America ki khoj kisne ki

  1. भारत की खोज किसने की थी
  2. INDIA HELP ME: Keyboard का अविष्कार किसने किया
  3. अमेरिका की खोज किसने की थी America Ki Khoj Kisne Ki Thi
  4. भारत की खोज कब और किसने की? जानिए पूरी जानकारी 2023 में
  5. विज्ञान की खोज किसने की और कब की
  6. इंटरनेट की खोज किसने की और कब?
  7. अमेरिका की खोज किसने की?
  8. प्रोटॉन की खोज किसने की, कब और कैसे हुई?
  9. एड्स की खोज किसने की थी


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भारत की खोज किसने की थी

Bharat ki khoj kisne ki : हम एक स्वतंत्र देश में रहते है, जो कई सालों से गुलामी की जंजीरो में जकड़ा हुआ था। जिसको आजाद कराने में हमारे क्रांतिकारियों का बहुत बड़ा हाथ है। देश के क्रांतिकारियों ने हमें स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राणों की अहुति दे दी। इन्ही की बदोलत आज हम इस देश में स्वतंत्रता से जी रहे है। हमारे देश का नाम भारत है, भारत दक्षिण एशिया में स्थित सबसे बड़ाभारत देश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है, और जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश भारत है। इस देश में ना सिर्फ हिंदु बल्कि सभी धर्मों के लोग शांति के साथ रहते है। इतना ही नही यहां के हर राज्यों में अलग अलग बोली बोली जाती है। भारत ही एक ऐसा देश है जहां विविध प्रकार की भाषा बोली जाती है। भारत देश के हर राज्य की अपनी एक खासियत है। भारत के नागरिकों को भारतीय कहा जाता है। भारत देश का नाम ऋषभदेव के पुत्र चक्रवर्ती भरत के नाम पर भारतवर्ष पड़ा। भारत देश को इंग्लिस में INDIA के नाम से जान जाता है। जब ब्रिटिश भारत आए तो उस समय भारत को ‘ हिंदुस्तान‘ और ‘ हिन्द‘ कहा जाता था, हिंदी में भारत के इन नामों को अंग्रेज़ों को बोलने में काफ़ी परेशानी होती थी। अंग्रेज़ों ने भारत का ऐसा नाम रखने की सोची जिसे अंग्रेज़ों आराम सो बोल सके। और जब उन्हे पता चला की प्राचीन ‘सिंधु घाटी सभ्यता’ को ‘ इंडस वैली‘ और ‘ सिंधु नदी‘ को ‘इंडस नदी’ कहते हैं। तो अंग्रेज़ों को ये नाम बोलने में सही लगा और उन्होने इसी के आधार पर भारत को ‘इंडिया’ नाम दिया। और तभी से भारत को INDIA के नाम से भी जाना जाने लगा। Bharat ki khoj kisne ki वास्कोडिगामा ने ही 20 मई 1498 को भारत की खोज की थी। वास्कोडिगामा ...

INDIA HELP ME: Keyboard का अविष्कार किसने किया

क्रिस्टोफर लैथम शोलेज (Christopher Lathom Sholes) ने पहले व्यवहारिक टाइपराइटर और Qwerty कुंजीपटल का अविष्कार किया था जो आज भी प्रयोग में है। इनका जन्म फरवरी 14 , 1819 को और इनका निधन फरवरी 17, 1890 को 71 साल के उम्र में हुआ ये एक अमेरिकी आविष्कारक थें। इनको Father Of Typewriter के नाम से भी जाना जाता है। जब इन्होंने टाइपराइटर बनाया तो इसमें सभी अक्षर सीधे एक लाइन में लगे थे जैसे A, B,C, D, E,.... इसमें बहुत सी कमियां थी जब इन्होंने टाइपराइटर बनाया तो इसमें बहुत सी गलतियां होती थी जैसे अक्षरों का आपस में उलझ जाना सभी अक्षर एक लाइन में होने के कारण टाइपिंग स्पीड भी अच्छी नहीं होती थी साथ में बटन एक के बाद एक होने के कारण इन्हें दबाने में भी परेशानी होती थी। इसके आ जाने के बाद स्पीड कम होना बटनों का आपस में उलझ जाना आदि समस्या हल हो गयी साथ में टाइपिंग करना भी आसान हो गया।जब कंप्यूटर का Keyboard बना तो उसमे QWERTY को ही अपनाया गया इसके बारे में न्यूयार्क की कॉर्नेलयूनिवर्सिटी में मानव व्यवहार और कार्यदक्षता पर अध्ययन कर रहे प्रोफेसर हेज ने बताया कि QWERTY Keyboard हमारी आदत में सुमार हो गया है जिसे हम बदलना नहीं चाहते इसलिए कंप्यूटर के आ जाने के बाद भी हमने टाइपराइटर का क्वर्टी कीबोर्ड अपना लिया।

