एनीमिया क्यों होता है

  1. डायबिटीज में एनीमिया (Anemia in diabetes) होने का रिस्क कैसे बढ़ जाता है?
  2. नवजात शिशुओं में एनीमिया
  3. जानिए एनीमिया से जुड़ी बेहद जरूरी बातें
  4. सबसे ज्यादा किन लोगों को होता है एनीमिया और क्यों? डॉक्टर ने बताई एनीमिया के मरीजों की सच्चाई
  5. Anemia: क्या होता है एनीमिया, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
  6. हाइपरक्रोमिक एनीमिया


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डायबिटीज में एनीमिया (Anemia in diabetes) होने का रिस्क कैसे बढ़ जाता है?

डायबिटीज के मरीजों में एनीमिया होना सामान्य माना गया है। इसे डायबिटीज का एक कॉम्प्लिकेशन मान सकते हैं। एनसीबीआई (NCBI) में छपी स्टडी के अनुसार डायबिटीज में एनीमिया (Anemia in diabetes) को लेकर 820 मरीजों पर अध्ययन किया गया। जिसमें 190 मरीजों को अनरिक्नाइज्ड एनीमिया (Unrecognized anemia) के बारे में पता चला। किडनी से संबंधित परेशानी और आयरन स्टोरेज वाले मरीजों में यह प्रसार 2 से 3 गुना अधिक है। डायबिटीज की बीमारी में मौजूद अतिरिक्त फैक्टर्स मरीजों में एनीमिया के बढ़ते जोखिम के विकास में योगदान कर सकते हैं। इस आर्टिकल में डायबिटीज में एनीमिया के विषय पर जानकारी दी जा रही है। डायबिटीज में एनीमिया (Anemia in diabetes) स्टडीज में यह बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि डायबिटीज में एनीमिया (Anemia in diabetes) की समस्या हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही आपको बता दें कि एंड स्टेज रीनल डिजीज का कॉमन कारण डायबिटीज होती है। इसलिए यह रीनल एनीमिया का सबसे आम कारण है। इसके साथ ही डायबिटीज में एनीमिया (Anemia in diabetes) अधिक आम हो सकता है। इसके अलावा, कई अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि और पढ़ें: डायबिटीज में एनीमिया (Anemia in diabetes) को लेकर क्या कहती है स्टडी? डायबिटीज में एनीमिया के प्रसार को लेकर भारत में भी स्टडीज की गई हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिचर्स इन मेडिकल साइंसेस में छपी एक स्टडी का उद्देश्य टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में एनीमिया की व्यापकता का पता लगाना था। इस स्टडी में सभी मरीजों की डिटेल्ड हिस्ट्री और क्लिनिकल एग्जामिनेशन और इंवेस्टिगेशन किया गया था। मरीजों के ब्लड सेम्पल को ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1C) वैल्यू और हीमोग्लोबिन (Hb) के स्तर के लिए विश्लेषित किया गया था। इस स्टडी में 43%...

नवजात शिशुओं में एनीमिया

नवजात शिशुओं में एनीमिया क्या है? What is anemia in newborns? जिन नवजात शिशुओं को एनीमिया होता है उनमें लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या सामान्य से कम होती है। लाल रक्त कोशिकाएं पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं। ऐसी स्थिति में नवजात को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें कमजोर इम्यून सिस्टम ( immune system ) मुख्य है. नवजात शिशुओं में एनीमिया क्यों होता है? Why does anemia occur in newborns? एक नवजात शिशु कई कारणों से एनीमिया विकसित कर सकता है। इनमें निम्न कारण शामिल हो सकते हैं :- • बच्चे का शरीर पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं कर रहा है। अधिकांश शिशुओं को जीवन के पहले कुछ महीनों में कुछ एनीमिया होता है। इसे फिजियोलॉजिकल एनीमिया के रूप में जाना जाता है। इस एनीमिया के होने का कारण यह है कि बच्चे का शरीर तेजी से बढ़ रहा है और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को पकड़ने में समय लगता है। • शरीर लाल रक्त कोशिकाओं को बहुत जल्दी तोड़ देता है। यह समस्या तब आम होती है जब मां और बच्चे का ब्लड ग्रुप मैच नहीं करता। इसे Rh/ABO असंगति कहा जाता है। इन शिशुओं को आमतौर पर पीलिया ( Jaundice ) होता है, जिसके कारण उनकी त्वचा पीली पड़ सकती है। कुछ शिशुओं में एनीमिया संक्रमण या आनुवंशिक (वंशानुगत) विकारों के कारण भी हो सकता है। • किसी कारण बच्चे का खून बहुत ज्यादा निकल जाता है। नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) (Neonatal Intensive Care Unit (NICU) में रक्त की कमी आमतौर पर इसलिए होती है क्योंकि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को बार-बार रक्त परीक्षण करने की आवश्यकता होती है। मेडिकल टीम को आपके बच्चे की स्थिति का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए इन परीक्षणों की आवश्यकता होती है। जो ख...

