Antrashtriy vyapar kise kahate hain

  1. थोक व्यापार किसे कहते हैं? » Thoka Vyapar Kise Kehte Hain
  2. अलंकार किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद तथा प्रकार)
  3. व्याकरण किसे कहते हैं, व्याकरण के भेद, परिभाषा और प्रकार
  4. राजनीति क्या हैं
  5. आयात प्रतिस्थापन की परिभाषा


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थोक व्यापार किसे कहते हैं? » Thoka Vyapar Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार ऑफिस में तो व्यापार किसे कहते हैं तो देखिए थोक का मतलब होता है ऐसा व्यापार जो बड़े स्तर पर किया जाता है उसे तो व्यापार कहते हैं यानी बाबा का एक ऐसा तरीका जो काफी बड़ी मात्रा में किया जाता है धन्यवाद namaskar office me toh vyapar kise kehte hain toh dekhiye thoka ka matlab hota hai aisa vyapar jo bade sthar par kiya jata hai use toh vyapar kehte hain yani baba ka ek aisa tarika jo kaafi badi matra me kiya jata hai dhanyavad नमस्कार ऑफिस में तो व्यापार किसे कहते हैं तो देखिए थोक का मतलब होता है ऐसा व्यापार जो बड़े

अलंकार किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद तथा प्रकार)

Image: Alankar Kise Kahate Hain अलंकार (Alankar): अलंकार का शाब्दिक अर्थ है, जिस तरह स्त्री की शोभा उसकी गहने और आभूषण होते हैं और इसी प्रकार प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है। अर्थात किसी भी तरह की वस्तु को जो अलंकृत करता है। वह अलंकार कहलाता है। कामशास्त्र के आचार्य की दृष्टि से अलंकार की परिभाषा है। काव्य की शोभा को बढ़ाने वाले शब्दों को ही अलंकार कहा जाता है। संक्षेप में काव्यशरीर, अर्थात भाषा को शब्दार्थ के द्वारा सुसज्जित और सुंदर बनाने वाले चमत्कार पूर्ण मनोरंजन शब्द को ही अलंकार कहते हैं। “अलंकरोति इति अलंकारः” जो भी शब्द अलंकृत करता है, उसे अलंकार कहते हैं। भारतीय साहित्य में उपमा रूपक, अनुप्रास, अनन्वय, यमक, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतियोक्ति आदि प्रमुख अलंकार है। अलंकार किसी दो शब्द से मिलकर बना है, जो अलम और कार अर्थात अलम+कार के संधि से बना है। यहां आलम का अर्थ है कि आभूषण। हमारे समाज में बहुत ही सौंदर्य फूल वस्तु है, जिनकी अलंकृत होने से अलंकारों को जन्म दिया है। अलंकार कविता कामिनी के सौंदर्य को और भी बढ़ाने वाले तत्व है। उदाहरण: कविता – भूषण बिना न सोहई (बनिता मित्त) विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • अलंकार क्या है? अलंकार शब्द सौंदर्य और अलंकरण का पर्याय कहलाता है। इसका मतलब है, जिस शब्द के द्वारा किसी वस्तु व्यक्ति अर्थात पदार्थ को अलंकृत करता है, उसे अलंकार कहते हैं। अलंकार के प्रकार अलंकार को तीन भागों में बांटा गया है। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार शब्द अलंकार किसे कहते हैं (Shabd Alankar Kise Kahate Hain) ऐसे शब्द जो काव्य में चमत्कार केवल शब्द पर ही आश्रित रहते हैं। अर्थात जब शब्दों के बदलने पर चमत्कार नष्ट हो जाता है या कम हो जाता है...

व्याकरण किसे कहते हैं, व्याकरण के भेद, परिभाषा और प्रकार

नमस्कार दोस्तों, व्याकरण किसे कहते हैं , व्याकरण के भेद,के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके पिछले लेख में आपने भाषा के बारे में जाना था। तो आइए जानते है की व्याकरण किसे कहते हैं ? और इसके कितने भेद होते हैं व्याकरण का अर्थ है- व्याकृत या विश्लेषण करने वाला शास्त्र। ‘व्याकरण वह शास्त्र है जो किसी भाषा को विश्लेषित करके उसके नियमो को स्पष्ट करता है तथा उस भाषा की शुद्ध जानकारी प्रदान करता हैं तथा उसे शुद्ध उच्चारित करने, लिखने और समझने की विधि बताता है। इसके द्वारा भाषा विशेष के वे नियम स्पष्ट किए जाते हैं जो शिष्ट एवं सुशिक्षित जनों के भाषा प्रयोग में दिखाई देते हैं। Contents • 1 व्याकरण किसे कहते हैं • 2 व्याकरण के भेद: • 3 वर्ण किसे कहते हैं? • 4 शब्द किसे कहते हैं • 5 पद किसे कहते हैं • 6 वाक्य किसे कहते हैं ? • 6.1 इस लेख के बारे में: व्याकरण किसे कहते हैं वह शास्त्र जिसके द्वारा किसी भी भाषा को शुद्ध शुद्ध लिखना, बोलना तथा पढ़ना सिखाता है ऐसे शास्त्र को व्याकरण कहते हैं। जब हम किसी भी भाषा को सीख रहे होते हैं तो उस समय उस भाषा का हमें सही ज्ञान नहीं होता है कि उस भाषा का कैसे प्रयोग करना है, कैसे उच्चारण करना है या फिर कैसे बोलना है इन सभी चीजों को समझने के लिए जिस माध्यम का प्रयोग करते हैं या जिस माध्यम से हम इन सारे नियमों को समझते हैं उसे व्याकरण कहते हैं। किसी भी भाषा को शुद्ध रूप से बोलने लिखने तथा उच्चारण करने के लिए व्याकरण का आना बहुत ही आवश्यक है यदि आपको व्याकरण नहीं आते हैं तो आप बहुत सारी ऐसी गलतियां करेंगे जो आपको खुद नहीं पता होंगे। हम कह सकते हैं किसी भी भाषा को शुद्ध रूप से लिखना शुद्ध रूप से पढ़ना तो शुद्ध रूप से बोलना जिस शास्त्र के द्वारा...

