भारत का पहला ई-कचरा इको-पार्क कहा पर बनेगा ?

  1. दिल्ली में खोला जायेगा भारत का पहला ई
  2. देश का पहला ई
  3. दिल्ली में 20 एकड़ में बनने जा रहा देश का पहला ई
  4. India’s first e
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  6. Approved : दिल्ली में बनेगा देश का पहला ई


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दिल्ली में खोला जायेगा भारत का पहला ई

मुख्य बिंदु • बढ़ते ई-कचरे से निपटने के लिए दिल्ली में पहला इलेक्ट्रॉनिक-वेस्ट इको-फ्रेंडली पार्क स्थापित किया जाएगा। कचरे का निराकरण, पुनर्चक्रण और पुन: निर्माण सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। • इसे 20 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। दिल्ली में अपशिष्ट उत्पादन ( Waste Generation in Delhi) वर्तमान में दिल्ली में हर साल 2 लाख टन ई-कचरा पैदा होता है। हालांकि, इसे वैज्ञानिक और सुरक्षित तरीके से हैंडल नहीं किया जा रहा है। इसे अनौपचारिक पुनर्चक्रणकर्ताओं (recyclers) द्वारा संभाला और पुनर्चक्रण किया जाता है। इससे आग लगने जैसी कई जानलेवा घटनाएं हुईं, जो बदले में दिल्ली के निवासियों और कूड़ा उठाने वालों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। इको-पार्क की विशेषताएं • ई-कचरा इको-पार्ट में बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, लैपटॉप, चार्जर, मोबाइल और पीसी के लिए द्वितीयक उत्पाद बिक्री बाजार के रूप में एक अधिकृत नवीनीकरण बाजार शामिल होगा। • ई-कचरे को चैनलाइज करने के लिए 12 जोन में कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे। • ई-कचरा इको-पार्क अनौपचारिक क्षेत्र के ऑपरेटरों को औपचारिक पुनर्चक्रण के रूप में तैयार करने के लिए बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करेगा। • इस सुविधा में उच्च तकनीक के माध्यम से प्रिंटेड सर्किट बोर्डों (PCB) से निराकरण, नवीनीकरण, पृथक्करण, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग, सामग्री के अनुसार भंडारण, और परीक्षण, और कीमती धातु निष्कर्षण सुविधाएं शामिल होंगी। • यह नवीन तकनीकों का उपयोग करते हुए ई-कचरे का एकीकृत और पर्यावरण-सुरक्षित निपटान प्रदान करेगा। इससे प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। Categories: Tags:

देश का पहला ई

By Jul 9, 2022 नई दिल्ली-दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण को लेकर पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारियों के साथ एक संयुक्त समीक्षा बैठक की। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। राय ने कहा कि भारत का पहला ई-कचरा ईको पार्क दिल्ली के होलंबी कलां में बनेगा और यह 12 एकड़ भूमि में फैला होगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए 11 सदस्ईय संचालन समिति का गठन किया गया है और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम एसआईआईडीसी को इसकी क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है। राय के मुताबिक, ईको पार्क का निर्माण तेजी से पूरा करने के लिए संबंधित एजेंसी को जल्द से जल्द एक सलाहकार नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। यह पार्क लगभग 23 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। दिल्ली में हर साल दो लाख टन से ज्यादा ई-कचरा पैदा होता है, जो देशभर में उत्पादित कुल ई-कचरे का लगभग 9.5 फीसदी हिस्सा है। राष्ट्रीय राजधानी में पैदा महज पांच फीसदी ई-कचरे को ही ठीक तरीके से रिसाइकिल किया जाता है। राय ने कहा, ई-कचरा ईको पार्क से हमारा अभिप्राय एक ऐसी जगह की स्थापना है, जहां ई-कचरे को इस तरह से तोड़ा, नवीनीकृत, रिसाइकिल और नई वस्तु में ढाला जाता है, जो विज्ञान और पर्यावरण के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण का फैसला इस तथ्य के मद्देनजर किया गया है कि दिल्ली भारत में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद ई-कचरा की पांचवीं सबसे बड़ी उत्पादक है।राय ने दावा किया, इस ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण से ई-कचरे से होने वाले प्रदूषण के स्तर में भारी कमी लाई जा सकेगी। Recent Posts • June 15, 2023 • June 15, 2023 • June 15, ...

