हिंदी दिवस कब मनाया जाता है

  1. हिंदी दिवस क्या है और कब मनाया जाता है
  2. हिंदी दिवस 2020: कब मनाया जाता है हिंदी दिवस, क्या है इसका इतिहास
  3. कब और क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? Hindi Diwas 2022
  4. हिंदी दिवस 2022 थीम
  5. हिंदी दिवस कब मनाया जाता है 2023


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हिंदी दिवस क्या है और कब मनाया जाता है

विश्व हिंदी दिवस जानकारी – हिंदी दिवस भारत में इसलिए मनाया जाता है क्यू की 14 सितम्बर 1949 में भारत ने हिंदी भाषा को अपनी मातृभाषा घोषित किया था. उसके बाद से ही 14 सितम्बर में हिंदी दिवस के नाम से मनाया जाता है. हिंदी हमारे भारत देश की मातृभाषा है, भारत में हिंदी कोई सेकड़ो वर्षो से बोली जाती है. माना जाता है की हिंदी से पूर्व भारत के संस्कृत बोली जाती थी. भारत पर निरन्तर आक्रमण के कारण संस्कृत भाषा का प्रयोग कम होते चला गया. आज संस्कृत भाषा को जानने व बोलने वालाे बहुत ही कम लोग बचे है और. आने वाले कुछ सालो में संस्कृत भाषा पूरी तरह से विलुप्त हो जाएगी . अंग्रेजी के बढ़ते हुआ प्रभाव को देखकर असा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की आने वाला कुछ सेकड़ो वषो में हिंदी भाषा को जानने वाले कुछ ही लोग बचेंगे, इस लिए हमे अपनी मातृभाषा का ही प्रगोय करना चाहिए और जितना हो सके अपनी मातृभाषा हिंदी का प्रयोग करे. Hindi diwas date is 14 September. हिंदी भाषा दुनिया में बोली जाने वाली सबसे बड़ी तीसरी भाषा है, पहले नम्बर पर अंग्रेजी भाषा है और दूसरे नंबर पर चीनी भाषा है. हिंदी भाषा याने की हमारी मातृभाषा को पूरी तरह से जानने वाले बहोत ही कम लोग है. बहोत से लोग हिंदी भाषा के बहोत से शब्दों में अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग करते है जिससे की हिंदी भाषा विलुप्त हो रही है. हिंदी दिवस पर कविता 6 हिंदी दिवस की शुरुआत कब से हुई? हिंदी दिवस का इतिहास (Hindi Diwas ka Etihas) • हिंदी भाषा को भारत की मातृभाषा बनाने के लिए सबसे पहले 1918 में पहला कदम रखा गया, महात्मा गाँधी में हिंदी भाषा को जनसभा की भाषा कहा और इसे भारत की मातृभाषा बनाने को कहा. • 1947 की आजादी के बाद हिंदी भाषा के मातृभाषा बनाने के लिए हजारी प्र...

हिंदी दिवस 2020: कब मनाया जाता है हिंदी दिवस, क्या है इसका इतिहास

हिंदी दिवस 2020: हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. देश में पहली बार 14 सितंबर, 1953 को हिंदी दिवस मनाया गया था. दरअसल राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी. इसके बाद से हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रभाषा हिंदी को न केवल देश के हर क्षेत्र में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रसारित करना है. आइए आपको बताते हैं कि 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है. क्या है इसका इतिहास. हिंदी दिवस का इतिहास हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी. उनके संघर्ष और मेहनत की वजह से हिंदी राष्ट्रभाषा बन सकी. व्यौहार राजेन्द्र सिंह का जन्म 14 सितंबर, 1900 को मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुआ था. सविंधान सभा ने उनके अथक प्रयास पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए 14 सितंबर, 1949 को सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि हिंदी ही देश की राष्ट्रभाषा होगी. इस दिन व्यौहार राजेन्द्र सिंह का 50वां जन्मदिन भी था. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास की भी अहम भूमिका रही है. इसे भी पढ़ेंः राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की स्थापना इसके चार साल बाद राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने सरकार से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का अनुरोध किया. इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाने लगा है. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की स्थापना 1936 में हुई थी और इसका मुख्य केंद्र महाराष्ट्र के वर्धा में था. इस समिति के प्रमुख डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, सुभाषचन्द्र बोस, महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, राजर...

