ईसाई धर्म कितना पुराना है

  1. सनातन धर्म कितना पुराना है
  2. ईसाई धर्म का इतिहास
  3. ईसाई धर्म कैसे फैला भारत में?
  4. ईसाई धर्म क्या है?
  5. UAE: इस्लाम से पुराना ईसाई मठ, उस वक्त नहीं हुआ था पैगंबर मुहम्मद का जन्म!
  6. ईसाई धर्म कैसे फैला भारत में?
  7. Sanatan Dharm Kitna Purana Hai सनातन धर्म कितना पुराना है ? » Hindijod
  8. सनातन धर्म कितना पुराना है
  9. UAE: इस्लाम से पुराना ईसाई मठ, उस वक्त नहीं हुआ था पैगंबर मुहम्मद का जन्म!
  10. ईसाई धर्म क्या है?


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सनातन धर्म कितना पुराना है

सनातन धर्म कितना पुराना है | Sanatan dharma kitna purana hai आज के इस लेख में हम आपको सनातन धर्म कितना पुराना है (Sanatan dharma kitna purana hai). सनातन धर्म क्या है Sanatan Dharm Kya Hai. सनातन धर्म का अर्थ. (meaning of sanatan dharma). सनातन धर्म के संस्थापक कौन हैं, सनातन धर्म के नियम Sanatan dharma rules. what is sanatan dharma. sabse purana dharm kaun sa hai. कुल मिलाकर सनातन धर्म के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं Sanatan dharma kitna purana hai : आज के समय में सनातन धर्म (sanatan dharma) बहुत ही प्रसिद्ध धर्म है भारत में सनातन धर्म मानने वालो की संख्या बहुत ही ज्यादा है सनातन धर्म (sanatan dharma) को हिन्दू धर्म भी कहा जाता है अगर आप भी भारतीय हैं और हिन्दू हैं तो आपको सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना जरूरी है अगर आप हिन्दू नहीं भी हैं तब भी सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना चाहिए क्योकि यह धर्म किसी एक आदमी का धर्म नहीं है बल्कि यह धर्म सत्य का धर्म है। अगर आप सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना चाहते हैं तो आज के इस लेख में हम आपको सनातन धर्म कितना पुराना है (Sanatan dharma kitna purana hai). सनातन धर्म क्या है Sanatan Dharm Kya Hai. सनातन धर्म का अर्थ. (meaning of sanatan dharma). सनातन धर्म के संस्थापक कौन हैं, सनातन धर्म के नियम Sanatan dharma rules. what is sanatan dharma. sabse purana dharm kaun sa hai. कुल मिलाकर सनातन धर्म के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं अगर आप हिन्दू हैं और सनातन धर्म (sanatan dharma) को मानते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • •...

ईसाई धर्म का इतिहास

ईसाई धर्म का इतिहास || Isai dharm ka itihas || The history of christianity ईसाई धर्म दुनिया में सबसे व्यापक रूप से प्रचलित धर्म है, जिसके 2 बिलियन से अधिक अनुयायी हैं। ईसाई धर्म यीशु मसीह के जन्म, जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान के बारे में मान्यताओं पर केंद्रित है। जबकि यह अनुयायियों के एक छोटे समूह के साथ शुरू हुआ था, कई इतिहासकार दुनिया भर में ईसाई धर्म के प्रसार और अपनाने को मानव इतिहास में सबसे सफल आध्यात्मिक मिशनों में से एक मानते हैं। कुछ बुनियादी ईसाई अवधारणाओं में शामिल हैं ईसाई एकेश्वरवादी हैं, यानी, उनका मानना​​है कि केवल एक ही ईश्वर है, और उन्होंने आकाश और पृथ्वी की रचना की। इस दिव्य देवत्व के तीन भाग होते हैं: पिता (स्वयं भगवान), पुत्र (ईसा मसीह) और पवित्र आत्मा। ईसाई धर्म का सार यीशु के पुनरुत्थान ,जीवन, मृत्यु और ईसाई मान्यताओं के इर्द गिर्द रहता है। ईसाइयों का मानना​​है कि भगवान ने अपने बेटे यीशु को (मसीहा) भेजा, ताकि दुनिया को बचाया जा सके। उनका मानना​​है कि यीशु को पापों की क्षमा की पेशकश करने के लिए एक क्रूस पर चढ़ाया गया था और स्वर्ग जाने से पहले उनकी मृत्यु के तीन दिन बाद पुनर्जीवित किया गया था। ईसाइयों का तर्क है कि यीशु फिर से पृथ्वी पर लौट आएंगे जिसे दूसरे आगमन के रूप में जाना जाता है। पवित्र बाइबल एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो यीशु के उपदेशों, प्रमुख भविष्यद्वक्ताओं और शिष्यों के जीवन और शिक्षाओं को रेखांकित करते हैं, और ईसाईयों को कैसे जीना चाहिए, इसके लिए निर्देश देते हैं। ईसाई और यहूदीदोनों बाइबिल के पुराने नियम का पालन करते हैं, लेकिन ईसाई नए नियम को भी अपनाते हैं। यीशु कौनथे ? अधिकांश इतिहासकारों का मानना है कि यीशु एक वास्तविक व्यक्ति थे जिनका जन्म 2 ...

