हमारा

  1. भारत का ध्वज
  2. Hare Ka Sahara Baba Shyam Hamara Lyrics
  3. हमारा विद्यालय पर लघु निबंध
  4. 5+ Best Poem on Hindi Diwas in Hindi
  5. हमारा प्यारा भारतवर्ष पर निबंध
  6. एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबंध
  7. मेरा देश भारत पर निबंध


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भारत का ध्वज

अनुक्रम • 1 परिचय • 2 तिरंगे का विकास • 3 रंग-रूप • 4 विनिर्माण प्रक्रिया • 5 ध्वज संहिता • 6 झंडे का उचित प्रयोग • 6.1 झंडे का सम्मान • 6.2 सँभालने की विधि • 6.3 दीवार पर प्रदर्शन • 6.4 अन्य देशों के साथ • 6.5 गैर राष्ट्रीय झंडों के साथ • 6.6 घर के अंदर प्रदर्शित झंडा • 6.7 परेड और समारोह • 6.8 वाहनों पर प्रदर्शन • 6.9 झंडे को उतारना • 6.10 झंडे का समापन • 7 इन्हें भी देखें • 8 सन्दर्भ • 9 बाह्यसूत्र परिचय 21 फीट गुणा 14 फीट के झंडे पूरे देश में केवल तीन किलों के ऊपर फहराए जाते हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला उनमें से एक है। इसके अतिरिक्त कर्नाटक के नारगुंड किले और महाराष्ट्र के पनहाले किले पर भी सबसे लम्बे झंडे को फहराया जाता है। १९५१ में पहली बार हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जहाँ से झंडा उत्पादन व आपूर्ति की जाती है। तिरंगे का विकास भारत का तिरंगा ध्वज भारत के स्वतंत्रता संग्राम काल में निर्मित किया गया था। वर्ष १८५७ में • प्रथम चित्रित ध्वज ग्रीन पार्क) वन्देमातरम् लिखा गया था। • द्वितीय ध्वज को पेरिस में • तृतीय चित्रित ध्वज को फहराया। इस ध्वज में ५ लाल और ४ हरी क्षैतिज पट्टियाँ एक के बाद एक और सप्तऋषि के अभिविन्यास में इस पर सात सितारे बने थे। ऊपरी किनारे पर बायीं ओर (खंभे की ओर) यूनियन जैक था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था। • कांग्रेस के सत्र बेजवाड़ा (वर्तमान चौथा चित्र) और गांधी जी को दिया। यह दो रंगों का बना था। लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करता है। गांधी जी ने सुझाव दिया कि भारत के शेष समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्ट्र की प्रगति का संकेत दे...

Hare Ka Sahara Baba Shyam Hamara Lyrics

Hare Ka Sahara Baba Shyam Hamara Lyrics in Hindi हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा, सारे भक्तों का करता बेडा पार, खाटू का बाबा श्याम धणी, खाटू का बाबा श्याम धणी, लीले का बाबा श्याम धणी, सारे भक्तों का करता बेडा पार, खाटू का बाबा श्याम धणी । कलयुग का ये देव कहावे, सारी दुनिया शीश झुकावे, तेरी महिमा अपरम्पार, खाटू का बाबा श्याम धणी, खाटू का बाबा श्याम धणी, लीले का बाबा श्याम धणी, सारे भक्तों का करता बेडा पार, खाटू का बाबा श्याम धणी । रंग रंगीलो फागण को मेलो, भक्तां को थारे लागे है रेलों, थारे आवे भगत अपार, खाटू का बाबा श्याम धणी, खाटू का बाबा श्याम धणी, लीले का बाबा श्याम धणी, सारे भक्तों का करता बेडा पार, खाटू का बाबा श्याम धणी । श्याम बहादुर जी राह दिखाई, आलू सिंह जी ने चलके बताई, क्या सच्चा है तेरा दरबार, खाटू का बाबा श्याम धणी, खाटू का बाबा श्याम धणी, लीले का बाबा श्याम धणी, सारे भक्तों का करता बेडा पार, खाटू का बाबा श्याम धणी । ग्यारस में बाबा थाने रिझावाँ, बारस में थारी धोक लगावां, पंकज की सुनलो पुकार, खाटू का बाबा श्याम धणी, खाटू का बाबा श्याम धणी, लीले का बाबा श्याम धणी, सारे भक्तों का करता बेडा पार, खाटू का बाबा श्याम धणी । हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा, सारे भक्तों का करता बेडा पार, खाटू का बाबा श्याम धणी, खाटू का बाबा श्याम धणी, लीले का बाबा श्याम धणी, सारे भक्तों का करता बेडा पार, खाटू का बाबा श्याम धणी । Hare Ka Sahara Baba Shyam Hamara Lyrics in English hare ka sahara baba shyam hamara, sare bhakton ka karta beda paar, khatu ka baba shyam dhani, khatu ka baba shyam dhani, leele ka baba shyam dhani, sare bhakton ka karta beda paar, khatu ka baba shyam dhani. kalyu...

