भारतीय महिला बनाम दक्षिण अफ़्रीका महिलाएं

  1. भारतीय महिला हॉकी बनाम दक्षिण अफ़्रीका 2023: जानें दूसरे मैच का परिणाम और स्कोर
  2. महिला सशक्तिकरण का जश्न: भारतीय महिलाओं की जुबानी
  3. भारत में महिलाओं के उत्थान और विकास से संबंधित कानूनों का विश्लेषण
  4. भारतीय महिला हॉकी बनाम दक्षिण अफ़्रीका 2023: पहले मैच के परिणाम और स्कोर जानें


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भारतीय महिला हॉकी बनाम दक्षिण अफ़्रीका 2023: जानें दूसरे मैच का परिणाम और स्कोर

भारतीय महिला हॉकी टीम ने केपटाउन में जारी 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ 2023 के दूसरे मैच में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 7-0 से रोमांचक जीत हाासिल की। इस मुक़ाबले में उदिता (9'), रानी रामपाल (22'), वैष्णवी विट्ठल फाल्के (23'),व (25'), नवनीत कौर (26') और वंदना कटारिया (27', 58’) ने भारत के लिए गोल किए। वहीं, दक्षिण अफ़्रीका एक भी गोल करने में कामयाब नहीं रहा। पहले मैच में 5-1 से जीत हासिल करने के बाद आत्मविश्वास से भरपूर भारतीय महिला टीम ने मैच की शुरुआत से ही अपना दबदबा क़ायम रखा और दक्षिण अफ़्रीका को गोल करने का एक भी मौक़ा नहीं दिया। दोनों टीम ने गोल करने की कोशिश की, लेकिन भारत को पहला मौका 9वें मिनट में मिला और उदिता ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर अपनी टीम का खाता खोला। इस तरह से पहले क्वार्टर में भारत ने 1-0 से बढ़त हासिल की। दूसरे क्वार्टर में भारत ने एक के बाद एक गोल दागे और 6-0 से बढ़त हासिल की। भारत की तरफ़ से रानी रामपाल (22),वैष्णवी विट्ठल फाल्के और संगीता कुमारी (25) ने फ़ील्ड गोल दागा। वहीं, नवनीत कौर (26) ने मौक़े को भुनाते हुए पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया। इसके तुरंत बाद ही वंदना कटारिया (27) ने गोल करके अपनी टीम को मज़बूत स्थिति में ला दिया। मेज़बान टीम के डिफ़ेंडर और गोलकीपर भारतीय खिलाड़ियों के सामने टिक नहीं पाए और यही वजह रही कि भारतीय टीम एक के बाद एक गोल करने में सफल रही। वहीं, दबाव में खेल रही दक्षिण अफ़्रीका की टीम मैच में वापसी के लिए संघर्ष कर रही थी। पहले हाफ़ के बाद मैच एकतरफ़ा हो गया। भारतीय टीम 6-0 की बढ़त के साथ पूरे जोश में थी और मुक़ाबले में दक्षिण अफ़्रीका पर पूरी तरह से हावी थी। तीसरा क्वार्टर गोल रहित रहा। दोनों ही टीमें अपने मौक़ों को...

