छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति आयोग के वर्तमान अध्यक्ष

  1. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?
  2. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष
  3. विभाग के निगम/आयोग/संगठन
  4. अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पी.एल.पुनिया ने छत्तीसगढ़ सदन पहुचकर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू का जाना कुशलक्षेम srnewscg.in
  5. छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए मुख्यमंत्री....
  6. छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग
  7. क्या है राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तथा उसके कार्य?


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राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?

Explanation : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के वर्तमान अध्यक्ष विजय सांपला हैं। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला को 27 अप्रैल 2022 को दूसरी बार राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनकी नियुक्ति का आधिकारिक आदेश 27 अप्रैल को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने जारी किया। सांपला ने पंजाब चुनाव से पहले एनसीएससी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और चुनाव लड़ा था। पंजाब के प्रमुख दलित राजनेता सांपला ने 1998 में जालंधर छावनी के सोफीपिंड गांव के सरपंच के रूप में राजनीतिक जीवन शुरू किया था। वह 2008-2012 तक पंजाब खादी बोर्ड के अध्यक्ष और 2014 में पंजाब राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष रहे। वह पंजाब के होशियारपुर से लोकसभा के लिए चुने गए और 2015 में केंद्रीय मंत्री बने। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग NCSC एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में अनुसूचित जातियों (SC) के हितों की रक्षा हेतु कार्य करता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 338 इस आयोग से संबंधित है। वियतनाम के नए राष्ट्रपति वो वान थुओंग (Vo Van Thuong) है। फरवरी 2023 में एक व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बीच तत्कालीन राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक के अचानक इस्तीफा देने के बाद थुओंग को चुना गया। 13 दिसम्बर 1970 को जन्में वो वान थुओंग पार्टी के पोल • प्रेस सूचना ब्यूरो के नये महानिदेशक कौन बने है?

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष

सही उत्तर : हर्ष चौहान व्याख्या : 20 फरवरी 2021 को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) का अध्यक्ष पद पिछले करीब एक साल से खाली रहने के बाद अब हर्ष चौहान को नया अध्यक्ष बनाया गया है। आपको बता दे की NCST के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति तीन साल के लिए करते हैं। और यहाँ अध्यक्ष का दर्जा केंद्रीय मंत्री के स्तर और उपाध्यक्ष का दर्जा राज्य मंत्री स्तर का तथा सदस्यों का रैंक भारत सरकार के सचिव के बराबर होता है। अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) की परिभाषा : इस प्रकार की जातियों को कई प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है उन्ही में से एक है की - अनुसूचित जातियाँ वे समूह हैं जिनका कि नाम एक समय विशेष में लागू अनुसूचित जाति के अंतर्गत आता है। जैसे वर्तमान समय में हमारे देश में ऐसी कई जनजातियां हैं, जो समाज के लोगो के साथ न रहकर अलग- थलग रह कर अपना जीवन यापन करते है। इन लोगो का अपना एक अलग समाज होता है, और इनके रीती-रिवाज के साथ-साथ नियम कानून भी बिल्कुल अलग होते है। ऐसे लोग प्रायः समाज से दूर जंगलों और पहाड़ों के निकट अपना जीवन यापन करते हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के बारें में : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना अनुच्छेद 338 में संशोधन करके और संविधान (89वां संशोधन) अधिनियम, 2003 के माध्यम से संविधान में एक नया अनुच्छेद 338क अंतःस्थापित करके की गयी थी। यहाँ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा प्रत्येक सदस्य के कार्यालय की अवधि कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्षों की है। अध्यक्ष को संघ के मंत्रिमंडल मंत्री का रैंक दिया गया है, और उपाध्यक्ष राज्य मंत्री तथा अन्य सदस्य सचिव, भारत सरकार के रैंक के होते हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्य : यहाँ...