अमेरिका की खोज किसने की थी America Ki Khoj Kisne Ki Thi

अमेरिका की खोज किसने की थी ( America Ki Khoj Kisne Ki Thi) इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास इस आर्टिकल “Christopher Columbus History” में है। इतिहास की किताबों में आता है कि अमेरिका की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने की थी। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि कोलंबस अमेरिका खोजने नही निकला था। वह भारत की खोज करने निकला था लेकिन अमेरिका पहुंच गया। तो आइए क्रिस्टोफर कोलंबस का इतिहास में अमेरिका की खोज (America Ki Khoj Kisne Ki Thi) जानने का प्रयास करते है। Contents • • • क्रिस्टोफर कोलम्बस का इतिहास Christopher Columbus In Hindi America Ki Khoj Kisne Ki Thi– क्रिस्टोफर कोलंबस एक नाविक थे जिनका जन्म 1451 ईसवी में जिनेवा, इटली में हुआ था। उनके पिता का नाम डोमेनिको कोलंबो था। कोलंबस का बचपन गरीबी में गुजरा था। उसे बचपन से ही समुद्री खोज करने की चाह थी। बचपन से ही कोलंबस ने जहाजी बनने की शिक्षा ली थी। कोलंबस के समय के लोग यह मानते थे कि दुनिया चपटी है। उनका मानना था कि समुद्र के रास्ते आगे जाने पर दुनिया खत्म हो जाएगी क्योंकि दुनिया का एक छोर है। कोलंबस ने साहस दिखाया और नई दुनिया की खोज के लिए निकले थे। क्रिस्टोफर कोलंबस ( Christopher Columbus) के अमेरिका खोजने के पीछे की कहानी बड़ी ही रोचक है। कोलंबस भारत की खोज करने निकले थे लेकिन अमेरिका पहुंच गए। वहां के लोगो को उन्होंने रेड इंडियन कहा। अमेरिका की खोज से पहले यह एक अनजान दुनिया थी। यूरोपवासियों को अमेरिका के बारे में नही पता था। कोलंबस ने नई दुनिया की खोज की थी। यूरोप के लोग भारत से लाये गए मसालों को खरीदते थे। अरब यूरोपवासियों को मसालें बेचा करते थे। यूरोप के लोगो के पास भारत जाने का जमीनी रास्ता नही था। भारत जाने के जमीनी रास्ते पर अरबों...

