हुंजा घाटी औसत आयु

  1. दुनिया की सबसे "जवान" जनजाति, हुंजा
  2. हुंजा घाटी के आदिवासियों के पास है चिरयुवा बने रहने का राज: यहां कुदरत के पास है हर मर्ज की दवा
  3. कश्मीर घाटी की हुंआ जनजाति की लंबी उम्र का ये राज जान लें, इनकी औसत आयु है 120 साल!
  4. हुंजा घाटी से जुड़ी आश्चर्यजनक तथ्य
  5. Burusho Women Of Hunza Valley Look Young In 80 years of Age see images
  6. 35+ Hunja Ghati Pakistan Facts in Hindi
  7. हुंजा घाटी इतिहास देखें अर्थ और सामग्री
  8. हुंजा चाय पीने के फायदे
  9. हुंजा समुदाय: 150 वर्ष की औसत जीवन प्रत्याशा वाले लोग, जिन्हें कभी कैंसर नहीं छू सकता, 70 वर्ष से ज्यादा की महिला कम उम्र की दिखती हैं ।
  10. कश्मीर घाटी की हुंआ जनजाति की लंबी उम्र का ये राज जान लें, इनकी औसत आयु है 120 साल!


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दुनिया की सबसे "जवान" जनजाति, हुंजा

दुनिया में बहुत सी जनजातियां पाई जाती हैं. ऐसी ही एक जनजाति हुंजा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में गिलगित-बाल्टिस्तान के पहाड़ों स्थित हुंजा घाटी में पाई जाती है. हुंजा भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पास पड़ता है. इस गांव को युवाओं का नखलिस्तान भी कहा जाता है. हुंजा गांव के लोगों की औसत उम्र 110-120 साल है. इस जनजाति की खास बात यह है कि यहां के लोग बहुत खूबसूरत और जवान-जवान से दिखते हैं. खासकर औरतें, जो कि 65 साल तक जवान रहती हैं और वे इस उम्र में भी तक संतान को जन्म दे सकती हैं. हुंजा गांव हिमालय की पर्वतमाला पर स्थित हैं. इसे दुनिया की छत के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत के उत्तरी छोर पर स्थित है जहां से आगे पर भारत, पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान की सीमाएं मिलती है. यह भी पढ़ें: हुंजा जनजाति की जनसंख्या लगभग 87 हजार है. यह जनजाति और उनकी जीवन शैली सैकड़ों साल पुरानी लगती है. हुंजा जनजाति के लोग बिना किसी समस्या के कई सालों तक जीवित रहते हैं. कहते हैं इनमें से कई लोग तो 165 साल तक जिंदा रहते हैं. हुंजा जनजाति की खास बात यह है कि यहां के लोग बहुत कम बीमार पड़ते है. ट्यूमर जैसी बीमारी का तो उन्होंने कभी नाम भी नहीं सुना. इन लोगों को देखकर आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि खानपान और अच्छी जीवन शैली लोगों के जीवन को प्रभावित करती है. हुंजा के लोग खूब खुमानी खाते हैं. कुछ लोग इन लोगों को किसी यूरोपीय नस्ल से जोड़ते हैं. वास्तव में यहाँ के लोग गोरे-चिट्टे, जवान, हंसमुख और आसपास की आबादी के बिल्कुल अलग दिखते हैं. हुंजा के लोग शून्य के भी नीचे के तापमान पर बर्फ के ठंडे पानी में नहाते हैं. ये लोग वही खाना खाते हैं जो ये खुद उगाते हैं जैसे कि खुमानी, मेवे, सब्जियां और अनाज में जौ, बा...

