Ba ke baad kya hota hai

  1. बैचलर ऑफ़ कॉमर्स B.Com क्या होता है, पूरी जानकारी
  2. Teacher कैसे बने B.Ed करने के बाद
  3. Marne Ke Baad Kya Hota Hai


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बैचलर ऑफ़ कॉमर्स B.Com क्या होता है, पूरी जानकारी

B.com यानि बैचलर ऑफ़ कॉमर्स जो कि एक स्नातक पाठ्यक्रम (Under graduate program) है, हमारी इस पोस्ट “बैचलर ऑफ़ कॉमर्स B.Com क्या होता है, पूरी जानकारी” में हम B.com से जुड़े कई सवालों के जवाब जानेंगे जैसे B.com के बाद क्या करें, B.com के बाद नौकरी के अवसर, सैलरी, B.com की फ़ीस आदि | जैसा कि हमने पिछली पोस्ट BA क्या है में पढ़ा था कि 11th में आर्ट लेने वालों के लिए पहला विकल्प होता है BA, ठीक उसी तरह 11th – 12th में कॉमर्स पढ़ने वाले छात्रों के लिए बी.कॉम पहला विकल्प होता है | B.com भी एक ग्रेजुएट प्रोग्राम है जिसे करने के बाद आप ग्रेजुएट कहलाते हैं | [adinserter block=”11″] B.Com kya hota hai बैचलर ऑफ़ कॉमर्स B.Com क्या होता है, पूरी जानकारी [adinserter block=”13″] B.com में प्रवेश कैसे मिलेगा यदि आपने सफलतापूर्वक 12th कॉमर्स से पास की है तो आप बी कॉम में एडमिशन लेने के पात्र हैं | सामान्यतः B.com में एडमिशन के लिए कोई प्रवेश परिक्षा आयोजित नहीं की जाती लेकिन अगर आप देश के कुछ जाने माने कॉमर्स कॉलेज में प्रवेश चाहते हैं तो आपको उनके द्वारा आयोजित प्रवेश परिक्षा से होकर गुजरना होगा | इसके साथ ही कुछ यूनिवर्सिटी में आपके 12th के नंबर के आधार पर भी प्रवेश मिलता है | B.com के subject क्या होते हैं ? बीकॉम एक accounting based course जिसमे निम्न विषय होते हैं • बूकिपिंग • इकोनॉमिक्स • इंग्लिश • मैथ्स • बिज़नस लॉ • बैंकिंग • इनकम टेक्स • इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी • आदि [adinserter block=”12″] B.Com करने के फ़ायदे • B.com करने के कई सारे फायदे है जिनमे से सबसे बड़ा तो यह कि आप ग्रेजुएट हो जाते है | • बी.कॉम एक स्नातक पाठ्यक्रम है जिसे करने के बाद आप उच्च शिक्षा जैसे M.com, MBA, MCA जैसे कोर्स में...

