Dengue rog kis machhar ke kaatne se hota hai

  1. मच्छरों के काटने से हो सकती हैं ये 5 खतरनाक बीमारियां, जानें बचाव के तरीके
  2. मधुमक्खी ततैया काटने पर दर्द व सूजन दूर करने के 10 घरेलु उपचार
  3. Dengue ke lakshan,कारण और इसके बचाव के बारेमें जानिए
  4. Ayurvedic Treatment of Dengue
  5. Malaria Symptoms In Hindi: मलेरिया बुखार के प्रमुख लक्षणों को पहचाने
  6. डेंगू के लक्षण, कारण, प्रकार, निदान और उपचार


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मच्छरों के काटने से हो सकती हैं ये 5 खतरनाक बीमारियां, जानें बचाव के तरीके

मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, और गैस्ट्रोएन्टराइटिस जैसी घातक बीमारियां होती हैं. यह बातें जान लेना इसलिए जरूरी हैं क्योंकि बारिश की वजह से मच्छर पैदा होते हैं. मॉनसून के मौसम में मच्छरों का प्रकोप और बढ़ जाता है. आइए जानते हैं आखिर मच्छरों के कारण कौन सी खतरनाक बीमारियां फैल सकती हैं और इन बीमारियों के लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं. मॉनसून में सबसे ज्यादा परेशान मच्छरों से होने वाली बीमारियां करती हैं. ऐसी ही एक बीमारी का नाम है मलेरिया. यह बीमारी फीमेल एनोफेलीज मच्छर के काटने से होती है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द, कमजोरी, चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इस बीमारी से बतने के लिए व्यक्ति को पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए. इसके अलावा अपने आसपास साफ-सफाई का भी ध्यान रखें. घर के आसपास जलभराव न होने दें. समय-समय पर मच्छरों को दूर रखने के लिए घर की नालियों के आसपास स्प्रे करवाते रहें. मॉनसून में मच्छरों से होने वाली यह दूसरी गंभीर बीमारी है. डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते हैं. इस बुखार से पीड़ित व्यक्ति में सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लेनी चाहिए. इसके अलावा इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. मॉनसून में एडिस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया होता है. इस बीमारी के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं. यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं. सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना, कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में तेज दर्द इस बीमारी के लक्षण हैं. इस बी...

मधुमक्खी ततैया काटने पर दर्द व सूजन दूर करने के 10 घरेलु उपचार

2 मधुमक्खी / ततैया / बर्र काटने के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार : Tataiya Ke Katne Ka Ilaj ततैया काटने का देशी उपचार : अगर कभी भी ततैया या शहद की मक्खी या भंवरा या कोई भी जहरीला कीड़ा डंक मार जाये तो तुरंत नीचे दिए गए घरेलू उपाय करने चाहिए ये ज़हर को तो दूर करेंगे ही साथ ही काटी हुयी जगह पर कोई सूजन भी नहीं आने देगा । तो आइये जानते हैं ये रामबाण उपाय । मधुमक्खी / ततैया / बर्र काटने के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार : Tataiya Ke Katne Ka Ilaj १. तुलसी : तुलसी के पत्तों को नमक के साथ पिस कर डंक लगे स्थान पर मलना चाहिये । जहर तुरंत उतर जायेगा। २.मिटटी का तेल : ततैया के काटने के बाद आप मिटटी के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं| मिटटी के तेल का प्रयोग करने से ततैया के काटने के बाद जिस स्थान पर ततैया ने काटा हैं उस स्थान की सूजन खत्म हो जाती हैं. मिटटी के तेल को लगाने से सूजन के साथ – साथ तथा जलन भी दूर हो जाती हैं । मिटटी के तेल को ततैया के काटने के तुरंत बाद जिस भाग पर ततैया ने काटा हैं उस भाग पर लगा लेना चाहिए| जल्दी ही घाव में आराम हो जायेगा । ३.नींबू : ततैया के काटने पर उस स्‍थान पर नींबू का रस लगाएं। सूजन और दर्द चला जाएगा। ४.सोडा :मधुमक्‍खी के डंक पर सोडा और सेंधा नमक को चटनी बनाकर लेप करने से दर्द दूर हो जाता है। ५.आक:जिस जगह पर ततैया ने काटा है वहां पर आक के पत्ते का दूध मलने से आराम मिलता है। ६. लोहे :ततैया के काटने के तुरंत बाद जिस जगह पर डंक लगा है वहां पर लोहे की कोई भी चीज हो उसे रगड़ दें और उसके ऊपर से गीले चूने का रस लगा देंगे तो जहर उतर जायेगा। ७. आम :ततैया के काटने के तुरंत बाद आम का अचार का गूदा करीब 3-4 मिनट तक घाव पर मलें तुरंत आराम मिलेगा। ८. अमृत धारा :अमृत धारा लगाने से ततैये...

