धरती की सी रीत है

  1. रहीम की दोहे MCQ Rahim Ke Dohe Chapter 11 Class 7 हिन्दी
  2. रहीम के दोहे
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रहीम की दोहे MCQ Rahim Ke Dohe Chapter 11 Class 7 हिन्दी

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रहीम के दोहे

तैं रहीम मन आपुनो, कीन्‍हों चारु चकोर। निसि बासर लागो रहै, कृष्‍णचंद्र की ओर॥1॥ अच्‍युत-चरण-तरंगिणी, शिव-सिर-मालति-माल। हरि न बनायो सुरसरी, कीजो इंदव-भाल॥2॥ अधम वचन काको फल्‍यो, बैठि ताड़ की छाँह। रहिमन काम न आय है, ये नीरस जग माँह॥3॥ अन्‍तर दाव लगी रहै, धुआँ न प्रगटै सोइ। कै जिय आपन जानहीं, कै जिहि बीती होइ॥4॥ अनकीन्‍हीं बातैं करै, सोवत जागे जोय। ताहि सिखाय जगायबो, रहिमन उचित न होय॥5॥ अनुचित उचित रहीम लघु, क‍रहिं बड़ेन के जोर। ज्‍यों ससि के संजोग तें, पचवत आगि चकोर॥6॥ अनुचित वचन न मानिए जदपि गुराइसु गाढ़ि। है र‍हीम रघुनाथ तें, सुजस भरत को बाढ़ि॥7॥ अब रहीम चुप करि रहउ, समुझि दिनन कर फेर। जब दिन नीके आइ हैं बनत न लगि है देर॥8॥ अब रहीम मुश्किल पड़ी, गाढ़े दोऊ काम। साँचे से तो जग नहीं, झूठे मिलैं न राम॥9॥ अमर बेलि बिनु मूल की, प्रतिपालत है ताहि। रहिमन ऐसे प्रभुहिं तजि, खोजत फिरिए काहि॥10॥ अमृत ऐसे वचन में, रहिमन रिस की गाँस। जैसे मिसिरिहु में मिली, निरस बाँस की फाँस॥11॥ अरज गरज मानैं नहीं, रहिमन ए जन चारि। रिनिया, राजा, माँगता, काम आतुरी नारि॥12॥ असमय परे रहीम कहि, माँगि जात तजि लाज। ज्‍यों लछमन माँगन गये, पारासर के नाज॥13॥ आदर घटे नरेस ढिंग, बसे रहे कछु नाहिं। जो रहीम कोटिन मिले, धिग जीवन जग माहिं॥14॥ आप न काहू काम के, डार पात फल फूल। औरन को रोकत फिरैं, रहिमन पेड़ बबूल॥15॥ आवत काज रहीम कहि, गाढ़े बंधु सनेह। जीरन होत न पेड़ ज्‍यौं, थामे बरै बरेह॥16॥ उरग, तुरंग, नारी, नृपति, नीच जाति, हथियार। रहिमन इन्‍हें सँभारिए, पलटत लगै न बार॥17॥ ऊगत जाही किरन सों अथवत ताही कॉंति। त्‍यौं रहीम सुख दुख सवै, बढ़त एक ही भाँति॥18॥ एक उदर दो चोंच है, पंछी एक कुरंड। कहि रहीम कैसे जिए, जुदे जुदे द...

Rahim ke Dohe Class 7

वह बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न व्यक्तित्व के धनी थे। उनका नाम आज पुरे विश्व में आदर के साथ लिया जाता है। उनके लिखे गए दोहे, कविता इत्यादि को आज स्कूलों में ज्ञान को बढ़ाने के लिए किया जाता है। अक्सर रहीम दास जी के लिखये गए दोहों का अर्थ विद्यार्थी और ज्ञान पाने की जिज्ञासा रखने वाले लोग रहते है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने उनकी सहायता के लिए रहीम के दोहे अर्थ और शब्दार्थ सहित कक्षा 7 लिखे है, आप को अच्छे लगे तो अपने दोस्तों से शेयर करना ना भूले। Rahim ke Dohe in Hindi with Meaning for Class 7th Students 1. कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ।।1।। प्रसंग:- रहीम दास जी के दोहे के माध्यम से सच्चे मित्र की परिभाषा को बताया है। व्याख्या:- रहीम दास जी कहते है कि जब हमारे पास संपत्ति होती है तो लोग अपने आप हमारे सगे, रिश्तेदार और मित्र बनने की प्रयास करते है लेकिन सच्चे मित्र वो ही होते है, जो विपत्ति या विपदा आने पर भी हमारे साथ बने रहते है। वही हमारे सच्चे मित्र होते है उनका साथ हमें कभी नहीं छोड़ना चाहिए। शब्दार्थ:- कहि – कहना, संपति – धन, सगे – रिश्तेदार (अपने), बनत – बनते है, रीत – तरीका, बिपति – संकट (कठिनाई), कसौटी जे कसे – बुरे समय में जो साथ में, तेई – वे ही, साँचे – सच्चे, मीत – मित्र (अपने)। 2. जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह ।।2।। प्रसंग:- इस दोहे में रहीम दास जी ने जल के प्रति मछली के एक तरफा प्रेम को दर्शाया है। व्याख्या:- रहीम दास जी कहते है कि जब मछली पकड़ने के लिए जल में जाल डाला जाता है तो जल बहकर बाहर निकल जाता है। वह मछली के प्रति अपना मोह त्याग देता है लेकिन मछली का प्रेम जल के प...

NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant Chapter 11 रहीम के दोहे

पृष्ठ संख्या – 84 प्रश्न अभ्यास दोहे से 1. पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करने वाला उदाहरण । इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए। उत्तर : उदहारण वाले दोहे तरवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान। कहि रहीम पर काज हित, संपति-संचहि सुजान।। थोथे बादर क्वार व के, ज्यों रहीम घहरात। धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।। धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह। जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।। कथन वाले दोहे जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को, तऊन छाँड़ति छोह।। कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।। 2. रहीम ने क्वार के मास में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बता कर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजने वाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे? उत्तर : क्वार के मास बादल केवल गरजते हैं, बरसते नहीं हैं जैसे वे निर्धन व्यक्ति जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बता कर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं इसलिए कवि ने दोनों में समानता स्पष्ट की है। पृष्ठ संख्या : 85 दोहे से आगे 1. नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए – क) तरुवर फल……………….सचहिं सुजान।। ख) धरती की-सी……………….यह देह।। उत्तर : क) इसे अपने जीवन में उतार लेने से हमारे मन से लालच और मोह खत्म हो जाएगा और परोपकार की भावना जागेगी। इससे हमें आत्म-संतुष्टि प्राप्त होगी और हम सही अर्थों में मनुष्य बन पायेंगें। ख) इसे अपने जीवन में उतार लेने से हम अपने शर...

Class 7 हिंदी पाठ 11 रहीम के दोहे

रहीम की दोहे प्रश्न- अभ्यास दोहे से Question-1 पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करनेवाला उदाहरण इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए । Ans. पाठ में वर्णित पहले और दूसरे दोहे में किसी प्रकार का उदाहरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। ये दोनों दोहे कथन मात्र हैं कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। (कथन) बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ।।1।। (कथन) जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह । (कथन) रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह ।12।। (कथन) तीसरे, चौथे और पाँचवे दोहे की दूसरी पंक्तियों में कथन है और पहली पंक्तियों में उसका उदाहरण वर्णित है। तरूवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान। (उदाहरण) कहि रहीम परकाज हित, संपति सचहिं सुजान। 13 ।। (कथन) थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात। (उदाहरण) धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात ।।4।। (कथन) धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह । (उदाहरण) जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह । 15।। (कथन) Question-2 रहीम ने क्वार के मास में गरजनेवाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे? Ans. क्वार के मास में दिखाई देने वाले बादलों की गरज खोखली होती है क्योंकि वे बरस कर कुछ लाभ नहीं देते। उसी प्रकार ऐसे निर्धन व्यक्ति जो अपने बीते हुए सुखी दिनों की बात करते रहते हैं, उनकी बातें भी बेकार और वर्तमान परिस्थितियों में अर्थहीन होती हैं। जिस प्रकार बादल केवल गरजते हैं, उनके पास जल नहीं होता, वैसे ही ऐसे निर्धन व्यक्ति केवल पुरानी बातें करते हैं...

NCERT Solutions Class 7 Hindi Chapter 11 रहीम के दोहे कविता

NCERT Solutions Class 7 Hindi Chapter 11 रहीम के दोहे कविता have been provided below and is also available in Pdf for free download. The Chapter 11 रहीम के दोहे कविता Class 7 Hindi NCERT Solutions Class 7 Hindi students should refer to the following NCERT questions with answers for Chapter 11 रहीम के दोहे कविता in Class 7. These NCERT Solutions with answers for Class 7 Hindi will come in exams and help you to score good marks Chapter 11 रहीम के दोहे कविता NCERT Solutions Class 7 Hindi प्रश्न अभ्यास दोहे से Question 1. पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करनेवाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए। उत्तर उदहारण वाले दोहे तरवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान। कहि रहीम परकाज हित, संपति-संचहि सुजान।। थोथे बादर क्वार वके, ज्यों रहीम घहरात। धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।। धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह। जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।। कथन वाले दोहे जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।। कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।। Question 2. रहीम ने क्वार के मास में गरजनेवाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे? उत्तर क्वार के मास बादल केवल गरजते हैं, बरसते नहीं हैं जैसे वे निर्धन व्यक्ति जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं इसल...

Chapter 11 रहीम की दोहे summary class 7th hindi – EduGrown School

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RBSE Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 11 रहीम की दोहे

The questions presented in the RBSE Class 7 Hindi Solutions Vasant Chapter 11 रहीम की दोहे RBSE Class 7 Hindi रहीम की दोहे Textbook Questions and Answers दोहे से - प्रश्न 1. पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करने वाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए। उत्तर : कथन - • कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। • जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। • तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान। • थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात। • धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह। उपर्युक्त पंक्तियों में कथन को प्रभावित करने के उदाहरण - • बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ॥ (मुसीबत के समय में जो मित्र हमारी सहायता करता है, वही हमारा सच्चा मित्र होता है।) • रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह ॥ (मछली जल से स्वाभाविक प्रेम करती है, इसलिए उससे बिछुड़ते ही अपने प्राण त्याग देती है।) • कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहि सुजान ॥ (दूसरों की भलाई के लिए सज्जन धन का संचय करते हैं।) • धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात ॥ (कई लोग गरीब हो जाने पर भी दिखावे हेतु अपनी अमीरी की बातें करते रहते हैं।) • जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह ॥ (मनुष्य को समान रूप से ही सुख-दु:ख सहने की शक्ति रखनी चाहिए।) प्रश्न 2. रहीम ने क्वार के मास में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजने वाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे? उत्तर : क्वार के बादल केवल गरजते हैं, वे कम ही बरसते हैं या नहीं बरसते हैं। उसी से उनकी तुलना नि...