हुंजा घाटी के आदिवासियों के पास है चिरयुवा बने रहने का राज: यहां कुदरत के पास है हर मर्ज की दवा

• • Health • हुंजा घाटी के आदिवासियों के पास है चिरयुवा बने रहने का राज: यहां कुदरत के पास है हर मर्ज की दवा हुंजा घाटी के आदिवासियों के पास है चिरयुवा बने रहने का राज: यहां कुदरत के पास है हर मर्ज की दवा यहां के लोग आम तौर पर 120 साल या उससे ज्यादा जिंदा रहते हैं और महिलाएं 65 साल की उम्र तक गर्भ धारण कर सकती हैं प्रतीकात्मक तस्वीर न ई दिल्ली : कश्मीर घाटी की एक जनजाति से सम्बंधित हैरतंगेज रिपोर्ट सामने आई है. यहां के लोगों की औसत आयु 120 वर्ष है और दिलचस्प ये है कि इनकी लंबी आयु बिना किसी बाहरी मेडिसिन, इलाज या खान-पान के है. यही नहीं यहां के लोग 60 वर्ष की आयु तक युवा बने रहते हैं और मरते दम तक बीमारियों से दूर रहते है. प्राकृतिक वस्तुओं का सेवन व मीलों पैदल चलना सुनने में अजीब लगता है कि भूख लगे तो अखरोट, अंजीर, खूबानी खाइए, प्यास लगे तो नदी का पानी पी लीजिए, हलकी-फुलकी बीमारी हो तो वहीं आसपास लगी जड़ी बूटियों से इलाज कीजिए, कहीं जाना हो तो मीलों पैदल चलिए और 120 साल का स्वस्थ जीवन गुजारिए. आम तौर पर उम्र बढ़ने के साथ शहरों में रहने वाले लोगों की दवाओं की खुराक बढ़ने लगती है, लेकिन कश्मीर में हुंजा घाटी एक ऐसी जगह है, जहां के लोगों को यह पता ही नहीं, कि दवा आखिर होती क्या है. यहां के लोग आम तौर पर 120 साल या उससे ज्यादा जिंदा रहते हैं और महिलाएं 65 साल की उम्र तक गर्भ धारण कर सकती हैं. शून्य से भी कम तापमान में ठंडे पानी से नहाते हैं इस जनजाति के बारे में पहली बार डॉ. रॉबर्ट मैक्कैरिसन ने ‘पब्लिकेशन स्टडीज इन डेफिशिएन्सी डिजीज’ में लिखा था. इसके बाद ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ में एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें इस प्रजाति के जीवनकाल और इतने लंबे समय तक स्वस्थ बने...

कश्मीर घाटी की हुंआ जनजाति की लंबी उम्र का ये राज जान लें, इनकी औसत आयु है 120 साल!

कहते हैं “पहला सुख निरोगी काया!” जीवन में स्वस्थ शरीर और निरोगी जीवन किसी आशीर्वाद से कम नहीं। हम में से बहुत लोग बेहतर जीवन के लिए बहुत कुछ करते हैं। घंटों जिम में पसीने बहाना, कसरत करना, सेहतमंद फल खाना और ना जाने क्या क्या! ऐसे में सुनने में बहुत अजीब लगेगा कि एक ऐसी जगह हैंजहाँ सामान्य जीवन जीते हुए और कुछ भी नया किये बिना लोग आम तौर पर 120 साल या उससे ज्यादा जिंदा रहते हैं और महिलाएं 65 साल की उम्र तक गर्भ धारण कर सकती हैं। आम तौर पर उम्र बढऩे के साथ जहाँ शहरों में रहने वाले लोग दवाओं पर निर्भर होने लगते है, वहीं कश्मीर में हुंजा घाटी एक ऐसी जगह है, जहां के लोगों को यह पता ही नहीं, कि दवा आखिर होती क्या है। आपको बता दें कि डॉ. रॉबर्ट मैक्कैरिसन द्वारा ‘पब्लिकेशन स्टडीज इन डेफिशिएन्सी डिजीज’ में जानकारी लिखने के बाद इस जनजाति के बारे में पहली बार पता चला था। इसके बाद ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ में एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें इस प्रजाति के जीवनकाल और इतने लंबे समय तक स्वस्थ बने रहने के बारे में बताया गया। लेख के अनुसार, यहां के लोग शून्य से भी कम तापमान में ठंडे पानी में नहाते हैं। कम खाना और ज्यादा टहलना इनकी जीवन शैली है। यहाँ के लोगों के बारे में जानकर दुनिया भर के डॉक्टर हैरान हैं। सब ने यहीं माना है कि इनकी जीवनशैली ही इनकी लंबी आयु का राज है। ये लोग सुबह जल्दी उठते हैं और बहुत पैदल चलते हैं। आपको बता दें कि यह हुंजा घाटी गिलगित-बाल्टिस्तान के पहाड़ों में स्थित भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। यहाँ के लोगों की संख्या तकरीबन 87 हजार है। यहां के लोग पहाड़ों की साफ हवा और पानी में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यहाँ के लोग खूब पैदल चलते है...

