Balyavastha ki visheshtayen

  1. बाल्यवस्था (Childhood) क्या हैं? परिभाषा और विशेषता
  2. तुलसीदास के काव्य की काव्यगत विशेषताएँ
  3. बाल्यावस्था का अर्थ व परिभाषाएं / बाल्यावस्था की विशेषताएं एवं शिक्षा
  4. उत्तर बाल्यावस्था की विशेषता क्या है?
  5. बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए? » Baalyaavastha Ki Pramukh Visheshtaon Par Prakash Daaliye
  6. बाल्यावस्था की विशेषताएं


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बाल्यवस्था (Childhood) क्या हैं? परिभाषा और विशेषता

बाल्यावस्था Childhood बालकों की वह अवस्था हैं, जिसमे छात्रों की स्मरण चेतना का विकास होता हैं। बाल्यावस्था को 6 से 12 वर्ष तक माना जाता हैं, जिसमें छात्र नवीन वस्तुओं के संबंध में जानने हेतु जिज्ञासु होते हैं। यह विकास की वह अवस्था होती है जिसमें बालक के व्यक्तित्व एवं चरित्र का विकास तीव्र गति से होता हैं। इस अवस्था के अंतर्गत अभिभावकों एवं अध्यापकों दोनों की जिम्मेदारी काफी हद तक बढ़ जाती हैं क्योंकि इस अवस्था में बालकों के बिगड़ने की मात्रा अधिक होती हैं। इस अवस्था में छात्रों का सही ढंग से मार्गदर्शन करने की बहुत आवश्यकता होती हैं। तो दोस्तों आज हम विस्तारपूर्वक यह जानने का प्रयास कारिंगे की बाल्यावस्था (Childhood) क्या हैं? परिभाषा और विशेषता। यह जानकारी आपको B.Ed CTET UTET जैसी अन्य परीक्षाओं में आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। बाल्यावस्था क्या हैं? (What is Childhood) यह अवस्था शैशवावस्था के बाद कि अवस्था हैं। इस अवस्था में बालक शैशवावस्था से विकास की प्रक्रिया को पूरी कर इस अवस्था मे पहुचते हैं। यह अवस्था छात्रों के यह अवस्था 6 से 12 वर्ष की आयु में होती हैं। इसके अंतर्गत इस अवस्था की दो भागों में विभाजित किया गया है, अर्थात 6-9 वर्ष की अवस्था को पुर्व-बाल्यावस्था एवं 9-12 के वर्ष को उत्तर-बाल्यावस्था के रूप में विभाजित किया गया हैं। बाल्यवस्था की परिभाषा (Definition of Childhood) ● किलपेट्रिक के अनुसार –“बाल्यवस्था प्रतिद्वंद्वात्मक समाजीकरण का काल हैं।” ● कॉल व ब्रूस के अनुसार –“इस अवस्था को समझना प्रत्येक माता-पिता के लिए कठिन हैं।” ● रॉस के अनुसार –“बाल्यवस्था छदम (झूठा) परिपक्वता की आयु हैं।” ● फ्रायड के अनुसार –“बाल्यवस्था बालक का निर्माणकारी काल हैं।” बाल्...

