और अधिक जानें

  1. Dyslexia: डिस्लेक्सिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार
  2. खान एकेडमी के बारे में जानें
  3. Methi And Kalanji: Know The Unique Benefits Of Eating Kalonji With Fenugreek
  4. Do Left Handed People Die Younger Than Right Handed People
  5. Government of India, All India Council for Technical Education
  6. कौन थे अकबर के नवरत्न और दरबार में क्या थी उनकी उपाधि, जानें


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Dyslexia: डिस्लेक्सिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार

डिस्लेक्सिया सीखने समझने में होने वाली कठिनाई है जो पढ़ने में दिक्कत, लिखने और वर्तनी की समस्याओं का कारण बनती है। यह बुद्धि को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन, बच्चे सीधे अक्षर को उल्टा लिखते हैं, जो एक तरह की लर्निंग डिसेबिलिटी है। डिस्लेक्सिया (Dyslexia) कितना आम है? यह ज्यादातर बच्चों में होता है और वयस्क होने तक इसका पता नहीं चल पाता है। बच्चों में होने वाली लर्निंग डिसेबिलिटीज बहुत आम हैं। साथ ही यह भी जान लें कि लर्निंग डिसेबिलिटी को मेंटल रिटायर्डनेस न समझें। इनके कारण बच्चों को नई चीजें सीखने में परेशानी हो सकती है। साथ ही अगर आपके बच्चे को चीजें सीखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो इस परेशानी को पहचान कर किसी प्रोफेशनल की मदद लें और इससे निपटने के लिए रणनीति बनाएं। बच्चों में पाई जाने वाली डिस्लेक्सिया और डिसकैल्कुलिया ऐसी ही आम लर्निंग डिसेबिलिटीज हैं, जिनके कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है। और पढ़ें – जानिए इसके लक्षण डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के क्या लक्षण हैं? डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के सामान्य लक्षण निम्न हैं • स्पेलिंग को पढ़ने में दिक्कत • राइमिंग सीखने या उसका खेल खेलने में मुश्किल • समस्याओं को हल करने, चीजों को याद रखने या समझने में दिक्कत जो वो सुनते है • शब्दों या अक्षरों में समानता और अंतर करने में कठिनाई • एक विदेशी भाषा सीखने में कठिनाई • • सुनाई देने पर भी बातों को समझने में देरी होना • सवालों के जवाब देते समय सही शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाना • एक जैसे शब्दों या पर्यावाची शब्दों में फर्क नहीं बता पाना • नए शब्दों को बोलने व सीखने में दिक्कत आना • पढ़ने वाली गतिविधियों से परहेज करना किशोवस्था और वयस्कों में डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के लक्...

खान एकेडमी के बारे में जानें

सभी उम्र के लिए एक व्यक्तिगत शिक्षण संसाधन खान अकादमी अभ्यास प्रश्नावलियाँ, अनुदेशात्मक वीडियो और एक व्यक्तिगत शिक्षण डैशबोर्ड प्रदान करता है जो शिक्षार्थियों को अपनी गति के अनुसार एवं कक्षा के बाहर अध्ययन करने के लिए सशक्त बनाता है। हम गणित, विज्ञान, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, इतिहास, कला इतिहास, अर्थशास्त्र, और अधिक विषयों में शिक्षा प्रदान करते हैं। हमारे गणित मिशन शिक्षार्थियों को, राज्यकला, अनुकूली प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर के बालवाड़ी से कलन तक सीखने में सहायता करते हैं, इससे सामर्थ्य और शिक्षण चूक की पहचान होती है। विशेषीकृत सामग्री प्रदान करने के लिए हमने नासा, आधुनिक कला संग्रहालय, कैलिफोर्निया की विज्ञान अकादमी और एमआईटी जैसे संस्थानों के साथ भागीदारी की है। माता-पिता एवं शिक्षकों के लिए निःशुल्क साधन। हम यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत मेहनत कर रहें हैं कि खान अकेडमी सभी तरह के प्रशिक्षकों को सशक्त करे कि वह बेहतर तरीके से समझ सकें कि उनके बच्चे या शिक्षार्थी क्या समझ रहे हैं और उनकी मदद अच्छे से कैसे की जाए। एक नज़र में देखें कि क्या बच्चा या शिक्षार्थी संघर्ष कर रहा है या फिर उसे सफलता मिल चुकी है और अब वह कक्षा से बहुत आगे हैं। हमारा प्रशिक्षण डैशबोर्ड पूरी कक्षा के प्रदर्शन के सारांश के साथ हर एक शिक्षार्थी की विस्तृत प्रोफाइल देता है। • मैने अभी आपकी वेबसाइट देखी। मेरी उम्र 72 वर्ष है और अब मैं वहीँ से अपनी शिक्षा शुरू कर रहा हूँ जहाँ से मैंने छोड़ी थी। आपके कठिन परिश्रम के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। Barbara • आपकी अविरत प्रेरणा के लिए धन्यवाद। मैं उत्तरी इंग्लैंड में एक प्रारंभिक स्कूल में शिक्षक हूँ और जब पारंपरिक शिक्षा प्रणाली मुझे परेशान करती है, मैं सिर्फ खान अकाद...