हुंजा घाटी से जुड़ी आश्चर्यजनक तथ्य

दोस्तों कभी आपने हुंजा घाटी नाम सुना है, नहीं? तो हम आपको एक छोटी सी बातें बताते हैं कि यहां तीन लोग औसतन 120 साल तक जिंदा रहते हैं और यहां की महिलाएं 80 साल में भी 30 की उम्र के महिलाओं की तरह दिखते हैं. दोस्तों हर कोई चाहता है कि वह हमेशा जवान रहे कभी बुरा ना हो, लेकिन उम्र हर किसी की ढलती है। लेकिन दोस्तों पाकिस्तान की हर जगह हुंजा वेली के महिलाएं 80 साल की उम्र में भी 30 साल की उम्र के नजर आते हैं। यहां के लोग ज्यादा बीमार नहीं होते। क्या है इस पूजा घाटी का रहस्य, लोग जितना जवान कैसे रह पाते हैं जानेंगे आज के इस लेख में तो हमारे साथ ही बने रहिए अंत तक। हुंजा वैली पाकिस्तान के गिलगित-बलतिस्तान क्षेत्र के हुन्ज़ा-नगर ज़िले मेस्थित कराकोरम पहाड़ियों में हुंजा घाटी नामक चर्चित जगह मौजूद है। यह गिलगित से उत्तर में नगर वादी के समीप रेशम मार्ग पर स्थित है। जो भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। हुंजा घाटी से जुड़ी अनोखे तथ्य – H unja Ghati Pakistan facts in hindi • दोस्तों हुंजा घाटी के लोग बाकी लोगों से मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत मजबूत होते हैं। • हुंजा घाटी लोगों की औसतन उम्र 110 से 120 साल तक बताया गया है। • हुंजा घाटी के लोगों में खासियत यह भी है कि यहां के लोग 80 साल में भी 30-40 साल जैसी दिखाई देते हैं। • इन समुदाय के लोगों की उम्र बढ़ती है लेकिन जवानी ढलती नहीं, अर्थात बहुत स्लोली इनकी जवानी ढलती है। • हम आपको बता दें हुंजा घाटी की महिलाएं 80 साल तक भी जवान रहती है और वह इस उम्र तक भी बच्चे पैदा करने की शिक्षण रखती है। • हुंजा घाटी की पुरुषों की बात की जाए तो वह 90 साल की उम्र में भी पिता बन सकते हैं। • दोस्तों इनके जीवनशैली भी इनकी लंबे जीवन का ...

Burusho Women Of Hunza Valley Look Young In 80 years of Age see images

Burusho Women: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हुंजा घाटी (Hunza Valley) है, जहां बुरुशो समुदाय (Burusho Cummunity) रहता है. इस समुदाय की खास बात यह है कि इसके सदस्य लंबी उम्र तक जीते हैं. कहा जाता है कि हुंजा वैली में रहने वाले बुरुशो समुदाय के पुरुष कई बार तो 90 साल की उम्र में पिता बनते हैं. इनकी महिलाएं भी बाकी दुनिया की महिलाओं के मुकाबले अधिक उम्र में प्रेग्नेंट होती हैं. दुनियाभर में इस समुदाय की महिलाओं की सुंदरता और यहां के लाइफस्टाइल की बात होती है जो उन्हें लंबे समय तक जवान बनाए रखता है. https://zeenews.india.com/hindi/pakistan-china/photo-gallery-burusho-women-of-hunza-valley-look-young-in-80-years-of-age-see-images/1467135 By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device and the processing of information obtained via those cookies (including about your preferences, device and online activity) by us and our commercial partners to enhance site navigation, personalise ads, analyze site usage, and assist in our marketing efforts. More information can be found in our Accept All Cookies Manage Consent Preferences Strictly Necessary Cookies These cookies are necessary for the website to function and cannot be switched off in our systems. They are usually only set in response to actions made by you which amount to a request for services, such as setting your privacy preferences, logging in or filling in forms. You can set your browser to block or alert you about these cookies, but some parts of the site will not then work o...