जानिए एनीमिया से जुड़ी बेहद जरूरी बातें

हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खाद्य पदार्थों में मौजूद पौष्टिक तत्वों और खनिजों की आवश्यता है और जब शरीर में इन्ही पौष्टिक तत्वों व खनिजों की कमी हो जाती है तो शरीर को कई प्रकार के विकारों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक विकार है एनीमिया, जिसकी वजह से शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैसे तो एनीमिया कई प्रकार के और कई कारणों से होते हैं। हालांकि इसका एक कारण विटामिन की कमी भी है। तो चलिए आइये जानते हैं कि वह कौन-कौन से विटामिन हैं, जिनकी कमी की वजह से एनीमिया होता है। विटामिन की कमी से क्यों होता है एनीमिया एनीमिया की वजह से शरीर लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है, जो पूरे शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन ले जाने के लिए आवश्यक है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के स्तर को पूरा रखने में कुछ विटामिन काफी सहायक होते हैं। अतः अगर हम ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जिनमें लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने वाले विटामिन्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, तो एनीमिया नामक बीमारी से खुद का बचाव किया जा सकता है। लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में ये विटामिन्स होते हैं सहायक विटामिन सी- विटामिन-सी की कमी से शरीर में एनीमिया की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा विटामिन बी12- विटामिन बी12 की कमी से भी एनीमिया हो सकता है। इसलिए शरीर में विटामिन बी12 की कमी भी नहीं होनी चाहिए। यदि आप पर्याप्त विटामिन बी12 युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं तो आप एनीमिया की बीमारी से बच सकते हैं. मांस, अंडे और दूध का सेवन विटामिन बी12 की कमी को पूरा कर सकते हैं। विटामिन बी9 या फोलेट- पत्तेदार हरी सब्जियां और फल विटामिन बी9 या फोलेट के प्राथमिक स्रोत हैं, और आपके एनीमिया के विटामिन की कमी से होने व...

सबसे ज्यादा किन लोगों को होता है एनीमिया और क्यों? डॉक्टर ने बताई एनीमिया के मरीजों की सच्चाई

Written by |Published : March 24, 2023 5:09 PM IST • • • • • Causes of anemia: एनीमिया एक ऐसा ब्लड डिसऑर्डर है, जो काफी गंभीर तो है लेकिन अगर इसका समय रहते देखभाल की जाए तो स्थिति गंभीर नहीं हो पाती है। हमारे देश में एनीमिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और ऐसा आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल व सही डाइट न होने के वजह से हो रहा है। इसके बढ़ते खतरे के बीच हर किसी को सावधान रहने की जरूरत है, लेकिन यह पता होना भी बहुत जरूरी है कि एनीमिया होने का खतरा किन लोगों में ज्यादा होता है। इस बारे में एक्सपर्ट राय लेने के लिए हमने दिल्ली शालीमार के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कंसलटेंट, हेमाटोलॉजी, हेमाटो-ओंकोलॉजी एंड बोन मेरो ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डॉक्टर अमृता चक्रबर्ती से बात की। डॉक्टर अमृता ने एनीमिया विकसित होने से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी। कैसे होता है एनीमिया (How does anemia occur) डॉक्टर अमृता के अनुसार एनीमिया ऐसी कंडीशन है, जिसमें खून में लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) की कमी हो जाती है। आरबीसी यानी रेड ब्लड सेल्स का मुख्य काम शरीर के सभी अंगों व ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाना होता है। डॉक्टर ने बताया कि एनीमिया आमतौर पर तीन अलग-अलग तरीकों से हमारे शरीर में हो सकता है। जिसमें पहला है खून की कमी होना, दूसरा खून या आरबीसी बनना बंद हो जाना और तीसरा है किसी कारण से आरबीसी नष्ट हो जाना। 1. खून की कमी से होने वाला एनीमिया - एनीमिया का यह प्रकार आमतौर पर प्रजनन की उम्र वाली महिलाओं में होता है, क्योंकि मानसिक धर्म के दौरान उनके शरीर से रक्त काफी निकल जाता है। दूसरा बुजुर्ग व पोस्टमेनोपजल की उम्र के बाद भी महिलाओं में खून की कमी से होने वाला एनीमिया हो सकता है। Also Read • • • 2. खून ...

