अतीक अहमद

  1. उमेश पाल अपहरण: क्या है 17 साल पुराना वह केस जिसने अतीक अहमद को पहले दर
  2. आज कोर्ट में पेशी; 1300 KM का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया, 8 बार रुका काफिला
  3. प्रयागराज पहुंचे असद और गुलाम के शव, अतीक अहमद बोला, 'अल्लाह की देन था, अल्लाह ने ले लिया'
  4. अतीक अहमद
  5. Atique Ahmed Profile Story: तांगे वाले का बेटा कैसे बना खूंखार माफिया
  6. Who Are The Killers Of Atiq Ahmed And Ashraf? Read All The Information Here
  7. अतीक अहमद से भी बड़े शातिर! डॉन की ब्लैक मनी को ऐसे लगाते थे ठिकाने; पुलिस को मिले अहम सुराग
  8. Atiq Ahmed And Ashraf Shot Dead, Know About Incident, 10 Big Things
  9. UP: Flats Built On Land Vacated By Mafia Atiq Ahmed Allotted To The Poor


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उमेश पाल अपहरण: क्या है 17 साल पुराना वह केस जिसने अतीक अहमद को पहले दर

डीएनए हिंदी: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को शनिवार की रात में प्रयागराज में सरेआम गोलियों से भून दिया गया. दोनों को तब गोली मारी गई, जब पुलिस उनका मेडिकल कराने के लिए लेकर जा रही थी. इसी दौरान तीन हमलावरों ने उत्तर प्रदेश के सबसे कुख्यात दबंग माफिया में से एक पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या कर दी. अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड में सुनवाई के लिए गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था. उमेश पाल ही वह शख्स थे, जिनके चलते अतीक का चार दशक से चल रहा उत्तर प्रदेश में माफियाराज रसातल में जाना शुरू हुआ और आखिरकार उसकी मौत का कारण भी बन गया. दरअसल साल 2006 में उमेश पाल का अपहरण किया गया था. इसका आरोप अतीक अहमद और उसके गैंग पर लगा था. इसके बाद से ही अतीक कानून के चंगुल में फंसना शुरू हुआ और उसका साम्राज्य ढहता चला गया. इस सबकी शुरुआत हुई साल 2005 में 25 जनवरी को हुए राजू पाल हत्याकांड से. राजू पाल उस समय बसपा के विधायक थे और उनको दिनदहाड़े प्रयागराज की सड़कों पर गोली मार दी गई. उमेश पाल इस केस में गवाह थे. आरोप है कि उमेश पाल की गवाही रोकने के लिए 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया. इसके एक साल बाद उमेश पाल ने प्रयागराज के धूमनगंज थाने में साल 2007 में केस दर्ज करवाया. यह भी पढ़ें- गवाही बदलने के लिए किडनैपिंग का आरोप उमेश पाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ अपने साथियों के साथ आया और उमेश को उठाकर अपने दफ्तर ले गया. वहां उमेश को जमकर मारा-पीटा गया और गवाही न पलटने पर जान से मारने की धमकी दी. उमेश पाल ने पांच लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने जब जांच की तो और भी लोगों के नाम इसमें श...

आज कोर्ट में पेशी; 1300 KM का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया, 8 बार रुका काफिला

इससे पहले 26 मार्च को सुबह यूपी STF के अफसर और 30 हथियारबंद जवान अहमदाबाद पहुंचे और शाम 4 बजे तक गुजरात पुलिस से अतीक की कस्टडी ली। 5 बजकर 44 मिनट पर अतीक को साबरमती जेल से बाहर लाया गया और वैन में बैठा दिया गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उसने कहा, 'यूपी STF मेरी हत्या कर देगी।' भास्कर के 2 रिपोर्टर चेतन पुरोहित और कमल परमार अहमदाबाद से प्रयागराज तक पूरे सफर को फॉलो कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सुबह 7 बजे के आसपास जब काफिला MP के शिवपुरी में रोका गया तो अतीक को भी बाहर उतारा गया। उससे पूछा गया कि क्या आपको डर लग रहा है, तो गैंगस्टर बोला- किस बात का डर। STF का काफिला अहमदाबाद से राजस्थान के उदयपुर-कोटा होते हुए मध्य प्रदेश में शिवपुरी के रास्ते सोमवार सुबह 9 बजे के करीब उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ। अहमदाबाद से STF टीम रविवार शाम 5:45 बजे निकली थी, जो सोमवार शाम 5:30 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंची। टीम ने 1300 किलोमीटर का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया। इस दौरान काफिला 8 जगह रुका। अतीक के अहमदाबाद से निकलने और प्रयागराज पहुंचने की दो तस्वीर नीचे देखें... अतीक अहमद को किस मामले में प्रयागराज लाया गया पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक ने 2006 में उमेश पाल को गन पॉइंट पर अगवा कर लिया था। उमेश ने 2007 में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था। इस केस में प्रयागराज की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट 28 मार्च को फैसला सुनाएगी। इसी केस में आरोपी अतीक को कोर्ट में पेश करने के लिए यूपी STF उसे प्रयागराज लाई है। अतीक जिस रास्ते से आया, उसे ग्राफिक के जरिए समझिए... अतीक के वकील ने कहा- हमें उनकी सुरक्षा की फिक्र अतीक के वकील विजय मिश्रा ने कहा- 'कोर्ट के आद...