हमारा विद्यालय पर लघु निबंध

Hamara Vidhyalaya par laghu nibandh भूमिका- मुझे कई विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिला है। प्रायः प्रत्येक विद्यालय अच्छा ही था, जिस विद्यालय में मैं आजकल पढ़ रहा हूँ, वह हर दृष्टि से बहुत अच्छा है। मेरे विद्यालय का नाम महर्षि दयानंद आदर्श विद्यालय है। मेरा विद्यालय गुड़गाँव के सेक्टर 35 में स्थित है। यह बहुत विस्तृत है। यह नगर से दूर अत्यन्त शान्त वातावरण में स्थित है। यहाँ के शान्त वातावरण में बैठकर पढ़ने का बहुत आनंद आता है। इसके चारों ओर दूर दूर तक फैली हरियाली बहुत अच्छी लगती है। भवन- विद्यालय का भवन बहुत ही शानदार है। इसमें एक बहुत बड़ा हाल है। यहाँ 500 से भी अधिक छात्र एक साथ बैठकर प्रार्थना सभा में भाग लेते हैं। इस भवन में हाल के अतिरिक्त 40 के लगभग कमरे हैं। सभी कमरे विशाल, हवादार और प्रकाश वाले हैं। सभी विषयों की प्रयोगशाला के लिए अलग अलग कक्ष हैं। अध्यापक कक्ष भी अत्यन्त सुन्दर है। लड़के और लड़कियों के लिए दो अलग अलग कमरे हैं। इन कमरों में मध्यान्तर में लड़के और लड़कियां बैठकर खाना खाते हैं। Advertisement प्राचार्य कक्ष- प्राचार्य महोदय के लिए एग अलग कक्ष है। इस कक्ष में बैठे बैठे ही प्राचार्य महोदय सारे विद्यालय में चल रही घटनाओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। इस कक्ष में कक्षा समय सारिणी और अध्यापक समय सारिणी भी दीवार पर लटकी दिखाई देती है। इस कक्ष में अनेक महापुरूषों के चित्र भी दीवार पर सजे खड़े हैं। पुस्तकालय- हमारे विद्यालय में एक विशाल पुस्तकालय भी है। इस में विभिन्न विषयों की पुस्तकें हैं। इस पुस्तकालय में हिन्दी अंग्रेजी के दैनिक समाचार पत्र और कई महत्वपूर्ण मासिक अर्धवार्षिक और वार्षिक पत्रिकाएँ भी आती हैं। हमारे विद्यालय में विद्यालय पत्रिका भी छपती है। इस ‘पत्र...