35+ Hunja Ghati Pakistan Facts in Hindi

35+ Hunja Ghati Pakistan Facts in Hindi – 35+ हुंजा घाटी पाकिस्तान फैक्ट्स हिंदी में : नमस्कार दोस्तों, आपको स्वागत है हमारे इस Blog पर, जहापर आज हम आपको बताएँगे — “35+ Hunja Ghati Pakistan Facts in Hindi – 35+ हुंजा घाटी पाकिस्तान फैक्ट्स हिंदी में”। इस पर कोई बहस नहीं है कि हुंजा घाटी पाकिस्तान की सबसे लुभावनी और अद्भुत संपत्ति में से एक है। अपने लुभावने दृश्यों के कारण हुंजा घाटी को धरती पर स्वर्ग मानना ​​बिल्कुल गलत नहीं है। इसे सबसे स्वस्थ लोगों में से एक कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में फल और ताजी हवा होती है। • मेघालय की राजधानी क्या है • बांग्लादेश की जनसंख्या कितनी है इसके अलावा यह घाटी आश्चर्यजनक रूप से बहुत सारे आश्चर्यजनक तथ्यों से भरी हुई है। तथ्य संख्या में बहुत अधिक हैं लेकिन यहां हमने हुंजा घाटी के शीर्ष 6 तथ्यों को सूचीबद्ध किया है ताकि आप घाटी के वातावरण को गहराई से महसूस कर सकें और कल्पना कर सकें।आइए जानते है — 35+ Hunja Ghati Pakistan Facts in Hindi – 35+ हुंजा घाटी पाकिस्तान फैक्ट्स हिंदी में। 35+ Hunja Ghati Pakistan Facts in Hindi – 35+ हुंजा घाटी पाकिस्तान फैक्ट्स हिंदी में घाटी में अलग-अलग खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारे हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। इन आकर्षणों में बाल्टिट और अल्टिट किला भी प्रसिद्ध हैं। बाल्टिट किला, नवीनीकरण के बाद, हाल ही में विरासत संग्रहालय में बदल दिया गया है। हुंजा में, करीमाबाद का बाजार अपने स्थानीय हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित कालीनों, पारंपरिक कशीदाकारी टोपी, शॉल, हाथ से बुने हुए कपड़े (पफू) और इसके रत्नों के लिए प्रसिद्ध है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं, विशेष रूप से रूबी। रूबी खदानें प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण हैं...

हुंजा घाटी इतिहास देखें अर्थ और सामग्री

गिलगित बाल्टिस्तान का नक्शा दिखाएं पाकिस्तान का नक्शा दिखाएं सब दिखाएं क्षेत्र 11,660 किमी 2 (4,500 वर्ग मील) नामकरण स्थानीयनाम نزو भूगोल देश राज्य/प्रांत जिला 36°19′01″N 74°39′00″E / ३६.३१६९४२° उत्तर ७४.६४९९००° पूर्व / 36.316942; ७४.६४९९०० हुंजा घाटी 2,438 मीटर (7,999 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। ऊपरी Hunza (: भौगोलिक दृष्टि से, Hunza तीन क्षेत्रों के होते हैं बौद्ध धर्म, और कुछ हद तक, इस क्षेत्र में इस्लाम के आगमन से पहले १५वीं शताब्दी तक यह क्षेत्र बौद्ध बहुल था। तब से, अधिकांश आबादी इस्लाम में परिवर्तित हो गई है। इस प्रकार, इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म की उपस्थिति अब पुरातत्व स्थलों तक सीमित हो गई है, क्योंकि इस क्षेत्र के शेष बौद्ध पूर्व में [ उद्धरण वांछित ] इस क्षेत्र में चट्टानों पर लिखी गई प्राचीन हुंजा पूर्व में उत्तर-पूर्व में मीर/थाम जॉन बिडुल्फ़ द्वारा अपनी पुस्तक ट्राइब्स ऑफ़ द हिंदू कूशो में लिखा गया एक विवरण हुंजा के शासक परिवार को आयशा (स्वर्गीय) कहा जाता है। के दो राज्यों Hunza और नगर , पूर्व में एक थे Shahreis, के सत्तारूढ़ परिवार की एक शाखा का शासन गिलगित , सरकार की जिसका सीट थी नगर । पहले [एम] उस्लीम हुंजा-नगर घाटी में लगभग १००० साल (इमाम इस्लाम शाह ३० वें इमाम इस्माइली मुसलमानों के समय) आए थे। की शुरूआत के बाद इस्लाम गिलगित के लिए, की Trakhan की बेटी से शादी की गिलगित , जो उसे जुड़वां बेटे, Moghlot और Girkis नामित बोर। पूर्व से, नागर के वर्तमान शासक परिवार का वंशज है। कहा जाता है कि जुड़वा बच्चों ने जन्म से ही एक-दूसरे से दुश्मनी दिखा दी थी। उसके बाद, उनके पिता, उत्तराधिकार के प्रश्न को सुलझाने में असमर्थ, उनके बीच अपने राज्य को विभाजित कर दिया, जिससे गिर्...

