गंगोत्री से केदारनाथ की दूरी

  1. Uttarakhand Kedarnath Gangotri Dham how to reach Kedarnath उत्तराखंड केदारनाथ गंगोत्री धाम केदारनाथ कैसे पहुंचे
  2. दिल्ली से केदारनाथ की दूरी और सही रास्ता
  3. अब गंगोत्री से केदारनाथ आसानी से पहुंच सकेंगे श्रद्धालु, घटेगी दूरी;बनेगी नई सड़क – Dastak Times
  4. केदारनाथ से बद्रीनाथ की दूरी और जाने का सही रास्ता
  5. अब गंगोत्री से केदारनाथ आसानी से पहुंच सकेंगे श्रद्धालु, घटेगी दूरी;बनेगी नई सड़क – CG Breaking
  6. Gangotri Yatra Information in Hindi


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Uttarakhand Kedarnath Gangotri Dham how to reach Kedarnath उत्तराखंड केदारनाथ गंगोत्री धाम केदारनाथ कैसे पहुंचे

highlights • हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा की शुरुआत हो चुकी है • 11वें ज्योतिर्लिंगकेदारनाथधाम के कपाट इस वर्ष 9 मई को खुल चुके हैं • चारधाम यात्रा का तीसरा पड़ाव केदारनाथ को माना जाता है नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट 7 मई को खुलने के बाद से हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा की शुरुआत हो चुकी है.11वें ज्योतिर्लिंग Rudraprayag) जिले में स्थित है. यह भी पढ़ें- केदारनाथ मन्दिर (Kedarnath Temple) को हिन्दुओं के पवित्रतम गंतव्यों (चार धामों) में से एक माना जाता है.चारधाम यात्रा का तीसरा पड़ाव केदारनाथ को माना जाता है मान्यता है कि तीर्थयात्री यमुना और गंगा के जल को यमुनोत्री और गंगोत्री से लाकर केदारनाथ का जलाभिषेक कर बाबा केदारनाथ को प्रसन्न करते हैं. गर्मियों के दौरान इस तीर्थस्थल पर पर्यटकों की भारी भीड़ भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिये आते हैं. मान्यता है कि आठवीं सदी में चारों दिशाओं में चार धाम स्थापित करने के बाद 32 वर्ष की आयु में शंकराचार्य ने केदारनाथ धाम में ही समाधि ली थी.शंकराचार्य प्रसिद्ध हिन्दू सन्त थे जिन्हें अद्वैत वेदान्त के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये जाना जाता है. यह भी पढ़ें- इस साल केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए गुरुवार (9 मई) सुबह 5:35 बजे खुल चुके हैं. समुद्रतल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण चारों धामों में से यहां पहुंचना सबसे कठिन है. केदारनाथ सड़क मार्ग से कैसे पहुंचें सड़क मार्ग हरिद्वार, ऋषिकेश और कोटद्वार से गौरीकुण्ड के लिये बसें उपलब्ध हैं. यात्रा मौसम के दौरान गौरीकुण्ड पहुँचने पर पर्यटकों को विशेष यात्रा सुविधाये उपलब्ध रहती हैं...

दिल्ली से केदारनाथ की दूरी और सही रास्ता

दिल्ली से केदारनाथ मंदिर यात्रा | Delhi to Kedarnath Distance and Travel Guide | केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। केदारनाथ मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। हर साल देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर पहुँचते हैं। दिल्ली से केदारनाथ जाने यात्री सबसे पहले देहरादून या हरिद्वार या ऋषिकेश पहुँच सकते हैं। अधिकतर यात्री हरिद्वार और ऋषिकेश से ही केदारनाथ मंदिर यात्रा की शुरुआत करते हैं। दिल्ली से केदारनाथ की दूरी कैसे तय करते हैं, इस से जुडी हर तरह की जानकारी आपको आज यहाँ मिल जाएगी। केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मन्दाकिनी नदी के किनारे स्थित है। केदारनाथ मंदिर तक सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध नहीं है। केदारनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए गौरीकुंड स्थान के बाद 18 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करना होता है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्ध पंच केदार मंदिरों में से एक है। केदारनाथ मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है जहां ALSO READ केदारनाथ से बद्रीनाथ कैसे पहुंचे | Best Way to Reach Badrinath from Kedarnath दिल्ली से केदारनाथ की दूरी | Delhi to Kedarnath Distance दिल्ली से केदारनाथ की दूरी लगभग 466 किलोमीटर है। जिसमे गौरीकुंड के बाद 18 किलोमीटर का पैदल ट्रेक भी शामिल है। दिल्ली से गौरीकुंड की दूरी सड़क मार्ग द्वारा तय करने में लगभग 15-18 घंटे तक का समय लग जाता है। दिल्ली से आने वाले यात्री सबसे पहले हरिद्वार पहुँच सकते हैं। दिल्ली और हरिद्वार के बीच बस, रेल और हवाई मार्ग उपलब्ध हैं। हरिद्वार शहर पवित्र गंगा नदी के किनारे बसा हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। हरिद्वार शहर, देश के अन्...