ईसाई धर्म कैसे फैला भारत में?

ईसा मसीह ने 13 साल से 29 साल उम्र के बीच तक क्या किया, यह रहस्य की बात है। बाइबल में उनके इन वर्षों के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं मिलता है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि 13 से 29 वर्ष की उम्र और उसके बाद 33 से 112 वर्ष की उम्र तक ईसा मसीह भारत में रहे थे। माना जाता है कि इस दौरान उन्होंने भारतीय राज्य कश्मीर में बौद्ध और नाथ संप्रदाय के मठों में रहकर ध्यान साधना की थी। मान्यता है कि यहीं कश्मीर के श्रीनगर शहर के एक पुराने इलाके खानयार की एक तंग गली में 'रौजाबल' नामक पत्थर की एक इमारत में एक कब्र बनी है जहां उनका शव रखा हुआ है। ईसाई प्रचारक सेंट थॉमस: माना जाता है कि भारत में ईसाई धर्म की शुरुआत केरल के तटीय नगर क्रांगानोर में हुई जहां, किंवदंतियों के मुताबिक, ईसा के बारह प्रमुख शिष्यों में से एक सेंट थॉमस ईस्वी सन 52 में पहुंचे थे। कहते हैं कि उन्होंने उस काल में सर्वप्रथम कुछ ब्राह्मणों को ईसाई बनाया था। इसके बाद उन्होंने आदिवासियों को धर्मान्तरित किया था। दक्षिण भारत में सीरियाई ईसाई चर्च सेंट थॉमस के आगमन का संकेत देता है। इसके बाद सन् 1542 में सेंट फ्रांसिस जेवियर के आगमन के साथ भारत में रोमन कैथोलिक धर्म की स्‍थापना हुई जिन्होंने भारत के गरीब हिन्दू और आदिवासी इलाकों में जाकर लोगों को ईसाई धर्म की शिक्षा देकर ईसाई बनाने का कार्य शुरू किया। कुछ लोग उन पर सेवा की आड़ में भोलेभाले लोगों को ईसाई बनाने का आरोप लगाते रहे हैं। 16वीं सदी में पुर्तगालियों के साथ आए रोमन कैथोलिक धर्म प्रचारकों के माध्यम से उनका सम्पर्क पोप के कैथोलिक चर्च से हुआ। परन्तु भारत के कुछ इसाईयों ने पोप की सत्ता को अस्वीकृत करके 'जेकोबाइट' चर्च की स्थापना की। केरल में कैथोलिक चर्च से संबंधित तीन शाखा...

ईसाई धर्म क्या है?