Dengue ke lakshan,कारण और इसके बचाव के बारेमें जानिए

Dengue kaise hota hai ? Dengue जैसा हम सब जानते है Dengue machhar के काटने पर होने वाली बिमारिओं में से एक है । कही Dengu ke lakshan होते है । डेंगू की मात्रा कम होने पर हल्का बुखार, शारीर के joint में दर्द होता है। पर अगर डेंगू की मात्रा ज्यादा हो , जो की बहुत ही खतरनाक परिस्थिति माना जाता है , इसमें शरीर से खून का बहना, Blood pressure में गिरावट और अचानक मौत जैसे लक्सन देखे जाते है । यह सब भी Dengue ke lakshan है | पूरे देश में डेंगू की वजह से साल में लाखो लोगों की मौत हो जाती है । डेंगू की virus को खत्म करने के लिए Vaccineबनाने पर Researchकिया जा रहा है। पर फिलाल अभी केलिए मच्छर की आबादी को न बढने देना ही सबसे लाभ दायक तरीका है डेंगू से बचने केलिए । Dengue ke lakshan (symptoms) कभी कभी जब डेंगू की virus की मात्रा कम होती तब Dengue ke lakshan हमे दिखाई नहीं देती। पर डेंगू की Virus की मात्रा ज्यादा होने पर मच्छर काटने की ४ से ७ दिन बाद से ही लक्षण दिखने लगते है। डेंगू में तेज बुखार होती है जो 104 F Degrees तक पौंच जाती है । उसके साथ निचे दिए गए लक्षणों में से कोई २ लक्षण जरुर नज़र में आती है । dengue ke lakshan in hindi • सर दर्द • muscle, हाद्दीओं , और जोड़ो में दर्द • उलटी का होना • आँखों में दर्द करना • गले में मौजूद glands का बड जाना • शारीर में rash निकलना यह सब Dengue ke lakshan है । कोई कोई डेंगू होने पर भी जल्दी स्वस्थ हो जाते है । पर किसी कसी के लिए यह एक जान लेवा बीमारी साबित हो सकती है । कभी कभी ,डेंगू में होने वाले बुखार को Hemorrhagic fever भी काहा जाता है क्यूंकि इसमें आपके शारीर के अन्दर के खून बहने वाले नसे ख़राब हो जाती है । आपके शारीर के अन्दर खून का संच...

Ayurvedic Treatment of Dengue

Kya Hai Dengue Dengue ek tropical(उष्णकटिबंधीय) diseases hai. Yeh hi machar ke katne se khelta hai. Is virus se aapko sar Dard joint pain bleeding dehydration vomiting b ho sakti hai kuch cases mein. Dengue 4 type k similar virus hote Hai. Yeh ek tarah ke machhar se hote hai. Jiska Naam hai AEDES AEGYPTI. Yeh hai mosquito mainly tropical subtropical area mein paya jata hai. Modern Medical Science VS Ayurved Dengue ek aisi bimari hai jiska modern medical science mein Koi ilaj hai nahi hai. Allopathy (Modern Medical Science) main agar kisi Ko dengue hota hai to usse symptomatic treatment Diya jata hai. Lekin ayurved mein system Ko accha karte hain. Yeah Nikki modern medical science mein dengue hone par agar fever Ho Gaya to aap ko fever ki medicine Di jayegi aise hi loose motion hua to loose motion ki agar vomiting Hui to vomiting ki. Matlab jis bimari ka symptom dikha uski dawai de de. Par dengue mein platelets be gut jaate Hain allopathy mein platelets chada dete Hain lekin woh phir ghat jati hai. Isliye ayurved mein system ko achcha Kiya jata hai. How Dengue Fever Become Viral Agar mere ko dengue hai aur agar mujhe Aedes machhar kaat Le to hua machhar ab ek career ban gaya hai dengue virus ka. Ab ye machhar Jin Jin ko katega ab unko dengue hone ke chance hai. yeh hai har kis mein nahi hota. machhar ke katne se dengue hoga ya nahi hoga yeh hai us Insaan ki health aur lifestyle pe depend karta hai. Dengue ek Insaan se doosre Insan mein directly nahi fal Sakta. jab aap ko de...