Anemia: क्या होता है एनीमिया, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

क्या आप जानते है की एनीमिया (Anemia) एक खून संबंधित बीमारी है, जिसे शरीर में खून की कमी होना (Lack of Blood) भी कहा जाता है। ये बीमारी शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के वजह से होती है। ज्यादातर इस बीमारी का शिकार महिलाएं होती हैं क्योकि बॉडी में खून की वजह से आयरन की कमी हो जाती है, जिसके कारण शरीर में हीमोग्लोबीन बनना कम कर देता है। क्या होता है एनीमिया : डॉक्टर्स के मुताबिक, एनीमिया का सबसे बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी होना है। जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स धीरे धीरे खत्म होने लगते है और, बॉडी को जरूरत के अनुसार डाइट नहीं मिलती तो इससे खून की कमी होने लगती है। इसके साथ ज्यादातर ये दिक्क्त किशोरावस्था और महिलाओं में पीरियड्स के दौरान खून की कमी से भी हो जाती है। बता दें कि शरीर में एनीमिया की कमी से दूसरी अन्य बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं डॉक्टर्स के अनुसार गर्भवती महिलाओं को एनीमिया होने की की ज्यादा संभावना वाले केस सामने आते हैं। खून की कमी (एनीमिया) के लक्षण (Symptoms of Anemia) • थकान • दुर्बलता • पीली त्वचा • अनियमित दिल की धड़कन • सांस लेने में तकलीफ • चक्कर आना • छाती में दर्द • ठंडे हाथ और पैर • सिर दर्द • सबसे पहले, एनीमिया इतना हल्का हो सकता है कि आप इसे नोटिस नहीं करते हैं। लेकिन एनीमिया के बिगड़ने पर लक्षण बिगड़ जाते हैं। डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए • यदि आप थकान महसूस कर रहे हैं और पता नहीं क्यों, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। • एनीमिया के अलावा थकान के कई कारण होते हैं, इसलिए यह न समझें कि यदि आप थके हुए हैं तो आपको एनीमिक होना चाहिए। कुछ लोगों रक्‍तदान के वक्‍त पता चलता है कि उनका हीमोग्लोबिन कम है। यदि आपसे कहा जाता है कि आप कम हीमोग्लोबिन के कारण ...

हाइपरक्रोमिक एनीमिया

रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी, मुख्य रूप से लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में गिरावट की पृष्ठभूमि के खिलाफ, दवा में एनीमिया के रूप में जाना जाता है - एक बीमारी जो विभिन्न रोग स्थितियों का एक लक्षण है। एनीमिया की किस्मों में से एक हाइपरक्रोमिक है, विशेष रूप से अक्सर परिपक्व और वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है। यह क्यों उत्पन्न होता है और इसका इलाज कैसे करें? हाइपरक्रोमिक एनीमिया क्या है "एनीमिया" नामक आधिकारिक दवा में अधिकांश लोगों को एनीमिया के रूप में जाना जाने वाला रोग हीमोग्लोबिन के स्तर में गिरावट के साथ जुड़ा हुआ है। एक हाइपरक्रोमिक रूप के साथ, एक ही समय में, स्वस्थ एरिथ्रोसाइट्स की संख्या कम हो जाती है और दोषपूर्ण एरिथ्रोसाइट्स दिखाई देते हैं: जिसमें लोहे की अधिकता होती है। इस पदार्थ के लिए धन्यवाद, रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन से संतृप्त हो जाती हैं, इसलिए, उनका मध्य ज्ञान एक लाल रंग के साथ बंद हो जाता है (यह प्रयोगशाला परीक्षणों में देखा जा सकता है)। हाइपरक्रोमिक एनीमिया 2 प्रकार के होते हैं: • मेगालोब्लास्टिक (मैक्रोसाइटिक) - डीएनए और आरएनए के संश्लेषण के उल्लंघन की विशेषता है, जो अस्थि मज्जा में बहुत बड़ी लाल रक्त कोशिकाओं (मेगालोब्लास्ट्स और मेगालोसाइट्स) की उपस्थिति की ओर जाता है। इस तरह के एनीमिया विरासत में मिल सकते हैं। • गैर-मेगालोब्लास्टिक - डीएनए संश्लेषण सामान्य है, अस्थि मज्जा मेगालोब्लास्ट का उत्पादन नहीं करता है, लेकिन दोषपूर्ण एरिथ्रोसाइट्स मौजूद हैं। अधिकांश डॉक्टर एनीमिया को एक स्वतंत्र बीमारी नहीं मानते हैं, क्योंकि यह रक्त प्रणाली के प्राथमिक घाव की पृष्ठभूमि के खिलाफ या अन्य विकृतियों के साथ विकसित हो सकता है जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। इ...