भारत की खोज कब और किसने की? जानिए पूरी जानकारी 2023 में

आज आप जानेंगे की Bharat Ki Khoj Kisne Ki? भारत दक्षिण एशिया में स्थित सबसे बड़ा देश है। जनसँख्या के आधार से भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। हमारे भारतदेश में कई जाति और धर्म के लोग निवास करते है और अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती है। भारत की संस्कृति को विश्व की प्राचीन संस्कृति माना जाता है। पुराने समय में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। क्योकि हमारे भारत में अलग-अलग शहरो से लोग व्यापार करने के लिए आते थे। आपको बात दे की पहले हमारे भारत देश के पास बहुत ज्यादा खजाना और पैसे थे। भारत में रहने वाले नागरिको को भारतीय कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते है की सोने की चिड़िया कहा जाने वाले देश की खोज किसने की? अगर नहीं जानते है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योकि आज हम आपको भारत की खोज किसने की (bharat ki khoj kisne ki hai)? वास्को डी गामा कौन थे? भारत का इतिहास? भारत के अन्य कई नाम कौन कौन से है? भारत देश की कुछ खास बातें? इसके बारे पूरी जानकारी देने जा रहे है। आज आप जानेंगे की Bharat Ki Khoj Kisne Ki? भारत की खोज कब और किसने की थी (bharat ki khoj kisne ki aur kab) आपको बता दे की भारत की खोज (india ki khoj kisne ki) पुर्तगाल के समुद्र यात्री वास्को डी गामा नाम के एक व्यक्ति ने 20 मई 1498 ईस्वी को की थी। वास्को डी गामा एक पुर्तगाली नागरिक थे और एक नाविक भी थे। आपकी जानकारी के लिए बता दे की 20 मई 1498 को वह 4 नाविको के दल के साथ कालीकट बंदरगाह में उतरा था जो की केरल राज्य का ही एक हिस्सा है। कालीकट बंदरगाह में तीन महीने तक रुकने के बाद पुनः पुर्तगाल चले गए। इसके बाद मूल दल में 170 लोग आये थें और कुछ लोगो को रास्ते में स्कर्वी नामक बीमारी होने से उनकी मृत्यु ...

विज्ञान की खोज किसने की और कब की

विज्ञान की खोज किसने की और कब की आज हम बहुत ऐसी चीज का इस्तेमाल करते जो विज्ञान की देन है विज्ञान का इतिहास विज्ञान और वैज्ञानिक ज्ञान के विकास का अध्ययन है जिसमें प्राकृतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान दोनों शामिल हैं और विज्ञान प्राकृतिक दुनिया के बारे में अनुभवजन्य, सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान का एक पार्ट है जो वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत किया गया है. आज विज्ञानं के बिना कुछ नही है यदि आज विज्ञानं नही होता तो सायद कुछ नही होता क्योकि विज्ञानं ने मानव को बहुत कुछ दिया है जिसके दम पे आज मानव अपना जीवन इतनी सरलता से जी रहा है. आज आप खुद ही देख सकते है आपके इस्तेमाल की जाने वाली छोटी से छोटी से छोटी सुई से लेकर और बड़ी से बड़ी एरोप्लेन सभी विज्ञानं की देन है. इस विज्ञानं को इतना आगे ले जाने के लिए वैज्ञानिको ने बहुत योगदान दिया उनके योगदान के बिना तो सायद आज इतना सब कुछ मुनकिन होता और विज्ञानं की बहुत सफलताये है आज विज्ञानं ने इन्सान को पृथ्वी से चाँद तक पहुचा दिया है और विज्ञानं से ही आज वैज्ञानिक वह जीवन सम्भव करने की कोसिस कर रहे है और कहा जा रहा है की आने वाले समय में यह नही सफलता मिलेगी. विज्ञान की खोज 19वीं शताब्दी में विलियम ववेल द्वारा अंग्रेजी शब्द वैज्ञानिक सबसे पहले इस्तेमाल किया गया था सन ,1883 में पहली बार वैज्ञानिक शब्द इस्तेमाल किया था और इस से पहले प्रकृति की जांच करने वाले लोग खुद को “प्राकृतिक दार्शनिक” कहते हैं जबकि प्राकृतिक दुनिया की प्रजननिक (empirical )जांच क्लासिकल पुरातनता (antiquity) थेल्स एंड अरिस्टल द्वारा वर्णित की गई है और मध्य युग इब्न अल-हैथम और रोजर बेकन द्वारा वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल किया गया है आधुनिक विज्ञान शुरुआत आधुनिक काल में हुई ...

इंटरनेट की खोज किसने की और कब?

