गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है

  1. गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है, महत्व, कथा
  2. Ganga Dussehra 2023 आखिर भारत में क्यों मनाया जाता हैं गंगा दशहरा , जानें इसका पूरा इतिहास और मान्यता
  3. इस महीने के आखिर में पड़ रहा है गांगा दशहरा, जानें क्यों शिव की जटाओं में समा गई थीं मां गंगा
  4. गंगा दशहरा महत्व और लाभ ,जानें क्यों मनाया जाता है यह त्योहार by thenationaltv
  5. Why Is Ganga Dussehra Celebrated In Hinduism India What Is Its Religious And Mythological Significance
  6. Why Ganga Dussehra 2022 celebrated Ganga Avtaran Katha in hindi


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गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है, महत्व, कथा

Why Ganga Dussehra Parv is celebrated Importance in Hindi | क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा पर्व कथा महत्व स्नान शुभ मुहूर्त इतिहास गंगा दशहरा पर्व भारत का एक प्रमुख त्यौहार है और ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दसवीं को पूरे भारत में धूम धाम से मनाया जाता है| आज यहाँ हम विस्तार से चर्चा करेंगे, गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है, गंगा दशहरा का 2019 में शुभ मुहुर्त क्या है, गंगा दशहरा पर गंगा पूजन कैसे करें और गंगा दशहरा की कथा और इस पर्व के महत्त्व की भी चर्चा करेंगे| Why Ganga Dussehra is Celebrated in Hindi गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है Particular Detail नाम गंगा दशहरा धर्म हिन्दू प्रकार हिन्दू पर्व महत्त्व गंगा नदी का स्वर्ग से धरती पर अवतरण कैसे मनाते हैं देवी गंगा की पूजा, और गंगा नदी में स्नान हिन्दू तारीख ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी अंग्रेजी तारीख 12 जून 2019 कब कब मनाया जाता है हर साल गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) पर्व को गंगा अवतरण भी कहा जाता है, हिन्दू मान्यताओं और पोराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन गंगा स्वर्ग से उतरकर धरती पर आई थी| गंगा दशहरा भारत के कुछ अहम् राज्यों में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है, ज्यादातर ऐसे राज्यों में जहाँ से गंगा हो कर जाती है| हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दसवीं ही वह दिन है जब गंगा धरती पर अवतरित हुईं थी| यह त्यौहार पूरे 10 दिन तक चलता है और दसवें दिन गंगा के किनारे गंगा जी की आरती, पूजन और कथा की जाती है| किन किन राज्यों में दशहरा पर्व मनाया जाता है यह त्यौहार ऐसे राज्यों में मनाया जाता है जहाँ जहाँ से गंगा बह कर जाती है| उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में यह गंगा दशहरा बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता ह...

Ganga Dussehra 2023 आखिर भारत में क्यों मनाया जाता हैं गंगा दशहरा , जानें इसका पूरा इतिहास और मान्यता

Ganga Dussehra 2023: हिंदू धर्म में गंगा दशहरा की काफी मान्यता हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के हिसाब से इस दिन गंगा मैया धरती में प्रकट हुई थी। यह त्योहार हर साल हिंदू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन गंगा मैया का स्नान करने से व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए पाप से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन लोग काफी दान-पुण्य भी करते हैं, जिसे उन्हें अच्छे फल की प्राप्ति होती हैं। इस साल कब आएगी गंगा दशहरा इस बार गंगा दशहरा आज यानि 30 मई को पूरे भारत में मनाई जाएगी। इस दिन सिद्धि और रवि के योग का शुभ संयोग बन रहा हैं। ज्योतिषि के अनुसार यह काफी शुभ माने जाते हैं। क्या है गंगा दशहरा के पीछे का इतिहास हिंदू धर्म में कोई भी पर्व मानने के पीछे उसकी एक बहुत बड़ी वजह होती हैं। वैसे ही गंगा दशहरा मनाने के पीछे का इतिहास कुछ अलग हैं। पुराने जमाने में भागीरथी अपने पितृगणों से मुक्ती दिलाने चाहते थे। इसे पहले उनके पूर्वजों ने भी काफी कोशिश की , लेकिन वह इसमें असफल हो गए। भागीरथी ने अपने पितृगणों को मोक्ष प्राप्त कराने के लिए काफी कठोर तपस्या की थी। भागीरथी की तपस्या देख भगवान विष्णु और माता गंगा काफी प्रसन्न हुए और गंगा मां ने धरती पर प्रकट होने की सोची । लेकिन गंगा के पानी का धारा तेज होने के काऱण अगर गंगा मैया वहां पर आती भी , तो उनका प्रवाह बह जाता और वह वहां पर दिखाई भी नहीं देती। ऐसे में शिव शंकर जी ने गंगा का सारा पानी अपनी जटाओं में समा लिया और फिर गंगा मैया भागीरथी के लिए धरती पर प्रकट हुई थी। तब से ही हर साल ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी को यह पर्व हिंदू धर्म में काफी उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। गंगा का करें स्नान गंगा दशह...