प्रयागराज पहुंचे असद और गुलाम के शव, अतीक अहमद बोला, 'अल्लाह की देन था, अल्लाह ने ले लिया'

डीएनए हिंदी: माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज लाया जा चुका है. शुक्रवार रात को पुलिस दोनों को लेकर धूमनगंज थाने में पहुंची. दूसरी तरफ, एनकाउंटर में मारे गए असद अहमद और गुलाम मोहम्मद के शव भी झांसी से लाए जा चुके हैं. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अतीक अहमद ने अर्जी दी है कि वह भी अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल होना चाहता है. वहीं, अतीक अहमद से जब बेटे के एनकाउंटर के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, 'अल्लाह की देना था, अल्लाह ने ले लिया.' प्रयागराज के कसारी-मासरी इलाके में असद और गुलाम मोहम्मद के शवों को दफनाया जाता है. दोनों की कब्रें तैयार हैं. वहीं, गुलाम मोहम्मद के परिवार ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया है. दोनों के शवों को भारी सुरक्षा के बीच झांसी से प्रयागराज लाया जा चुका है. कहा जा रहा है कि आज ही दोनों के शवों को दफनाया जा सकता है. पेशी के लिए प्रयागराज लाए गए अतीक अहमद ने कोर्ट में अर्जी दी है कि उसे भी अपने बेटे के जनाजे में शामिल होने दिया जाए. उसकी अर्जी पर आज सुनवाई होगी. यह भी पढ़ें- प्रयागराज में भारी पुलिस फोर्स तैनात वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि फरार चल रही शाइस्ता परवीन यानी अतीक अहमद की बीवी भी असद के जनाजे में शामिल है. इसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस अलर्ट पर है. बता दें कि शाइस्ता परवीन पर 50 हजार रुपये का इनाम है और उमेश पाल के हत्याकांड के बाद से ही वह फरार है. इसी मामले में असद और गुलाम मोहम्मद भी फरार थे और यूपी एसटीएफ ने इन दोनों को एनकाउंटर में मार गिराया. बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद फरार हुए आरोपियों में से अभी तक 5 का एनकाउंटर हो चुका है. कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं. इस ...

अतीक अहमद

अनुक्रम • 1 व्यक्तिगत जीवन • 2 राजनीतिक जीवन • 3 चुनावी इतिहास • 4 अपराधिक मामले • 5 हत्या • 6 इन्हें भी देखें • 7 संदर्भ व्यक्तिगत जीवन [ ] अतीक का विवाह शाइस्ता परवीन से हुआ था। इनके का पाँच बेटे थे जिनके नाम अली, उमर अहमद, असद, अहज़ान और अबान थे। इनके बेटे असद का बहुचर्चित उमेशपाल हत्याकाण्ड में आरोपी होने के कारण उत्तरप्रदेश पुलिस व अन्य सुरक्षा दलों द्वारा 12 अप्रैल को एनकाउंटर कर दिया गया। राजनीतिक जीवन [ ] अतीक चुनावी इतिहास [ ] अतीक 5 बार विधायक और 1 बार # कार्यकाल प्रारंभ कार्यकाल समाप्त पद/स्थिति पार्टी 1. 1989 1991 2. 1991 1993 3. 1993 1996 4. 1996 2002 5. 2002 2004 6. 2004 2009 अपराधिक मामले [ ] 15 दिसंबर 2016 को, अतीक पर संगीन धाराओं में 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। वह जेल के अंदर से ही अपनी अपराधिक गतिविधियों को संभाला करता था। उस पर उमेश पाल हत्याकांड से संबंध होने के भी आरोप लगे। अपने आखिरी दिनों में उसने आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैय्यबा, आई.एस.आई. और अंडरवर्ल्ड से अपने जुड़े होने की बात पुलिस के सामने कबूली थी। हत्या [ ] 15 अप्रैल, 2023 को, इन्हें भी देखें [ ] • • • संदर्भ [ ] • • BBC News (अंग्रेज़ी में). • The Indian Express (अंग्रेज़ी में). 2023-03-27 . अभिगमन तिथि 2023-03-27. • . अभिगमन तिथि 2017-01-16. • The Times of India . अभिगमन तिथि April 27, 2019. • . अभिगमन तिथि 2017-01-16. • archive.indianexpress.com . अभिगमन तिथि 2017-01-16. • BBC News (अंग्रेज़ी में). • The Times of India. 2023-04-13. . अभिगमन तिथि 2023-05-09. • • India Today (अंग्रेज़ी में) . अभिगमन तिथि 2023-03-27. • Aditi Phadnis (12 February 2012). • Arun Chaubey (May 2007). '". ZeAti...