हुंजा चाय पीने के फायदे

Hunza Tea benefits in hindi What is Hunza Tea? हुंजा चाय के फायदे हिंदी में Hunza Tea benefits in hindi : हुंजा चाय हर्बल चाय के समान है जो तुलसी के पत्ते, पुदीने के पत्ते, इलायची, दालचीनी, गुड़, अदरक और नींबू जैसी सामग्री का उपयोग करके बनाई जाती है। Origin of Hunza Tea हुंजा चाय हुंजा घाटी की चमत्कारिक चाय है जो पाकिस्तान के स्वायत्त गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में एक पहाड़ी घाटी है। हुंजा सभ्यता पृथ्वी पर सबसे स्वस्थ और लंबे समय तक जीवित रहने वाली सभ्यता है, हुंजा लोग अक्सर 110 वर्ष की आयु तक जीवित रहते हैं। वे अपने आहार में विशेष चाय को शामिल करते हैं जिसे हुंजा चाय कहा जाता है। यह अपने एंटी-एजिंग के साथ-साथ कई अन्य स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। Hunza People हुंजा लोग पूरी दुनिया में अपने स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं। हुंजा के लोग बस कैंसर, हृदय रोग, धमनियों का सख्त होना, गठिया या कोई बड़ी या छोटी बीमारी जैसी बीमारियों का अनुबंध नहीं करते हैं। वे न केवल बीमारी से बचते हैं, बल्कि यह भी नहीं जानते कि सिरदर्द या थकान कैसा महसूस होता है। ये लोग १०० और उससे अधिक की बहुत उन्नत आयु तक जीते हैं, और अपनी पूर्ण शारीरिक, मानसिक और यौन शक्तियों को बनाए रखते हैं। वे काम करते हैं, कार्य करते हैं और सोचते हैं जैसे उन्होंने अपने तीसवें और चालीसवें वर्ष में किया था। यदि आप सुपीरियर हेल्थ के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, जिसमें उनका आहार, जीवन शैली और बहुत कुछ शामिल है, तो इसके लिए आप नीचे दिए गए लिंक की जांच कर सकते हैं। Secret To Hunza Superior Health- Buy Now Hunza: Secrets of the World’s Healthiest and Oldest Living People Paperback- by Hoffman Jay M. Dr....

हुंजा समुदाय: 150 वर्ष की औसत जीवन प्रत्याशा वाले लोग, जिन्हें कभी कैंसर नहीं छू सकता, 70 वर्ष से ज्यादा की महिला कम उम्र की दिखती हैं ।

