भारतीय महिलाएं बनाम श्रीलंका महिलाएं

  1. भारतीय महिलाएं जिन्होंने अर्थजगत में एक अलग पहचान बनाई
  2. जानिए, 10 महान ऐतिहासिक महिलाएं
  3. नेपाल जाकर डिवाइस लगवा रहीं भारतीय महिलाएं, पिल्स
  4. भारतीय पुनर्जागरण में महिलाओं का योगदान
  5. भारत vs वेस्टइंडीज महिला टी20 मैच की हाईलाइट विश्व कप 2023
  6. सचिन के साथ खेलने वाली महिला क्रिकेटर के धमाल से हारी इंडिया


Download: भारतीय महिलाएं बनाम श्रीलंका महिलाएं
Size: 10.43 MB

भारतीय महिलाएं जिन्होंने अर्थजगत में एक अलग पहचान बनाई

वित्त की दुनिया पर लंबे समय से पुरूषों का प्रभुत्व रहा है। बैंकिंग, बीमा या निवेश से लेकर वित्तीय योजना तक के क्षेत्र में महिलाओं की राय और काम को अहमियत नहीं दी जाती। लेकिन अब यह सोच बदल रही है। अब महिलाएं दूसरे क्षेत्रों की तरह आर्थिक जगत में भी अपनी छाप छोड़ रही हैं। यहां हम प्रेरणा देने वाली चार महिलाओं का जिक्र कर रहे हैं। ये महिलाएं साबित कर रही हैं कि अर्थिक जगत में भी महिलाएं पुरूषों के बराबर ही सफलता पा सकती हैं। 1. चंदा कोचर चंदा कोचर का जन्म जोधपुर में हुआ। वह भारत के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई की प्रबंध निदेशक और सीईओ रहीं । कोचर ने वर्ष1984 में बतौर ट्रेनी आईसीआईसीआई बैंक के साथ काम करना शुरू किया । उन्होंने उस दौर में बैंक के साथ काम किया जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी का शिकार हो रही थी। मैनजमेंट ट्रेनी से प्रबंध निदेशक बनने तक, कोचर का सफर उन बहुत सी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है जो बैंकिग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहती हैं। उनके नेतृत्व में आईसीआईसीआई भारत के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक बना। इसमें आश्चर्य नहीं कि उन्हें कई बार भारत की सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया। आर्थिक जगत में उनके अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2010 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। 2. उषा अनंतसुब्रमण्यम अपने 30 वर्ष लंबे करियर में उषा अनंतसुब्रमण्यम ने बहुत से बैंकों जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय महिला बैंक आदि में काम किया। फिलहाल उषा अनंतसुब्रमण्यम इलाहाबाद बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ के पद पर काम कर रही हैं। अनंतसुब्रमण्यम ने करियर की शुरूआत जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में एक्चूरीअल विभाग के साथ की। सांख्यिकी की प...

जानिए, 10 महान ऐतिहासिक महिलाएं

FILE प्राचीन भारत में महिलाएं काफी उन्नत व सुदृढ़ थीं। समाज में पुत्र का महत्व था, पर पुत्रियों को समान अधिकार और सम्मान मिलता था। मनु ने भी बेटी के लिए संपति में चौथे हिस्से का विधान किया। उपनिषद काल में पुरुषों के साथ ‍स्त्रियों को भी शिक्षित किया जाता था। सहशिक्षा व्यापक रूप से दिखती है, लव-कुश के साथ आत्रेयी पढ़ती थी। नारी भी सैनिक शिक्षा लेती थी। महाभारत काल से नारी का पतन होना शुरू हुआ तो मध्यकाल आते-आते नारी पूरी तरह से पुरुषों की गुलाम, दासी और भोग्या बन गई। हजारों भारतीय महिलाओं ने अपने कर्म, व्यवहार और बलिदान से विश्व में आदर्श प्रस्तुत किया है। प्राचीनकाल से ही भारत में पुरुषों के साथ महिलाओं को भी समान अधिकार और सम्मान मिला है इसीलिए भारतीय संस्कृति और धर्म में नारियों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इन भारतीय महिलाओं ने जहां हिंदू धर्म को प्रभावित किया वहीं इन्होंने संस्कृति, समाज और सभ्यता को नया मोड़ दिया। भारतीय इतिहास में इन महिलाओं के योगदान को कभी भी भूला नहीं जा सकता। FILE या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। माता पार्वती : भारतीय महिलाओं में सबसे विराट व्यक्तित्व है मां पार्वती का। दुनियाभर की महिलाओं के लिए वे आदर्श और प्रेरणास्रोत हैं। माता सती ने ही पार्वती के रूप में दूसरा जन्म लिया था। पहले जन्म में वे ब्रह्मा के पुत्र दक्ष की पुत्री थी और उन्होंने भगवान शिव से विवाह किया था। बाद में दक्ष द्वारा शिव के अपमान के चलते उन्होंने यज्ञ में कूदकर आत्मदाह कर लिया था। दूसरे जन्म में उन्होंने हिमालयराज के यहां जन्म लिया और पार्वती कहलाई। पार्वती इसलिए की वह पर्वतराज की राजकुमारी थीं। आज भी वह पर्वतों की रानी है। इस जन्म में भी उन्होंन...