दिल्ली में 20 एकड़ में बनने जा रहा देश का पहला ई

दिल्ली, भारत। आज देश जितना ज्यादा डिजिटल होता जा रहा है उतनी ही बड़ी समस्या ई-वेस्ट (ई-कचरे) की भी पैदा होती जा रही है। ई-वेस्ट का सीधा मतलब उस कचरे से है जो ऐसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम जो खराब हो जाते हैं यह इंटरनेट या उपकरण के लिए उपयोग में लाए जा सकते हैं। जी हां, आज देश में डिजिटल क्रांति के साथ ही बढ़ती ई-कचरे की समस्या को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली में देश का पहला ई-वेस्ट इको पार्क बनने जा रहा है। दिल्ली में बनेगा ई-वेस्ट इको पार्क : दरअसल, आज देश में ई-वेस्ट की समस्या काफी विकराल रूप ले चुकी है। ये ई-वेस्ट किस तरह नष्ट किया जाये उसका कोई उपाय समझ नहीं आरहा है। हालांकि, इस प्रौद्योगिकी युग में कोई न कोई उपाय निकलना तय ही था है। क्योंकि, इलेट्रॉनिक कचरे का बढ़ता जाना किसी गंभीर चिंता के विषय से कम नहीं है। इलेट्रॉनिक वस्तुओं का उपयोग और साथ ही इलेट्रॉनिक वस्तुओं के नए रूप लोगों को इस ओर आकर्षित करते हैं कि वे अधिक से अधिक इलेट्रॉनिक वस्तुओं का उपयोग करें और पुरानी वस्तुओं का त्याग करें। यही कारण है कि, 'भारत इलेट्रॉनिक कचरा का एक बड़ा घर बनता जा रहा है। इस बड़ी समस्या का सामना करने के लिए अब देश की राजधानी दिल्ली में देश का पहला ई-वेस्ट इको पार्क का बनने जा रहा है। जो कि, 20 एकड़ के क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है। होगा हर दिन निकलने वाले ई-कचरे का निपटारा : बताते चलें, दिल्ली में बन रहे ई-वेस्ट इको पार्क के माध्यम से हर दिन निकलने वाले दो लाख टन ई-कचरे का निपटारा किया जा सकेगा। इस ई-वेस्ट में बिजली के उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, कंप्यूटर और सहायक उपकरण और मोबाइल फोन से निकलने वाला कचरा शामिल होगा। इस कचरे को खत्म करने के लिए दिल्ली में बनने वाले ई-वेस्ट इको पार्क निर्माण के...

India’s first e

24 फरवरी, 2022 को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने घोषणा की कि दिल्ली में भारत का पहला ई-कचरा इको-पार्क खोला जायेगा। मुख्य बिंदु बढ़ते ई-कचरे से निपटने के लिए दिल्ली में पहला इलेक्ट्रॉनिक-वेस्ट इको-फ्रेंडली पार्क स्थापित किया जाएगा। कचरे का निराकरण, पुनर्चक्रण और पुन: निर्माण सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। इसे 20 एकड़

