गणेश लक्ष्मी लॉटरी

  1. गणेश
  2. गणेश जी के 5 मंत्र और उनके अर्थ; पूजा में इन मंत्रों का जप करेंगे तो जल्दी सफल हो सकती है पूजा
  3. गणपती
  4. Diwali Puja Vidhi & Mantra: दिवाली पर आज इस तरीके से करें लक्ष्‍मी
  5. Diwali 2022: दिवाली के दिन पूजा करते समय जरूर पढ़ें मां लक्ष्मी और गणेश जी आरती, हर मनोकामना होगी पूर्ण
  6. गणेश लक्ष्मी स्तोत्र
  7. Diwali Aarti 2021: Do these 5 aarti with ganesh ji aarti and Jai laxmi mata maa laxmi aarti lyrics in hindi on Diwali today


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गणेश

भगवान गणेश देवो के देव भगवान श्री गणेश नई शुरुआत, समृद्धि, बुद्धि और सफलता के देवता और जीवन से बाधाओं को दूर करने वाले भगवान अन्य नाम गणपति, विनायक, गजानन, गणेश्वर, गौरीनंदन, गौरीपुत्र, श्री गणेश, गणधिपति, सिद्धिविनायक, अष्टविनायक, बुद्धिपति, शुभकर्ता, सुखकर्ता, विघ्नहर्ता,‌‌महागणपति। abodes=गणेश लोक और कैलाश पर्वत ॐ वक्रतुंडाय विद्महे एकदंताय धिमहि तन्नो द दंती प्रचोद्यात । , वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वे कार्येषुसर्वदा: अस्त्र त्रिशूल, तलवार, अंकुश, पाश, मोदक और प्रतीक स्वास्तिक और मोदक दिवस बुधवार जीवनसाथी रिद्धि,सिद्धि और बुद्धि माता-पिता गणपति आदिदेव हैं जिन्होंने हर युग में अलग चारों दिशाओं में सर्वव्यापकता की प्रतीक उनकी चार भुजाएँ हैं। वे लंबोदर हैं क्योंकि समस्त चराचर सृष्टि उनके उदर में विचरती है। बड़े कान अधिक ग्राह्यशक्ति व छोटी-पैनी आँखें सूक्ष्म-तीक्ष्ण दृष्टि की सूचक हैं। उनकी लंबी नाक (सूंड) महाबुद्धित्व का प्रतीक है। कथा [ ] प्राचीन समय में सुमेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि का अत्यंत मनोरम आश्रम था। उनकी अत्यंत रूपवती और पतिव्रता पत्नी का नाम मनोमयी था। एक दिन ऋषि लकड़ी लेने के लिए वन में गए और मनोमयी गृह-कार्य में लग गई। उसी समय एक दुष्ट कौंच नामक गंधर्व वहाँ आया और उसने अनुपम लावण्यवती मनोमयी को देखा तो व्याकुल हो गया। कौंच ने ऋषि-पत्नी का हाथ पकड़ लिया। रोती और काँपती हुई ऋषि पत्नी उससे दया की भीख माँगने लगी। उसी समय सौभरि ऋषि आ गए। उन्होंने गंधर्व को श्राप देते हुए कहा 'तूने चोर की तरह मेरी सहधर्मिणी का हाथ पकड़ा है, इस कारण तू मूषक होकर धरती के नीचे और चोरी करके अपना पेट भरेगा। काँपते हुए गंधर्व ने मुनि से प्रार्थना की-'दयाल...

गणेश जी के 5 मंत्र और उनके अर्थ; पूजा में इन मंत्रों का जप करेंगे तो जल्दी सफल हो सकती है पूजा

