छोटी दीपावली कब की है

  1. क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, जानिए पौराणिक कथा
  2. Choti Diwali 2022: जानें आखिर क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी के दिन रखे इन बातों का खास ख्याल
  3. Diwali 2022 Date and Time: दिवाली कब है, 23 या 24 अक्टूबर, ज्योतिष गुरु शिरोमणि सचिन से जानें
  4. Diwali In 2023 : दिवाली कब है, जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में
  5. दिवाली
  6. छोटी और बड़ी दिवाली कब की है? – Expert
  7. Choti Diwali 2021: कब है छोटी दिवाली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा करने की विधि
  8. Choti Diwali 2021: कब है छोटी दीवाली? जानें इसका महत्व, पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त


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क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, जानिए पौराणिक कथा

कृष्ण अपनी आठों पत्नियों के साथ सुखपूर्वक द्वारिका में रह रहे थे। एक दिन स्वर्गलोक के राजा देवराज इंद्र ने आकर उनसे प्रार्थना की, 'हे कृष्ण! प्रागज्योतिषपुर के दैत्यराज भौमासुर के अत्याचार से देवतागण त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। क्रूर भौमासुर ने वरुण का छत्र, अदिति के कुण्डल और देवताओं की मणि छीन ली है और वह त्रिलोक विजयी हो गया है। इंद्र ने कहा, भौमासुर ने पृथ्वी के कई राजाओं और आमजनों की अति सुन्दरी कन्याओं का हरण कर उन्हें अपने यहां बंदीगृह में डाल रखा है। कृपया आप हमें बचाइए प्रभु। इस प्रकार भौमासुर को मारकर श्रीकृष्ण ने उसके पुत्र भगदत्त को अभयदान देकर उसे प्रागज्योतिष का राजा बनाया। भौमासुर के द्वारा हरण कर लाई गईं 16,100 कन्याओं को श्रीकृष्ण ने मुक्त कर दिया। ये सभी अपहृत नारियां थीं या फिर भय के कारण उपहार में दी गई थीं और किसी और माध्यम से उस कारागार में लाई गई थीं। वे सभी भौमासुर के द्वारा पीड़ित थीं, दुखी थीं, अपमानित, लांछित और कलंकित थीं। सामाजिक मान्यताओं के चलते भौमासुर द्वारा बंधक बनकर रखी गई इन नारियों को कोई भी अपनाने को तैयार नहीं था, तब अंत में श्रीकृष्ण ने सभी को आश्रय दिया। ऐसी स्थिति में उन सभी कन्याओं ने श्रीकृष्ण को ही अपना सबकुछ मानते हुए उन्हें पति रूप में स्वीकार किया, लेकिन श्रीकृष्ण उन्हें इस तरह नहीं मानते थे। उन सभी को श्रीकृष्ण अपने साथ द्वारिकापुरी ले आए। वहां वे सभी कन्याएं स्वतंत्रपूर्वक अपनी इच्छानुसार सम्मानपूर्वक द्वारका में रहती थी। महल में नहीं। वे सभी वहां भजन, कीर्तन, ईश्वर भक्ति आदि करके सुखपूर्वक रहती थीं। द्वारका एक भव्य नगर था जहां सभी समाज और वर्ग के लोग रहते थे। भागवत पुराण में बताया गया है कि भौमासुर भूमि माता का पुत्र था। विष...

Choti Diwali 2022: जानें आखिर क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी के दिन रखे इन बातों का खास ख्याल

Choti Diwali 2022: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है. जिसे हम नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. इस दिन के लिए कहा जाता है कि इस दिन यमदेव, वासुदेव कृष्ण और बजरंगबली की उपासना करने से जीवन का सब प्रकार से कल्याण होता है. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि बहुत अहम है. इस पर्व को नरक चौदस, रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है. दीपावली के एक दिन पहले का दिन यानि छोटी दिवाली सौन्दर्य प्राप्ति और आयु प्राप्ति का होता है. इस दिन आयु के देवता यमराज की उपासना की जाती है और सौन्दर्य प्राप्ति के प्रयोग किए जाते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण की उपासना भी की जाती है क्योंकि इसी दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था. कहीं कहीं पर ये भी माना जाता है की आज के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. इस दिन के प्रयोगों से आयु या सेहत की समस्या भी दूर होती है. श्रीकृष्ण से भी है इस दिन का ताल्लुक हालांकि, छोटी दिवाली ऐसा ही शुभ दिन है जब आपको जीवन की हर बाधा से मुक्ति दिलाने स्वयं भगवान श्री कृष्ण उपस्थित होते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर सृष्टि को उसके प्रकोप से बचाया था. श्रीकृष्ण ने सत्यभामा की मदद से नरकासुर का वध करके देवताओं और संतों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. इसी की खुशी में लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए और त्योहार मनाने की शुरुआत की. तभी से नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाने लगा. माना जाता है कि सत्यभामा को नारायणी स्वरूप मानकर लोग उनकी पूजा करने लगे थे. किन बातों का रखें ख्याल नरक चतुर्दशी को काली चौदस, नरक चौदस, रूप चौदस, छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना जरू...

