एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए

  1. Apara Ekadashi 2021 Things To Do And Not To Do
  2. Yogini Ekadashi 2023:योगिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं? जानिए इस व्रत से जुड़े सभी जरूरी नियम
  3. एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए: इस दिन क्या करें और क्या नहीं
  4. WHY NOT EATING RICE ON EKADASHI


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Apara Ekadashi 2021 Things To Do And Not To Do

अपरा एकादशी व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष के एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के रूप में मनाई जाती है| अपरा एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है| इस व्रत को करने से घर में अपार धन की प्राप्ति होती है. तो आइये जानते हैं कि इस दिन हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए| अपरा एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये सारे काम: विष्णु पुराण के अनुसार अपरा एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित माना गया है| जो व्रती इस दिन चावल का सेवन करता है वह पाप का भागीदार बन जाता है| इसलिए इस दिन चावल को त्याग कर व्रत करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है| अपरा एकादशी व्रत रखने वाले को रात्रि में सोने से परहेज करना चाहिए| मान्यता है कि इस दिन रात्रि में भगवान विष्णु का कीर्तन भजन करने से हमें भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है| व्रती को पान खाने से भी परहेज करना चाहिए| पान खाना अशुभ माना जाता है माना जाता है कि पान का सेवन करने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति अधिक होने लगती है| इसलिए इसे अशुभ माना गया है| एकादशी व्रत के दौरान क्रोध करना भी वर्जित माना गया है. क्रोध करना एक प्रकार का मानसिक हिंसा के रूप में माना जाता है| इसलिए क्रोध करने से खुद को परहेज रखें| इस दिन पेड़ की टहनी तोड़ कर दातुन नहीं करना चाहिए माना जाता है कि पेड़ की टहनी तोड़ने से भगवान विष्णु बेहद नाराज़ होते हैं| कांशे के बर्तन में भी एकादशी को भोजन नहीं करना चाहिए| एकादशी व्रत के दिन लहसुन, प्याज और मसूर दाल के सेवन करने से भी परहेज करना चाहिए| अपरा एकादशी के दिन क्या करें: अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को केले का भोग लगाना चाहिए| एकादशी व्रत के दिन पूजा में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का 108 ...

Yogini Ekadashi 2023:योगिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं? जानिए इस व्रत से जुड़े सभी जरूरी नियम

Yogini Ekadashi 2023 Date: आज यानी 14 जून 2023 को योगिनी एकादशी व्रत रखा जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि जो भक्त योगिनी एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें कुष्ठ या कोढ़ रोग से मुक्ति मिलती है और उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही उन्हें बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है, लेकिन योगिनी एकादशी व्रत को लेकर शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों पालन करने वाले लोगों को ही पूजा का पूर्ण फल मिलता है। यह व्रत भले ही एकादशी के दिन रखा जाता है, लेकिन व्रत का पालन दसवीं तिथि की शाम से लेकर द्वादशी तिथि की सुबह तक किया जाता है। आइए जानते हैं क्या हैं एकादशी व्रत के नियम...

एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए: इस दिन क्या करें और क्या नहीं

शनिवार, 4 अप्रैल को यानी आज कामदा एकादशी का व्रत किया जाएगा। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और दिनभर संयम से रहकर व्रत रखा जाता है। एकादशी व्रत करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। विष्णु पुराण और धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार इस पर्व पर खास तरह की चीजें और अन्न नहीं खाना चाहिए। वहीं आदतों को लेकर संयम रखना चाहिए और दिनभर होने वाले कामकाज में भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। • एकादशी तिथि में पेड़-पौधों के फूल एवं पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। विष्णुजी की पूजा में तुलसी पत्ता चढ़ाना है तो उसे एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए। • एकादशी के एक दिन पहले ही सूर्यास्त से पहले घर पर झाड़ू लगा करके सफाई कर लें, क्योंकि एकादशी पर झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से गलती से हमसे चींटी और सूक्ष्म जीव मर जाते हैं और इससे पाप लगता है। इसलिए एकादशी के दिन झाड़ू ना लगाएं। • एकादशी तिथि पर बाल, दाढ़ी व नाखून न काटें इस दिन भोग-विलास से भी दूर रहना चाहिए। • एकादशी के दिन किसी की बुराई न करें और गलती से भी गरीब एवं उम्र में बड़े लोगों का अपमान न करें और न ही झूठ बोलें। • एकादशी पर्व पर गुस्सा और विवाद करने से भी बचना चाहिए। • एकादशी व्रत में रात को सोना भी नहीं चाहिए। पूरी रात जागकर भगवान विष्णुजी का भजन-कीर्तन करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। क्या खाएं और क्या नहीं • एकादशी के दिन भूलकर भी चावल नहीं खाने चाहिए| विष्णु पुराण के अनुसार एकादशी पर चावल खाने से पुण्य फल नष्ट हो जाते है। क्योंकि चावल को हविष्य अन्न कहा गया है, यानी ये देवताओं का भोजन है। • एकादशी तिथि पर जौ, मसूर की दाल, बैंगन और सेमफली नहीं खानी चाहिए। • एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है इसल...

WHY NOT EATING RICE ON EKADASHI

Ekadashi and rice : एकादशी के एक दिन पहले और एकादशी (ekadashi aur chawal) के दिन चावल लोग नहीं खाते हैं, आखिर चावल में ऐसा क्या होता है जो एकादशी के दिन खाने से लोग परहेज करते हैं. आज इसी सवाल का जवाब आर्टिकल में आपको मिल जाएगा, लेख में हम आपको इससे जुड़ी मान्यताओं (Relation between rice and ekadashi) के बारे में विस्तार से बताएंगे जिससे आपके एक-एक करके सारे डाउट क्लीयर हो जाएंगे, तो चलिए बिना देर किए जानते हैं. क्यों नहीं खाते हैं एकादशी को चावल 1- मान्यता है कि इस दिन चावल खाना मतलब महर्षि मेधा के मांस खाने के बराबर है. असल में महर्षि मेधा माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए एकादशी के ही दिन अपने शरीर का त्याग कर दिया था. मान्यता है कि महर्षि का जन्म चावल और जौ के रूप में हुआ था इसलिए इस दिन चावल लोग नहीं खाते हैं. चावल को सात्विक भोजन नहीं मानते हैं. 2- इस दिन चावल को मांस के बराबर मानते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से रेंगने वाले जीव के रूप में जन्म होता है. वहीं, साइंस की मानें तो चावल में पानी की मात्रा अधिक होती है और चंद्रमा का पानी और मन पर बहुत प्रभाव होता है. ऐसे में इस दिन चावल खाने से मन चंचल हो सकता है जिससे आप पूजा पाठ में ध्यान नहीं लगा पाएंगे. यही कारण है कि इस दिन चावल ना खाने पर जोर दिया जाता है. 3- एकादशी के दिन वैसे तो सभी को दान करना अच्छा माना गया है, लेकिन व्रती को इस दिन सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, जल, जूता, आसन, पंखा, छतरी और फल इत्यादि का दान करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन जल से भरे कलश का दान करने से बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पु...