Bpsc ki sthapna kab hui

  1. निपुण भारत मिशन
  2. जानिये आखिर कैसे हुई उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति? – Buy Spiritual Products
  3. नाबार्ड क्या है?, नाबार्ड की स्थापना, नाबार्ड का मुख्यालय?
  4. विश्व बैंक की स्थापना कब हुई थी?
  5. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की स्थापना कब हुई?
  6. Mahaveer Swami


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निपुण भारत मिशन

टैग्स: • • • प्रिलिम्स के लिये निपुण भारत मिशन तथा भारत में शिक्षा से संबंधित अन्य पहलें मेन्स के लिये निपुण भारत मिशन : परिचय, उद्देश्य, लक्ष्य तथा महत्त्व; भारत में शिक्षा तथा नवीन शिक्षा नीति का महत्त्व चर्चा में क्यों? शिक्षा मंत्रालय ने ‘ बेहतर समझ और संख्यात्मक ज्ञान के साथ पढ़ाई में प्रवीणता के लिये राष्ट्रीय पहल - निपुण’ (National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy- NIPUN) भारत मिशन की शुरुआत की है। • इसका उद्देश्य 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को पूरा करना है। प्रमुख बिंदु NEP 2020 का हिस्सा: • यह पहल NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) 2020 के एक भाग के रूप में शुरू की जा रही है। • इस नीति का उद्देश्य देश में स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है। इस नीति ने 34 वर्षीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NPE), 1986 को प्रतिस्थापित किया। उद्देश्य: • आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के सार्वभौमिक अधिग्रहण को सुनिश्चित करने के लिये एक सक्षम वातावरण बनाना ताकि ग्रेड 3 का प्रत्येक बच्चा वर्ष 2026-27 तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित में वांछित सीखने की क्षमता प्राप्त कर सके। केंद्रबिंदु के क्षेत्र: • यह स्कूली शिक्षा के मूलभूत वर्षों में बच्चों तक शिक्षा की पहुँच प्रदान करने और उन्हें बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करेगा जैसे- शिक्षक क्षमता निर्माण, उच्च गुणवत्ता और छात्र एवं शिक्षक संसाधनों/शिक्षण सामग्री का विकास तथा सीखने के परिणामों को लेकर प्रत्येक बच्चे की प्रगति पर नज़र रखना। कार्यान्वयन: • स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा NIPUN को भारत में कार्यान्वित किया जाएगा। • समग्र शिक्षा की...

जानिये आखिर कैसे हुई उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति? – Buy Spiritual Products

उज्जैन में स्थापित महाकाल मंदिर की स्थापना द्वापर युग में नंद जी की आठ पीढ़ी पहले हुई थी। बता दें मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल में हमेशा ही भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है क्योंकि उज्जैन में मौजूद महकाल का संबंध भगवान शिव से है और यह Ujjain Mahakal Mandir 12 ज्योतिर्लिंगों में भी शामिल है। इसे पृथ्वी का नाभिस्थल भी कहा जाता है क्योंकि इस मंदिर के शिखर से कर्क रेखा होकर गुजरती है। Ujjain ke Mahakal ki kahani से ही महाकालेश्वर मंदिर का पौराणिक इतिहास जुड़ा हुआ है। सभी के मन में यह सवाल जरूर उठा होगा कि महाकालेश्वर मंदिर की इतनी मान्यता है तो उसके पीछे प्रमुख वजह क्या है आज हम महाकालेश्वर मंदिर के पौराणिक कहानी के बारे में बता जा रहे हैं। आइये जानते हैं आखिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई? महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्तिके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। महाभारत, शिवपुराण और स्कन्दपुराण में महाकाल के बारे में खूब वर्णन किया गया है। Mahakaleshwar Mandir से जुड़ी कथा में भगवान शिव के परमभक्त राजा चन्द्रसेन और गोप बालक का जिक्र मिलता है। एक बार राजा चन्द्रसेन भगवान शिव की पूजा में अत्यधिक लीन थे उस वक़्त श्रीकर नामक गोप बालक वहां से गुजर रहा था। गोप बालक हो उठा ललायित राजा का शिवपूजन देख गोप बालक लालायित हो उठा और पूजा करने की इच्छा उसके मन में जाग उठी। रास्ते में जाते हुए वह बालक पूजा सामग्री जुटाने में जुट गया पर वह पूजा का सारा सामान नहीं जुटा सका। पर उसके मन में जागृत हुई वह इच्छा कम न हुई और उसने एक सामान्य पत्थर लेकर ही भगवान शिव की पूजा करना आरम्भ कर दिया। उसने पत्थर पर पुष्प, चन्दन आदि अर्पित किये और राजा की ही भांति उपासना में डूबता चला गया। ...

