दीपावली के कितने दिन बचे हैं

  1. Rules of diwali : diwali ke din kitne diye jalaye
  2. दिवाली 2021 : कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का पर्व, जानिए 10 खास बातें
  3. दीपावली : महत्व एवं पूजन विधान
  4. Deepawali
  5. Dipawali in Hindi


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Rules of diwali : diwali ke din kitne diye jalaye

दीपावली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इन दिनों दीये जलाए जाने के चलते इसे दीपोत्सव का त्योहार भी कहा जाता है। लेकिन, क्या आपने कभी ध्यान दिया कि इन दिनों दीपकों की संख्या में लगातार बदलाव होता रहता है। जहां अधिकांश लोग दीपकों की संख्या के बदलाव के बारे में तो जानते हैं, लेकिन इसका कारण बहुत से लोगों को पता नहीं है।

दिवाली 2021 : कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का पर्व, जानिए 10 खास बातें

Diwali 2021: इस वर्ष दिवाली का त्योहार खुशियों भरा इसलिए है क्योंकि कोरोना काल के बाद लोग अब अच्छे से दिवाली मनाएंगे। हालांकि अभी भी सावधानी रखने की जरूरत है। कुछ रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि अगर त्योहारों के मौसम में जरा भी लापरवाही बरती गई तो कोरोना एक बार फिर से उग्र रूप ले सकता है। ऐसे में आओ जानते हैं कि कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का महापर्व। 3. खरीदारी करें : वैसे जो दिवाली की खरीदारी धनतेरस या गुरु पुष्य नक्षत्र में ही कर ली जाती है। फिर भी यदि पूजा, सजावट की सामग्री या अन्य कोई सामग्री बच गई हो तो उसके लिए खरीदारी करना होती हैं। यदि बाजार में कुछ खरीदने जा रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिग का पूरा पूरा ध्यान रखें और मास्क जरूर लगाएं। घर लौटे तो हाथों को अच्छे से धोएं। 6. माता लक्ष्मी की पूजा-आरती करें : शाम को नए वस्त्र पहनकर शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा और आरती करें। माता लक्ष्मी को सभी तरह के भोग लगाएं और फिर सभी घर के सदस्य प्रसाद ग्रहण करें। यदि आप पूजा में जितनी देर करेंगे उतना कम लुफ्त उठा पाएंगे लोगों से मिलने और पटाखे छोड़ने में, तो बेहतर होगा कि आप शाम को जो सबसे पहला मुहूर्त हो उसी में लक्ष्मीजी की पूजा अच्छे से कर लें। 7. पटाखें छोड़े : माता लक्ष्मी की पूजा के बाद बाहर सुरक्षित स्थान पर पटाखें चलाएं। पटाखे छोड़ते वक्त मास्क जरूर लगाएं। पटाखों से आंखों को बचाकर रखें और सबसे पहले तो याद रखें कि बच्चे अपने परिवार के बीच ही पटाखे चलाएं। एक बार में एक ही पटाखा जलाएं, नए-नए प्रयोग ना करें और साथ में सुरक्षा हेतु पानी की केन भरकर रखें। जब आप अपने पटाखे चला लें तो जिम्मेदार नागरिक बनिए, सारा कचरा साफ करें। अपने हाथ और पैर अच्छे से धोएं। पटाखों का कचरा जह...

दीपावली : महत्व एवं पूजन विधान

दीपावली : महत्व एवं पूजन विधान Administrator। November 01, 2013 | पर्व तथा परम्परा कार्तिक मास की अमावस्या का दिन दीपावली के रूप में पूरे देश में बडी धूम-धाम से मनाया जाता हैं। इसे रोशनी का पर्व भी कहा जाता है। कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या को भगवान रामचन्द्र जी चौदह वर्ष का बनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे। अयोध्या वासियों ने श्री रामचन्द्र के लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशियाँ मनायी थीं, इसी याद में आज तक दीपावली पर दीपक जलाए जाते हैं और कहते हैं कि इसी दिन महाराजा विक्रमादित्य का राजतिलक भी हुआ था। आज के दिन व्यापारी अपने बही खाते बदलते है तथा लाभ हानि का ब्यौरा तैयार करते हैं। दीपावली पर à¤...

