दुर्गा चालीसा पाठ हिंदी में

  1. श्री दुर्गा चालीसा हिंदी अर्थ सहित, पाठ के लाभ | Durga Chalisa Meaning in Hindi
  2. [PDF] माँ दुर्गा चालीसा संपूर्ण पाठ
  3. {Download माँ दुर्गा चालीसा PDF} Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf
  4. Durga Chalisa in Hindi
  5. Durga Chalisa in Hindi: Lyrics, Importance and Benefits


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श्री दुर्गा चालीसा हिंदी अर्थ सहित, पाठ के लाभ | Durga Chalisa Meaning in Hindi

दुर्गा चालीसा का नित्य पाठ करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती है और अपना आशीर्वाद सदैव बनाये रखती है। मनुष्य को विशेष तौर पर नवरात्र में दुर्गा चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। श्री दुर्गा चालीसा को नवदुर्गा, दुर्गा पूजा, नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार दुर्गा तथा अष्टमी के शुभ अवसर पर गाया जाता है। माना जाता है कि इसका नित्य पाठ करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर होते हैं। Quick Links • • • दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लाभ • दुर्गा चालीसा का पाठ नवरात्रि या दूसरे किसी शुभ अवसर पर व्यक्‍ति को करने से आध्यात्मिक, भौतिक और भावनात्मक खुशी की प्रप्ती होती है। • रोजाना दुर्गा चालीसा का पाठ अपने मन को शांत करने के लिए भी किया जाता है। मां दुर्गा चालीसा का पाठ बड़े-बड़े ऋषि भी करते थे। इससे वह अपना मन शांत रखते थे। • दुर्गा चालीसा का पाठ करने से जीवन में बुरी शक्तियों से निजात मिलती है, साथ ही बुरी शक्तियों से परिवार का भी बचाव होता है। • आप अपने शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बनाए रखने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ रोजाना पढ़ सकते हैं। • दुश्मनों से निपटने और उन्हें हराने की क्षमता भी विकसित करने के लिए पाठ किया जाता है। • अपने परिवार को वित्तीय नुकसान, संकट और अलग-अलग प्रकार के दुखों से बचाने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है। • ऐसी मान्यता है कि दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ कर व्यक्ति अपना खोया हुआ सम्मान और संपत्ति भी प्राप्त कर सकता है। • मानसिक शक्ति को विकसित करने के लिए भी दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। • अगर आपकी सामाजिक स्थिति खराब हो गई है तो दुर्गा चालीसा का पाठ करने से उसे दोबारा से स्‍थापित कर सकते हैं। • दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ कर सभी भा...

[PDF] माँ दुर्गा चालीसा संपूर्ण पाठ

श्री दुर्गा चालीसा Lyrics अर्थ सहित नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ सुख प्रदान करने वाली मां दुर्गा को मेरा नमस्कार है। दुख हरने वाली मां श्री अम्बा को मेरा नमस्कार है। आपकी ज्योति का प्रकाश असीम है, जिसका तीनों लोको (पृथ्वी, आकाश, पाताल) में प्रकाश फैल रहा है। शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥1॥ आपका मस्तक चन्द्रमा के समान और मुख अति विशाल है। नेत्र रक्तिम एवं भृकुटियां विकराल रूप वाली हैं। मां दुर्गा का यह रूप अत्यधिक सुहावना है। इसका दर्शन करने से भक्तजनों को परम सुख मिलता है। तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥ अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥ संसार के सभी शक्तियों को आपने अपने में समेटा हुआ है। जगत के पालन हेतु अन्न और धन प्रदान किया है। अन्नपूर्णा का रूप धारण कर आप ही जगत पालन करती हैं और आदि सुन्दरी बाला के रूप में भी आप ही हैं। प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥ शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥2॥ प्रलयकाल में आप ही विश्व का नाश करती हैं। भगवान शंकर की प्रिया गौरी-पार्वती भी आप ही हैं। शिव व सभी योगी आपका गुणगान करते हैं। ब्रह्मा-विष्णु सहित सभी देवता नित्य आपका ध्यान करते हैं। रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥ धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥ आपने ही मां सरस्वती का रूप धारण कर ऋषि-मुनियों को सद्बुद्धि प्रदान की और उनका उद्धार किया। हे अम्बे माता! आप ही ने श्री नरसिंह का रूप धारण किया था और खम्बे को चीरकर प्रकट हुई थीं। रक्षा...

