गुरु वंदना

  1. Guru Purnima 2023 daan and upay according to zodiac sign guru purnima kab hai
  2. गुरु वंदना शोलक और उसके मायने
  3. श्रीरामचरितमानस
  4. गुरु वंदना : पढ़ें बालकांड में रचित (हिन्दी अर्थसहित)। guru vandana
  5. गुरु वंदना
  6. Famous Guru Vandana shlokas


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Guru Purnima 2023 daan and upay according to zodiac sign guru purnima kab hai

Guru Purnima 2023 daan and upay according to zodiac sign guru purnima kab hai | Guru Purnima 2023 Daan: गुरु पूर्णिमा पर इस बार करें ये उपाय, इन चीजों के दान और गुरु की वंदना से प्राप्त होंगे शुभफल | Hindi News, Religion UP Guru Purnima 2023 Daan: गुरु पूर्णिमा पर इस बार करें ये उपाय, इन चीजों के दान और गुरु की वंदना से प्राप्त होंगे शुभफल Guru Purnima Kab hai: 3 जुलाई 2023 को इस साल गुरु पूर्णिमा पड़ रहा है. इस दिन अपने गुरु की पूजा, वंदना करने की परंपरा है. अपने गुरु के प्रति सम्मान भाव भी इस दिन दिखाया जाता है. हमारे जीवन में गुरु का पद बहुत ऊपर होचा है. गुरु ही हैं जो हमें बताते हैं कि हमारे लिए कौन सा पथ सही है और किस रास्ते पर नहीं चलना चाहिए. अत: गुरु को समर्पित तिथि गुरु पूर्णिमा के दिन उनका आशीर्वाद लेने से उन्नति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. गुरु का आशीर्वाद आषाढ़ मास के पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. इस दिन गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के कई लाभ है. इस दिन गुरु वंदन से जीवन में उन्नति और समृद्धि पाई जा सकती है. इसके अलावा इस शुभ दिन दान का भी बहुत अधिक महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं कि किन राशि के जातकों को गुरु पूर्णिमा के मौके पर क्या दान करना चाहिए. जिससे वो अपने जीवन से परेशानियों को दूर कर सकें. मेष से कर्क मेष राशि के जातकों को इस दिन जरुरतमंदों को गुड़ और लाल रंग के कपड़े दान करना चाहिए, आर्थिक परेशानी दूर होंगी. वृषभ राशि के जातकों को इस दिन मिश्री का दान करना चाहिए, शुभ होगा मिथुन के राशि के जातकों को गाय को हरा चारा खिलाना. हरे मूंग दान करने से भी दांपत्य जीवन सुखमय होगा. कर्क के राशि के जातकों को चावल का दान करना चाहिए, तनाव दूर होग...

गुरु वंदना शोलक और उसके मायने

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर : गुरु साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम : । गुरु शब्द का सही अर्थ है वो जो अंधेरे को मिटाये । ये दो शब्दों से बना एक शब्द है । गु याने की अन्धेरा और रु मतलब हटाने वाला । अर्थात अंधेरे को हटाने वाला हमारा गुरु है । हमें अपने गुरु में त्रिमूर्ति का आकार दिखाई देता है । जो तीन भगवानों का स्वरूप है । ब्रह्मा, विष्णु और शिव । हमारे लिए हमारा गुरु भगवान ब्रह्म का आकार है । जो हमें विद्या रूपी प्रसाद देता है । हमारा गुरु विष्णु का स्वरूप भी है । वह हमें बनाई गई चीज़ों को सुरक्षित रखने का ग्यान और तरीका प्रदान करता है । गुरु शिव का रूप भी है । वह हमें बुराई को हटाने का तरीका और उपाय प्रदान करता है । गुरु हमें अग्यान हटाने के लिए विभिन्न प्रकार के रास्ते दिखाता है । इसलिए हमारा गुरु हमारे लिए वो अपार शक्ति है जो बुराई और अच्छाई, गलत और सही, इन सभी चीज़ें का संपूर्ण ग्यान देने का केन्द्र है । ऐसे गुरुजनों को शिष्य अपने तन मन से पूजनीय मानते हुए अपने श्रद्धा अर्पित करते हैं ।