हम बात कर रहे हैं हुंजाकुटा या हुंजा लोगों की, जिन्हें बुरुशो समुदाय के नाम से भी जाना जाता है, जो उत्तरी पाकिस्तान में काराकोरम पर्वत की हुंजा घाटी में रहते हैं। हुंजा लोग अधिक आबादी वाले नहीं हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि उन्हें दुनिया के सबसे लंबे समय तक जीवित, सबसे खुश और स्वस्थ लोगों में गिना जाता है। हुंजा लोगों के स्वास्थ्य का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस समुदाय में आज तक एक भी व्यक्ति को कैंसर नहीं हुआ है। ये लोग दुनिया की कैंसर मुक्त आबादी में गिने जाते हैं। हुंजा समुदाय की महिलाएं 65 साल की उम्र में भी बच्चे पैदा कर सकती हैं। 1955 में, जे आई रोडल ने उनके बारे में द हेल्दी हुंजाज़ नामक एक पुस्तक लिखी। उनके बाद भी कुछ और लेखकों ने उन पर किताबें लिखीं, लेकिन फिर भी ये लोग दुनिया की नजरों से दूर थे। 1984 में हांगकांग में प्रकाशित होने के बाद, उपरोक्त लेख के बाद ही दुनिया ने इन अद्भुत लोगों को पहचाना। इस समुदाय के लोगों को ‘बुरुशो’ भी कहा जाता है। इनकी भाषा बुरुशास्की है। इन समुदायों को सिकंदर महान की सेना के वंशज कहा जाता है, जो चौथी शताब्दी में यहां पहुंचे थे। यह समुदाय पूरी तरह से मुस्लिम है। इस समुदाय के लोग पाकिस्तान में अन्य समुदायों की तुलना में अधिक शिक्षित हैं। हुंजा घाटी की आबादी करीब 87 हजार है। यह सब उनके खान-पान और रहन-सहन से संभव हुआ है। उनके डायट चार्ट में केवल पौष्टिक आहार ही शामिल होते हैं। हुंजा लोग अपने आहार में मेवा और विशेष प्रकार के सूखे मेवों का तेजी से उपयोग करते हैं। खूबानी में बी-17 यौगिक पाया जाता है, जो लोगों के लिए एक तरह का कैंसर रोधी एजेंट है और कैंसर जैसी बीमारियों को खत्म करता है। हुंजा समुदाय के लोग खूब खुबानी खाते हैं, जिसस...

कश्मीर घाटी की हुंआ जनजाति की लंबी उम्र का ये राज जान लें, इनकी औसत आयु है 120 साल!

कहते हैं “पहला सुख निरोगी काया!” जीवन में स्वस्थ शरीर और निरोगी जीवन किसी आशीर्वाद से कम नहीं। हम में से बहुत लोग बेहतर जीवन के लिए बहुत कुछ करते हैं। घंटों जिम में पसीने बहाना, कसरत करना, सेहतमंद फल खाना और ना जाने क्या क्या! ऐसे में सुनने में बहुत अजीब लगेगा कि एक ऐसी जगह हैंजहाँ सामान्य जीवन जीते हुए और कुछ भी नया किये बिना लोग आम तौर पर 120 साल या उससे ज्यादा जिंदा रहते हैं और महिलाएं 65 साल की उम्र तक गर्भ धारण कर सकती हैं। आम तौर पर उम्र बढऩे के साथ जहाँ शहरों में रहने वाले लोग दवाओं पर निर्भर होने लगते है, वहीं कश्मीर में हुंजा घाटी एक ऐसी जगह है, जहां के लोगों को यह पता ही नहीं, कि दवा आखिर होती क्या है। आपको बता दें कि डॉ. रॉबर्ट मैक्कैरिसन द्वारा ‘पब्लिकेशन स्टडीज इन डेफिशिएन्सी डिजीज’ में जानकारी लिखने के बाद इस जनजाति के बारे में पहली बार पता चला था। इसके बाद ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ में एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें इस प्रजाति के जीवनकाल और इतने लंबे समय तक स्वस्थ बने रहने के बारे में बताया गया। लेख के अनुसार, यहां के लोग शून्य से भी कम तापमान में ठंडे पानी में नहाते हैं। कम खाना और ज्यादा टहलना इनकी जीवन शैली है। यहाँ के लोगों के बारे में जानकर दुनिया भर के डॉक्टर हैरान हैं। सब ने यहीं माना है कि इनकी जीवनशैली ही इनकी लंबी आयु का राज है। ये लोग सुबह जल्दी उठते हैं और बहुत पैदल चलते हैं। आपको बता दें कि यह हुंजा घाटी गिलगित-बाल्टिस्तान के पहाड़ों में स्थित भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। यहाँ के लोगों की संख्या तकरीबन 87 हजार है। यहां के लोग पहाड़ों की साफ हवा और पानी में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यहाँ के लोग खूब पैदल चलते है...