Atique Ahmed Profile Story: तांगे वाले का बेटा कैसे बना खूंखार माफिया

अतीक अहमद के पिता हाजी फिरोज तांगा चलाते थे. अतीक खुद अनपढ़ था, लेकिन इतना महत्वाकांक्षी था कि पैसों की खातिर जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद, वह कुछ ही दिनों के भीतर अपराध जगत का बेताज बादशाह बन गया. उसने अपने अलावा छोटे भाई अशरफ और बाद में, बेटों की भी क्राइम की दुनिया में एंट्री करायी. इसके बाद, वो भी अतीक की तरह अपराधी बन गए. हालांकि, 1989 के चुनाव में तत्कालीन पार्षद और अतीक जैसा ही आपराधिक छवि का चांद बाबा भी मैदान में उतरा था. लेकिन अतीक को यह बात नागवार गुजरी थी. उसने वोटिंग के बाद नतीजे आने से पहले ही बाबा को प्रयागराज के रोशन बाग इलाके में कथित तौर पर अपने गुर्गों के साथ मिलकर गोली और बमों से मौत के घाट उतार दिया था. अतीक ने इलाहाबाद पश्चिम सीट से 1989, 1991, 1993, 1996 और 2002 में लगातार जीत हासिल की. पहला दो चुनाव वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीता. तीसरे चुनाव में भी वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ही मैदान में उतरा था, लेकिन SP-BSP गठबंधन ने उसे अपना समर्थन दिया और उसके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं खड़ा किया. 1996 में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुना गया था. वहीं, 2002 में अतीक अहमद ने डा. सोनेलाल पटेल की पार्टी 'अपना दल' के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. इसके बाद, अपना दल ने उसे यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था. हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान अतीक ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी में वापसी की और फूलपुर से चुनाव लड़कर पहली बार सांसद बना. इसके बाद से, अतीक अहमद ने जो भी चुनाव लड़ा, उसे जीत नहीं नसीब हुई. 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिम सीट से BSP विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत कुल...

Who Are The Killers Of Atiq Ahmed And Ashraf? Read All The Information Here

कौन हैं अतीक अहमद और अशरफ के हत्यारे? यहां पढ़ें हर जानकारी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में शनिवार शाम को गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना में तीन आरोपी कथित रूप से शामिल है. जिन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया है. आइये जानते हैं अतीक और उसके भाई की हत्या करने वाले आरोपी आखिर हैं कौन? • अतीक अहमद की हत्या करने लिए जो बदमाश आए थे, वो खुदको पत्रकरा बता रहे थे. • अतीक की हत्या शनिवार शाम करीब सवा आठ बजे के करीब की गई. यह पूरी घटना कैमरे पर कैद हो गई. • अतीक अहमद और उसके भाई पर बदमाशों ने 10 राउंड की फायरिंग की. • पुलिस ने बाद में आरोपियों को काबू किया. और में उन्हें गिरफ्तार भी किया. • हालांकि, पुलिस ने हत्या में शामिल बदमाशों के नाम को साझा नहीं किया है. • पुलिस को घटना स्थल से कारतूस के कई खोखे माले हैं. पुलिस फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों से मामले को लेकर पूछताछ कर रही है.

