हु इज द होम मिनिस्टर ऑफ इंडिया

  1. इंडिया शेल्टर होम लोन: ब्याज दर, योग्यता शर्तें, ज़रूरी दस्तावेज़
  2. हु इज द चीफ मिनिस्टर ऑफ इंडिया
  3. जब मनमोहन सिंह थे... द नॉन रेजिडेंट प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया
  4. Who is the present prime minister of India meaning in hindi


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इंडिया शेल्टर होम लोन: ब्याज दर, योग्यता शर्तें, ज़रूरी दस्तावेज़

नोट: इंडिया शेल्टर्स पैसाबाज़ार का पार्टनर नहीं है, ऑफर केवल पार्टनर बैंक / NBFC की ओर से ही होंगे। पूर्व में इंडिया शेल्टर होम लोन को सत्यप्रकाश हाउसिंग फाइनेंस इंडिया लिमिटेड (SHFIL) के रूप में जाना जाता था, इंडिया शेल्टर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ISFC) एक होम फाइनेंस कंपनी है जो अपने वर्तमान आवास को बेहतर बनाने या विस्तारित करने के लिए मध्यम आय वाले परिवारों को होम क्रेडिट प्रदान करती है। इस इंडियन शेल्टर होम लोन – 2023 ब्याज दर 13.00%-22.50% लोन अवधि अधिकतम 20 साल लोन राशि ₹ 5 लाख – ₹ 50 लाख प्रोसेसिंग फीस लोन राशि का 3% + GST ब्याज दरें आवधिक परिवर्तन के अधीन हैं और संबंधित बैंक , RBI के एकमात्र विवेक पर परिभाषित की जाती हैं। (इन शुल्कों पर लागू होगा GST @ 18%) इंडियन शेल्टर फाइनेंस का मुख्य फोकस आवास मानक को बढ़ाने के साथ-साथ उनसे जुड़े परिवारों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधा में सुधार करना है। इंडिया शेल्टर होम लोन की अन्य के साथ तुलना ब्याज दरें (% प्रति वर्ष) बैंक/ लोन संस्थान 30 लाख तक 30 लाख से अधिक & 75 लाख तक 75 लाख से अधिक अप्लाई SBI 6.65-7.65 6.65-7.65 6.65-7.65 अप्लाई करें 6.70-8.45 6.70-8.60 6.70-8.70 अप्लाई करें 6.75-11.50 6.75-11.50 6.75-11.50 अप्लाई करें 6.70-7.55 6.70-7.55 6.70-7.55 अप्लाई करें 6.60 से शुरू 6.60 से शुरू 6.60 से शुरू अप्लाई करें 6.75-12.00 6.75-12.00 6.90-9.50 अप्लाई करें 6.55-7.95 6.50-7.65 6.50-7.60 अप्लाई करें 6.75-8.25 6.75-8.25 6.75-8.50 अप्लाई करें 6.60-7.60 6.60-7.65 6.60-7.65 अप्लाई करें IDFC फर्स्ट बैंक 6.50 से शुरू 6.50 से शुरू 6.50 से शुरू अप्लाई करें 6.75 – 7.75 6.75 – 7.75 6.75 – 7.75 अप्लाई करें 6.65 से शुरू 6.65 से शु...

