अतिशयोक्ति अलंकार के 20 उदाहरण

  1. Atishyokti Alankar or अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण और परिभाषा
  2. अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा, उदाहरण और पहचान
  3. अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान, उदाहरण
  4. अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार की परिभाषा, भेद, उदाहरण
  5. भारतीय काव्यशास्त्र (दिवि)/अलंकार


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Atishyokti Alankar or अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण और परिभाषा

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अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा, उदाहरण और पहचान

अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा, उदाहरण, भेद, इसकी पहचान कैसे होती है, महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर, आदि का विस्तार पूर्वक इस लेख में अध्ययन किया जा सकता है। अतिशयोक्ति अलंकार को सरल बनाने के लिए हमने कठिनाई स्तर की पहचान करते हुए अतिरिक्त उदाहरण का प्रयोग किया है। इस लेख का अध्ययन आप विद्यालय,विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कर सकते हैं। इसके अध्ययन से आप लगभग सभी अलंकारों से परिचित हो सकते हैं। अलंकार को काव्य का आभूषण माना गया है अर्थात यह काव्य में प्रस्तुत होकर उसे अलंकृत करते हैं, उसकी शोभा को बढ़ाते हैं साथ ही चमत्कार उत्पन्न करने की क्षमता भी रखते हैं। अलंकार साहित्य को रुचिकर बनाने में भी योगदान देते हैं। अलंकार के मुख्यतः दो भेद हैं – शब्दालंकार ,अर्थालंकार। अतिशयोक्ति अलंकार का संबंध अर्थालंकार से है। अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा जब किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ा कर कहा जाए कि वह लोग सीमा के बाहर हो तब वहां अतिशयोक्ति अलंकार माना जाता है। जैसे – “हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई, गए निशाचर भाग। । उपरोक्त वाक्य में हनुमान जी के लंका दहन का प्रसंग को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। इस पंक्ति में आग लगने से पूर्व ही लंका बहते हुए सिगरी की भांति जलकर राख हो गई और वहां रहने वाले निशाचर अर्थात राक्षस या तो जलकर मर गई या भाग गए। यह अतिशयोक्ति है जो बढ़ा-चढ़ा कर उस दृश्य को प्रस्तुत किया गया है। अन्य अलंकार की जानकारी भी प्राप्त करें अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण उदहारण व्याख्या आगे नदिया पड़ी अपार घोड़ा कैसे उतरे पार राणा ने सोचा इस पार तब तक चेतक था उस पार। प्रस्तुत वाक्य में महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का वर्णन है जो राणा के सोच से भी तेज कार्य किया करता था...

अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान, उदाहरण

यह लेख अतिश्योक्ति अलंकार का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करता है। यहां आप अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान, उदाहरण आदि का अध्ययन करेंगे। यह लेख विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप सरल भाषा का प्रयोग करते हुए तैयार किया गया है। इस लेख के अध्ययन से आप परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख के अध्ययन उपरांत आप अतिशयोक्ति अलंकार से भलीभांति परिचित हो सकेंगे। अलंकार के प्रति अपनी समझ को विकसित करते हुए उसकी पहचान कर सकेंगे। अतिशयोक्ति अलंकार को आप खुद से बना सकेंगे। अलंकार का मुख्य कार्य काव्य की शोभा बढ़ाना होता है। अलंकार काव्य में श्रृंगार तथा चमत्कार की वृद्धि करते हैं। सीमित शब्दों का प्रयोग करते हुए बड़ी तथा दुर्लभ बातों का अर्थ अलंकार के माध्यम से संभव है। जिस प्रकार महिलाएं अपने रूप को सवांरने के लिए गहनों तथा सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग करती है उसी प्रकार काव्य में अलंकार का प्रयोग किया जाता है। Table of Contents • • • • • • अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा जहां किसी वस्तु , पदार्थ या प्राणी कि बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन प्रस्तुत किया गया हो वहा अतिश्योक्ति अलंकार होता है। जिस पंक्ति में उपमेय का वर्णन लोक सीमा से अधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है , वहां अतिश्योक्ति अलंकार माना जाता है। अतिश्योक्ति अलंकार का उदहारण उदहारण पहचान संकेत हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग। हनुमान की पूंछ में आग लगने से पूर्व ही लंका अंगारे की भांति दहक उठी यहां बढ़ा चढ़ाकर वर्णन किया गया है। पद पाताल शीश अजधामा अपर लोक अंग-अंग विश्राम। इस पंक्ति में राम के रूप का वर्णन है जिनका शीश आसमान में है पैर पाताल में और उनके अंग समस्त ब्रह्मांड मे...

अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार की परिभाषा, भेद, उदाहरण

अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार की परिभाषा, भेद, उदाहरण, हिंदी व्याकरण का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है अलंकार जो की साहित्य खंड का हिस्सा है। अलंकार का वर्णन इस पृष्ठ में विस्तृत रूप में दिया गया है। यदि आप अलंकार, उसके भेद, प्रकार, परिभाषा अथवा उदाहरण जानना चाहते हैं तो यह लेख पूरा पढ़ें। और देखिये कितने प्रकार के अलंकार होते हैं। संधि एवं संधि विच्छेद अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार की परिभाषा, भेद, उदाहरण अलंकार शब्द ‘ अलम्’ एवं ‘ कार’ के योग से बना है, जिसका अर्थ है – आभूषण या विभूषित करने वाला। अलंकार किसे कहते हैं जिन उपकरणों का शैलियों से काव्यों की सुन्दरता बढाई जाती है, उन्हे ही ‘ अलंकार’ का जाता है। अलंकार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- • शब्दालंकार • अर्थालंकार शब्दालंकार : जहाँ शब्दें में अलंकार हो। अलंकार में शब्द विशेष को बदल दिया जाए तो अलंकार नहीं रह पाएगा। GK, GS, Maths, Reasoning Quiz के लिए टेलीग्राम चैनल ज्वाइन करें - शब्दालंकार के अंतर्गत आने वाले अलंकार – • अनुप्रास • यमक • श्लेष • पुनरुक्ति • प्रश्न • स्वरमैत्री, आदि अर्थालंकार : जहाँ अलंकार अर्थ पर आश्रित हो, वहां अर्थालंकार होता है। इस अलंकार में शब्दों के परिवर्तन कर देने पर भी अर्थ में बदलाव नहीं आता है। अर्थालंकार के अंतर्गत आने वाले अलंकार – • उपमा • रूपक • उत्प्रेक्षा • अतिशयोक्ति • अन्योक्ति • अपह्नुति • व्यतिरेक • विरोधाभास, आदि अनुप्रास अलंकार और उदाहरण इस अलंकार में किसी व्यंजन वर्ण की आवृत्ति होती है। आवृत्ति का अर्थ है दोहराना। जैसे- ‘‘तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये।’’ उपयुक्त उदाहरणों में ‘त’ वर्ण की लगातार आवृत्ति है, इस कारण से इसमें अनुप्रास अलंकार की छटा है। अनुप्रास अलंकार के उदाह...

भारतीय काव्यशास्त्र (दिवि)/अलंकार

← अलंकार अलंकार अलंकार दो शब्दो के मेल से बना है, अलम् + कार। अलम् का अर्थ आभूषण होता है। जो अलंकृत या अभूषित करे वह अलंकार है। अलंकार काव्य का बाह्य शोभाकारक धर्म है। जिस प्रकार आभूषण स्त्री के नैसार्गिक सौंदर्य को बढा देते है, ठीक उसी प्रकार अलंकार काव्य की रसत्मकता को बढा देते है। वास्तव में अलंकार वाणी का आभूषण है। काव्य में रमणीयता और चमत्कार लाने के लिए अलंकार आवश्यक होता है, परन्तु अनिवार्य नहीं। अलंकार को तीन भेद- क. शब्दालंकार (1) अनुप्रास अलंकार (2) छेकानुप्रास (3) वृत्यानुप्रास (4) लाटानुप्रास (5) अन्त्यानुप्रास (6) श्रुतानुप्रास (7) यमक अलंकार (8) श्लेष अलंकार (9) वक्रोक्ति अलंकार ख. अर्थालंकार (1) रूपक अलंकार (2) उपमा अलंकार (3) उत्प्रेक्षा अलंकार (4) मानवीकरण अलंकार (5) विरोधाभास अलंकार (6) संदेह अलंकार (7) अतिशयोक्ति अलंकार (8) भ्रांतिमान अलंकार (9) विशेषोक्ति अलंकार (10) विभावना अलंकार( इत्यति) ग. उभयालकार शब्दालंकार जहाँ विभिन्न शब्दों के प्रयोग से रमणीय, सौंदर्य, और चमत्कार उत्पन्न होते हैं, जो अलंकार किसी विशेष शब्द की स्थिती में हो रहे और उस शब्द के पर्याचावाची शब्द रख देने से उसका अस्तित्व न रहे, वह शब्दालंकार शब्द है। उदहारण- तनुजा तात तमाल तरुवर बहु छाए। स्पष्टीकरण- उदाहरण में‘त’वर्ण की आवृति हो रही है, किसी वाक्य में किसी वर्ण या व्यंजन की एक से अधिक बार आवृति होती है तब वहां अनुप्रास अलंकार होता है। अतः यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आएगा। अनुप्रास अलंकार के प्रकार- •छेकानुप्रास •वृत्यानुप्रास •लाटानुप्रास •अन्त्यानुप्रास •श्रुत्यानुप्रास छेकानुप्रास- जबवर्णोंकीआवृत्तिएक से अधिक बार होती है तो वहछेकानुप्रासकहलाता है। उदाहरण - दिनान्त था थे दि...