इस महीने के आखिर में पड़ रहा है गांगा दशहरा, जानें क्यों शिव की जटाओं में समा गई थीं मां गंगा

• • Faith Hindi • इस महीने के आखिर में पड़ रहा है गंगा दशहरा, जानें क्यों शिव की जटाओं में समा गई थीं मां गंगा इस महीने के आखिर में पड़ रहा है गांगा दशहरा, जानें क्यों शिव की जटाओं में समा गई थीं मां गंगा गंगा दशहरा का उत्सव ज्येष्ठ के महीने में शुक्ल पक्ष के दसवें दिन (दशमी तिथि) को मनाया जाता है। इस बार गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जाएगा. Also Read: • • • शास्त्रों में उल्लेख है कि इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं, लेकिन क्या आपको पता है मां गंगा धरती पर आने से पहले भगवान शिव की जटा में समा गई थीं. इसके पीछ भी एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है. हिंदू पुराणों की मानें तो धरती पर अवतरित होने से पहले मां गंगा देव लोक में रहा करती थीं. उन्हें वहां देव नदी के नाम से जाना जाता था. ऐसा माना जाता है कि मां गंगा को धरती पर लाने का काम भागीरथ ने किया था. हालांकि इसके लिए उन्हें कठोर तपस्या करनी पड़ी थी. महाराज भागीरथ एक प्रतापी राजा थे. वो अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए मां गंगा को धरती पर लाना चाहते थे. भागीरथ को मालूम था कि गांगा में उनकी राख को प्रवाहित करने से उन्हें मुक्ति मिल सकती थी, लेकिन तेज जल प्रवाह के चलते मां गंगा का सीधा धरती पर आना संभव नहीं था. मां गंगा ने भागीरथ से कहा कि वह देवलोक से सीधे धरती पर नहीं आ सकतीं क्योंकि धरती उनका तेज वेग सह नहीं पाएगी और रसातल में चली जाएगी. कोई विकल्प समझ नहीं आने पर भागीरथ सीधा ब्रह्माजी के पास पहुंचे औप उनसे इसका हल मांगा. इसपर ब्रह्माजी उनसे कहा कि इसका हल सिर्फ शिव के पास है. तुम उन्हें प्रसन्न करो. फिर क्या था भागीरथ लग गए कठोर तपस्या में. उनकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उनसे वरदान मांगने के लिए कहा. इसपर भागीरथ उन्हे...

