हनुमान अष्टक का पाठ pdf

  1. Hanuman Ashtak PDF in Hindi
  2. Hanuman Ashtak in Dogri PDF, Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics in Dogri With Meaning
  3. संकट मोचन हनुमान अष्टक


Download: हनुमान अष्टक का पाठ pdf
Size: 42.8 MB

Hanuman Ashtak PDF in Hindi

1.1 Related FAQ: • हनुमानाष्टक पढ़ने से क्या होता है? हनुमान अष्टक का पाठ करने से हमरे सारे संकट मिट जाते हैं और हमरे परिवार का विकास होता है | • संकट मोचन पढ़ने से क्या होता है? हमरे सभी संकटों का नाश होता है और मानें आत्म विश्वास मिलता है . • हनुमान जी को संकट मोचन क्यों कहा जाता है? हनुमान जी सभी तरह के संकट का नाश बड़ी चतुराई से करते हैं और अपने भक्तों के भी संकटो का नाश करते हैं इसीलिए उन्हें संकट मोचन कहा जाता है. • अगर मैं हर रोज हनुमान चालीसा पढ़ूं तो क्या होगा? रोज हनुमान चालीसा का पाठ करने से हमें सुख शांति और सभी प्रकार के भय से निश्चिंतता मिलती है.

Hanuman Ashtak in Dogri PDF, Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics in Dogri With Meaning

Hanuman Ashtak in Dogri PDF:- हनुमान अष्टक पाठ (हनुमान अष्टक पाठ) बेकारकारी है । हनुमान हनुमान अष्टक (हानुमान अष्टक) को पाना सेही सभी, विदित विदाई मिल ओं हैती। तनूनी जी अथेरे के लिए उनकी अपर्याँ खेल-खेल में ऋषि-मुन हहवां स्तब्धता के अर्थ इसी सेवने के लिए उन्हें कोने कोने मेले के अर्थ के अर्थ के अर्थ के अर्थ उनकी विश्रामी याददाश्त और हैच उन्हें उन्हें कष्टकों से विहारी निवेदन । तेरहमान चालक चाली हनुमान अष्टक (हनुमान अष्टक) का पाठ बी योग्य हनुमान की हनुमान सेविने वाला। कौन नहीं जानदा कि दुनिया विच इक नकल है, संकटमोचन तिहारो दा नाम। बाली की हाहाकार गिरी जाति महाप्रभु पंथ निहारो। चूंकि महा मुनि ने गालियां दिया उसलै, गरीब लोकें दी किस गी लोड़ ऐ। महाप्रभु, तां तुस गुलाम दा दुख दूर करो। कौन नहीं जानदा कि दुनिया विच इक नकल है, संकटमोचन तिहारो दा नाम। अंगद दे नाल वक्त लेया, सर्च कॉपी, इस बैन बढ़ाओ। जेकर जिंदगी नेईं बची तां अस इत्थै बिना कुसै जागरूकता गी लाए सोंदे आं। सिंधु के किनारे सब थक गए, जान बचाने के लिए सिया-सुधी लाओ। कौन नहीं जानदा कि दुनिया विच इक नकल है, संकटमोचन तिहारो दा नाम। रावण ने सबने दी त्रासदी दे दी है, दानव की तरह, कहीं शोक मत करो। उस वक्त हनुमान महाप्रभु, जाओ मार महा रजनीचर। चहत सिय अशोक सो आगी सु, दाई प्रभु मुद्रा शोक निवारो । कौन नहीं जानदा कि दुनिया विच इक नकल है, संकटमोचन तिहारो दा नाम। जद आप अपने लचिमन के तीर मारे तो सोते हुए रावण को मार दे। लाई गृह बैद्य सुशेन मिलकर, तबाई गिरी द्रोना सु बीर उपरो ॥ जद तू जिन्दा हथ दे दिया, फिर लचीमान दी जान बचाओ। Hanuman Ashtak in Dogri PDF कौन नहीं जानदा कि दुनिया विच इक नकल है, संकटमोचन तिहारो दा नाम। जदों रावण ने जंग दा आ...

संकट मोचन हनुमान अष्टक

संकट मोचन हनुमान अष्टक हिंदी/संस्कृत लिरिक्स बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों I ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो I देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो I बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो I चौंकि महामुनि साप दियो तब , चाहिए कौन बिचार बिचारो I कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो I को अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो I जीवत ना बचिहौ हम सो जु , बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो I हेरी थके तट सिन्धु सबे तब , लाए सिया-सुधि प्राण उबारो I को रावण त्रास दई सिय को सब , राक्षसी सों कही सोक निवारो I ताहि समय हनुमान महाप्रभु , जाए महा रजनीचर मरो I चाहत सीय असोक सों आगि सु , दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो I को बान लाग्यो उर लछिमन के तब , प्राण तजे सूत रावन मारो I लै गृह बैद्य सुषेन समेत , तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो I आनि सजीवन हाथ दिए तब , लछिमन के तुम प्रान उबारो I को रावन जुध अजान कियो तब , नाग कि फाँस सबै सिर डारो I श्रीरघुनाथ समेत सबै दल , मोह भयो यह संकट भारो I आनि खगेस तबै हनुमान जु , बंधन काटि सुत्रास निवारो I को बंधू समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो I देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि , देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो I जाये सहाए भयो तब ही , अहिरावन सैन्य समेत संहारो I को काज किये बड़ देवन के तुम , बीर महाप्रभु देखि बिचारो I कौन सो संकट मोर गरीब को , जो तुमसे नहिं जात है टारो I बेगि हरो हनुमान महाप्रभु , जो कछु संकट होए हमारो I को दोहा लाल देह लाली लसे , अरु धरि लाल लंगूर I वज्र देह दानव दलन , जय जय जय कपि सूर II संकट मोचन हनुमान अष्ट...