Methi And Kalanji: Know The Unique Benefits Of Eating Kalonji With Fenugreek

Health tips : आपने अकसर देखा होगा कि गांव में मम्मी दादी लोग आचार में मेथी कलौंजी जरूर डालती हैं. यह ना सिर्फ स्वाद बढ़ाता है बल्कि कई फायदे भी शरीर को पहुंचाने का काम करता है. हमारे घरों में भी हमेशा इसे खाने की सलाह दी जाती है. लेकिन मेथी और कलौंजी को साथ में खाने के क्या फायदे मिल सकते हैं, आपने इसके बारे में सोचा है. मेथी में एंटीऑक्सीडेंट, पोटेशियम, सोडियम, आयरन और कैल्शियम जैसे गुण पाए जाते हैं. ऐसे में इन दोनों को साथ में खाने से कई लाभ शरीर को मिल सकते हैं जिसके बारे में हम लेख में आपको बताने वाले हैं. 1- मेथी कलौंजी के एक साथ सेवन से पेट का पाचन एकदम फिट रहता है. इससे गैस, अपच, पेट फूलना आदि प्रॉब्लम नहीं होती हैं. मेथी कलौंजी के सेवन से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग रहता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है जो इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक साबित हो सकता है. 2- डायबिटीज के मरीजों के लिए मेथी कलौंजी का सेवन काफी फायेदमंद है. इससे शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है. डायबिटीज पेसेन्ट मेथी के पानी को का भी सेवन कर सकते हैं. 3- अगर आप मेथी कलौंजी के कॉम्बिनेशन का सेवन करते हैं, तो आपकी स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम भी खत्म हो जाएगी. इसको खाने से एक्ने, और पिंपल में राहत मिलेगी और त्वचा में भी चमक आ जायेगी. 4- मेथी कलौंजी के कॉम्बिनेशन में कैंसर के खतरे को कम करने वाले तत्व पाए जाते हैं. ये कैंसर सेल को बढ़ने से रोकते हैं. ऐसी स्थिति में इसका प्रयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लीजिए. 5- स्किन के साथ-साथ बालों की ग्रोथ के लिए मेथी कलौंजी काफी लाभकारी होती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो बालों के लिए काफी लाभदायक होते हैं. ...

Do Left Handed People Die Younger Than Right Handed People

एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि दाएं हाथ के लोग बाएं हाथ के लोगों की तुलना में औसतन नौ साल से अधिक जिंदा रहते हैं! आइए इस रिसर्च में कितना दम है इसका पता लगाए. राइट हैंड और लेफ्ट हैंड को लेकर कुछ बातें ऐसी हैं जिसपर विश्वास करना पाना थोड़ा मुश्किल होता है. राइट हैंडर्स के मुकाबले लेफ्ट हैंडर्स की संख्या दुनिया में कम हैं. वेस्टर्न कंट्री में रहने वाले लोग बाएं हाथ की तुलना में दाएं हाथ से काम करना ज्यादा पसंद करते हैं. दुनिया में हमेशा यह डिबेट का विषय रहा है कि दाएं या बाएं दोनों में से बेस्ट कौन है? किस व्यक्ति का कौन सा हाथ ज्यादा काम करता है यह पूरी तरह से उसके जीन पर निर्भर करता है. 'जर्नल ऑफ इंटरनेशनल न्यूरो साइकोलॉजी' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग लेफ्ट हाथ से लिखते हैं उनका दिमाग दाहिने हाथ वाले लोगों की तुलना में ज्यादा काम करता है. लेकिन अभी भी ज्यादा कुछ साफ नहीं हुआ है. साउथ कैलिफ़ोर्निया के रिसर्च के आधार पर अमेरिकी मनोवैज्ञानिक डायने हैल्पर्न और स्टेनली कोरन ने दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में अपने रिसर्च पेश किएं. इस रिसर्च में इन्होंने उन लोगों को शामिल किया. जिसकी मृत्यु हाल ही में हुई थी. उनके परिवार वाले संपर्क किया है. उन्होंने उनके रिश्तेदार और फैमिली वालों से मरे हुए लोगों के बारे में पूछा कि वह दाएं हाथ से लिखते थें कि बाएं हाथ से. रिसर्च के दौरान उन्हें पता चला कि लगभग 2000 लोग ऐसे थे जो बाएं हाथ से लिखते थे. यह वैसे लोग थे जिनकी उम्र दाएं हाथ से लिखने वाले लोगों की तुलना में 9 साल कम थे. उसी आधार पर इस रिसर्च का निष्कर्ष निकाला गया कि बाएं हाथ वाले लोग पहले मर जाते हैं. रिसर्च की खामियां इस रिसर्च की खामियां यह है कि इसमें स...