गंगा दशहरा महत्व और लाभ ,जानें क्यों मनाया जाता है यह त्योहार by thenationaltv

भारतीय सभ्यता में धर्म और पूजा का विशेष महत्व होता है। हमारे देश में अनेक पवित्र नदियाँ हैं, लेकिन गंगा नदी को भारतीयों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। गंगा नदी को पुण्यता और मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है और इसके तट पर बसे हुए लाखों लोग उसे पूजा करते हैं। गंगा दशहरा उन त्योहारों में से एक है जिसे हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। चलिए इस लेख में हम गंगा दशहरा के बारे में विस्तार से जानते हैं • Issuu Features - Fullscreen Sharing • Issuu Features - Social Posts • Issuu Features - Articles • Issuu Features - Embed • Issuu Features - Statistics • Issuu Features - InDesign Integration • Issuu Features - Cloud Storage Integration • Issuu Features - GIFs • Issuu Features - AMP Ready • Issuu Features - Add Links • Issuu Features - Teams • Issuu Features - Video • Issuu Features - Web-ready Fonts • Explore Issuu Content • • Explore - Arts & Entertainment • Explore - Business • Explore - Education • Explore - Family & Parenting • Explore - Food & Drink • Explore - Health & Fitness • Explore - Hobbies • Explore - Home & Garden • Explore - Pets • Explore - Religion & Spirituality • Explore - Science • Explore - Society • Explore - Sports • Explore - Style & Fashion • Explore - Technology & Computing • Explore - Travel • Explore - Vehicles

Why Is Ganga Dussehra Celebrated In Hinduism India What Is Its Religious And Mythological Significance

Ganga Dusshera 2023: हर साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस तिथि को गंगा दशहरा को गंगावतरण भी कहा जाता है. इस बार गंगा दशहरा 30 मई, 2023 मंगलवार को मनाया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं. इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे. इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है. गंगाजल बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग जरूर किया जाता है. गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है. इसलिए इस दिन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है. इस दिन गंगा के घाट पर भव्य गंगा आरती भी होती है. इसी दिन साल का आखिरी बड़ा मंगल भी रहेगा. ऐसे में साधक पर मां गंगा और हनुमान जी की कृपा बरसेगी. गंगा दशहरे के दिन श्रद्धालु जन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए. ऎसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है. गंगा दशहरे का फल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रकार के पापों का नाश होता है. इन दस पापों में तीन पाप कायिक, चार पाप वाचिक और तीन पाप मानसिक होते हैं इन सभी से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है. गंगा दशहरा तिथि (Ganga Dusshera 2023 Date ) • ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 29 मई, सोमवार को सुबह 11:49 मिनट पर होगी और इसका समापन 30 मई, मंगलवार को दोपहर 01:07...

Why Ganga Dussehra 2022 celebrated Ganga Avtaran Katha in hindi

Ganga Dussehra 2022:हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। मान्यता हैकि इस दिन मां गंगा यानी गंगा नदी ने धरती पर अवतरण लिया था। इस साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि गुरुवार 9 जून को पड़ रही है, इसी दिन गंगा दशहरा मनाया जाएगा। ऐसा कहते हैं कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सभी रोगों और पापों से मुक्ति मिल जाती है। गंगा नदी को पृथ्वी पर लाने का श्रेय राजा भागीरथ को जाता है, इसलिए इसे भागीरथी भी कहते हैं। यहां पढ़िए ऋषि भागीरथ भगवान शिव की कृपा से कैसे गंगा को धरती पर लेकर आए थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा का जन्म जगद्गुरु ब्रह्मा के कमंडल से हुआ था। इसलिए इसे देवी के रूप में पूजा जाता है। गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है। वहीं, कुछ मान्यताओं के अनुसार गंगा पर्वतराज हिमालय और उनकी पत्नी मीना की पुत्री थीं। मीना भगवान शिव की पत्नी पावर्ती की बहन थीं। वाल्मिकी रामायण, महाभारत, भागवत पुराण, वायु पुराण, विष्णुपुराण, हरवंश पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण जैसे धर्म ग्रंथों में गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का जिक्र मिलता है। कहते हैं कि इच्छुक वंश के राजा भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर लाने का संकल्प लिया था। वे हिमालय में चले गए और कठोर तप करने लगे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा धरती पर आने के लिए तैयार हो गईं। मगर ब्रह्माजी ने बताया कि गंगा का वेग इतना तेज है कि इससे धरती पर प्रलय आने का खतरा होगा। इस वेग को संभालने की ताकत सिर्फ भगवान शिव में थी। भागीरथ फिर तपस्या में जुट गए और भगवान शिव का ध्यान किया। शिवजी प्रसन्न होकर उनके सम्मुख प्रकट हुए और वरदान मांगने के लिए कहा। भागीरथ ने बताया कि वह गंगा का धरती पर अवतरण चाहते हैं...