हु इज द चीफ मिनिस्टर ऑफ इंडिया

विषयसूची Show • • • • स्वतंत्र भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री और प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी सुचेता कृपलानी का जन्म 25 जून, 1908 को अंबाला, हरियाणा के एक बंगाली परिवार में हुआ था. सुचेता कृपलानी के पिता एस.एन. मजुमदार ब्रिटिश सरकार के अधीन एक डॉक्टर होने के बावजूद राष्ट्रवादी व्यक्ति थे. सुचेता कृपलानी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के इन्द्रप्रस्थ और सेंट स्टीफन कॉलेज से शिक्षा ग्रहण करने के बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में व्याख्याता के पद पर कार्य करना शुरू किया. वर्ष 1936 में उनका विवाह आचार्य जीवतराम भगवानदास कृपलानी के साथ संपन्न हुआ. विवाह के पश्चात सुचेता कृपलानी सक्रिय तौर पर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गईं. स्वतंत्रता संग्राम में सुचेता कृपलानी की भागीदारी समकालीन महिलाओं जैसे अरुणा आसिफ अली और ऊषा मेहता की तरह सुचेता कृपलानी भी भारत छोड़ो आंदोलन के समय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गईं. भारत विभाजन के समय जो दंगे हुए थे उनमें सुचेता कृपलानी ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर कार्य किया था. भारत की संविधान समिति में जिन महिलाओं को शामिल किया गया था सुचेता कृपलानी भी उन्हीं में से एक थीं. स्वतंत्र भारत में सुचेता कृपलानी की भूमिका भारत की स्वतंत्रता के पश्चात सुचेता कृपलानी सक्रिय तौर पर उत्तर भारत की राजनीति से जुड़ी रहीं. वर्ष 1952 में उन्हें लोकसभा का सदस्य और 1957 में नई दिल्ली विधानसभा का सदस्य बनाकर लघु उद्योग मंत्रालय प्रदान किया गया. 1962 में वह कानपुर से उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य चुनी गईं. वर्ष 1963 में उत्तर-प्रदेश की मुख्यमंत्री बनाई गईं और इसके साथ ही उन्होंने देश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जैसा गौरव अपने नाम कर लिया. 1967 में गोंडा विधानसभा क्षेत्र से चौदहवीं लोक...

जब मनमोहन सिंह थे... द नॉन रेजिडेंट प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया

मनमोहन सिंह जब देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्हें नॉन रेजिडेंट प्राइम मिनिस्टर कहा जाता था। लगातार विदेश यात्रा पर होने के बावजूद कोई खास उपलब्धि ना होने के कारण तब लोगों को पता ही नहीं चल पाता था कि वो कब विदेश यात्रा पर गए और कब लौटे। आंकड़े को देखे तो पता चलता है कि मनमोहन सिंह मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा विदेशी दौरे पर गए लेकिन उनके दौरे के बारे में पता ही नहीं लग पाता था। यूपीए शासनकाल में मनमोहन सिंह को नॉन रेजिडेंट प्राइम मिनिस्टर कहा जाने लगा था क्योंकि- • अपने कार्यकाल में ज्यादातर दिन वह विदेश यात्राओं पर ही रहे। • 2004-2009 के बीच 144 दिन वह 35 देशों की यात्राओं पर रहे। • 2009-2014 के बीच 161 दिन वह 38 देशों की यात्रा पर रहे। • दूसरे कार्यकाल की 38 विदेश यात्राओं में से 15 विदेशी यात्राएं ऐसे समय पर की जब संसद सत्र चल रहा था, ऐसे में विपक्ष उनसे बहुत नाराज रहता था। • 2004-14 के दौरान 73 विदेशी दौरों पर 794.84 करोड़ रुपये खर्च किये। • मनमोहन सिंह किसी भी पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री से अधिक दिनों तक विदेश यात्राओं पर रहे। उनकी तुलना में अटल बिहारी वाजपेयी ने 31 देशों की यात्रा के लिए 131 दिनों का समय लगया और मात्र 144 करोड़ रुपये ही खर्च किये। • मनमोहन सिंह की तुलना में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले साल लगभग उनके बराबर ही विदेश यात्राएं कीं लेकिन उसके परिणाम मनमोहन सिह की यात्राओं की अपेक्षा अधिक सशक्त और धारदार साबित हुए। • प्रधानमंत्री मोदी रात के समय किसी देश में आराम करने के लिए होटल में नहीं रुकते बल्कि उसमें यात्रा करते हैं। इस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय और धन बचाने का पूरा प्रयास करते हैं। • मनमोहन सिंह ने अपने पहले साल की विदे...

Who is the present prime minister of India meaning in hindi

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