Deepawali

यह त्योहार भगवान श्रीराम और माता सीता के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या आगमन की खुशी में मनाया जाता है तो यह भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। यह भी माना जाता है कि दीपावली के दिन ही भगवान श्री हरि विष्णु ने नरसिंह रूप धारण किया। जैन धर्म के अनुसार महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस दीपावली है। राजा बलि की दानशीलता से प्रभावित होकर भगवान विष्णु ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनकी याद में भूलोकवासी प्रत्येक वर्ष दीपावली का उत्सव मनाएंगे। स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी दीपावली के ही दिन शुरू हुआ था। भगवान गौतम बुद्ध के अनुयायियों ने उनके स्वागत में लाखों दीप जलाकर दीपावली मनाई थी। जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर ने दीपावली के दिन ही शरीर का त्याग किया था। सम्राट विक्रमादित्य का राज्याभिषेक भी दीपावली के दिन हुआ था। यह भी मान्यता है कि पांडव इसी दिन अज्ञातवास समाप्त कर हस्तिनापुर लौटे थे। कार्तिक अमावस्या के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण पहली बार गाय चराने गए थे। उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में इस दिन मां काली की पूजा की जाती है और इस त्योहार को काली पूजा कहा जाता है।

Dipawali in Hindi

दोस्त सबसे पहले आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हमारी ओर से दीपावली की अनंत मंगलमय हार्दिक शुभकामनाएं . वर्ष 2021 की यह दीपावली आपके जीवन को खुशियों से भर दे ऐसी हमारी कामना है.अब अगर आप पढ़ना चाहतें है दीपावली:कुछ रोचक तथ्य diwali information in hindi दीपावली से जुड़े कुछ रोचक तथ्य तो स्वागत है आपका… 3.8. अरबों रूपये के पटाखे दीपावली से संबंधित कुछ बातें जो आप नहीं जानते हैं दोस्तों कार्तिक अमावस्या की रात को मनाया जाने वाला प्रकाश पर्व दीपावली भारतीय संस्कृति में असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय को चरितार्थ करने वाला महान पर्व है.जिसे हम युगों युगों से मनाते चले आ रहे हैं .हमारी संस्कृति के अध्याय के कई पन्ने दीपावली की ज्योति से प्रकाशित हो रहे हैं. यहां हम आपके लिए प्रस्तुत करने जा रहे दिवाली से संबंधित कुछ खास तथ्य जिसे जानकर आपको ख़ुशी होगी और आप रोमांचित भी होंगे . Advt.-ez देश के कुछ हिस्सों में तो इसके बाद भी छठ पूजा में भगवान सूर्य की उपासना के साथ ही यह महोत्सव खत्म होता है. त्रेता युग में भगवान राम, रावण का वध करने के पश्चात इसी दिन मां जानकी और लक्ष्मण के साथ पुण्य भूमि अयोध्या पधारे थे.उनके आने की खुशी में नगर वासियों ने दीपों की श्रृंखला को जलाकर श्री राम के आने का पथ आलोकित कर दिया ताकि उन्हें आने में कोई कष्ट नहीं हो. यही दीपावली मनाने का मुख्य कारण माना जाता है. भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा प्रसंग द्वापर युग (जिसे भगवान कृष्ण का काल माना गया है) में इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य(जिसने 16,000 स्त्रियों का अपहरण कर अपनी कैद में रखा था) का संहार किया था .नरकासुर के उत्पात से नर नारी त्रस्त थे और उसकी मृत्यु पर लोगों ने खुशी के मारे घी के दिए...