नेपाल जाकर डिवाइस लगवा रहीं भारतीय महिलाएं, पिल्स

फैमिली प्लानिंग का सबसे पुराना और सफल मॉडल लागू करने वाले भारत में भी अनचाही प्रेग्नेंसी रोकने की करीब 100 फीसदी कामयाब यह तकनीक नहीं अपनाई गई है। यहां से बड़ी संख्या में महिलाएं सीमा पार करके नेपाल जा रही हैं। कपल्स के लिए अनचाही प्रेग्नेंसी हजारों साल से समस्या बनी हुई है। तभी इससे बचने के लिए तरह-तरह के जतन किए जाते रहे हैं। साढ़े 3 हजार साल पहले इजिप्ट में शहद, पेड़ों की छाल और पत्तियों से बने लेप का इस्तेमाल स्पर्म को यूट्रस में जाने से रोकने के लिए किया जाता था। दुनिया के पहले कंडोम का जिक्र ग्रीक माइथोलॉजी में मिलता है। जिसके मुताबिक क्रीट के राजा मीनोस के लिए बकरी के ब्लैडर से कंडोम बनाया गया था। आज के जमाने में यूज किए जाने वाले गर्भनिरोधक कब और किसने बनाए, आइए जानते हैं... इतनी तरह के गर्भनिरोधकों के आविष्कार के बाद भी ऐसे परफेक्ट कॉन्ट्रासेप्टिव की तलाश खत्म नहीं हुई, जो मेल और फीमेल दोनों के लिए सेफ हो, जो उन्हें संतुष्टि दे और जिसे वे बेहिचक, खुलकर अपना सकें। ऐसे में ‘कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट्स’ कपल्स के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं। 'वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्टिव डे' के खास मौके पर जानिए ‘कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट्स’ मेल-फीमेल के लिए फैमिली लाइफ में कैसे बदलाव ला रहे हैं, इसे 2 केस स्टडी से समझिए... केस-1 29 साल की मीना पुणे में रहती हैं। 3 बच्चे होने के बाद उन्होंने कॉपर टी लगवा ली, लेकिन इंटरकोर्स के दौरान पति इसकी वजह से असहज महसूस करते थे। फिर कपल इसे निकलवाने फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FPA) के क्लीनिक पहुंचा। वहां काउंसलर ने उन्हें दूसरे तरीके बताए। जिनमें से उन्होंने कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट्स को चुना, ताकि वे एक-दूसरे के साथ को एंजॉय कर सकें और अनचाही ...

भारतीय पुनर्जागरण में महिलाओं का योगदान

यह उस जमाने की बात है , जब भारतीय समाज में गाना-बजाना और नाच में लगी महिलाओं को नीची निगाह से देखा जाता था। तब अचानक कलकत्ता की एक बाई जी गौहर ज़ान ने घोषणा की कि हिंदुस्तान का वायसराय महीने में जितना पैसा कमाता होगा उतना तो मेरी रोज की आमदनी है। मशहूर लेखिका और वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे ने कुछ वर्ष पहले दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि गौहर जान की यह आमदनी इतनी ज्यादा थी कि स्वयं गांधी जी ने उनसे कांग्रेस की मदद को कहा और गौहरजान राजी हो गईं। पर उन्होंने एक शर्त रखी कि वे अपनी एक दिन के शो की आमदनी कांग्रेस के कोष में दे देंगी मगर उस शो में गांधी जी को आना पड़ेगा। गांधी जी ने हां कह दी। पर उस कार्यक्रम में वे जा नहीं सके पर उन्हें वह कार्यक्रम और गौहर जान का वायदा याद रहा। इसलिए कार्यक्रम के रोज उन्होंने कांग्रेस के एक कार्यकर्ता को भेजा कि जाओ गौहरजान से उस कार्यक्रम का पैसा ले आओ। कांग्रेस का कार्यकर्ता जब गौहरजान के पास पहुंचा तो गौहर जान ने कहा कि चूंकि गांधी जी ने स्वयं कार्यक्रम में आने का वायदा किया था पर वे नहीं आए इसलिए मैं इस कार्यक्रम का दो तिहाई पैसा ही दूंगी और बाकी का एक तिहाई अपने खर्चे का खुद रख लूंगी। 1930 में उस कार्यक्रम से 36 हजार रुपये की आमदनी हुई थी और गौहरजान ने 24 हजार रुपये कांग्रेस को दे दिए। मृणाल जी ने कहा कि आजकल वे उस समय की नाचनहारियों और गावनहारियों पर काम कर रही हैं उसी संदर्भ में उन्हें यह जानकारी मिली। जब भी भारतीय रेनेसाँ की बात होती है हम सिर्फ पुरुष समाज के रेनेसाँ पर चर्चा करने लगते हैं हम भूल जाते हैं कि इसी समाज के समानांतर महिला समाज में भी तो नई चेतना का विकास हुआ होगा और उनके बाबत एक सन्नाट...

