दिवाली पूजा मुहूर्त

  1. Diwali 2021: This is the auspicious time for Lakshmi Puja, see the method and material of worship
  2. दिवाली पूजा मुहूर्त । Diwali Puja Muhurat 2022
  3. Diwali Laxmi Ganesh Puja: दिवाली की संपूर्ण पूजा विधि
  4. दिवाली 2022: जनिये दिवाली पूजा तिथि, शुभ मुहूर्त
  5. diwali 2022 shubh muhurat lakshmi puja vidhi mantra shubh muhurta timing mantra and aarti prt


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Diwali 2021: This is the auspicious time for Lakshmi Puja, see the method and material of worship

नई दिल्ली: पूरा देश धूमधाम से दीपावली ( Diwali 2021) मना रहा है. बाजारों की रौनक इस त्योहार में चार चांद लगा रही है. दीपावली से पहले ही लोगों ने जमकर खरीदारी कर ली है. इस बार दीपावली पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 11 मिनट है. बता दें कि पिछले साल 2020 में पूजन के लिए सिर्फ 1 घंटे 37 मिनट का समय मिला था. लेकिन इस बार अच्छा समय मिलने के बाद लोग पूजा अर्चना भी उचित ढंग से कर सकेंगे. - दीपावाली पर लक्ष्मी पूजन के तीन मुहूर्त होते हैं. इन्हें प्रदोष काल, निशीथ काल और महानिशीथ काल कहा जाता है. - इस बार अमावस्या तिथि 4 नवंबर 2021 सुबह 6 बजकर 3 मिनट से 5 नवंबर को सुबह 2 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. - लक्ष्मी पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 9 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक है. - प्रदोष काल 5 बजकर 34 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट तक व वृषभ काल 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 6 मिनट तक शुभ मुहूर्त है. यह भी पढ़ें: ऐसे करें पूजा - दीपावली पर लक्ष्मीजी की ऐसी फोटो खरीदें, जिसमें वे भगवान विष्णु के चरणों के पास बैठी हैं. - मां लक्ष्मी के चांदी से चरण चिह्न खरीदना चाहिए. - श्रीयंत्र देवी लक्ष्मी का प्रतीक है. इसे घर के मंदिर में स्थापित करना चाहिए. - देवी लक्ष्मी की पूजा में कमल का फूल रखना जरूरी माना जाता है. कमल के पौधे से कमल गट्टा भी मिलता है. - पूजनकर्ता मूर्तियों के सामने की तरफ बैठें. कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें. यह भी पढ़ें: दिवाली पूजा की आवश्यक साम्रगी दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, थाली,...

दिवाली पूजा मुहूर्त । Diwali Puja Muhurat 2022

इस लेख में हम Diwali ki puja ka shubh muhurt के बारे में बताएंगे, इस लेख में हमने हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली और लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त की तारीख और समय को विस्तार पूर्वक बताया है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम अयोध्या में 14 वर्ष का वनवास काटकर लौटे थे। विषय-सूची 1 • • • • • • • • • दिवाली का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat 2022) काल दिनांक समय निशिता काल 24 अक्टूबर, 2022 रात्रि 23:39 से 12:31 तक सिंह लग्न 24 अक्टूबर, 2022 रात्रि 12 :39 से 02:56 तक हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर होगा। इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। यानी 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 19 मिनट तक दिवाली मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2022 (Laxmi Puja Muhurat 2022) अमावस्या तिथि आरंभ 24 अक्टूबर को 06:03 बजे अमावस्या तिथि समाप्त 24 अक्टूबर 2022 को 02:44 बजे लक्ष्मी पूजा मुहूर्त शाम 6:54:52 से रात्रि 08:16:07 तक अवधि 1 घंटे 21 मिनट लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक है। हालांकि अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार कुछ जगहों का समय अलग भी हो सकता है। लेकिन ज्यादातर जगह इसी समय पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। दिवाली पूजा मुहूर्त्त – घर, दुकान, ऑफिस, फेक्ट्री घर का दिवाली पूजा मुहूर्त्त शाम 5:40 से 06:25 तक शाम 7:15 से रात्रि 09:32 तक रात 11:43 से रात्रि 12:40 तक दुकान का दिवाली पूजा मुहूर्त्त शाम 5:50 से 07:15 तक रात 8:05 से 09:05 तक रात 10:34 से 12:1...