कब और क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? Hindi Diwas 2022

मातृभाषा की उन्नति के बिना किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है तथा अपनी भाषा के ज्ञान के बिना मन की पीड़ा को दूर करना असंभव है।– भारतेन्दु हरिश्चंद नमस्कार दोस्तो। स्वागत है हमारे आज के इस लेख में जिसका शीर्षक है, सितम्बर 14 – हिन्दी दिवस हिन्दी दिवस के अवसर पर देश के आदरणीय गृहमंत्री जी ने देश को सम्बोधित करते हुए कहा है कि, किसी भी देश का समग्र विकास तब ही संभव है, जब उस देश के नागरिक अपनी राजभाषा में विचार, चिंतन और लेखन करते हैं। किसी भी देश कि मातृभाषा ही उसकी पहचान होती है, मातृभाषा ही स्वयं के ज्ञान और अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा और उत्तम साधन होती है। भारतेन्दु हरिश्चंद जी द्वारा 150 वर्षों पूर्व कही गयी बात आज एकदम सटीक और सत्य साबित हो चुकी है , इसका जीता-जागता उदाहरण है -चीन। चीन ने अपने ज्ञान और तजुर्बे की अभिव्यक्ति का माध्यम केवल अपनी मातृभाषा को बनाया और स्वयं को एक मजबूत और विकसित राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत किया है। मैं इस बात के लिए क्षमा चाहता हूँ, कि मैंने चीन को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है। यद्यपि चीन के साथ हमारे सम्बन्ध मधुर नहीं है, लेकिन उससे प्रेरणा लेने योग्य यह बात अवश्य है, प्रभु श्री राम ने भी रावण से ज्ञान प्राप्त करने को लक्ष्मण जी को भेजा था। कहने का अर्थ यही है ज्ञान जहाँ से मिले ले लेना चाहिए, बिना राग-द्वेष और भेद-भाव के। हम उस समाज में जी रहें हैं, जहाँ हिंदी के लिए अभी भी 2 दबाना पड़ता है। इस समाज में अंग्रेजी की महत्ता इस कदर हावी है , कि इससे व्यक्ति के ज्ञान और स्टेटस को श्रेष्ठ समझा जाता है। यद्यपि वर्तमान केंद्र सरकार और स्वतंत्रता के बाद नेहरू सरकार ने हिंदी के लिए बहुत ही सराहनीय प्रयास किये हैं , किन्तु ये प्रयास सम्पूर्ण भार...

हिंदी दिवस 2022 थीम

Hindi Diwas 2022:- भारत में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा ने एक मत पारित करके हिंदी को राजभाषा घोषित किया। संविधान सभा के इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए वर्धा की राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाने फैसला किया। तब से हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भारत में पहली बार 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाया गया था। हिंदी दिवस पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में कई कार्यक्रम आयजित किए जाते हैं। सरकारी दफ्तरों में हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यदि आपको भी हिंदी दिवस पर एक मिनट का भाषण पढ़ना है तो हम आपके लिए सबसे बेस्ट हिंदी दिवस पर भाषण का ड्राफ्ट लेकर आये हैं। जिकसी मदद से आप आसानी से हिंदी दिवस पर भाषण पढ़ या लिख सकते हैं। भारत में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा ने एक मत पारित करके हिंदी को राजभाषा घोषित किया। संविधान सभा के इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए वर्धा की राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाने फैसला किया। तब से हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भारत में पहली बार 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाया गया था। हिंदी दिवस पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में कई कार्यक्रम आयजित किए जाते हैं। सरकारी दफ्तरों में हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यदि आप...

हिंदी दिवस कब मनाया जाता है 2023

आप इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़ें। आपके हिंदी दिवस सम्बंधित सभी सवालो के जबाब आपको इस लेख में मिल जाएंगे। जिस दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है, उस दिन हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में चुना गया था। इसलिए हिंदी दिवस को मनाया जाता है, इसके अलावा लोगो के प्रति हिंदी भाषा को जागरूक करना भी इस दिन को मानाने का विशेष उद्देश्य है। क्योकिं वर्तमान समय में अंग्रेजी भाषा को ज्यादा महत्त्व दिया जा रहे है, जिसकी वजह से स्कूलों में हिंदी को लोग बहुत कम पढ़ रहे है। हालाकिं अभी भी सरकारी दफ्तरों में हिंदी का उपयोग किया जाता है, लेकिन अगर हम प्राइवेट सेक्टर की बात करें, तो उसमे हिंदी का उपयोग बहुत कम किया जाता है, प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर सन 1949 को हिंदी भाषा को भारतीय संविधान द्वारा भारत की राजभाषा के रूप में चुना गया था। जिसके अंतर्गत ऐसा निर्णय लिया गया था, की हिन्दी केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। आमतौर पर हिंदी को भारत के सभी क्षेत्रों में बोला जाता है, इसलिए इसे राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया था। हिंदी भाषा की जागरूकता के लिए पहली बार 14 सितम्बर सन 1953 को हिंदी दिवस के रूप में मनाया गया था। और आज भी प्रत्येक वर्ष 4 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई साहित्यकारों ने प्रयास किये थे, जिनमे काका कालेलकर, सेठ गोविन्ददास, राजेन्द्र सिंह, और हजारी प्रसाद द्विवेदी जी आदि शामिल थे। हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं, हिंदी दिवस का इतिहास भारत एक हिंदुत्व देश है, जहाँ पर आमतौर पर लगभग 77% से अधिक लोग हिंदी भाषा को लिखते और पढ़ते है, लेकिन फिर भी हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला है। आज भी अगर कोई व्यक्ति कि...