Malaria Symptoms In Hindi: मलेरिया बुखार के प्रमुख लक्षणों को पहचाने

आजकल व्यक्ति अपनी भागदौड़ भरी लाइफ में इतना व्यस्त रहता है की खुद के शरीर का ध्यान रखना भूल जाता है। जिसके कारण वो कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाता है। आजकल तो ऐसी कई सारी ऐसी बीमारियाँ होने लग गई हैं जिनके लक्षण का व्यक्ति को पता ही नहीं रहता या पता नहीं चल पाता है और बाद में यह बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है। आज के समय में मौसम का अचानक बदलना भी कई सारी बीमारियों का कारण बन रहा है। जैसे सर्दियों के मौसम में हम सर्दी और जुकाम का शिकार हो जाते है। ठीक उसी तरह बरसात के मौसम बारिश की वजह से घरों के आस- पास पानी इकट्ठा हो जाता है और उसमें मच्छर, मक्खी व कीड़े पनपने लगते है। परन्तु इनमें से सबसे अधिक परेशानी की जड़ मच्छर होते है। इनसे कई बीमारियाँ होती हैं जैसे की डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया, हैजा, जहाँ पर भी गंदगी या कीचड़ होता है वही मच्छर ज्यादा तादाद में पाए जाते है। मच्छर आसपास हो तो बहुत इरिटेशन होता है। मच्छरों को खतरनाक बनाने के पीछे होते हैं बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स जो कि बीमारियों का कारण बनते हैं। आज बाते करते Malaria के बारे में। यह बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलने वाला रोग है। यह मादा मच्छर गंदे पानी में पनपते है। यह मच्छर ज्यादातर रात में ही काटते है। इस बीमारी के लक्षण का व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता है। एनाफिलीज मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में वायरस संचारित होता हैं। जिसके कारण यह वायरस लिवर में बढ़ते जाते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को धीरे धीरे प्रभावित करते हैं। इस बीमारी के होने पर तेज बुखार आना, ठंड लगना, उलटी होना आदि कई सारे लक्षण दिखाई देते है। आज इस आर्टिकल में जानते Malaria ke Lakshan कौन कौन से होते है और मलेरिया को क...

डेंगू के लक्षण, कारण, प्रकार, निदान और उपचार

विषय सूचि • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • उपक्षेप – Introduction डेंगू बुखार जिसका नाम सुनकर आज भी लोगों का दिल दहल जाता है, और ऐसा हो भी क्यूं न, डेंगू ने पिछले कुछ सालों से पूरी दुनिया में अपना आतंक मचा रखा है। ना जाने कितने लोग को ये एक मच्छर मौत के घाट उतार चुका है। पूरी दुनिया के 128 देशों में डेंगू के मच्छर ने अपना तांडव मचा रखा है। डेंगू से अब तक कोई भी देश इतनी जद्दो जहद के बावजूद अब भी पूरी तरह से इससे निजात नहीं पा सके है। इससे होने वाले बुखार को ‘हड्डी तोड़’ बुखार भी कहा जाता है क्योंकि पीड़ित व्यक्ति को इस बुखार में बहुत दर्द होता है, जैसे उनकी हड्डियां टूट रही हों। शुरुआत में यह बुखार नॉर्मल बुखार जैसा ही लगता है, जिसके वजह से बुखार और डेंगू के लक्षणों में फर्क समझ नहीं आता है। इस बुखार के इलाज में थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए हम इस आर्टिकल के जरिए आपके साथ डेंगू से जुड़े कुछ तथ्यों को साझा कर रहे हैं। ये ऐसा दौर है जहां डेंगू ने पूरी तरह से अपना पैर पसार लिया है इसलिए इस ख़तरनाक मच्छर से डरने या घबराने के बजाय इससे मुकाबला करने की ज़रूरत है। जानिए, डेंगू बुखार के लक्षण और इससे बचाव के तरीकों के बारे में जिसकी जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। डेंगू क्या है? – What is Dengue Fever in Hindi डेंगू एक वायरस की वजह से होता है जो मच्छरों के जरिए फैलता है। सन् 1779 में डेंगू बुखार का सबसे पहले पता लगाया गया था। डेंगू में बहुत तेज बुखार होता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार (Breakbone fever) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें रोगी हड्डी में टूटने जैसा दर्द महसूस होता है। डेंगू के वायरस चार प्रकार के होते हैं। डेंगू का बुखार चार प्रकार के वायरस में से ...