तुलसीदास के काव्य की काव्यगत विशेषताएँ

तु लसीदास जी की काव्यगत विशेषताएँ tulsidas ki kavyagat visheshta in hindi तुलसीदास की काव्य भाषा तुलसीदास की भाषा शैली तुलसीदास के काव्य की विशेषता तुलसीदास का भावपक्ष और कलापक्ष यदि किसी एक कवि को किसी भाषा और साहित्य की सम्पूर्ण शक्तियों के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित करना पड़े तो निसंदेह हिंदी अपने लिए गोस्वामी तुलसीदास को चुनेगी। तुलसीदास जैसी अशेष सामर्थ्यवान और प्रतिभाशाली कवि जाति और देश के इतिहास में कभी न कभी ही जन्म लेते हैं। किसी ने उन्हें बुद्धदेव के बाद भारत का सबसे बड़ा लोकनायक माना है तो किसी ने उन्हें मुगलकाल का सबसे बड़ा व्यक्ति की उपाधि दी है। तुलसीदास के सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ रामचरितमानस को उत्तर भारत की बाइबिल कहा जाता है। ये सभी कथन गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य के भक्तिकालीन सगुण उपासक धारा की रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवि हैं। तुलसीदास इनके काव्य का वर्ण विषय एकमात्र रामकथा है। गोस्वामी जी ने जो कुछ भी लिखा है - अन्तकरण की प्रेरणा से लिखा है। उन्होंने अपनी स्वांत: सुखाय रचना कवित्व प्रदर्शन अथवा उपदेश देने के उद्देश्य से कदापि नहीं रची है। फिर भी उनकी कविता में लोकहित की भावना इतनी प्रबल है है कि उनकी स्वांत: सुखाय रचना ,बहुजन हिताय हो गयी है। गोस्वामी जी तब तब प्रभु धरि विविध सरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा।। गोस्वामी तुलसीदास ने अपने काव्य में भक्ति के साथ शील आचार ,मर्यादा और लोक संग्रह का सन्देश सुनाकर हिन्दू जाति में अटूट दृढ़ता प्रदान की है। भावपक्ष और कलापक्ष का जैसा समनवय उनकी रचनाओं में हुआ है ,वैसा अन्यत दुर्लभ है। सारे भेदभावों से पृथक हो सियाराम मय सब जग जानी द्वारा इनकी उदार कल्पना में विश्व वन्धुत्व का अमर सन्देश छिपा हुआ है। उनके काव्य का य...

बाल्यावस्था का अर्थ व परिभाषाएं / बाल्यावस्था की विशेषताएं एवं शिक्षा

दोस्तों अगर आप बीटीसी, बीएड कोर्स या फिर uptet,ctet, supertet,dssb,btet,htet या अन्य किसी राज्य की शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप जानते हैं कि इन सभी मे बाल मनोविज्ञान विषय का स्थान प्रमुख है। इसीलिए हम आपके लिए बाल मनोविज्ञान के सभी महत्वपूर्ण टॉपिक की श्रृंखला लाये हैं। जिसमें हमारी साइट बाल्यावस्था का अर्थ व परिभाषाएं / बाल्यावस्था की विशेषताएं एवं शिक्षा है। बाल्यावस्था का अर्थ व परिभाषाएं / बाल्यावस्था की विशेषताएं एवं शिक्षा बाल्यावस्था का अर्थ व परिभाषाएं / बाल्यावस्था की विशेषताएं एवं शिक्षा Definitions of Childhood / बाल्यावस्था का अर्थ शैशवावस्था यदि विकास की नींव है तो बाल्यावस्था उसकी आधारशिला है जिसके ऊपर आगामी जीवन का सम्पूर्ण भार झेलना होगा। बाल्यावस्था 6 से 12 तक की आयु होती है। मनोवैज्ञानिकों के द्वारा इस अवस्था को ‘प्रारम्भिक विद्यालय की आयु’ भी कहा जाता है।शैशवावस्था के बाद बाल्यावस्था का आरम्भ होता है। यह अवस्था, बालक के व्यक्तित्व के निर्माण की होती है। बालक में इस अवस्था में विभिन्न आदतो, व्यवहार, रुचि एवं इच्छाओं के प्रतिरूपों का निर्माण होता है। बाल्यावस्था की परिभाषाएं इस अवस्था के बारे में मनोवैज्ञानिकों ने निम्नलिखित कथन दिए हैं – (1) कार्ल एवं ब्रूस के अनुसार,”बाल्यावस्था जीवन का अनोखा काल हैं।” ( 2) रॉस के अनुसार, “बाल्यावस्था मिथ्या परिपक्वता का काल है।” ( 3) स्ट्रैग के अनुसार, “ऐसा शायद ही कोई खेल हो जिसे 10 वर्ष के बालक खेलते न हो” ( 4) किलपैट्रिक के अनुसार, “बाल्यावस्था प्रतिद्वन्द्वात्मक समाजीकरण का काल है।” ( 5) सिगमंड फ्रायड के अनुसार, “बाल्यावस्था जीवन की निर्माणकारी एवं काम की प्रसुप्तावस्था है।” ( 6) ब्लेयर-जोन्स व ...

उत्तर बाल्यावस्था की विशेषता क्या है?