Government of India, All India Council for Technical Education

अभातशिप अधिनियम 1987 में परिभाषित किए गए अनुसार, तकनीकी शिक्षा का अर्थ है अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग), प्रौद्योगिकी, वास्तुकला, नगर आयोजना, प्रबंधन, भेषजी (फार्मेसी) और कला एवं शिल्प में शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण, और ऐसे अन्य कार्यक्रमों या क्षेत्रों जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा परिषद से परामर्श करके भारत के राजपत्र में अधिसूचना के द्वारा तकनीकी शिक्षा के रूप में घोषित किया गया है।

कौन थे अकबर के नवरत्न और दरबार में क्या थी उनकी उपाधि, जानें

मुगल काल में अकबर सबसे प्रसिद्ध शासक रहा है, जिसने अपने शासन के समय कई बदलाव किए। साथ ही वह अपने साथ अपने नौ रत्नों को भी रखता था, जो उसे न्यायिक, आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक मामलों में सलाह देने का काम करते थे। कुछ परीक्षाओं में अकबर के नवरत्नों के बारे में पूछ लिया जाता है। ऐसे में इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती है। यदि अकबर के नवरत्नों के नाम का उल्लेख न किया जाए, तो अकबर की कहानी अधूरी रहेगी। अकबर के नवरत्न इस प्रकार थे: राजा बीरबल, मियां तानसेन, अबुल फजल, फैजी, राजा मान सिंह, राजा टोडर मल, मुल्ला दो पियाजा, फकीर अजियाओ-दीन और अब्दुल रहीम खान-ए-खाना। इस लेख के माध्यम से हम अकबर के प्रत्येक नवरत्न के बारे में जानेंगे। राजा बीरबल 1.उनका असली नाम महेशदास था और राजा बीरबल नाम अकबर ने दिया था। 2.वह अकबर के मुगल दरबार में एक महान गायक और कवि थे। वह संस्कृत, फारसी और हिन्दी भाषाओं के ज्ञाता थे। 3. उन्होंने अकबर को सैन्य और प्रशासनिक सेवाएं भी दीं और उत्तर-पश्चिम भारत में अफगानी जनजातियों के बीच फैली अशांति को शांत करते हुए युद्ध में उनकी मृत्यु हो गई। तानसेन 1. रामतनु उनका जन्म नाम था और पहले के दिनों में वह स्वामी हरिदास के शिष्य थे और बाद में उन्होंने हजरत मुहम्मद गौस से संगीत सीखा । 2. वह अकबर के दरबार में एक संगीतकार थे और उन्हें उनकी महाकाव्य ध्रुपद रचनाओं के लिए याद किया जाता है , जिसमें कई नए राग रचे गए, साथ ही संगीत पर दो क्लासिक पुस्तकें - श्री गणेश स्तोत्र और संगीता सारा लिखी गईं । अबुल फजल 1. उनका असली नाम शेख अबू अल-फ़ज़ल इब्न मुबारक था, जिसे अबू-फ़ज़ल और अबू-अल-फजल 'अल्लामी के नाम से भी जाना जाता है । 2. वह अकबरनामा और आईन-ए-अकबरी के लेखक थे । उन...