5+ Best Poem on Hindi Diwas in Hindi

Poem on Hindi Diwas in Hindi: नमस्कार दोस्तों, हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा हैं। हिंदी भाषा का इतिहास आज कई कई साल पुराना है। हिंदी भाषा जितनी सरल है, उतनी ही बोलने में सरल भी लगती हैं। हिंदी दिवस हर साल 14 सितम्बर को मनाया जाता हैं। देश की आजादी के बाद ही हिंदी भाषा को हमारी राष्ट्र भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी। विषय सूची • • • • • • • • Hindi Diwas Par Kavita – 1 भाषण देते है हमारे नेता महान क्यों बाद में समझते है अपना हिन्दी बोलने में अपमान क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है हम शत् शत् प्रणाम अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम दिलाये अपनी मातृभाषा को हम अन्तरार्ष्टृीय पहचान ताकि कहे फिर से हम हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान, कहते है, सब सीना तान।। हिंदी भाषा पर कविता – 2 मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे, राष्ट्रभाषा हूं मैं अभिलाषा हूं मैं, एक विद्या का घर पाठशाला हूं मैं, मेरा घर एक मंदिर बचा लो मुझे, मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे, देख इस भीड़ में कहां खो गई, ऐसा लगता है अब नींद से सो गई, प्यार की एक थपक से जगा लो मुझे, मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे, मैं ही गद्य भी बनी और पद्य भी बनी, दोहे, किससे बनी और छंद भी बनी, तुमने क्या-क्या ना सीखा बता दो मुझे, मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे, मैं हूं भूखी तेरे प्यार की ऐ तू सुन, दूंगी तुझको मैं हर चीज तू मुझको चुन, अपने सीने से एक पल लगा लो मुझे, मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे, मैं कहां से शुरू में कहां आ गयी, सर जमी से चली आसमां पा गयी, वह हंसी पल मेरा...

हमारा प्यारा भारतवर्ष पर निबंध

इतिहास से जितना ज्ञात है उसके अनुसार भारत देश की सत्ता दस हजार वर्ष पुरानी है | “आर्यावर्त्त” भारत का प्राचीन नाम है | आर्यो के नाम पर ही भारत ‘आर्यावर्त्त’ कहलाया | कुछ इतिहासकारों का मानना है कि आर्य बाहर से आये थे किन्तु कुछ इतिहासकार यही कहते है कि आर्यो की यही भूमि है | महाकवि जयशंकर प्रसाद कवि होने के साथ – साथ इतिहासवेत्ता भी थे, उन्होंने भी यही कहा है – “कहीं से हम आए थे नहीं , हमारी जन्मभूमि है यही ” | आर्य सुसंस्कृत, सभ्य एवं बड़े ज्ञानवान थे | यहाँ का वीर, पराक्रमी, प्रजा का प्रिय शासक चक्रवर्ती सम्राट कहलाता था | इस देश का नाम भारत भी एक ऐसे ही पराक्रमी राजा के नाम पर ही पड़ा है | दरअसल प्राचीनकाल में यहाँ के अत्यंत प्रतापी राजा दुष्यंत का विवाह कण्व ऋषि की पुत्री शकुंतला से हुआ | उनसे उनका एक पुत्र हुआ जिसका नाम भरत रखा गया | भरत बचपन से ही निर्भीक एवं अत्यंत साहसी थे | समय आने पर वह एक पराक्रमी, न्यायप्रिय एवं चक्रवर्ती सम्राट के रूप में सुप्रसिद्द हुए और कालांतर में भरत के नाम पर ही इस भू – भाग का नाम भारतवर्ष पड़ा | India in Hindi भारत की संस्कृति सबसे ज्यादा पवित्र और महान है | यहाँ की प्राचीनतम संस्कृति मोहन – जोदड़ो तथा हडप्पा मानी जाती है और मानव सभ्यता का विकास सबसे पहले यही से ही माना जाता है | अपनी सांस्कृतिक विशेषता के कारण संसार के अनेक देशों में भारत एक अनूठा देश माना जाता है | हमारा भारत “धरती माँ” को भी सबसे प्यारा है, तब ही तो माता “धरती” ने एक साथ इस भू भाग को सर्वसम्पदा, ‘सुसंस्कृति’ प्रारम्भ से ही प्रदान की है | भौगोलिक दृष्टि से भी यह एक अनोखा देश है | इसके उत्तरी छोर पर स्थित हिमालय की पर्वतमालाएं मानो शीश पर सजा हीरे – सा चमकता ताज हो जो भारत...

एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबंध

Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi: हमारा भारत श्रेष्ठ हैं, भारत को विश्वगुरु भी कहा जाता हैं। हमारा देश विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए है, जिससे हर कोई भारत को जानता हैं। हमारे भारत के अन्य राज्यों की संस्कृति और विरासत को लोकप्रिय बनाने के उदेश्य से एक नई पहल सरकार द्वारा लागू किया गया हैं। विषय सूची • • • • एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबंध | Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबंध (250 शब्द) देश को एकता के सूत्र में बाँधने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140वीं जन्म जयंती पर देश के प्रधानमंत्री ने एक नई पहल जारी की हैं। यह पहल हैं एक भारत श्रेष्ठ भारत। हम भी इस बात को मानते हैं कि हमारा भारत देश श्रेष्ठ विचारों वाला देश हैं, भारत को विश्वगुरु भी कहा जाता हैं। यही कारण हैं कि भारत की संस्कृति हमारे देश से बाहर विदेशों में भी जाना जाता हैं। भारत एक श्रेष्ठ भारत, इस विषय का उद्देश्य मौजूदा संस्कृति के माध्यम से लोगों के बीच में एकता की अलख जगाना हैं और इसके साथ ही देश को एक मजबूत आर्थिक रूप देने के लिए भी लोगों को प्रेरित करना हैं ताकि हमारा देश एक बार फिर सोने की चिड़िया बन सके। हमारे देश पूरे विश्व में शांति और एकता के लिए जाना जाता हैं। परन्तु कहीं न कहीं हम इस बात को कहने से भी खुद की रोक नहीं सकते कि लोगों को एक होने की जरुरत हैं अभी भी हैं। देश की सामजिक स्थिति सुदृढ़ बनाने के लिए भी यह पहल सदैव काम आने वाली है। देश में इस योजना को लागू किया गया हैं। इस पहल को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन की प्रेरणा से और देश के लिए दिए गये उनके योगदान के आधार पर ही लागू किया गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में जो देश की विरासत हैं, उन्हें भी बढ...

मेरा देश भारत पर निबंध

मेरा देश भारत पर निबंध- मेरे भारत पर निबंध भारत मेरा देश है और मुझे अपने देश पर गर्व है। मुझे अपने देश की परंपरा, सांस्कृतिक भावनाएं, जीवन मूल्यों पर गर्व है और हमेशा रहेगा। भारत यह दुनिया का सातवां सबसे विशाल और विस्तृत देश है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक और घनी आबादी वाला देश है। भारत को इंडिया, हिंदुस्तान भी कहा जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मो के लोगो को सामान मान्यता प्रदान करता है। भारत में 29 राज्य है और सभी राज्यों की अपनी विशेष भाषा है, और फिर भी हम सब भारतवासी एक सूत्र में बंधे हुए है। पौराणिक कथाओ के अनुसार हमारे देश का नाम प्राचीन हिन्दू राजा भरत के नाम पर पड़ा था। भारत की हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की सभ्यता आज भी विश्व प्रसिद्ध है। देश की मिटटी और उसकी सुगंध के एहसास को ब्यान नहीं किया जा सकता है। भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। हमारे देश के ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर को भारतीय संविधान का पिता कहा जाता है। संविधान सभा के 389 सदस्यों ने देश से संबंधित सभी मुद्दों पर विस्तार से जांच करने के लिए समितियों का गठन किया था। हमारे देश के संविधान ने प्रत्येक देशवासी को बराबर के अधिकार दिए है। हमारा देश लोकतांत्रिक देश है, यहाँ प्रत्येक नागरिक को अपने विचारो को रखने का अधिकार है। भारत के पड़ोसी देश के नाम पाकिस्तान, नेपाल, बर्मा, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और श्रीलंका है। हमारे देश की संस्कृति और गहन इतिहास पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ के ऐतिहासिक स्मारक, इमारतों की वास्तुकला, जन जीवन का दशकों और उसे भी पुराना इतिहास पर्यटको को सम्मोहित कर देते है। भार...