हनुमान चालीसा बजरंग बाण संकटमोचन पीडीऍफ़ download

  1. Shri Bajrang ban
  2. सम्पूर्ण हनुमान चालीसा
  3. बजरंग बाण
  4. [PDF] श्री बजरंग बाण पाठ
  5. Bajrang Baan (बजरंग बाण पाठ) PDF Sanskrit – InstaPDF
  6. हनुमान बजरंग बाण : हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक


Download: हनुमान चालीसा बजरंग बाण संकटमोचन पीडीऍफ़ download
Size: 7.63 MB

Shri Bajrang ban

Pitro ki shanti ke upay : हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है। आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन का बहुत महत्व माना गया है। इस हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं। इसके बाद गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ हो जाता है। इस अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले तर्पण के लिए बहुत ही उत्तम एवं विशेष फलदायी माना गया है। Vastu tips fro shoe and slipper: पहले के जमाने में लोग अपने जूते चप्पल घर के बाहर उतारक ही घर में जाते थे। घर में सभी बगैर चप्पल के रहते थे। परंतु आजकल कई लोग घर में चप्पल पहनकर रहते हैं। कुछ लोग तो घर में ही ही बाहर के जूते पहनकर आ जाते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वास्तु के अनुसार घर में चप्पल पहनना चाहिए या नहीं। अशोक बहुत पवित्र पेड़ माना जाता है। इसके पत्तों का पूजा में इ्तेमाल होता है। अ शोक-अशोक नाम से ही स्पष्ट है कि जो शोक मिटाता है। दुख दूर करता है, संताप हरता है। कष्टों से मुक्ति देता है। अशोक के वृक्ष के कई लाभ हैं सबसे पहला तो यही कि शोक यानी दुख को सोख लेता है। अगर यह घर में है तो नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं। चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक है, जिन्होंने भी इस नीति का पालन किया वह सुखी हो गया है। आचार्य चाणक्य ने धर्म, राजनीति, अर्थ, राज्य, देश, जीवन, स्त्री, पुरुष सभी विषयों पर अपने विचार चाणक्य नीति में व्यक्त किए हैं। चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके साथ रहने से जीवन नरक के रहने जैसा बन जाता है। अत: तुरंत ही ऐसे लोग और स्थान को छोड़ देने में ही भलाई है। Yogini Ekadashi 2023 Date And Muhurat : आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार इस एका...

सम्पूर्ण हनुमान चालीसा

Hindi Sai Bhajan Lyrics Mp3 Download Devotional Bhajan #BhaktiGaane #DevotionalSongs #HanumanBhajan #BabaHanumanBhajan #Hanuman #HanumanBaba Title : सम्पूर्ण हनुमान चालीसा | संकटमोचन हनुमान | बजरंग बाण | श्री हनुमान स्तवन |Sampoorn Hanuman Chalisa Published By: Bhakti Bhajan Sagar Date: 2021-09-07 04:00:00 Category: #Hanuman Chalisa Label: Youtube Video Duration : 00:11:37 Download Now: Songs Info :There are very beautiful bhajan सम्पूर्ण हनुमान चालीसा | संकटमोचन हनुमान | बजरंग बाण | श्री हनुमान स्तवन |Sampoorn Hanuman Chalisa that will hear you become disturbed, many such Bhajans are available in Bhaktigaane, listen to yourself and also tell others and share them together to help us Songs Info : बहुत ही सुन्दर भजन हैं स्पेशल ! सम्पूर्ण हनुमान चालीसा | संकटमोचन हनुमान | बजरंग बाण | श्री हनुमान स्तवन |Sampoorn Hanuman Chalisa जिसे सुनकर आप भाव विभोर हो जायेंगे ऐसे ही बहुत सारे भजनो का संग्रह हैं भक्तिगाने में मिलेगा , खुद भी सुने और दुसरो को भी सुनाये और साथ में शेयर कर हमें सहयोग प्रदान करे सम्पूर्ण हनुमान चालीसा | संकटमोचन हनुमान | बजरंग बाण | श्री हनुमान स्तवन |Sampoorn Hanuman Chalisa #hanumanchalisa #संकटमोचनहनुमान #shrihanumanchalisa सम्पूर्ण हनुमान चालीसा संकटमोचन हनुमान बजरंग बाण श्री हनुमान स्तवन ************************* Song : Hanuman Chalisa Album : Hanuman Chalisa Singer : Komal Vashisth Producer : Bhakti Bhajan Sagar Video : Bhakti Bhajan Sagar Music : Aashish Baagri Lyrics : Traditional Channel : Bhakti Bhajan Sagar Copyright :- Bhakti Bhajan Sagar –///———Soc...