श्रीरामचरितमानस

श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस Shri Ramcharitmanas Gita Press (Hindi) - Topic Wise PDF Bookmarks श्रीरामचरितमानस निवेदन विषय-सूची नवाह्नपारायणके विश्राम-स्थान मासपारायणके विश्राम-स्थान पारायण-विधि 1. बाल-काण्ड 1. मंगलाचरण 2. गुरु वंदना 3. ब्राह्मण-संत वंदना 4. खल वंदना 5. संत-असंत वंदना 6. रामरूप से जीवमात्र की वंदना 7. तुलसीदासजी की दीनता और राम भक्तिमयी कविता की महिमा 8. कवि वंदना 9. वाल्मीकि, वेद, ब्रह्मा, देवता, शिव, पार्वती आदि की वंदना 10. श्री सीताराम-धाम-परिकर वंदना 11. श्री नाम वंदना और नाम महिमा 12. श्री रामगुण और श्री रामचरित्‌ की महिमा 13. मानस निर्माण की तिथि 14. मानस का रूपक और माहात्म्य 15. याज्ञवल्क्य-भरद्वाज संवाद तथा प्रयाग माहात्म्य 16. सती का भ्रम, श्री रामजी का ऐश्वर्य और सती का खेद 17. शिवजी द्वारा सती का त्याग, शिवजी की समाधि 18. सती का दक्ष यज्ञ में जाना 19. पति के अपमान से दुःखी होकर सती का योगाग्नि से जल जाना, दक्ष यज्ञ विध्वंस 20. पार्वती का जन्म और तपस्या 21. श्री रामजी का शिवजी से विवाह के लिए अनुरोध 22. सप्तर्षियों की परीक्षा में पार्वतीजी का महत्व 23. कामदेव का देवकार्य के लिए जाना और भस्म होना 24. रति को वरदान 25. देवताओं का शिवजी से ब्याह के लिए प्रार्थना करना, सप्तर्षियों का पार्वती के पास जाना 26. शिवजी की विचित्र बारात और विवाह की तैयारी 27. शिवजी का विवाह 28. शिव-पार्वती संवाद 29. अवतार के हेतु 30. नारद का अभिमान और माया का प्रभाव 31. विश्वमोहिनी का स्वयंवर, शिवगणों को तथा भगवान्‌ को शाप और नारद का मोहभंग 32. मनु-शतरूपा तप एवं वरदान 33. प्रतापभानु की कथा 34. रावणादिका जन्म, तपस्या और उनका ऐश्वर्य तथा अ...

गुरु वंदना : पढ़ें बालकांड में रचित (हिन्दी अर्थसहित)। guru vandana

Pitro ki shanti ke upay : हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है। आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन का बहुत महत्व माना गया है। इस हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं। इसके बाद गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ हो जाता है। इस अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले तर्पण के लिए बहुत ही उत्तम एवं विशेष फलदायी माना गया है। Vastu tips fro shoe and slipper: पहले के जमाने में लोग अपने जूते चप्पल घर के बाहर उतारक ही घर में जाते थे। घर में सभी बगैर चप्पल के रहते थे। परंतु आजकल कई लोग घर में चप्पल पहनकर रहते हैं। कुछ लोग तो घर में ही ही बाहर के जूते पहनकर आ जाते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वास्तु के अनुसार घर में चप्पल पहनना चाहिए या नहीं। अशोक बहुत पवित्र पेड़ माना जाता है। इसके पत्तों का पूजा में इ्तेमाल होता है। अ शोक-अशोक नाम से ही स्पष्ट है कि जो शोक मिटाता है। दुख दूर करता है, संताप हरता है। कष्टों से मुक्ति देता है। अशोक के वृक्ष के कई लाभ हैं सबसे पहला तो यही कि शोक यानी दुख को सोख लेता है। अगर यह घर में है तो नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं। चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक है, जिन्होंने भी इस नीति का पालन किया वह सुखी हो गया है। आचार्य चाणक्य ने धर्म, राजनीति, अर्थ, राज्य, देश, जीवन, स्त्री, पुरुष सभी विषयों पर अपने विचार चाणक्य नीति में व्यक्त किए हैं। चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके साथ रहने से जीवन नरक के रहने जैसा बन जाता है। अत: तुरंत ही ऐसे लोग और स्थान को छोड़ देने में ही भलाई है। Yogini Ekadashi 2023 Date And Muhurat : आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार इस एका...