नाबार्ड क्या है?, नाबार्ड की स्थापना, नाबार्ड का मुख्यालय?

नाबार्ड क्या है?, नाबार्ड की स्थापना, नाबार्ड का मुख्यालय, नाबार्ड की स्थापना किस समिति के सिफारिश पर हुई? NABARD Kya hai?, NABARD ki sthapana?, NABARD ka mukhyalay?, NABARD ki sthapana kis samiti ki sifarish par hui? आपके मन में बेशक इस प्रकार के प्रश्न होंगे, और होगा भी क्यों नही, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ये प्रश्न बेहद Conmon हैं, और अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो इन सभी जवाब आपको याद होना जरूरी हैं। NABARD Kya hain, NABARD ki sthapana kab hui? आज हम इस पोस्ट में आपके इन सवालों "नाबार्ड क्या है?, नाबार्ड की स्थापना, नाबार्ड का मुख्यालय, नाबार्ड की स्थापना किस समिति के सिफारिश पर हुई?" के जवाब ले कर आए हैं और बारीकी से समझेंगे की की ये सभी चीजें क्या हैं। >> NABARD का पूर्ण रूप - National Bank For Agriculture and Rural Development राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड - NABARD) >> नाबाई एक विकास बैंक है जो प्राथमिक तौर पर देश के ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक यानी नाबाई, कृषि एवं ग्रामीण विकास हेतु वित्त प्रदान करता है। था यू कहे तो कृषि एवं ग्रामीण विकास हेतु वित्त प्रदान करने के लिए शीर्ष बैंकिंग संस्थान है। >> " नाबार्ड का मुख्यालय" - मुम्बई (देश की वित्तीय राजधानी) >> " नाबार्डकी स्थापना" - राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम, 1981 के तहत (12 July 1982) नाबार्ड के कार्य को ऐसे समझे : नाबार्ड केन्द्रीय सहकारी बैंको, वाणिज्यिक बैंक, राज्य सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको और भूमि विकास बैंकों को पुनर्वित सेवाए प्रदान करता है। साथ ही साथ यह भी ध्यान रखे की " नाबार्ड" वाण...

विश्व बैंक की स्थापना कब हुई थी?

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप और जापान के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए 1944 में विश्व बैंक की स्थापना की गई थी। इसका आधिकारिक नाम पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IBRD) था। 1946 में इसका परिचालन शुरू हुआ था और इसमें 38 सदस्य थे। आज विश्व के अधिकांश देश इसके सदस्य हैं, जिसमे भारत भी शामिल है। विश्व बैंक एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विकासशील देशों को उनकी आर्थिक उन्नति में सहायता के लिए वित्त पोषण, सलाह और अनुसंधान प्रदान करने के लिए समर्पित है। विश्व बैंक की स्थापना बैंक मुख्य रूप से एक संगठन के रूप में कार्य करता है जो मध्यम और निम्न-आय वाले देशों को विकासात्मक सहायता प्रदान करके गरीबी से लड़ने का प्रयास करता है। पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक, जिसे बाद में विश्व बैंक के रूप में जाना जाता था, 1944 में स्थापित किया गया था और तब से इसमें पाँच विकास संगठनों का एक समूह शामिल हो गया है जो निकटता से संबंधित हैं। प्रारंभ में, इसके ऋणों ने तबाह हुए राष्ट्रों के द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के पुनर्निर्माण का समर्थन किया। विश्व बैंक एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है जो कम और मध्यम आय वाले देशों में सरकारों को पूंजीगत परियोजनाओं को निधि देने के लिए उधार देता है और अनुदान देता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पुनर्निर्माण में यूरोप की सहायता के लिए 1944 में स्थापित IBRD, विश्व बैंक बनाने के लिए, सबसे गरीब देशों के लिए हमारे कोष, IDA के साथ विलय कर दिया गया। वे सभी विश्व बैंक समूह संस्थानों के साथ-साथ विकासशील देशों में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के साथ मिलकर गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करते हैं। • 2022 तक, विश्...