बजरंग बाण

श्री बजरंग बाण का पाठ इन हिंदी लिरिक्स दोहा : निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई : जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥ अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥ जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥ जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥ ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥ जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥ बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥ इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥ सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥ जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥ पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥ बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥ जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥ जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥ चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥ उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥ ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥ ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥ ...

[PDF] श्री बजरंग बाण पाठ

बजरंग बाण पाठ: दोहा और चौपाई बजरंग बाण दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ बजरंग बाण चौपाई जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥ अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥ जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥ जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥ ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥ जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥ बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥ इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥ सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥ जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥ पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥ बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥ जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥ जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥ चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥ उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥ ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥ ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने ख...

Bajrang Baan (बजरंग बाण पाठ) PDF Sanskrit – InstaPDF

Bajrang Baan (बजरंग बाण पाठ) PDF in Sanskrit read online or download for free from the official website link given at the bottom of this article. बजरंग बाण पाठ | Bajrang Baan Paath – बजरंग बली श्री हनुमान का जप करने वाले लोगों से सभी प्रकार के दुख दर्द दूर रहते हैं और वो हर प्रकार के भाय से मुक्त रहते हैं। कुछ लोग बजरंग बली को प्रसन्न रखने के लिए बजरंग बाण का पाठ करने वाले बजरंग बाली भक्त कई प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। बजरंग बाण का पाठ करने के लिए इसके पाठ की विधि, नियम और सावधानियों के बारे में जानकारी होना अति महत्वपूर्ण है। बजरंग बाण पाठ हमेशा मंगलवार से ही आरंभ करना चाहिए। सम्पूर्ण बजरंग बाण PDF | बजरंग बाण पाठ – दोहा और चौपाई | Bajrang Baan PDF in Hindi बजरंग बाण दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ बजरंग बाण चौपाई जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥०१॥ जन के काज विलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥०२॥ जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा । सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥०३॥ आगे जाई लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुर लोका ॥०४॥ जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥०५॥ बाग उजारी सिंधु महं बोरा । अति आतुर यम कातर तोरा ॥०६॥ अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेट लंक को जारा ॥०७॥ लाह समान लंक जरि गई । जय जय धुनि सुर पुर महं भई ॥०८॥ अब विलम्ब केहि कारण स्वामी । कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥०९॥ जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता । आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥१०॥ जै गिरिधर जै जै सुखसागर । सुर समूह समरथ भटनागर ॥११॥ ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले ॥१२॥ गदा बज्र लै बैरिहिं मारो । महाराज प्रभ...

हनुमान बजरंग बाण : हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक

हनुमान बजरंग बाण : हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक – ग्रन्थ | Hanuman Bajrang : Hindi PDF Book – Granth पुस्तक के बारे में विस्तृत जानकारी इस हिंदी पुस्तक का नाम हनुमान बजरंग बाण : हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक – ग्रन्थ | Hanuman Bajrang : Hindi PDF Book – Granth है और इस पुस्तक के लेखक का नाम Kavya Chandel है। यह पुस्तक PDF फॉर्मेट में उपलब्ध है जिसका साइज 190 KB है और आप इसे नीचे दिए हुए लिंक से मुफ्त में डाउनलोड भी कर सकते हैं। इस पुस्तक में कुल 2 पृष्ठ हैं। The Name of this Book is हनुमान बजरंग बाण : हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक – ग्रन्थ | Hanuman Bajrang : Hindi PDF Book – Granth and this Book is written by Kavya Chandel. The size of this book is 190 KB and if you want to read or download this PDF ebook in Hindi just click on the given link below and download this PDF Book which has 2 Pages and comes in Granth category. Details of this Book पुस्तक की श्रेणी (Book Category): लेखक का नाम (Author Name): पुस्तक का साइज (Size of Book): 190 KB पृष्ठ संख्या (Total Pages of Book): 2