Diwali 2022 Date and Time: दिवाली कब है, 23 या 24 अक्टूबर, ज्योतिष गुरु शिरोमणि सचिन से जानें

• • Video Gallery • Diwali 2022 Date and Time: दिवाली कब है, 23 या 24 अक्टूबर, ज्योतिष गुरु शिरोमणि सचिन से जानें - Watch Video Diwali 2022 Date and Time: दिवाली कब है, 23 या 24 अक्टूबर, ज्योतिष गुरु शिरोमणि सचिन से जानें - Watch Video Diwali 2022 Date: दीवाली कब है, 23 या 24 अक्टूबर वीडियो में जानें. Updated: October 18, 2022 5:12 PM IST By | Edited by • • • Diwali 2022 Date and Time: वीडियो में ज्योतिष गुरु शिरोमणि सचिन से जानें दीपावली 23 या 24 अक्टूबर किस दिन माननी है. दिवाली २०२२ शुभ मुहूर्त: २४ October २०२२ को छोटी दीपावली और बड़ी दीपावली दोनो को मनाया जाएगा. अंधकार को नष्ट करने का प्रतीक है दीपावली, घर का हर कोना प्रज्वलित रखें.

Diwali In 2023 : दिवाली कब है, जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में

Rate this post दिवाली कब है, धनतेरस कब है, नरक चतुर्दशी कब है, गोवर्धन पूजा कब है, भाई दूज कब है, अन्नकूट कब है, 2023 में दीपावली कब है (Diwali 2023 kab hai, Dhanteras Kab Hai, Govardhan Puja Kab Hai, Bhai Dooj Kab Hai, 2023 Diwali Date, Diwali Puja 2023, Diwali Festival, chhoti diwali kab hai, deepavali 2023) Diwali 2023 kab hai– दीपों का महापर्व दीपावली को हर धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है. यह पर्व सुख-समृद्धि और सौभाग्य लेकर आता है. दीपावली का पर्व हर वर्ष कार्तिक अमावस्या से शुरू होता है और कार्तिक मास के शुक्लपक्ष तक मनाए जाने वाला त्योहार (Diwali In Hindi) है. साल 2023 में दिवाली 12 नवम्बर रविवार के दिन है. दीपावली का त्योहार एक नही बल्कि पांच दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है. इस त्योहार का शुभारम्भ धनतेरस (2023 mein dhanteras kab hai) से होता है और भैया दूज (bhaiya dooj kab hai) पर समापन होता है.पांच दिनों तक मनाए जाने वाले दीपोत्सव महापर्व को अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है. Table of Contents • • • • • • • Diwali In 2023 : जानिए पांच दिनों के त्योहार के बारे में पांच दिनों तक मनाए जाने वाले इस त्योहार का मुख्य कारण यह भी है कि हर इंसान के लिए अपने जीवन में इन पांच बातों को जानना बेहद जरूरी है. इस त्योहार के पांचो दिन जीवन की अहम बातों को दर्शाता है जिसमें प्रेम, धन, प्रकृति, स्वास्थ्य, सद्भाव और मृत्यु का संदेश छिपा है. और यह सभी बाते जीवन को आधार बनाती है. लक्ष्मी को हम लोग पैसे, सोना और चांदी समझते है. लेकिन वास्तविक में ऐसा नही है. लक्ष्मी का शाब्दिक अर्थ है शांति, सुख और समृद्धि से. 1. पहला दिन 11 नवम्बर धनतेरस 2. दूसरा दिन 12 नवम्बर छोटी ...

