हैं या स्पीच दे रहे हैं। तो नीचे दी गईं लाइनों को शामिल कर सकते हैं। Ambedkar Jayanti speech essay in hindi : अंबेडकर पर 10 लाइनें 1. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल सन् 1891 में मध्यप्रदेश के महू में हुआ था। बाबासाहेब के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे। उनके पिता ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे। 2. बाबा साहेब अंबेडकर का परिवार महार जाति से संबंध रखता था, जिसे उन दिनों समाज में अछूत माना जाता था। दलित परिवार से होने के चलते उन्हें समाज में काफी असमानता और जातीय भेदभाव झेलना पड़ा। 3. अपने अनुयायियों में बाबा साहेब के नाम से मशहूर आंबेडकर ने अपना सारा जीवन भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष में बिता दिया। उन्होंने भारतीय समाज में समानता लाने के काफी प्रयास किए। उन्होंने दलितों और पिछड़ों ...