आजके इस पोस्ट मे हम जानेंगे इंटरनेट का इतिहास हिंदी में, जैसे की Internet Ki Khoj Kisne Ki? | इंटरनेट की खोज किसने की और कब? और साथ ही इंटरनेट से जुड़ी सारी जानकारी देने वाले हैं, तो पूरी जानकारी के लिए हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ें। आजकल पूरी दुनिया इंटरनेट पर निर्भर हो गयी है मगर क्या आप जानते हैं, वह कौन व्यक्ति था जिसने इसका आविष्कार किया? तो आज हम यहाँ इंटरनेट का इतिहास साथ ही इंटरनेट की शुरुवात कैसे हुई? | इंटरनेट के कितने प्रकार होते हैं? और इससे संम्बंधित हर एक सवाल का जवाब देंगे। internet की खोज ने दुनिया में क्रांति ला दी है, आज इन्टरनेट सभी के लिए इतना जरूरी हो चुका है की अगर एक मिनट इंटरनेट बंद हो जाये तो करोड़ो का नुकसान हो जाएगा। आजकल लगभग सभी कुछ इंटरनेट के उपर निर्भर हो गया है, वैसे इन्टरनेट एक information लेने की टेक्नोलॉजी है जिससे हम बहुत सारी जानकारी ले सकते हैं और दूसरे लोगों को वह जानकारी दे भी सकते हैं क्योकि इन्टरनेट दुनिया भर के करोडो कंप्यूटर से जुड़ा हुआ है जिससे वह करोड़ो लोगो को आपस में जोड़े रखता है। अब सवाल ये है की आखिर इंटरनेट की खोज किसने की? Internet Ki Khoj Kisne Ki Thi इस बारे में जानने से पहले आइये जानते हैं internet क्या है? Internet किसी कहते हैं? इन्टरनेट एक दुसरे से जुड़े बहुत सारे कंप्यूटरों का एक जाल है जो राउटर एवं सर्वर के ज़रिए दुनिया के किसी भी कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है. दुसरे शब्दों में कहे तो सूचनाओ के आदान प्रदान करने के लिए TCP/IP प्रोटोकॉल के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच स्थापित सम्बन्ध को हम में से ज़्यादातर लोग जिसे इंटरनेट मानते हैं, वह असल में ऑपरेशन का सुंदर चेहरा है- browser window, वेबसाइट, URL औ...

अमेरिका की खोज किसने की?

हम ने बचपन से अमेरिका का नाम सुना है लेकिन ये दुनिया में कब सबके सामने आया क्या ये आप जानते हैं. अगर आप ये नहीं जानते की अमेरिका की खोज किसने की तो आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें. अमेरिका एक सर्व संपन्न देश है, सभी देशों की अपेक्षा यह देश एक शक्तिशाली देश है जिसमें हर एक व्यवस्था बहुत ही महत्वपूर्ण पूर्वक की गई है. अमेरिका एक महान देश है क्योंकि इस देश की हर एक व्यवस्था अन्य देशों की अपेक्षा काफी उच्च स्तर तक का होता है. इस देश की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की अपेक्षा बहुत ही ज्यादा है जिससे इस देश में किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती. अमेरिका एक शक्तिशाली देश है जिसके पास हर एक आवश्यक चीजों की साधन उपलब्ध है. कोलंबस अपने पिता के कामों में उनकी मदद किया करते थे लेकिन जैसे-जैसे कोलंबस बड़े होते गए इनकी रूचि समुद्री यात्राओं में बढ़ती गई और इसके दौरान इन्होंने समुद्री यात्रा करना अपना पैसा बना लिया और वे अपने पिता के काम को ना करके अपने रुचि अनुसार समुद्री यात्रा में जुट गए. क्रिस्टोफर एशिया महाद्वीप यानी भारत की खोज करना चाहते थे क्योंकि यूरोप में अक्सर भारत के मसाले सोने तथा अन्य खजानो का आयात निर्यात किया जाता था जिससे भारत के खजानो के साथ-साथ वहां के मसाले बहुत ही प्रसिद्ध है. यूरोप से भारत जाना और आना बहुत ही मुश्किल हुआ करता था इसलिए कोलंबस ने समुद्री रास्तों के द्वारा भारत पहुंचने का रास्ता निकालना चाहते थे. • • यूरोप से भारत की आयात और निर्यात की प्रक्रिया काफी परेशानी जनक हुआ करती थी और इस दौरान भारत से सामानों का आयात और निर्यात करने में काफी ज्यादा खर्च हुआ करता था. इसलिए कोलंबस ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए भारत के नए रास्ता का खोज करना चाहते थे जिससे भारत...