अतीक अहमद से भी बड़े शातिर! डॉन की ब्लैक मनी को ऐसे लगाते थे ठिकाने; पुलिस को मिले अहम सुराग

प्रयागराज: उमेश पाल शूटआउट कांड की जांच में एक नया एंगल सामने आया है. अतीक अहमद व अशरफ अहमद के घरवालों को आर्थिक रूप से मदद करने वाले रेस्टोरेंट संचालक व प्रॉपर्टी डीलर का नाम सामने आया है. यह लोग उनके घरों को ही मदद नहीं करते थे बल्कि अतीक-अशरफ के शूटरों को भी आर्थिक रूप से मदद करते थे. रेस्टोरेंट की आड़ में और प्रॉपर्टी डीलर के जरिए ये लोग कमाई करके माफिया ब्रदर्स व उनके गैंग के लोगों को पैसा प्रोवाइड करवाते थे. पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. पुलिस अब जल्द ही प्रॉपर्टी डीलर और रेस्टोरेंट संचालक को आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है. यह दोनों अतीक-अशरफ के ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में कन्वर्ट भी करते थे. इनमें से एक शख्स को पुलिस उठाकर कई दिनों तक पूछताछ भी की थी. लेकिन उस समय रेस्टोरेंट संचालक ने कोई भी चीज नहीं उगला. लेकिन पुलिस की विवेचना जब आगे बढ़ी तो पर्दा साफ होता चला गया. यह लोग माफिया ब्रदर्स को आर्थिक रूप से मदद करते थे उनके पैसों को अपने बिजनेस में लगाते थे. इसके साक्ष्य भी पुलिस के हाथ लग गए हैं. जेल तक जाते थे मिलने 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में अब नए खुलासे हो रहे हैं. माफिया ब्रदर्स के करीबी शहर के एक रेस्टोरेंट संचालक का नाम सामने आया है. उमेश पाल हत्याकांड की करीबी रेस्टोरेंट संचालक से जुड़ी हुई है यह एक साजिशकर्ता और मददगार के रूप में भूमिका निभा रहा था. इस कांड को करने के लिए सूत्रों को प्रॉपर्टी डीलर द्वारा पैसा भवाई कराया गया था. सूत्रों की मानें तो इन दोनों का नाम साजिशकर्ताओ व मददगार के रूप आने के बाद अब उनके नाम को शामिल किया जाएगा. बीते 2 महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने प्रॉपर्टी डीलर के ...

Atiq Ahmed And Ashraf Shot Dead, Know About Incident, 10 Big Things

प्रयागराज : Atiq Ahmed Shot Dead:माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई है. दोनों को पुलिस मेडिकल के लिए प्रयागराज मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची थी, जहां पर उन्‍हें गोली मार दी गई. अतीक अहमद के वकील के मुताबिक, दोनों को 10 से ज्‍यादा गोलियां लगीं. साथ ही उन्‍होंने कहा कि हत्‍या के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इस घटना से जुड़ी 10 बड़ी बातें : मामले से जुड़ी अहम जानकारियां : • अतीक के वकील विजय मिश्रा के मुताबिक, अतीक और अशरफ को प्रयागराज के धूमनगंज थाने से मेडिकल के लिए ले जाया गया था. • मिश्रा के मुताबिक, पत्रकारों की भीड़ में से किसी नेताबड़तोड़ फायरिंग कर • हत्‍यारों के मीडियाकर्मियों के भेष में सामने आने की बात सामने आ रही है. उनके पास से मीडिया का कार्ड भी मिला है. • जानकारी के मुताबिक, गोली लगने के बाद अतीक और अशरफ गिर पड़े. • अतीक के वकील का कहना है कि आज पहले की तुलना में कम पुलिस बल था. • घटना के वक्‍त अतीक और अशरफ के पैरोकार वकील थोड़ी दूरी पर खड़े थे.जानकारी के मुताबिक, हत्‍यारों ने पत्रकारों के बीच से निकलकर पहले अतीक के सिर में गोली मारी. • इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि तीनों ने सरेंडर कर दिया है. • इस घटना के बाद जिले की सीमा को सील कर दिया गया है, वहीं हत्‍या के बाद प्रयागराज के पुराने इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. • हत्‍याकांड के बाद फरारी काट रही अतीक की पत्‍नी शाइस्‍ता भी घटनास्‍थल पर भी पहुंची. • अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम के शव को आज ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. हालांकि अतीक अहमद इसमें शामिल नहीं हो सका था. ये भी पढ़ें : * * *

UP: Flats Built On Land Vacated By Mafia Atiq Ahmed Allotted To The Poor

माफिया अतीक अहमद के अवैध कब्जे से खाली कराई गई जमीन पर बने 76 फ्लैट लॉटरी के माध्यम से शुक्रवार को गरीबों को आवंटित कर दिए गए. प्रयागराज में एक कार्यक्रम में लाभार्थियों को फ्लैट के आवंटन के बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद चौहान ने कहा, ‘‘नगर में माफिया अतीक अहमद से हमने जमीन खाली कराई थी जहां माफिया का आवास था और उसका कार्यालय भी चलता था.’’