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए गणेश जी के 5 खास मंत्र और उनके अर्थ... मंत्र- 1 वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। गणेश जी का ये मंत्र सबसे अधिक लोकप्रिय है। इस मंत्र का अर्थ ये है कि जिनकी सुंड घुमावदार है, जिनका शरीर विशाल है, जो करोड़ सूर्यों के समान तेजस्वी हैं, वही भगवान मेरे सभी काम बिना बाधा के पूरे करने की कृपा करें। मंत्र - 2 विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं। नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।। इस मंत्र में गणेश जी की विशेषताएं बताई गई हैं। जैसे गणेश जी विघ्न हरने वाले हैं, वर देने वाले हैं, देवताओं के प्रिय हैं, लंबोदर हैं, सभी कलाओं के जानकार हैं, संसार का भला करने वाले हैं, जिनका मुख गज के समान है, जो वेद और यज्ञ से सजे हुए हैं। देवी पार्वती पुत्र को नमस्कार है। हे गणनाथ, आपको हम नमस्कार करते हैं। मंत्र - 3 अमेयाय च हेरंब परशुधारकाय ते। मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः।। हे हेरंब (गणेश जी का एक नाम), आपको किसी भी तरह से मापा नहीं जा सकता है। आप पशुओं को अपनाते हैं। आपका वाहन एक चूहा है। आप पूरे संसार के अधिपति हैं, आपको बार-बार नमस्कार है। मंत्र - 4 एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः। प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने।। इस मंत्र में कहा गया है, जिनका एक दांत है, सुंदर मुख है। उन्हें नमस्कार है। जो शरण में आए लोगों की रक्षा करते हैं, जो सभी प्राणियों के दुखों को दूर करते हैं, उन्हें नमस्कार है। मंत्र - 5 एकदंताय विद्‍महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात।। गणेश जी का ये भी बहुत प्रचलित मंत्र है। इस मंत्र कहा गया है कि एकदंत को हम प्रणाम करते हैं। वक्रतुंड ...

गणपती

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Diwali Puja Vidhi & Mantra: दिवाली पर आज इस तरीके से करें लक्ष्‍मी

• • Faith Hindi • Diwali Puja Vidhi & Mantra: दिवाली पर आज इस तरीके से करें लक्ष्‍मी-गणेश और कुबेर भगवान का पूजन, यहां जानें मंत्र Diwali Puja Vidhi & Mantra: दिवाली पर आज इस तरीके से करें लक्ष्‍मी-गणेश और कुबेर भगवान का पूजन, यहां जानें मंत्र Diwali Puja Vidhi & Mantra: जानते हैं कैसे करें लक्ष्मी माता, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा. Diwali Puja Vidhi & Mantra Diwali Puja Vidhi & Mantra: दिवाली के दिन माता लक्ष्मी (Mata Laxami) के साथ ही गणेश जी की भी पूजा की जाती है. वहीं, दिवाली के दिन कुबेर भगवान की भी पूजा का विधान है. आज 4 नवंबर 2021 को दिवाली का पर्व मनाया जा रलहा है. इस दिन शाम के समय लक्ष्मी जी, गणएश भगवान और कुबेर भगवान की पूजा की जाती है. ऐसे में आइए दिवाली (Diwali 2021) के मौके पर जानते हैं कैसे करें लक्ष्मी माता, भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) और कुबेर देवता की पूजा. यहां जानें विस्तार से- Also Read: • • • लक्ष्मी-गणेश की पूजन विधि (Laxami-Ganesh Pujan Vidhi) दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी के पूजन के लिए सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का आसन बिछा कर गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. इनके साथ भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की स्थापना करें. सभी तरह के पूजन सामग्री को एकत्रित कर चौकी के पास जल से भर कलश रख दें. इसके बाद शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए पूजा आरंभ कर दें. विधि-विधान और परंपरा के अनुसार लक्ष्मी पूजन करें. महालक्ष्मी की पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और पुस्तकों की पूजा करें. अंत में माता लक्ष्मी की आरती करके घर के सभी हिस्सों में घी और तेल दिलाएं. लक्ष्मी- गणेश आरती और पूजा मंत्र (Laxami-Ganesh Arti And Puja Mantra) मां लक्ष्मी मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं ...