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की स्थापना कब हुई?

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की स्थापना 1861 में हुई थी और यह पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत संस्कृति विभाग के संलग्न कार्यालय के रूप में कार्य करता है। इसकी मुख्य गतिविधियां हैं — पुरातात्विक स्थलों और अवशेषों/संरक्षित स्मारकों की देख-रेख संरक्षण और परिक्षण, पुरातात्विक खोजों और उत्खनन का संचालन, स्मारकों और भग्नावशेषों का रासायनिक बचाव, स्मारकों की निर्माण कला का सर्वेक्षण, अनुसंधान का विकास, भारत में उत्खनन स्थलों पर संग्रहालयों की स्थापना और पुनर्संगठन, केंद्रीय संरक्षण वाले स्मारकों के पर्यावरण का विकास और पुरातत्व विज्ञान में प्रशिक्षण। वर्तमान में राष्ट्रीय महत्व के केंद्रीय संरक्षण में 3,644 स्मारक हैं। जिनमें विश्व विरासत की सूची में 17 स्मारक शामिल हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण 5,000 से ज्यादा ऐतिहासिक ढांचों का रख-रखाव कर रहा है। Tags : वियतनाम के नए राष्ट्रपति वो वान थुओंग (Vo Van Thuong) है। फरवरी 2023 में एक व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बीच तत्कालीन राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक के अचानक इस्तीफा देने के बाद थुओंग को चुना गया। 13 दिसम्बर 1970 को जन्में वो वान थुओंग पार्टी के पोल • प्रेस सूचना ब्यूरो के नये महानिदेशक कौन बने है?

Mahaveer Swami

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम महावीर स्वामी (Mahaveer Swami) की पूरी जानकारी पढ़ेंगे। इसमें हम महावीर स्वामी का जीवन परिचय (Mahaveer Swami Ka Jivan Parichay), महावीर स्वामी को ज्ञान की प्राप्ति (Mahaveer Swami Ko Gyan Ki Prapti), जैन धर्म (jain dharm), जैन धर्म का प्रचार (Jain Dharm Ka Prachar), महावीर स्वामी के उपदेश (Bhagwan Mahaveer Ke Updesh) के बारे में जानेंगे। महावीर स्वामी के बारे में पूरी जानकारी पढ़ें – Mahaveer Swami महावीर स्वामी का जीवन परिचय – Mahaveer Swami Ka Jivan Parichay जन्म – 540 ई. पू., चैत्र शुक्ल त्रयोदशी जन्मस्थान – वैशाली के निकट कुण्डग्राम मृत्यु – 468 ई. पू. (72 वर्ष), कार्तिक अमावस्या मृत्युस्थान – पावापुरी (बिहार) बचपन का नाम – वर्धमान अन्य नाम – वीर, अतिवीर, सन्मति, निकंठनाथपुत्त (भगवान बुद्ध), विदेह, वैशालियें जाति – ज्ञातृक क्षत्रिय वंश – इक्ष्वाकु वंश राशि – कश्यप पिता – सिद्धार्थ माता – त्रिशला/विदेहदत्ता भाई – नंदीवर्धन बहन – सुदर्शना पत्नी – यशोदा (कुण्डिय गोत्र की कन्या) पुत्री – अणोज्जा/प्रियदर्शना दामाद – जामालि (प्रथम शिष्य – प्रथम विद्रोही) गृहत्याग – 30 वर्ष की आयु में ज्ञान प्राप्ति की अवस्था – 42 वर्ष (12 वर्ष बाद) ज्ञान प्राप्ति – जृम्भिकग्राम के समीप ऋजुपालिका नदी के किनारे साल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्ति के बाद इनके नाम – जिन, अर्हत, महावीर, निर्गन्थ, केवलिन। प्रथम उपदेश – राजगृह के समीप विपुलांचल पर्वत में बराकर नदी के किनारे प्रथम वर्षावास – अस्तिका ग्राम में अन्तिम वर्षावास – पावापुरी प्रतीक चिह्न – सिंह महावीर स्वामी का जन्म कब हुआ – Mahaveer Swami Ka Janm Kab Hua Tha महावीर...