दिवाली

महत्वपूर्ण जानकारी • दिवाली पूजा 2023 • रविवार, 12 नवंबर 2023। • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 05:39 अपराह्न से 07:35 अपराह्न • अमावस्या तिथि शुरू: 12 नवंबर 2023 दोपहर 02:45 बजे • अमावस्या तिथि समाप्त: 13 नवंबर 2023 अपराह्न 04:55 बजे • क्या आप जानते हैं दिवाली सभी जातियों में मनाई जाती है। जैसे, जैन, हिंदू और सिख। दिवाली हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली और ‘रोशनी का त्योहार’ के रूप में भी जाना जाता है और दिवाली शब्द ‘दीपावली’ शब्द का गलत रूप है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश की पंक्तियां। यह त्यौहार कार्तिक के महीने में 15 वें दिन होता है (आमावस्य) जब सर्दी के मौसम की शुरुआत होती है। इसके बारे में विभिन्न राय हैं जैन का मानना है कि इस दिन महावीर स्वामी स्वर्ग में गए और देवताओं ने उन्हें प्राप्त किया और इस प्रकार उन्हें मोक्ष मिला। हिंदुओं ने इसलिए मनाते है क्योंकि इस दिन श्री राम चंद्र लंका के राजा रावण की हत्या के बाद अयोध्या लौट आए थे, और लोगों ने अपने सम्मान में अपने घरों को रोशन कर दिया था। सिखों के लिए दिवाली, बंदी छोर दिन का प्रतीक है, जब गुरु हर गोविंद जी ने अपने और हिंदू राजाओं को फोर्ट ग्वालियर से, इस्लामी शासक जहांगीर की जेल से मुक्त कर दिया था, और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में पहुंचे थे। तब से, सिखों ने बंदी मुक्त दिवस मनाया, स्वर्ण मंदिर, आतिशबाजी और अन्य उत्सवों की वार्षिक प्रकाश व्यवस्था के साथ। यह त्योहार बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है घरों, दुकानों के मंदिरों और अन्य इमारतों को साफ कर दिया जाता है और कई रंगो से रंग दिया जाता है और चित्र, खिलौने और पेपर के फूलों से सजाया जाता है। सभी लकड़ी की चीजें पॉलिश किया जाता हैं रात ...

छोटी और बड़ी दिवाली कब की है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • छोटी और बड़ी दिवाली कब की है? इस साल छोटी दिवाली का पर्व 3 नवंबर 2021 को मनाया जा रहा है, जो कि दिवाली से एक दिन पहले होता है। दिवाली इस बार 4 नवंबर को मनाई जाएगी। छोटी दिवाली 2021 शुभ मुहूर्त: दुनियाभर के हिन्दु समुदाय के लोग पूजा-पाठ व धार्मिक अनुष्ठान के लिए अनुकूल समय को शुभ मुहूर्त के नाम से जानते हैं। छोटी दिवाली एकादशी कब है? छोटी दिवाली का त्योहार आज 3 नवंबर 2021, दिन बुधवार को मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, छोटी दिवाली पर पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 40 मिनट से सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक है। छोटी दीपावली के दिन क्या खरीदना चाहिए? दीपावली पर कभी भी स्टील से बने बर्तन नहीं खरीदने चाहिए, इनकी बजाय आप चांदी या सोने से बनी छोटी ही कोई चीज खरीद सकते हैं। ज्योतिष वैज्ञानिकों के अनुसार चांदी के बर्तन या सिक्के और सोने से बने जेवरात खरीदना अति लाभदायक होता है। छोटी दीपावली का पूजन कैसे करें? पूजन मुहूर्त में एक चौकी पर पंचदेवों, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव,विष्णु और सूर्यदेव की स्थापना करें। इसके बाद पंचदेवों का गंगा जल से स्नान करा कर, रोली या चंदन से तिलक करें। उन्हें धूप, दीप और फूल चढ़ा कर उनके आवहन मंत्रों का जाप करें। सभी देवों को जनेऊ, कलावा ,वस्त्र और नैवेद्य अर्पित करने चाहिए। छोटी दिवाली पर किसकी पूजा होती है? धनतेरस के बाद छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. इस दिन यमराज की पूजा होती है और शाम के वक्त प्रवेश द्वार पर दीप जलाए जाते हैं. इसे यम का दीपक भी कहते हैं. छोटी दिवाली क्यों मनाया जाता है? सत्यभामा कृष्ण द्वा...