गुरु वंदना

* बंदउँगुरुपदकंजकृपासिंधुनररूपहरि। महामोहतमपुंजजासुबचनरबिकरनिकर॥5॥ भावार्थ:-मैंउनगुरुमहाराजकेचरणकमलकीवंदनाकरताहूँ, जोकृपाकेसमुद्रऔरनररूपमेंश्रीहरिहीहैंऔरजिनकेवचनमहामोहरूपीघनेअन्धकारकानाशकरनेकेलिएसूर्यकिरणोंकेसमूहहैं॥5॥ चौपाई : * बंदऊँगुरुपदपदुमपरागा।सुरुचिसुबाससरसअनुरागा॥ अमिअमूरिमयचूरनचारू।समनसकलभवरुजपरिवारू॥1॥ भावार्थ:-मैंगुरुमहाराजकेचरणकमलोंकीरजकीवन्दनाकरताहूँ, जोसुरुचि (सुंदरस्वाद), सुगंधतथाअनुरागरूपीरससेपूर्णहै।वहअमरमूल (संजीवनीजड़ी) कासुंदरचूर्णहै, जोसम्पूर्णभवरोगोंकेपरिवारकोनाशकरनेवालाहै॥1॥ * सुकृतिसंभुतनबिमलबिभूती।मंजुलमंगलमोदप्रसूती॥ जनमनमंजुमुकुरमलहरनी।किएँतिलकगुनगनबसकरनी॥2॥ भावार्थ:-वहरजसुकृति (पुण्यवान्‌पुरुष) रूपीशिवजीकेशरीरपरसुशोभितनिर्मलविभूतिहैऔरसुंदरकल्याणऔरआनन्दकीजननीहै, भक्तकेमनरूपीसुंदरदर्पणकेमैलकोदूरकरनेवालीऔरतिलककरनेसेगुणोंकेसमूहकोवशमेंकरनेवालीहै॥2॥ * श्रीगुरपदनखमनिगनजोती।सुमिरतदिब्यदृष्टिहियँहोती॥ दलनमोहतमसोसप्रकासू।बड़ेभागउरआवइजासू॥3॥ भावार्थ:-श्रीगुरुमहाराजकेचरण-नखोंकीज्योतिमणियोंकेप्रकाशकेसमानहै, जिसकेस्मरणकरतेहीहृदयमेंदिव्यदृष्टिउत्पन्नहोजातीहै।वहप्रकाशअज्ञानरूपीअन्धकारकानाशकरनेवालाहै, वहजिसकेहृदयमेंआजाताहै, उसकेबड़ेभाग्यहैं॥3॥ * उघरहिंबिमलबिलोचनहीके।मिटहिंदोषदुखभवरजनीके॥ सूझहिंरामचरितमनिमानिक।गुपुतप्रगटजहँजोजेहिखानिक॥4॥ भावार्थ:-उसकेहृदयमेंआतेहीहृदयकेनिर्मलनेत्रखुलजातेहैंऔरसंसाररूपीरात्रिकेदोष-दुःखमिटजातेहैंएवंश्रीरामचरित्ररूपीमणिऔरमाणिक्य, गुप्तऔरप्रकटजहाँजोजिसखानमेंहै, सबदिखाईपड़नेलगतेहैं-॥4॥ दोहा : * जथासुअंजनअंजिदृगसाधकसिद्धसुजान। कौतुकदेखतसैलबनभूतलभूरिनिधान॥1॥ भावार्थ:-जैसेसिद्धांजनकोनेत्रोंमेंलगाकरसाधक, सिद्धऔरसुजानपर्वतों, वनोंऔरपृथ्वीकेअ...

Famous Guru Vandana shlokas

Guru Vandana shlokas | Guru Vandana Sanskrit slokas with meaning hindi english | गुरु वंदना संस्कृत श्लोक (thoughts) हिंदी इंग्लिश अर्थ सहित Guru Vandana in Sanskrit गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः गुरुर्देव परंब्रह्मः तस्मै श्री गुरवे नमः। अज्ञानतिमिरांधस्य ज्ञानांजनशलाकया चक्षुरौन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः। अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरं तदपदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः। अनेकजन्म संप्राप्तं कर्मबन्ध विदाहिने आत्मज्ञानप्रदानेन तस्मै श्री गुरवे नमः। मन्नाथः श्री जगन्नाथा मदगुरु श्री जगदगुरु मदात्मा सर्वभूतात्मा तस्मै श्री गुरवे नमः। हिंदी अर्थ:- गुरुः ब्रह्मा : गुरु ही ब्रह्मा हैं । गुरुर विष्णु : गुरु ही विष्णु हैं । गुरुर देवो महेश्वरः : गुरु ही महेश्वर यानि शिव हैं । गुरु साक्षात परब्रह्म : परब्रह्म, जोकि सृष्टि रचयिता हैं और सभी देवो में श्रेष्ठ हैं, गुरु उनके समान हैं । तस्मै श्री गुरुवे नमः : हम उन गुरु को हमारा नमन है। गुरु का अर्थ है, जो हमारे मन के अन्धकार को दूर करे और आत्मसाक्षात्कार करा दे| यहाँ ‘गु’ का अर्थ है अँधेरा और ‘रु’ का अर्थ अँधेरे को दूर करने वाला English Meaning:- Guru is like Brahma the creator. He creates or inculcates knowledge in the minds of the students. Guru is like Vishnu-the preserver. He maintains or preserves the knowledge in the students. Guru is like Shiva the destroyer. Guru removes the darkness of ignorance from the student’s mind. Guru is hence the manifestation of the Para Brahma (the supreme essence) within all of us. I offer my respects to the Guru. Guru Vandana Shlokas in Sanskrit with meaning in Hi...