विभाग के निगम/आयोग/संगठन

अनुसूचित जनजाति से संबंधित नीति विषयक अनुशंसा हेतु आदिवासी मंत्रणा परिषद का गठन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया गया है। परिषद के अध्यक्ष माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन तथा सदस्य माननीय मंत्री, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग है। जनजाति के विधायकगण परिषद के सदस्य मनोनीत किये गये हैं। मंत्रणा परिषद की बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति से संबंधित कई छोटी-बड़ी समस्याओं से संबंधित व नीतिगत निर्णय/अनुशंसायें की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया है। गठन की अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग के अधिसूचना क्रमांक 186/2000, दिनांक 12.11.2000 द्वारा जारी की गयी है। राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग अधिनियम-1995 के प्रावधानों के अनुसार तीन सदस्यीय आयोग गठित है। वर्तमान में आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य का पद रिक्त है। आयोग के दायित्व:- अन्य पिछड़ा वर्ग के जातियों के सतत् पहचान ,खोजबीन तथा फर्जी जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने, शासकीय सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के लिए सुझाव देने तथा इस वर्ग के हित प्रहरी के रूप में कार्य करने हेतु छ0ग0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग 1995 के प्रावधान अनुसार अध्यक्ष पद पर डाॅ. श्री सियाराम साहू पदस्थ हैं। एवं सदस्य का पद रिक्त है। छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक डी-1932/2717/आ.जा.क्रं -/2001, रायपुर दिनांक 12.07.2001 द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अल्प संख्यक आयोग का गठन 12 जुलाई 2001 से किया गया है। राज्य के अधीन अल्पसंख्यकों को संवैधानिक प्रगति का मूल्यांकन, अल्पसंख्यक के विरूद्ध किसी भेदभा...

अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पी.एल.पुनिया ने छत्तीसगढ़ सदन पहुचकर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू का जाना कुशलक्षेम srnewscg.in

रायपुर, 2 सितंबर 2021 –अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पी.एल.पुनिया ने बुधवार को शाम 7 बजे नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन पहंुचकर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। देर रात संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय ने भी नई दिल्ली में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू से सौजन्य मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। गौरतलब है कि गृह मंत्री श्री साहू को एक पखवाड़ा पहले 19 अगस्त को नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां 20 अगस्त को उनका स्वास्थगत ऑपरेशन हुआ। मंत्री श्री साहू को 31 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल से डिस्चार्च होने के उपरांत वे छत्तीसगढ़ भवन में आराम कर रहे हैं। श्री साहू लगभग एक सप्ताह दिल्ली में आराम करने के बाद रायपुर लौट आएंगे। चिकित्सकों ने मंत्री श्री साहू को चार-पांच सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी है। मंत्री श्री साहू वर्तमान में पूरी तरह से स्वस्थ है। • 22 hours ago बुरे समय में स्वेच्छानुदा राशि मिलने से बिखेरी खुशियाँ। • 23 hours ago मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 23 जोड़ो का विवाह हुआ संपन्न। विधायक व संसदीय सचिव चंदद्रेव प्रसाद राय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल। • 23 hours ago संसदीय सचिव व विधायक चन्द्रदेव राय के विकास कार्यों से गढ़बो नवा बिलाईगढ़ का सपना हो रहा है साकार, विकास से आधुनिकता की ओर बढ़ रहे कदम। SRNEWSCG.IN एक ऐसा न्यूज बेबसाईट है। जिसके माध्यम से विभिन्न दैनिक समाचार पत्र एवं अन्य पत्रिका को समाचार एवं व्यपारीओ के दुकानों का प्रचार-प्रसार के लिए फोटो फीचर की सेवायें न्यूनतम शुल्क में प्रस्तुत किया जाता है। साथ ही लिंक के द्वारा भी अन्य पाठकों क...

छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए मुख्यमंत्री....

रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, यू.डी. मिन्ज, विधायक मोहन मरकाम, गुलाब कमरो, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान, आयोग के सदस्य गणेश ध्रुव, अमृत टोप्पो, अर्चना पोर्ते और नितिन पोटाई भी उपस्थित थे। Read also – मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या में 32 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जनजातियों की है और यहां 44 प्रतिशत क्षेत्र में वन हैं। आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्य कर्तव्य निष्ठा से कार्य करते हुए आदिवासियों के हित में काम करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पर उपस्थित लोकसभा सांसद दीपक बैज और राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने भी अध्यक्ष और सदस्यों को शुभकामनाएं दी।

छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग

छ.ग. राज्य अनु.जाति आयोग अधिनियम छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग अधिनियम छत्तीसगढ़ अधिनियम क्रमांक 25 सन् 1995 छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग अधिनियम, 1995 (दिनांक 24 मई, 1995 को राज्यपाल की अनुमति प्राप्त हुई, अनुमति (मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण) में दिनांक 29 जून, 1995 को प्रथमवार प्रकाशित की गई)। राज्य अनुसूचित जाति आयोग का गठन करने और उससे संसक्त या आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम। भारत गणराज्य के छियालीसवें वर्ष में छत्तीसगढ़ विधान-मंडल द्वारा निम्नांकित रूप से यह अधिनियमित हो - संक्षिप्त नाम और प्रारंभ- (1) 1. इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग अधिनियम 1995 है। 2. इसका विस्तार सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य पर है। 3. यह ऐसी तारीख को प्रवृत्त होगा जो राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, नियत करें। (2) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, परिभाषाएँ- (क) ‘‘आयोग’’ से अभिप्रेत हैं धारा 3 के अधीन गठित छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग। (ख) ‘‘सदस्य’’ से अभिप्रेत है ऐसी जातियां, मूलवंश या जनजातियां अथवा ऐसी जातियों मूलवंशो या जनजातियों के भाग या उनमें के यूथ जिन्हें भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के अधीन छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में अनुसूचित जातियों के रूप में विनिर्दिष्ट किया गया है। राज्य अनुसूचित जाति आयोग का गठन (3) 1. राज्य सरकार एक निकाय का गठन करेगी जो ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग’’ के नाम से ज्ञात होगा और जो इस अधिनियम के अधीन उसे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग और सौंपे गये कृत्यों का पालन करेगा। 2. आयोग में निम्नलिखित सदस्य होंगे:- (क) तीन अशासकीय सदस्य जो अनुसूचित जातियों से संबंधित मामलों में विशेष ज्ञान ...

क्या है राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तथा उसके कार्य?

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग संविधान के अनुच्छेद 338 द्वारा स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। • जिसको 89 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा अनुसूचित जाति एव जनजाति हेतु गठित दो अलग अलग राष्ट्रीय आयोग में वर्ष 2004 में विभाजित कर दिया गया। • वर्तमान में संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का और अनुच्छेद -338क के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया है। • NCSC एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में अनुसूचित जातियों (SC) के हितों की रक्षा हेतु कार्य करता है। • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की संरचना : • अध्यक्ष। • उपाध्यक्ष। • तीन अन्य सदस्य • अनुसूचित जातियों के संवैधानिक संरक्षण से संबंधित सभी मामलों का अधीक्षण व निरीक्षण करना तथा उनके क्रियान्वयन की समीक्षा करना। • अनुसूचित जातियों से संबंधित सभी मामलों की जांच पड़ताल एवं सुनवाई करना। • अनुसूचित जातियों के संबंध में उठाए गए कदमो एवं किए जा रहे कार्यों के बारे में राष्ट्रपति को प्रतिवर्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत करना। • अनुसूचित जातियों से संबंधित सामाजिक-आर्थिक विकास योजनाओं पर केंद्र या राज्य सरकारों को सलाह देना। • अनुसूचित जातियों के सामाजिक-आर्थिक विकास और संवैधानिक संरक्षण से संबंधित कार्यों को संपन्न करना।