दुनिया भर में लगभग 2.4 बिलियन लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बनाता है। यह लगभग 2000 साल पहले यहूदिया की भूमि में शुरू हुआ था जो आज यरूशलेम, इज़राइल है। ईसाई यीशु मसीह के जीवन और शिक्षाओं में विश्वास करते हैं, जिन्हें वे पूरी मानवता के लिए मसीहा या उद्धारकर्ता मानते हैं। यीशु की शिक्षा प्रेम, क्षमा, शांति और आशा पर केंद्रित थी। ईसाई धर्म क्या है? ईसाई धर्म पहली बार 0 सीई के आसपास बेथलहम में यीशु मसीह के जन्म के साथ शुरू हुआ, जिसे डेविड का शहर कहा जाता था। आज, बेथलहम वेस्ट बैंक में यरुशलम के दक्षिण में एक फ़िलिस्तीनी शहर है। यीशु आज के इस्राएल में नासरत और गलील के आस-पास के क्षेत्रों में रहता और पढ़ाता था। यीशु को सूली पर चढ़ाया गया और यरूशलेम में उनकी मृत्यु हो गई। ये स्थल पिछले दो हजार वर्षों से ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र स्थल बने हुए हैं। यीशु के समय से, ईसाई धर्म दुनिया के हर कोने में फैल गया है और आज इसके लगभग 2.4 बिलियन अनुयायी हैं, जो दुनिया की आबादी का लगभग 30% है। ईसाई एक ईश्वर में विश्वास करते हैं, जिसे वे स्वर्ग और पृथ्वी का निर्माता मानते हैं। धर्म के मूल सिद्धांत भगवान के पुत्र के रूप में यीशु मसीह के जन्म, जीवन, मृत्यु, पुनरुत्थान और शिक्षाओं के इर्द-गिर्द घूमते हैं, जिन्हें मानवता को मुक्ति प्रदान करने के लिए भेजा गया था। यीशु का जन्म लगभग 6 ईसा पूर्व - 0 सीई, आधुनिक समय में यहूदिया और गलील की भूमि पर विशाल रोमन साम्राज्य का शासन था, जो यूरोप से उत्तरी अफ्रीका से लेकर मध्य पूर्व तक तीन महाद्वीपों तक फैला था। सीज़र ऑगस्टस सम्राट था और इज़राइल राजा हेरोदेस और बाद में, उसके पुत्रों के नियंत्रण में था। यहूदी लोगों ने रोमन शासन की क...

UAE: इस्लाम से पुराना ईसाई मठ, उस वक्त नहीं हुआ था पैगंबर मुहम्मद का जन्म!

मठ के अवशेषों में एक गलियारेनुमा चर्च की आकृति मिली। इसके साथ ही वहां बैप्टिज्म ( लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की प्रक्रिया) के लिए अलग कक्ष और ऐसे कई कमरों के अवशेष मिले जिनका इस्तेमाल अक्सर चर्च में होने वाले समारोह के लिए वेफर्स बनाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही वहां कई छोटे-छोटे कक्ष भी थे जिनका इस्तेमाल ईसाई धर्म में पादरियों के द्वारा एकांत में समय बिताने और ईश्वर का ध्यान करने के लिए किया जाता है। नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में एक बेहद प्राचीन ईसाई मठ मिला है जो इस्लाम धर्म के उदय से पहले का बताया जा रहा है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मठ को लगभग 1,400 साल से भी पहले बनाया गया था और तब तक पैगंबर मोहम्मद का जन्म नहीं हुआ था। विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, मठ के अवशेषों में एक गलियारेनुमा चर्च की आकृति मिली। इसके साथ ही वहां बैप्टिज्म (लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की प्रक्रिया) के लिए अलग कक्ष और ऐसे कई कमरों के अवशेष मिले जिनका इस्तेमाल अक्सर चर्च में होने वाले समारोह के लिए वेफर्स और ब्रेड बनाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही वहां कई छोटे-छोटे कक्ष भी थे जिनका इस्तेमाल ईसाई धर्म में पादरियों द्वारा एकांत में समय बिताने और ईश्वर का ध्यान करने के लिए किया जाता है। यह खबर भी पढ़ें: इससे पहले 1990 में मिला था ईसाई मठ रिपोर्ट के मुताबिक, ये खोज फारस की खाड़ी के इर्द-गिर्द ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार को लेकर नए रास्ते खोल सकती है। ये मठ 1,400 वर्ष से भी पहले का है जो बताता है कि इस्लाम के इस इलाके में प्रसार से पहले यहां ईसाई धर्म के लोग मौजूद थे। इस क्षेत्र में अपनी...

ईसाई धर्म कैसे फैला भारत में?