Diwali Laxmi Ganesh Puja: दिवाली की संपूर्ण पूजा विधि

डीएनए हिंदींः कार्तिक कृष्ण अमावस्या (Kartik Krish Amavasya) तिथि पर दिवाली (Diwali) होती है और दिवाली पूजा हमेशा प्रदोष काल (Pradosh Kal) में स्थिर लग्न में करनी चाहिए, तभी अन्न-धन और सौभाग्य (Food And Luck) की प्राप्ति होती है. इस दिन देवी लक्ष्मी (Devi Lakshmi) की कृपा सदैव बनी रहे इसके लिए शाम को भगवान गणेश (Ganpati Ji) और कुबेर जी (Kuber Ji) के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. दिवाली की रात तंत्र पूजा (Tantra Puja on Diwali) भी होती है और जो लोग तंत्र विद्या से देवी की पूजा करते हैं उन्हें आधी रात के समय निशीथ काल (Nishith Kal) में पूजा करनी चाहिए. तो चलिए जानें कि गृहस्थ लोग दिवाली पर किस विधि से पूजा करें. यह भी पढ़ेंः दिवाली पूजन के लिए जरूरी सामग्री हल्दी, अगरबत्ती, इत्र, दीपक, रूई की बाती, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन, कलावा, रोली, सिंदूर, फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, घी, कलश, कलश के लिए आम के पत्ते, आसन के लिए चौकी, समिधा , हवन सामग्री और कुण्ड के साथ ही कमल गट्टे, पंचामृत के लिए दूध, घी, गंगाजल,दही, शहद. वहीं प्रसाद के लिए फल, बताशे, खील या लावा, मिठाईयां, दिवाली पूजा की इस तरह करें तैयारी गणेश-लक्ष्मी के पूजा स्थल पर रंगोली या चौक बना लें. जिस चौकी पर पूजन कर रहे हैं उसके चारों कोने पर एक-एक दीप जरूर जलाएं. इसके बाद प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान पर अक्षत यानी कच्चे चावल रखें फिर गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें. इस दिन लक्ष्मी, गणेश के साथ कुबेर, सरस्वती एवं काली माता की पूजा का भी विधान होता है इसलिए उनकी भी प्रतिमा या तस्वीर रख लें. याद रखें भगवान विष्णु की पूजा के बिना देवी लक्ष्मी की पूजा...

दिवाली 2022: जनिये दिवाली पूजा तिथि, शुभ मुहूर्त

दिवाली 2022 त्योहार की तैयारी हर जगह शुरू हो चुकी है, इस त्योहार का एक मिथक है। हर दिन का खास महत्व होता है। दिवाली 2022 (दिवाली 2022) हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। हालांकि, दीपावली के त्योहारों और तारीखों को लेकर हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रहती है। आज हम यहां जानते हैं कि दिवाली पूजा मुहूर्त 2022 कब है – इसलिए हम त्योहारों की तैयारी शुरू कर सकते हैं। धनतेरस से भाई दूज तक लगभग पांच दिनों तक चलने वाले दीपावली पर्व को भाग ईद दीपावली भी कहा जाता है। दिवाली के दिन माता दिवाली रोशनी के साथ-साथ खुशियों का भी त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ‘दीवाली’ का अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’। यह हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है। सिखों के साथ-साथ जैन धर्म के अनुयायी भी ऐसा मानते हैं। पूरी दुनिया में हिंदू हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में दिवाली मनाते हैं। हिंदू कैलेंडर 2022 के अनुसार यह कार्तिक माह के पन्द्रहवें दिन मनाया जाता है। यह दशहरे के ठीक बीस दिन बाद की बात है। यह त्योहार पूरे पांच दिनों तक मनाया जाता है- धनतेरस, काली चौदस, दिवाली, गोवर्धन पूजा और साथ ही भाईबीज। आइए 2022 दिवाली शुभ पूजा मुहूर्त और चौघड़िया समय, दिवाली पूजा विधि, आरती और पूजन सामग्री सूची की पूरी जानकारी देखें। दिवाली 2022 के दिन और तारीख कैलेंडर गोवत्स द्वादशी, वासु बरस: बुधवार, 21 अक्टूबर 2022 को इस दिन दुल्हनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. चंद्रमा की पूजा और दर्शन करने के बाद वह भोजन करता है। • रमा एकादशी और वाघ बरस (वासु बरस) सोमवार 1 नवंबर को। • धनतेरस 22 अक्टूबर 2022 शनिवार को है, धन्वंतरि की पूजा की जाती है और मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। नए सामान की खरीदारी हो सकती ह...

diwali 2022 shubh muhurat lakshmi puja vidhi mantra shubh muhurta timing mantra and aarti prt

Diwali 2022 Shubh Muhurat: दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त कब और कितने बजे है, यहां जानें पूजा की पूरी विधि प्रकाश का पर्व दीपावली आज यानी 24 अक्तूबर सोमवार को पूरे देश में मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन घर-घर में मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है. Diwali 2022 Shubh Muhurat: आज यानी 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है. दीपों के पर्व दीपावली के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. हिंदी पंचांग के मुताबिक हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाई जाती है. कहा जाता है कि आज के ही दिन त्रेता युग में भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे. भगवान राम के आगमन की खुशी में पूरे नगरवासी ने दीप जलाए थे. इसी कारण इस दिन दीपावली मनाई जाती है. वहीं, पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह की अमावस्या पर मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं, वहीं वाल्मीकि रामायण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु संग माता लक्ष्मी का विवाह हुआ था. दिवाली को लेकर जितनी मान्यताएं है उतना ही प्रबल इसके पीछे लोगों की आस्था है. आइए जानते हैं इस दिवाली किस शुभ-मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें हम बता रहे हैं पूजा से जुड़ी सभी जानकारियां... लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त -शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक लक्ष्मी पूजन की अवधि-1 घंटा 21 मिनट प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक वृषभ काल - शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक दिवाली लक्ष्मी पूजा महानिशीथ काल मुहू...