{Download माँ दुर्गा चालीसा PDF} Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf

दुर्गा चालीसा पाठ हिंदी में Pdf Download | Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf | Durga Chalisa in Hindi Pdf | Maa Durga Chalisa Pdf Download | दुर्गा चालीसा आरती सहित PDF 2022-23 | विंधेश्वरी चालीसा दुर्गा चालीसा Pdf नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका अतः इस आर्टिक को अंत तक जरूर से पढ़े, साथ ही यदि आप इस पोर्टल पर पहली भर आए हैं तो इस पोर्टल का नोटिफिकेशन को allow कर लोजिए ताकि भविष्य में ऐसे ही अन्य पीडीएफ डाउनलोड करने का लिंक आसानी से प्राप्त कर सकें और उसका लाभ लें सकें । तो चलिए जान लेते हैं- तेजी से पढने के लिंक- • • • • • • • • • • • • Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf (Key Highlights)- 🔥पीडीऍफ़ का नाम- 🔥 Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf 2022-23 🔥कितने पेज का है- 🔥 5 page 🔥फाइल साइज- 🔥 498 kb 🔥 भाषा- 🔥 हिंदी में 🔥Credit/Source- 🔥 Digitalyojana.in 🔥Uploaded by- 🔥Admin 🔥पीडीऍफ़ फॉर्म डाउनलोड करें- 🔥 Durga Chalisa and Aarti in Hindi Pdf- भारत में हर साल मां दुर्गा जी का त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, और माता रानी के भक्त उनकी पूजा पाठ और आरती करते हैं परंतु बहुत से ऐसे व्यक्ति है जिन्हे दुर्गा चालीसा याद न होने के कारण वे या तो इसकी बुक मार्केट से लेते है या फिर गूगल में ढूंढते हैं। उन्ही सभी श्रद्धालुओं के लिए हमने या पोस्ट लिखा है और उनके लिए दुर्गा चालीसा पीडीएफ डाउनलोड (Durga Chalisa And Aarti in Hindi Pdf) करने का आसान लिंक भी नीचे दिया है आप चाहे तो यही पढ़ सकते है या फिर इसको अपने फोन या लैपटॉप में डाउनलोड कर सकते है और भविष्य में जरूरत पढ़ने पर इसका उपयोग में ले सकते हैं। (ज्ञान की बात) श्री दुर्गा जी का नाम मां दुर्गा क्यू पड़ा- दोस्तो हमारे सनातन धर...

Durga Chalisa in Hindi

• • • Full Hindi Durga Chalisa (श्री दुर्गा चालीसा पाठ) नमो नमोदुर्गेसुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥1॥ तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥ अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥ प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥ शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।ब्रह्माविष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥2॥ रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥ धरयो रूपनरसिंहको अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥ रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष कोस्वर्गपठायो॥ लक्ष्मीरूप धरो जग माहीं। श्रीनारायणअंग समाहीं॥3॥ क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥ हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥ मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥ श्रीभैरवतारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥4॥ केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥ कर में खप्पर खड्ग विराजै ।जाको देख काल डर भाजै॥ सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥ नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥5॥ शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥ महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥ रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥ परी गाढ़ सन्तन र जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥6॥ अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥ ज्वालामें है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नरनारी॥ प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥ ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्ममरण ताकौ छुटि जाई॥7॥ जोगी सुर मु...

Durga Chalisa in Hindi: Lyrics, Importance and Benefits

दुर्गा चालीसा रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥ धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥ रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥ लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥ क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥ हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥ मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥ श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥ केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥ कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥ सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥ नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥ यह पढ़ें: Motivational Story: भावना ग्रहण करते हैं प्रभु, धन नहीं भई सहाय मातु तुम तब तब... शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तन बीज शंखन संहारे॥ महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥ रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥ परी गाढ़ सन्तन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥ आभा पुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥ ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥ प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥ ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥ जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥ शंकर आचारज तप कीनो। काम क्रोध जीति सब लीनो॥ निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥ शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥ शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥ भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥ मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥ आशा तृष्णा निपट ...