भारत का पहला ई

यूनाइटेडनेशंसयूनिवर्सिटीकीओरसेजारी"ग्लोबलई-वेस्टमॉनिटर 2020 रिपोर्टकेमुताबिकसाल 2019 मेंदुनियामें 5.36 करोड़मीट्रिकटनई-कचरापैदाहुआथा।अनुमानहैकिसाल 2030 तकवैश्विकइलेक्ट्रॉनिककचरेमेंतकरीबन 38 प्रतिशततकवृद्धिहोजाएगी।अबआपअंदाजालगासकतेहैंकियहसमस्याकितनीबड़ीहैऔरआनेवालेसमयमेंयहऔरकितनाबढ़नेवालीहै।इसीक्रममेंअभीहालहीमेंदिल्लीसरकारनेघोषणाकीहैकिदिल्लीमेंभारतकापहलाई-कचराइको-पार्कखोलाजायेगा। कोईभीइलेक्ट्रॉनिकसामानजैसेकिमोबाइलफोन, टी.वी., फ्रिज, कंप्यूटरयाइससेसंबंधितअन्यउपकरण/पुर्जेजबखराबहोजातेहैंयाइस्तेमालकरनेयोग्यनहींरहजातेतोयहीई-कचराकहलाताहै।इसेदोव्यापकश्रेणियोंकेतहत 21 प्रकारोंमेंबांटागयाहै - 1) सूचनाप्रौद्योगिकीऔरसंचारउपकरणऔर 2) विद्युतऔरइलेक्ट्रॉनिक्सउपकरण। दुनियाभरमेंइलेक्ट्रॉनिककचरेकेबढ़नेकीसबसेबड़ीवजहइलेक्ट्रॉनिकउत्पादोंकीतेजीसेबढ़तीखपतहै।आजहमजिनइलेक्ट्रॉनिकउत्पादोंकोअपनातेजारहेहैंउनकाजीवनकालछोटाहोताहै।इसवजहसेइन्हेंजल्दफेंकदियाजाताहै।जैसेहीकोईनईटेक्नोलॉजीआतीहै, पुरानेकोफेंकदियाजाताहै।इसकेसाथहीकईदेशोंमेंइनउत्पादोंकेमरम्मतऔररीसाइक्लिंगकीसीमितव्यवस्थाहै, औरहैभीतोवोबहुतमहंगीहै।ऐसेमेंजैसेहीकोईउत्पादख़राबहोताहैलोगउसेठीककरानेकीजगहबदलनाज्यादापसंदकरतेहैं।इसवजहसेभीई-कचरेमेंइजाफाहोरहाहै।एकअन्यआंकड़ेकेमुताबिकअगरसाल 2019 मेंउत्पादितकुलइलेक्ट्रॉनिककचरेकोरीसायकलकरलियागयाहोतावोकरीब 425,833 करोड़रुपएकाफायदादेता।यहआंकड़ादुनियाकेकईदेशोंकेजीडीपीसेभीज्यादाहै। इसबढ़तेइलेक्ट्रॉनिककचरेकाबुराअसरनकेवलपर्यावरणपर, बल्किहमारेस्वास्थ्यपरभीपड़रहाहै।दरअसलई-कचरेमेंपारा (Mercury), कैडमियम (Cadmium) औरक्रोमियम (Chromium) जैसेकईविषैलेघटकशामिलहोतेहैं, जिनकेसुरक्षितनिस्तारणनहोनेसेमानवस्वास्थ्यबुरीतरहसेप्रभावितहोरहाहै।इसकेअ...

Approved : दिल्ली में बनेगा देश का पहला ई

Share नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली में भारत का पहला ई-वेस्ट इको पार्क बनेगा। स्मार्ट दिल्ली बनाने की दिशा में केजरीवाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस दिशा में गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली में देश के पहले ई-वेस्ट मैनेजमेंट इको पार्क बनाने को मंजूरी दी। खुद में अनूठा ये ई-वेस्ट मैनेजमेंट पार्क बेहद साइंटिफिक तरीके से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए काम करेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस-वार्ता कर बताया कि 20 एकड़ में फैला ये वेस्ट-मैनेजमेंट पार्क स्टेट ऑफ़ आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस होगा, जहां इनफॉर्मल सेक्टर के ऑपरेटरों को फॉर्मल री-साइकिलिंग के लिए भी ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां साइंटिफिक और इंटीग्रेटेड तरीके से एक परिसर के अंदर ही ई-वेस्ट को रिफर्बिश, डिसमेंटर, रिसाइकल व री-मैनुफैक्चर करने का काम किया जाएगा। साथ ही ई-वेस्ट को चैनलाइज करने के लिए 12 जोन में कलेक्शन सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है, ई-वेस्ट भी तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन इसका साइंटिफिक और सुरक्षित तरीके से निस्तारण नहीं किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण भी प्रभावित होता है और इनफॉर्मल तरीके से ई-वेस्ट मैनेजमेंट होने से कई दुर्घटनाओं के होने का खतरा भी होता है। वर्तमान में दिल्ली में हर साल लगभग दो लाख टन ई-कचरा निकलता है और इसे ज्यादातर इनफॉर्मल री-साइकलर्स द्वारा री-साईकल किया जाता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस इको-पार्क में कचरे का निस्तारण बेहद साइंटिफिक और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित तरीके से किया जाएगा। उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली इस परियोजना को शुरू करने वा...