विषयसूची Show • • • • • • • • • • • • बाल्यावस्था की विशेषताएँ बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएँ (Balyavastha Ki Visheshtayen) इस प्रकार हैं- 1. विकास में स्थिरता (Stability in development) बाल्यावस्था में बालक का विकास चलायमान नरहकर व्यवस्थित एवं स्थायी होने लगता है। यही स्थिरता उसमें परिपक्वता को स्थापित करती है। बालक शारीरिक और मानसिक शक्तियों में स्थिरता लाता है। संवेगों का सही प्रदर्शन करना प्रारम्भ करता है। सामान्यतया इस अवस्था को समझदारी की अवस्था कहा जाता है। अतः सभी क्षेत्रों में बालक का विकास निश्चितता और समझदारी से ओतप्रोत पाया जाता है। 2. अधिगम में तीव्रता (Intensity in learning) इस अवस्था में बालक के तर्कात्मक दृष्टिकोण का विकास होता है। वह प्रत्येक कथन को क्यों, कैसे आदि प्रश्नों के माध्यम से जाँचता है और फिर सन्तुष्टि प्राप्त करता है। वह सीखने के विभिन्न तरीकों का प्रयोग करके अपनी जिज्ञासा को शान्त करता है। उसका मन रचनात्मक कार्यों में अधिक लगता है। वह अपनी मानसिक शक्तियों के क्षेत्र में अधिक से अधिक वृद्धि करता है। इस प्रकार से उसकी सीखने की क्षमता में तीव्रता आती है। 3. सामाजिक गुणों का विकास (Development of social traits) इस आयु का बालक अधिकांश समय विद्यालय में या खेल के साथियों में रहकर व्यतीत करता है। वह उनसे कुछ सीखता है और अन्य भी उससे कुछ ग्रहण करते हैं। इन्हीं प्रभावों को सामाजिक चेतना कहा जाता है। इसमें सहयोग, सद्भावना, सहनशीलता, आज्ञाकारिता आदि सामाजिक गुणों का विकास होता है। इन गुणों को धारण करके वे स्वयं को समाज में प्रतिष्ठित करना चाहते हैं। सामाजिक गुणों के साथ-साथ उनमें नैतिकता के मानदण्डों का प्रकटीकरण भी होने लगता है। जैसा स्ट्रेन्वरथ ने लिखा...

बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए? » Baalyaavastha Ki Pramukh Visheshtaon Par Prakash Daaliye

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषता पर प्रकाश डालें बाल्यावस्था में निंद्रा की बातें होती हैं एक तो उन्हें कुछ ज्यादा किसी से मतलब होता नहीं दूसरा को खाने पीने पर ज्यादा ध्यान देते हैं और एक दूसरे से बांटने पर ज्यादा जोर नहीं देते हैं तीसरा खेलने में ज्यादा ही कुछ मशरूम होते हैं उन्हें किसी का भी प्रभाव नहीं होता है नहीं किसी बड़े व्यक्ति का और ना ही अपने पड़ोसी का वह जैसा मन करता है वैसा ही करते हैं बड़ों की डांट सुनते भी हैं और पढ़ने में भी ज्यादा इच्छुक होते हैं यह बाल्यावस्था की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं baalyaavastha ki pramukh visheshata par prakash Daalein baalyaavastha mein nindra ki batein hoti hai ek toh unhe kuch zyada kisi se matlab hota nahi doosra ko khane peene par zyada dhyan dete hai aur ek dusre se baantne par zyada jor nahi dete hai teesra khelne mein zyada hi kuch mushroom hote hai unhe kisi ka bhi prabhav nahi hota hai nahi kisi bade vyakti ka aur na hi apne padosi ka vaah jaisa man karta hai waisa hi karte hai badon ki dant sunte bhi hai aur padhne mein bhi zyada icchhuk hote hai yah baalyaavastha ki kuch pramukh visheshtayen hain बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषता पर प्रकाश डालें बाल्यावस्था में निंद्रा की बातें होती हैं एक

बाल्यावस्था की विशेषताएं

15) दुराग्रह एवं उपद्रव की प्रवृति Features of childhood - 1) Durability 2) Strength Jigas tendency 3) Treasures of accumulation 4) Entering into the real world 5) Development of creative and functioning 6) The tendency of emulation 7) Extroverted personality 8) Strength of collective tendency 9) Interest in collective play 10) Touring tendency 11) Development of collective qualities 12) Variations in interests 13) Mental development 14) Development of moral qualities 15) The tendency of mischief and nuisance