प्रोटॉन की खोज किसने की, कब और कैसे हुई?

प्रोटॉन (Proton)एकप्रकारकाधनात्मकवैद्युतआवेशएंवउपपरमाणविककणहोताहै, जोपरमाणुकेनाभिकमेंन्यूट्रॉनकेसाथपायाजाताहैं. कईलोग प्रोटॉनकीखोजकिसनेकी, कबऔरकैसेहुई? (Proton Ki Khoj) केबारेनहींजानतेहैंइसलिएइसलेखमेंइसकेबारेमेंसंपूर्णजानकारीदीगईहै. प्रोटॉनकीसबसेपहले H+ केरूपमेंयूजीनगोल्डस्टीनकेद्वारासन 1886 मेंदेखागयाथा. बादमेंइसेअर्नेस्टरदरफोर्ड (1917-1920) द्वाराकिसीअन्यपरमाणुकेनाभिकमेंएकधनात्मककणकेरूपमेंपहचानागयाऔरइसेएक“प्रोटॉन”कानामदियागया. यदिआपप्रोटॉनकीखोजकिसनेऔरकबकी? Proton ki khoj kisne kiकेबारेमेंअबभीसमझनहींपाएहैंतोइसआर्टिकलकोपूराअंततकजरूरपढ़िए. प्रोटॉनइतनेमहत्वपूर्णक्योंहैं? प्रोटॉनक्याहैइनहिंदी? (Definition of Proton in Hindi) प्रोटॉन (Proton) परमाणुकेनाभिकन्यूट्रॉनकेसाथपायाजाताहैं , जिसपरधनात्मकवैद्युतआवेश (Positively Charged) होतेहैं. परमाणुकेनाभिक (Nucleus) केअंतरप्रोटॉन (Proton) औरन्यूट्रॉन (Neutron) पाएजातेहैंऔरइलेक्ट्रॉनइसकेचारोंतरफचक्करलगातेहै. प्रोटॉनको p या p+ सेचिह्नितकियाजाताहै, जोपॉज़िटिवचार्जपार्टिकल (Proton) कोदर्शाताहै. प्रोटॉनकाद्रव्यमान 1.67×10^-27 kg होताहैजोइलेक्ट्रॉनकेद्रव्यमानका 1847 गुनाहै. साथहीइसपर 1.6021176634×10-19 कुलम्ब (Coulomb) होताहै. भौतिकीकेआधुनिकमानकमॉडलमें, यद्यपिप्रोटॉनकोमूलरूपसेमौलिकयाप्राथमिककण (elementary particle) मानाजाताथालेकिनयहअन्यछोटेछोटेअस्थाईसूक्ष्मकणोंसेमिलकरबनारहताहैजिन्हेक्वॉर्क (quarks) कहतेहैं. इसेहैड्रॉन (hadrons) केरूपमेंवर्गीकृतकियाजाताहैजैसेकिन्यूट्रॉनकोन्यूक्लियॉन (nucleon) केरूपमेंकियाजाताहै. प्रोटॉनकीखोजकिसनेकी ( Proton Ki Khoj Kisne Ki) यूजीनगोल्डस्टीनकेद्वारासन् 1886 मेंएनोडकिरणप्रयोगमेंप्रोटॉनको H+ केरूपसबसेपहलेदेखाग...

एड्स की खोज किसने की थी

1983 में फ्रांस के लुक मॉन्टेगनियर और फ्रांसोआ सिनूसी ने एलएवी वायरस की खोज की. इसके एक साल बाद अमेरिका के रॉबर्ट गैलो ने एचटीएलवी 3 वायरस की पहचान की. 1985 में पता चला कि ये दोनों एक ही वायरस हैं. 1985 में मॉन्टेगनियर और सिनूसी को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जबकि गैलो ने अपने परीक्षण का पेटेंट कराया. 1986 में पहली बार इस वायरस को एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस का नाम मिला.