Teacher कैसे बने B.Ed करने के बाद

नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप? हमे पूरी आशा है आप बिल्कुल अच्छे से होंगे स्वागत है आपका, सक्सेस इन हिंदी एक बार फिर आपकी सेवा में हाजिर है रोजगार से सम्बंधित विषय के साथ। आजका हमारा विषय है कैसे बने टीचर, एक अध्यापक कैसे बने B.Ed करने के बाद और क्या-क्या अवसर है इसकी पूरी जानकारी हम आपके साथ शेयर करेंगे। दोस्तों, अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि कैसे और क्यों ये क्षेत्र आपके लिए साबित हो सकता है बेहतरीन क्षेत्र। कैसे आपको इससे रोजगार मिल सकता है और कैसे आप अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं तो चलिए शुरू करते है। शिक्षण क्षेत्र में बी.एड. का महत्व हम जानते हैं कि एक शिक्षित समाज ही स्वस्थ समाज के रूप में उभर सकता है| शिक्षा, हमारे लिए सिर्फ रोजगार का माध्यम नहीं बनती, बल्कि हमें जीवन को बेहतर तरीके से जीने का सलीका सिखाती है। एक शिक्षित मनुष्य जीवन की जटिलतम समस्याओं को भी बेहद आसानी से सुलझा सकता है। ये भी पढ़ें: इसीलिए शिक्षा हासिल करना हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है। किसी भी छात्र को शिक्षा देने की प्रक्रिया में शिक्षक की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। एक शिक्षक सिर्फ अपने शिष्य को शिक्षित नहीं करता बल्कि इसी माध्यम से देश और अपने समय की पीढ़ी को भी शिक्षित करता है। इसीलिए समाज में शिक्षण कार्य को बेहद सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। शिक्षा के इस महत्त्व को समझते हुए ही भारत में शिक्षण कार्य करने के लिए एक विशेष डिग्री हासिल करनी होती है जिसे हम बी.एड. कहते हैं। यह 2 वर्ष का स्नातक कोर्स होता है जिसमें शिक्षा, संस्कृति और मानवमूल्य, शैक्षणिक मनोविज्ञान, शैक्षणिक मूल्यांकन, शिक्षा दर्शन आदि विषय पर अध्ययन किया जाता है। इसे क...

Marne Ke Baad Kya Hota Hai

आदित्य: क्या रीति-रिवाज इसीलिए होते हैं, सद्‌गुरु? उन्हें शांत करने के लिए? सद्‌गुरु: हां, उसे शांत करने के लिए, क्योंकि वह तब भी जीवंत होता है। उसका प्राणिक-शरीर अभी भी इच्छाएं, लालसाएं लिए घूमता रहता है - इसलिए वह शांत नहीं हो पाएगा। वह उस रूप में एक लंबे समय तक बना रहता है। उसे अपना यह दौर पूरा करना होता है। जब वे किसी दुर्घटना में मरते हैं, तो शुरुआत में वे काफी जीवंत होते हैं। उस दौरान वे बहुत प्रभावी तरीके से महसूस किए जाते हैं। फि र जब प्राण अपनी जीवंतता खो देता है, तब वह बस मंडराता रहता है। इस दौर को छोटा करने के लिए भारतीय संस्कृति में कुछ कर्मकांड और प्रक्रियाएं हैं, ताकि उसे वहां पर मंडराना न पड़े। जो इंसान यह कर्मकांड कराता है, अगर वह उसके बारे में जानता है, तो उस प्राणी के भटकने की अवधि कम कर सकता है। वह उसके शांत होने की प्रक्रिया को तीव्र कर सकता है, ताकि उस प्राण को लंबे समय तक भटकना न पड़े। पूर्ण जीवन के बाद की मरने अगर इन प्राणिक और सूक्ष्म शरीरों को एक दूसरा भौतिक-शरीर धारण करना है, तो उनमें एक खास तरह की स्थिरता की जरूरत होती है। जब वे स्थिरता या जीवंतता के निम्न स्तर में होते हैं, केवल तभी प्राणी को दूसरा शरीर मिलता है; वरना उसे यह नहीं मिलता। अगर वह पूरी तरह से जीवंत है, तो वह दूसरा शरीर प्राप्त नहीं कर सकता। उसे पहले शांत होना होगा। जब कोई इंसान एक लंबा और पूर्ण जीवन जी लेता है और शांतिपूर्वक मरता है तो यह माना जाता है कि उसके प्राण ने अपना दौर पूरा कर लिया और सहजता से बंधन से अलग हो गया। यह कुछ ऐसा ही है जैसे एक पके फल का पेड़ से टपकना। पका फ ल जैसे ही पेड़ से टपकता है, उसका बीज जल्दी ही मिट्टी से मिलकर अपनी जड़ें ढूंढ लेता है। उस बीज के लिए उसका गू...

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