राजनीति क्या हैं

राजनीति क्या हैं? (What is Politics) राजनीति शब्द का निर्माण दो शब्दों से हुआ हैं- राज+नीति अर्थात किसी सत्ता को पाने के लिए जिस भी योजनाओं का निर्माण किया जाता हैं उसे राजनीति कहा जाता हैं। राजनीति के महान ज्ञाता एवं राजनीति के जनक के रूप में अरस्तू इसके द्वारा शासन या सत्ता की प्राप्ति करना सम्भव हैं। एक देश दूसरे देश के साथ या एक राज्य दूसरे राज्य से अपनी बात मनवाने के लिए जिस कूटनीति का प्रयोग करता हैं उसे राजनीति कहा जाता हैं। राजनीति का विकास अति प्राचीन काल से ही हो गया था। प्रत्येक राजा सत्ता की प्राप्ति के लिए योजना बनाता था और सत्ता की प्राप्ति हेतु उस योजना के अनुसार ही सभी कार्यो का आयोजन करता था और सत्ता को प्राप्त करता था। प्राचीन काल से ही यह देखा जा रहा हैं कि राजनीति में अहिंसा की जगह हिंसा का सहारा लिया जाता रहा हैं। प्रत्येक राजा या राजनेता सत्ता की प्राप्ति हेतु हिंसा का सहारा लेता हैं एवं सत्ता प्राप्ति हेतु दूसरों के साथ गलत व्यवहार करता हैं। वह राजा या राजनेता सत्ता हेतु दिखावे के सहारा लेता हैं। वह दूसरों की मदद भी अपने स्वार्थ हेतु करता हैं ताकि उसे सत्ता की प्राप्ति हो सकें और उसी को राजनीति (Politics) कहा जाता हैं। आज के युग में प्रत्येक क्षेत्र में राजनीति का सहारा लिया जाता हैं फिर चाहे वह सत्ता की प्राप्ति हेतु हो या फिर किसी मे अपना वर्चस्व जमाने के लिए या अपने अधिकार की प्राप्ति हेतु आज कल सभी लोग किसी भी कार्य की पूर्ति हेतु नीति का निर्माण करते हैं और जिनकी नीति सबसे अच्छी होती हैं उनकी योजनाएं सफल होती हैं और उनको सत्ता या वर्चस्व की प्राप्ति होती हैं। Rajniti का उपयोग प्राचीन काल में राजा लोग सत्ता की प्राप्ति हेतु करते थे परंतु वर्तमान ...

आयात प्रतिस्थापन की परिभाषा

विकासशील या उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए और विकसित देशों पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए इच्छा है कि बाजार राष्ट्रों उभरते द्वारा नियोजित आर्थिक सिद्धांत। वे आयातित माल के साथ प्रतिस्पर्धा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए उभर सकता है ताकि सिद्धांत का कार्यान्वयन घरेलू शिशु उद्योगों के संरक्षण और ऊष्मायन पर केंद्रित है। हमारा विदेशी मुद्रा व्यापार वेबसाइट निवेश अवधि का वर्णन करता है – ‘आयात प्रतिस्थापन औद्योगीकरण (आईएसआई)’ आयात प्रतिस्थापन औद्योगीकरण (आईएसआई) लैटिन अमेरिकी देशों में पोस्ट-द्वितीय विश्व युद्ध के युग में उद्भव के लिए आया था। आईएसआई ऐसे शुल्क, आयात कोटा और रियायती सरकारी ऋण के रूप में विभिन्न रास्ते के माध्यम से स्थानीय उद्योगों की रक्षा करना चाहता है। आईएसआई का अभ्यास उन देशों के लिए एक उत्पाद है, न सिर्फ अंतिम उत्पाद के हर चरण के लिए उत्पादन चैनलों को विकसित करना चाहते हैं। आईएसआई काउंटर देशों वे एक विशेष लाभ होता है, जिसमें वस्तुओं के उत्पादन में विशेषज्ञ जहां तुलनात्मक लाभ के आर्थिक सिद्धांत को चलाता है, और फिर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में संलग्न हैं।