ईसा मसीह ने 13 साल से 29 साल उम्र के बीच तक क्या किया, यह रहस्य की बात है। बाइबल में उनके इन वर्षों के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं मिलता है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि 13 से 29 वर्ष की उम्र और उसके बाद 33 से 112 वर्ष की उम्र तक ईसा मसीह भारत में रहे थे। माना जाता है कि इस दौरान उन्होंने भारतीय राज्य कश्मीर में बौद्ध और नाथ संप्रदाय के मठों में रहकर ध्यान साधना की थी। मान्यता है कि यहीं कश्मीर के श्रीनगर शहर के एक पुराने इलाके खानयार की एक तंग गली में 'रौजाबल' नामक पत्थर की एक इमारत में एक कब्र बनी है जहां उनका शव रखा हुआ है। ईसाई प्रचारक सेंट थॉमस: माना जाता है कि भारत में ईसाई धर्म की शुरुआत केरल के तटीय नगर क्रांगानोर में हुई जहां, किंवदंतियों के मुताबिक, ईसा के बारह प्रमुख शिष्यों में से एक सेंट थॉमस ईस्वी सन 52 में पहुंचे थे। कहते हैं कि उन्होंने उस काल में सर्वप्रथम कुछ ब्राह्मणों को ईसाई बनाया था। इसके बाद उन्होंने आदिवासियों को धर्मान्तरित किया था। दक्षिण भारत में सीरियाई ईसाई चर्च सेंट थॉमस के आगमन का संकेत देता है। इसके बाद सन् 1542 में सेंट फ्रांसिस जेवियर के आगमन के साथ भारत में रोमन कैथोलिक धर्म की स्‍थापना हुई जिन्होंने भारत के गरीब हिन्दू और आदिवासी इलाकों में जाकर लोगों को ईसाई धर्म की शिक्षा देकर ईसाई बनाने का कार्य शुरू किया। कुछ लोग उन पर सेवा की आड़ में भोलेभाले लोगों को ईसाई बनाने का आरोप लगाते रहे हैं। 16वीं सदी में पुर्तगालियों के साथ आए रोमन कैथोलिक धर्म प्रचारकों के माध्यम से उनका सम्पर्क पोप के कैथोलिक चर्च से हुआ। परन्तु भारत के कुछ इसाईयों ने पोप की सत्ता को अस्वीकृत करके 'जेकोबाइट' चर्च की स्थापना की। केरल में कैथोलिक चर्च से संबंधित तीन शाखा...

Sanatan Dharm Kitna Purana Hai सनातन धर्म कितना पुराना है ? » Hindijod

सनातन धर्म एक सार्वभौमिक धर्म है।आज हम यहाँ पता करेंगे कि सनातन धर्म कितना पुराना है ? sanatan dharm kitna purana hai. हम सनातन धर्म की प्राचीन जड़ों की खोज करेंगे, जो दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है और सबसे स्थायी धर्म है।आज हम इसकी उत्पत्ति, मान्यताओं और प्रथाओं के बारे में जानेंगे। हम जानेंगे की सनातन धर्म (Sanatan Dharma) आज भी करोडो अनुयायियों को क्यों प्रेरित करता है। हम आपको यहाँ सनातन धर्म के इतिहास और संस्कृति की प्रामाणिक और मौलिक जानकारी देने के लिए कटिबद्ध है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • कई लोगों द्वारा आमतौर पर पूछा जाने वाला प्रश्न है की सनातन धर्म कितना पुराना है ? sanatan dharm kitna purana hai ? तो हम आपको बता दे की, सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है। यह लेख सनातन धर्म के इतिहास, इसकी उत्पत्ति और सदियों से इसके विकास की पड़ताल करता है। हजारों वर्षों से चली आ रही इस प्राचीन धर्म की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक महत्व की जानकारी देता है। Sanatan Dharm Kya Hai (सनातन धर्म क्या है): सनातन धर्म का मतलब है एक शाश्वत धर्म, जिसकी प्रासंगिकता हमेशा रहेगी। सिर्फ यही संस्कृति आपको इतनी आजादी देती है कि आप अपना भगवान खुद चुन सकते हैं – पुरुष देवता, स्त्री देवता, पशु देवता, वृक्ष देवता, आप जिसे चाहें उसे इष्ट देवता कह सकते हैं, जिसका मतलब है अपना मनचाहा भगवान चुन सकते है। सनातन धर्म की पूरी प्रक्रिया आपके भीतर प्रश्नों को खड़ा करने के लिए ही है। सनातन धर्म के बारे मे और हम इस लेख में (sanatan dharm kitna purana hai) जानेंगे। Sanatan Dharm (सनातन धर्म): हर व्यक्ति अपने जीवन के किसी खास समय पर किस चीज से सबसे अधिक जुड़...