Diwali 2022: दिवाली के दिन पूजा करते समय जरूर पढ़ें मां लक्ष्मी और गणेश जी आरती, हर मनोकामना होगी पूर्ण

• • Faith Hindi • Diwali 2022: दिवाली के दिन पूजा करते समय जरूर पढ़ें मां लक्ष्मी और गणेश जी की आरती, हर मनोकामना होगी पूर्ण Diwali 2022: दिवाली के दिन पूजा करते समय जरूर पढ़ें मां लक्ष्मी और गणेश जी की आरती, हर मनोकामना होगी पूर्ण Diwali 2022: दिवाली के​ दिन विधि-विधान के साथ मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि य​दि महालक्ष्मी अपने जातकों से प्रसन्न हो जाएं तो उनकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. Diwali 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिपों का पर्व दिपावली मनाया जाता है. यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है. ( Maa Laxmi Aarti in Hindi) इस दिन लोग अपने घरों में घी का दीपक जलाते हैं और दीपों के इस पर्व को सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन विधि-विधान के साथ महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है. इसके साथ पूजा में श्रीयंत्र को शामिल करना भी शुभ माना गया है. ( Ganesh Ji Aarti in Hindi) इस साल यह त्योहार आज यानि 24 अक्टूबर 2022, सोमवार को मनाया जा रहा है. बता दें कि दिवाली की पूजा प्रदोष काल में की जाती है और इस दौरान मां लक्ष्मी व गणेश जी की आरती करना बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है. दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्‍गुण आता। सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ।।ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता। खान पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ शुभ गुण...

गणेश लक्ष्मी स्तोत्र

जो व्यक्ति गणपति के गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ श्रद्धा-भक्ति के साथ करता है, उसके घर से लक्ष्मी कभी नहीं जाती हैं और उसे हर सुख की प्राप्ति होती है। यहाँ गणेश जी का दो गणपतिस्तोत्र दिया जा रहा है। गणेश लक्ष्मी श्रीगणपतिस्तोत्रम् श्री गणेशाय नमः । ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने । दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥ १॥ लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम् । अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूहविनाशनम् ॥ २॥ ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्बाय नमो नमः । सर्वसिद्धिप्रदोऽसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदो भव ॥ ३॥ चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रियः । सिन्दूरारुणवस्त्रैश्च पूजितो वरदायकः ॥ ४॥ इदं गणपतिस्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः । तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीर्न मुञ्चति ॥ ५॥ इति श्रीगणपतिस्तोत्रम् (२) सम्पूर्णम् । गणेश लक्ष्मी श्रीगणपतिस्तोत्रम् हिंदी अर्थ सहित ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने । दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥ १॥ सम्पूर्ण सौख्य प्रदान करने वाले सच्चिदानन्द स्वरुप विघ्नराज गणेश को नमस्कार है, जो दुष्ट अरिष्टग्रहों का नाश करने वाले परात्पर परमात्मा हैं । लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम् । अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूहविनाशनम् ॥ २॥ जो महापराक्रमी, लम्बोदर, सर्पमय, यज्ञोपवीत से सुशोभित अर्धचन्द्रधारी और विघ्न व्यूह का विनाश करने वाले हैं, उन गणपति की मैं वंदना करता हूँ । ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्बाय नमो नमः । सर्वसिद्धिप्रदोऽसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदो भव ॥ ३॥ ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्ब को नमस्कार हैं । भगवान् आप सब सिद्धियों के दाता हैं, आप हमारे लिए सिद्धि – बुद्धिदायक हैं । चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रिय...

Diwali Aarti 2021: Do these 5 aarti with ganesh ji aarti and Jai laxmi mata maa laxmi aarti lyrics in hindi on Diwali today

दीपावली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश भगवान, लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। दिवाली की शाम पूजा अर्चना कर शाम को लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती भी की जाती है। आपको बता दें गणेश लक्ष्मी जी के साथ हनुमान जी, सरस्वती माता और ओम जय जगदीश हरे की भी आरती करनी चाहिए। हनुमान जी की आरती इसलिए बी की जाती हैं, क्योंकि इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। कभी भी भूलकर तीन आरती नहीं करनी चाहिए। दो आरती करें या फिर पांच। यहां पढ़ें गणेश, लक्ष्मी जी के साथ हनुमान जी, सरस्वती माता और ओम जय जगदीश हरे ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता। ............ जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चा...