अब गंगोत्री से केदारनाथ आसानी से पहुंच सकेंगे श्रद्धालु, घटेगी दूरी;बनेगी नई सड़क – Dastak Times

देहरादून: चारधाम यात्रा को आसान बनाने के लिए गंगोत्री से केदारनाथ के लिए नई सड़क बनाई जाएगी। ये सड़क भटवाड़ी से त्रियुगीनारायण तक बनेगी। सड़क की लंबाई 94 किलोमीटर होगी। सड़क बनने के बाद गंगोत्री से केदारनाथ की दूरी 144 किमी कम हो जाएगी। सड़क के लिए उत्तरकाशी के भटवाड़ी से टिहरी के बूढ़ाकेदार तक करीब 45 किलोमीटर का सर्वे पूरा हो चुका है। अब लोनिवि की ओर से बूढ़ाकेदार से त्रियुगीनारायण तक सर्वें करने के निर्देश दे दिए गए हैं। 210 किलोमीटर रह जाएगी दूरी अभी गंगोत्री से केदारनाथ धाम जाने के लिए यात्रियों को वाया गौरीकुंड तक करीब 354 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। नई सड़क बन जाने से यह दूरी लगभग 210 किलोमीटर रह जाएगी। सड़क बनने से गंगोत्री से केदारनाथ की दूरी करीब 144 किलोमीटर घट जाएगी। नई सड़क बनने के बाद क्षेत्र में नया पर्यटन सर्किट तैयार होने की उम्मीद है।

केदारनाथ से बद्रीनाथ की दूरी और जाने का सही रास्ता

बद्रीनाथ मंदिर केदारनाथ से बद्रीनाथ की दूरी लगभग 245 किलोमीटर है। 245 किलोमीटर की दूरी में केदारनाथ से गौरीकुंड का 18 किलोमीटर का पैदल ट्रेक भी शामिल है। गौरीकुंड से 5 किलोमीटर की दूरी पर सोनप्रयाग जगह है जहाँ सभी वाहनों की पार्किंग होती है। सोनप्रयाग (केदारनाथ) से बद्रीनाथ की सड़क मार्ग दूरी तय करने में लगभग 7 से 8 घंटे का समय लग जाता है। केदारनाथ से बद्रीनाथ जाने के दो सड़क मार्ग हैं। बद्रीनाथ जाने के लिए केदारनाथ के पास फाटा, गुप्तकाशी या सिरसी हेलिपैड से हेलीकाप्टर भी बुक किया जा सकता है। केदारनाथ से बद्रीनाथ कैसे जाते हैं? How to Reach Badrinath distance from Kedarnath by road and helicopter? केदारनाथ से बद्रीनाथ कैसे जाते है इसके लिए यह तय करना होगा कि यात्री किस साधन से और किन मार्गों से यात्रा करेंगे। केदारनाथ से बद्रीनाथ जाने के लिए सड़क मार्ग ही सबसे पहला तरीका है। हालांकि केदारनाथ से बद्रीनाथ जाने के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। केदारनाथ से बद्रीनाथ का सड़क मार्ग गौरीकुंड से शुरू होता है जो बद्रीनाथ तक जाता है। केदारनाथ से 18 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करने के बाद यात्री गौरीकुंड पहुंचते हैं। गौरीकुंड से 5 किलोमीटर की दूरी पर सोनप्रयाग जगह है। केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग ही सबसे निकटतम बस स्टेशन है। सभी प्रकार के वाहनों की सोनप्रयाग में ही पार्किंग होती है। यहां से बस, टैक्सी द्वारा या अपबे निजी वाहन द्वारा बद्रीनाथ के लिए निकला जाता है। केदारनाथ से बद्रीनाथ जाने का सबसे छोटा रास्ता | Kedarnath to Badrinath Distance by road Route 1 | केदारनाथ से बद्रीनाथ की दूरी तय करने का सबसे छोटा रास्ता ऊखीमठ-चोपता होते हुए है। ऊखीमठ-चोपता होते हुए केदारनाथ से बद्रीनाथ क...