भारत vs वेस्टइंडीज महिला टी20 मैच की हाईलाइट विश्व कप 2023

भारत वर्सेस वेस्टइंडीज महिला के बीच इस टूर्नामेंट का 9वां मैच न्यूलैंड्स क्रिकेट ग्राउंड, केप टाउन में खेला गया था. और इस मैच में टीम इंडिया ने 6 विकेट से बड़ी जीत हासिल की तो चलिये जानते है इंडिया वीमेन वर्सेस वेस्टइंडीज वीमेन टी20 मैच की हाईलाइट 2023 (ind w vs wi w t20 match highlights women t20 world cup 2023) क्या रही. जैसा कि गौरतलब है साउथ अफ्रीका में जारी वीमेन टी20 वर्ल्ड कप 2023 का नोवां मैच बुधवार को केप टाउन में खेला गया. इस मैच में भारतीय महिला टीम ने 6 विकेट से बड़ी जीत दर्ज कर ली. ये टीम इंडिया का इस टूर्नामेंट में दूसरा मैच था जबकि पहला मैच भी टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ 7 विकेट से जीता था. चलिये जानते है कैसी रही पूरे मैच की हाईलाइट- बात की जाए इंडिया वीमेन vs वेस्टइंडीज वीमेन टी20 मैच में मैन ऑफ द मैच कौन बना तो ये अवॉर्ड भारत की दीप्ती शर्मा (deepti sharma) के नाम रहा. जिन्होंने इस मैच में 4 ओवरों में मात्र 15 रन देकर 3 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए. दीप्ति शर्मा के इस शानदार प्रदर्शन ने भारत की इस जीत में अहम योगदान किया. जिसके चलते इन्हें इस मैच का मैन ऑफ द मैच चुना गया।

सचिन के साथ खेलने वाली महिला क्रिकेटर के धमाल से हारी इंडिया

भारतीय महिलाएं बनाम ऑस्ट्रेलिया महिलाएं टीम के बीच 5 T20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज खेले जा रही है। जिसमें से आज तीसरा मैच मुंबई के बैर ब्राउन क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया। वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया टीम ने दूसरे टी 20 मैच मैं भारत को 21 रन से हराकर सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली है। इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। शुरुआत में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया टीम के 2 विकेट जल्दी चटका दिए थे। लेकिन फिर आई एलिस पैरी जिन्होंने खतरनाक बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जड़ा। वहीं दूसरी ओर ग्रेस हैरिस ने भी तूफानी पारी खेली जिसके बदौलत ऑस्ट्रेलिया टीम ने 8 विकेट के नुकसान पर 172 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया। बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम? लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय महिला टीम ने शुरुआत में ही बेहद खराब खेला। दूसरे मैच की स्टार बल्लेबाज स्मृति मांधना भी इस मैच में नहीं चल पाई। इन्होंने केवल 1 रन बनाकर पवेलियन के रास्ता देख लिया। जमिमा भी कुछ खास नहीं कर पाई , इन्होंने केवल 16 रन बनाकर , ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज ब्राउन का शिकार हो गई। इसके बाद बल्लेबाजी करने आई शेफाली वर्मा और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भारत की पारी को संभलकर खेलते हुए आगे बढ़ाया। जिसमें शेफाली वर्मा ने अपने T20 करियर का पांचवां अर्धशतक पूरा किया। सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली ऑस्ट्रेलिया टीम शेफाली वर्मा के आउट हो जाने के बाद भारतीय महिला टीम ने एक के बाद एक अपना विकेट गवाया । ऑस्ट्रेलिया टीम की तरफ से डोर्सी ब्राउन ,, एशले गार्डनर ने दो-दो विकेट अपने नाम किया। दूसरी ओर निकोला कैरी और मैगम सूट ने एक-एक विकेट हासिल किया। अंत में भारत के लिए दीप्ति वर्मा ने कुछ संघर्ष करते हुए रन बनाया ले...