Shape

दंगल फिल्म का यह डायलॉग तो आपको याद ही होगा, “म्हारी छोरियां, छोरों से कम हैं के।” वाकई लड़कियां आजकल किसी मामले में लड़कों से पीछे नहीं हैं। पिछला कुछ समय हमारे देश की महिलाओं की उपलब्धियों का वर्ष रहा है। इस बीच, महिलाओं ने दिखाया कि वे उतनी ही सक्षम हैं जितने कि पुरुष हैं। ये जोश से भरी हुईं सशक्त और आत्मनिर्भर महिलाएं हमारे आसपास दिखाई देने वालीं सामान्य महिलाओं की तरह ही हैं, लेकिन इनमें वो बात होती है कि ये अपने काम और हौसले के चलते हमारी रोल मॉडल बन जाती हैं। आइए मिलवाते हैं आपको ऐसी ही कुछ महिलाओं से, जिन्होंने दुनिया के सामने खुद को भारतीय गौरव के रूप में पेश किया है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • 1. ’नो कास्ट-नो रिलीजन’ प्रमाणपत्र पाने वाली देश की पहली महिला बनी वेल्लोर की ‘स्नेहा’ मोहम्मद रफी का गाया यह गीत तो आप ने सुना ही होगा। हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा। वाकई किसी भी मजहब का होने से पहले हम सब इंसान हैं और इस बात सबूत भी दे दिया है तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के तिरूपत्तूर की रहने वाली 35 वर्षीय वकील स्नेहा ने। वह ’नो कास्ट, नो रिलीजन’ सर्टिफिकेट पाकर देश की पहली ऐसी महिला बन गई हैं, जिसका आधिकारिक तौर पर कोई धर्म, कोई जाति नहीं है। नौ साल के अदालती संघर्ष के बाद 35 वर्षीया स्नेहा ने यह लड़ाई जीती। पेशे से वकील स्नेहा बताती हैं कि वह फॉर्म भरने के समय जाति और धर्म का कॉलम खाली छोड़ देती थीं। उनके हर प्रमाण पत्र में जाति, धर्म रिक्त रहा है। वो चाहती हैं कि उनकी पहचान सिर्फ एक भारतीय के रूप में हो। 2. ओडिशा की ‘अनुप्रिया’ पहली आदिवासी महिला पायलट बनी कहते हैं ना सपने तो हम सभी देखते हैं लेकिन उन्हें पूरा करने का हौ...

Tri

जैसा कि गौरतलब है साउथ अफ्रीका जारी महिला tri series 2023 का फाइनल मैच भारतीय महिला व साउथ अफ्रीका महिला के बीच खेला गया था. और साउथ अफ्रीका टीम ने इस मैच में 5 विकेट से एकतरफा जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया. इसी के साथ साउथ अफ्रीका टीम इस टूर्नामेंट के पहले सीजन की चैंपियन बनी. इस टूर्नामेंट में इन दोनों टीमों के अलावा वेस्टइंडीजमहिला टीम भी शामिल थी. चलिये जानते है इस फाइनल मैच की हाईलाइट कैसी रही. इस मैच में भारत ने साउथ अफ्रीका ने सामने 110 रनों का साधारण सा लक्ष्य रखा. जिसे दक्षिण अफ्रीका महिला टीम ने 18 ओवरों में ही 5 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया. अफ्रीका की तरफ से Chloe Tryon ने 32 गेंदो में नाबाद 57 रनों की तूफानी पारी खेली. इनके अलावा Nadine de Klerk ने 17 गेंदों में नाबाद 17 रन बनाए. बात की जाए इंडिया वीमेन vs साउथ अफ्रीका वीमेन फाइनल मैच में मैन ऑफ द मैच कौन बना तो ये अवॉर्ड साउथ अफ्रीका की क्लोय ट्राईऑन (Chloe Tryon) के नाम रहा. जिन्होंने इस फाइनल मैच 32 गेंदों में 57 रनों की विस्फोटक पारी खेली. इन्होंने अपनी इस शानदार पारी में 6 चौके व 2 छक्के जड़े. Chloe Tryon के इस शानदार प्रदर्शन ने साउथ अफ्रीका की इस जीत में अहम योगदान किया. जिसके चलते इन्हें इस मैच का मैन ऑफ द मैच चुना गया।

महिला सशक्तिकरण का जश्न: भारतीय महिलाओं की जुबानी

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भारत में महिलाओं के उत्थान और विकास से संबंधित कानूनों का विश्लेषण

“ यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता ” अर्थात् “जिस कुल में नारियों की पूजा होती है वहीं देवता निवास करते हैं | पुराने ज़माने से ही कहा जा रहा है कि औरते पैदा नहीं होती अपितु बनती है एवं उनमे दुनिया को बदलने की ताकत होती है, असमानता और संघर्ष की स्थिति में भी महिलाएं ऊपर उठने की क्षमता के साथ काम करती हैं और न केवल अपने जीवन को बदलती हैं बल्कि अपने पूरे समुदाय को बदलने का हौसला रखती है। भारतवर्ष के पहले प्रधानमंत्री माननीय श्री पंडित जवाहर लाल नेहरु जी ने महिलाओ की समाज में महत्वता के बारे में सही कहा हैं कि:- “ लोगों को जगाने के लिये महिलाओं का जागृत होना जरुरी है , एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है तो उनके पीछे–पीछे परिवार आगे बढ़ता है , गाँव आगे बढ़ता है और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है। “ आज भारत के विकास और उन्नति में नारीशक्ति का योगदान अतुल्य हैं । इतिहास में भी महिलाओ ने विशिष्ट भूमिका निभाई हैं, जैसे कि भारतीय नारीवाद की जननी – सावित्रीबाई फुले – जिन्होंने देश में लड़कियों के लिए पहला स्कूल शुरू करके देश में साक्षरता का नया दीपक जलाया, जिससे महिलाये आत्मनिर्भर हो पायी, ताराबाई शिंदे – जिनकी कृति स्त्री पुरुष तुलना को पहला आधुनिक नारीवादी पाठ माना जाता है और पंडिता रमाबाई – इन्हे ब्रिटिश राज द्वारा कैसर-ए-हिंद पदक से सम्मानित किया गया क्योकि इन्होने विशिष्ट सामाजिक सेवा से ब्रिटिश भारत के समय एक समाज सुधारक के रूप में महिलाओं की मुक्ति के लिए के लिए कार्य किया था | इसी क्रम में ब्रिटिश राज के दौरान, राजा राम मोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और ज्योतिराव फुले जैसे कई समाज सुधारकों ने महिलाओं के अधिकारों और उथान के लिए लड़ाई लड़ी | राजा राममोहन राय के ही प...

भारतीय महिला हॉकी बनाम दक्षिण अफ़्रीका 2023: पहले मैच के परिणाम और स्कोर जानें

भारतीय महिला हॉकी टीम ने केपटाउन में शुरू हुए 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ 2023 के पहले मैच में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 5-1 से शानदार जीत दर्ज की। इस मुक़ाबले में रानी रामपाल (12'), मोनिका (20'), नवनीत कौर (24'), गुरजीत कौर (25') और संगीता कुमारी (30') ने भारत के लिए गोल किए, जबकि मेज़बान टीम की कप्तान क्वानिता (44') ने अपनी टीम के लिए एकमात्र गोल किया। युवा वैष्णवी विठ्ठल फाल्के, जिन्होंने पिछले साल मई में अंडर-23 फ़ाइव नेशंस टूर्नामेंट 2022 में भारतीय महिला जूनियर टीम का नेतृत्व किया था, उन्होंने इस मैच के साथ सीनियर टीम में अपना डेब्यू किया है। भारतीय महिला टीम शुरुआत से ही मैच में अपनी पकड़ को बनाए रखी और दक्षिण अफ़्रीका को किसी भी प्रकार को मौक़ा नहीं दिया। भारत ने रानी रामपाल के गोल की बदौलत जल्द ही मैच में बढ़त बना ली। जिन्होंने एक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर टीम का ख़ाता खोला। बता दें कि रानी रामपाल के लिए यह एक स्वागत योग्य गोल था, जो अपनी लंबी इंजरी के बाद मैदान पर वापसी कर रही थीं। इसके बाद भारतीय महिला हॉकी टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और मैदान पर एक के बाद एक गोल की झड़ी लगा दी। दूसरे क्वार्टर में मोनिका और नवनीत कौर के गोल की बदौलत भारत ने 3-0 से बढ़त बना ली। वहीं गुरजीत कौर ने एक पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर भारतीय महिला हॉकी टीम को 4-0 से आगे कर दिया। दूसरी तरफ दक्षिण अफ़्रीकी खिलाड़ी मैच में पैर जमाने के लिए संघर्ष कर रही थीं। पहले हाफ़ के क़रीब आने से ठीक पहले, संगीता कुमारी ने एक पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर भारत के लिए 5-0 से बढ़त बना दी। हालांकि ब्रेक के बाद भारतीय खिलाड़ी और अधिक गोल की तलाश में नज़र आईं और अपने विरोधियों पर लगातार दबाव बन...