अब गंगोत्री से केदारनाथ आसानी से पहुंच सकेंगे श्रद्धालु, घटेगी दूरी;बनेगी नई सड़क – CG Breaking

देहरादून चारधाम यात्रा को आसान बनाने के लिए गंगोत्री से केदारनाथ के लिए नई सड़क बनाई जाएगी। ये सड़क भटवाड़ी से त्रियुगीनारायण तक बनेगी। सड़क की लंबाई 94 किलोमीटर होगी। सड़क बनने के बाद गंगोत्री से केदारनाथ की दूरी 144 किमी कम हो जाएगी। सड़क के लिए उत्तरकाशी के भटवाड़ी से टिहरी के बूढ़ाकेदार तक करीब 45 किलोमीटर का सर्वे पूरा हो चुका है। अब लोनिवि की ओर से बूढ़ाकेदार से त्रियुगीनारायण तक सर्वें करने के निर्देश दे दिए गए हैं। 210 किलोमीटर रह जाएगी दूरी अभी गंगोत्री से केदारनाथ धाम जाने के लिए यात्रियों को वाया गौरीकुंड तक करीब 354 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। नई सड़क बन जाने से यह दूरी लगभग 210 किलोमीटर रह जाएगी। सड़क बनने से गंगोत्री से केदारनाथ की दूरी करीब 144 किलोमीटर घट जाएगी। नई सड़क बनने के बाद क्षेत्र में नया पर्यटन सर्किट तैयार होने की उम्मीद है।

Gangotri Yatra Information in Hindi

Gangotri Dham Yatra Information in Hindi – हिंदुओं के चार धामों में से गंगोत्री की यात्रा ,सबसे सुगम यात्रा मानी जाती है ।इसके बाद गंगा मैया के मंदिर का निर्माण कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा किया गया था। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया है। गंगोत्री आने के लिए ऋषिकेश से सीधा रास्ता है। नरेंद्र नगर, नई टिहरी ,उत्तरकाशी होते हुए , 70 किलोमीटर की दूरी तय कर कर गंगोत्री पहुंच सकते हैं। Gangotri Dham Yatra Information in Hindi – गंगोत्री पहुंचने से पहले ही यहां का वातावरण श्रद्धालुओं का मन मोह लेता है। सामने ऊंचाई पर ऊंची ऊंची पहाड़ियां अत्यंत सुंदर लगती हैं। यहां की सर्द बर्फीली हवाएं जब चेहरे से टकराती हैं तो मन आनंदित हो जाता है। यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दर्शनार्थी सीढ़ियों से चढ़कर मंदिर तक पहुंचते हैं। गंगोत्री से गोमुख जाने के लिए पैदल मार्ग है जिसकी दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। मुख्य मंदिर में प्रवेश करते ही, मंदिर का पीछे का हिस्सा दिखाई देता है। मंदिर के दाएं और गंगा घाट पर जाने के लिए सीढ़ियां हैं। इसी जगह पर ऋषि भागीरथी की तपस्वी स्थल भी है। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर में पवित्र गंगा मैया के दर्शन करने के लिए, लाखों तीर्थयात्री यहां आते हैं। और यहां के वातावरण को देखकर श्रद्धालुओं का मन हर्ष से भर जाता है। मंदिर के सामने की ओर भगवान शिव, पार्वती जी, गणेश जी, नंदी जी आदि देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। और यहीं पर भागीरथी ऋषि को हिमालया में विराजमान होते हुए बहुत ही खूबसूरती के साथ दर्शाया गया है। गंगोत्री के कपाट अप्रैल के अंतिम पक्ष में या मई के प्रथम पक्ष में खोले जाते हैं। शीतकाल में अक्टूबर के प्रथम पक्ष में...