Choti Diwali 2021: कब है छोटी दिवाली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा करने की विधि

छोटी दिवाली आमतौर पर दिवाली उत्सव के दूसरे दिन मनाई जाती है। छोटी दीवाली को धनतेरस के अगले दिन मनाया जाता है। आज हम आपको तारीख, पूजा का समय, शुभ मुहूर्त और बहुत कुछ चीजों की जानकारी देगें, जिससे मां लक्ष्मी सदैव आपके घर रहें। छोटी दिवाली 2021 छोटी दिवाली को काली चौदस, नरक चतुर्दशी और अन्य कई नामों से जाना जाता है। यह कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को चिह्नित करता है, जो शालिवाहन शक हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन के महीने में मनाया जाता है। चौदस का मतलब (14) चौदह अंक को कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण, सत्यभामा और काली ने इसी दिन राक्षस नरकासुर का वध किया था। इस दिन अक्सर महाकाली और शक्ति की पूजा में बिताया जाता है। बताया जाता है कि यह दिन आलस्य और बुराई जैसे राक्षसों के उन्मूलन का भी प्रतीक है, जो हमारे जीवन में अंधेरा लाते हैं, जिससे यह सब उज्ज्वल हो जाता है। कुछ लोग इस दिन हनुमान जयंती भी मनाते हैं। छोटी दिवाली पूजा का समय, शुभ मुहूर्त इस वर्ष छोटी दीवाली का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा। वहीं द्रिक पंचांग के अनुसार, छोटी दिवाली पर पूजा करने का शुभ समय 11.49 बजे से 12:41 बजे, 4 नवंबर तक है। यह अवधि 51 मिनट की है। अभयंग स्नान अनुष्ठान करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05.40 बजे से 06.03 बजे तक है। साथ ही कोई भी शाम 5.17 बजे के बाद 'चतुर्मुखी दीपक' जलाकर शांति और बुराई को दूर करने के लिए प्रार्थना कर सकता है। हनुमान जयंती पूजा के लिए, चतुर्दशी तिथि 3 नवंबर को सुबह 09.02 बजे शुरू होती है और 04 नवंबर को सुबह 06.03 बजे समाप्त होती है।

Choti Diwali 2021: कब है छोटी दीवाली? जानें इसका महत्व, पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास कृष्णपक्ष में 14वीं तिथि यानी धनतेरस के अगले दिन छोटी दीवाली का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व के दीवाली से जुड़े होने के कारण हिंदु धर्म में इसका विशेष महत्व है. इस पर्व को 'अनंत चौदस', 'काली चौदस' और 'नरक चतुर्दशी' के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष छोटी दीवाली 3 नवंबर, बुधवार, 2021 को मनाई जाएगी. आइये जानते हैं छोटी दीपावली क्यों और कैसे मनाई जाती है, तथा इसका महत्व, पूजा विधि एवं मुहूर्त क्या है? छोटी दिवाली का महत्व छोटी दीवाली के संदर्भ में पौराणिक कथाओं में उल्लेखित है कि प्रागज्योतिषपुर नगर का दैत्यराज नरकासुर के अत्याचार से समस्त जनता पीड़ित थी. वह शारीरिक रूप से अस्वस्थ महिलाओं को परेशान करता था. एक दिन उसने देवताओं की सोलह हजार बेटियों को कैद कर लिया. नरकासुर ने सभी देवी-देवताओं की माँ के रूप में विख्यात देवी अदिति के सोने के झुमके छीन लिए. भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा को यह बात पता चली तो उसने श्री कृष्ण से नरकासुर की उद्दंता बताते हुए नरकासुर को सज़ा देने की प्रार्थना की, तब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर देवताओं की कन्‍याओं को कैदमुक्‍त कराया. इसके बाद से यह दिन छोटी दीवाली के रूप में मनाई जा रही है. छोटी दीवाली पूजा विधि छोटी दीवाली के दिन सुबह सवेरे स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. स्वच्छ वस्त्र धारण कर शुभ मुहूर्त पर पूजा प्रारंभ करें. लकड़ी की एक छोटी सी चौकी लें, इस पर लाल रंग का आसन बिछाएँ. इस पर भगवान श्रीगणेश एवं देवी लक्ष्मी की तस्वीर रखें. तस्वीर के सामने चांदी के सिक्के रखें. एक बड़ी प्लेट में स्वास्तिक बनाएं, इसके चारों और 11 मिट्टी के दीपक रखें, बीच में चारमुखी दीपक रखें. अब 11 दीयों में चीनी, मखाना, खील या मुरमुरा रखें. अब...