सनातन धर्म कितना पुराना है

सनातन धर्म कितना पुराना है | Sanatan dharma kitna purana hai आज के इस लेख में हम आपको सनातन धर्म कितना पुराना है (Sanatan dharma kitna purana hai). सनातन धर्म क्या है Sanatan Dharm Kya Hai. सनातन धर्म का अर्थ. (meaning of sanatan dharma). सनातन धर्म के संस्थापक कौन हैं, सनातन धर्म के नियम Sanatan dharma rules. what is sanatan dharma. sabse purana dharm kaun sa hai. कुल मिलाकर सनातन धर्म के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं Sanatan dharma kitna purana hai : आज के समय में सनातन धर्म (sanatan dharma) बहुत ही प्रसिद्ध धर्म है भारत में सनातन धर्म मानने वालो की संख्या बहुत ही ज्यादा है सनातन धर्म (sanatan dharma) को हिन्दू धर्म भी कहा जाता है अगर आप भी भारतीय हैं और हिन्दू हैं तो आपको सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना जरूरी है अगर आप हिन्दू नहीं भी हैं तब भी सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना चाहिए क्योकि यह धर्म किसी एक आदमी का धर्म नहीं है बल्कि यह धर्म सत्य का धर्म है। अगर आप सनातन धर्म (sanatan dharma) के बारे में जानना चाहते हैं तो आज के इस लेख में हम आपको सनातन धर्म कितना पुराना है (Sanatan dharma kitna purana hai). सनातन धर्म क्या है Sanatan Dharm Kya Hai. सनातन धर्म का अर्थ. (meaning of sanatan dharma). सनातन धर्म के संस्थापक कौन हैं, सनातन धर्म के नियम Sanatan dharma rules. what is sanatan dharma. sabse purana dharm kaun sa hai. कुल मिलाकर सनातन धर्म के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं अगर आप हिन्दू हैं और सनातन धर्म (sanatan dharma) को मानते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • •...

UAE: इस्लाम से पुराना ईसाई मठ, उस वक्त नहीं हुआ था पैगंबर मुहम्मद का जन्म!

मठ के अवशेषों में एक गलियारेनुमा चर्च की आकृति मिली। इसके साथ ही वहां बैप्टिज्म ( लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की प्रक्रिया) के लिए अलग कक्ष और ऐसे कई कमरों के अवशेष मिले जिनका इस्तेमाल अक्सर चर्च में होने वाले समारोह के लिए वेफर्स बनाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही वहां कई छोटे-छोटे कक्ष भी थे जिनका इस्तेमाल ईसाई धर्म में पादरियों के द्वारा एकांत में समय बिताने और ईश्वर का ध्यान करने के लिए किया जाता है। नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में एक बेहद प्राचीन ईसाई मठ मिला है जो इस्लाम धर्म के उदय से पहले का बताया जा रहा है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मठ को लगभग 1,400 साल से भी पहले बनाया गया था और तब तक पैगंबर मोहम्मद का जन्म नहीं हुआ था। विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, मठ के अवशेषों में एक गलियारेनुमा चर्च की आकृति मिली। इसके साथ ही वहां बैप्टिज्म (लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की प्रक्रिया) के लिए अलग कक्ष और ऐसे कई कमरों के अवशेष मिले जिनका इस्तेमाल अक्सर चर्च में होने वाले समारोह के लिए वेफर्स और ब्रेड बनाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही वहां कई छोटे-छोटे कक्ष भी थे जिनका इस्तेमाल ईसाई धर्म में पादरियों द्वारा एकांत में समय बिताने और ईश्वर का ध्यान करने के लिए किया जाता है। यह खबर भी पढ़ें: इससे पहले 1990 में मिला था ईसाई मठ रिपोर्ट के मुताबिक, ये खोज फारस की खाड़ी के इर्द-गिर्द ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार को लेकर नए रास्ते खोल सकती है। ये मठ 1,400 वर्ष से भी पहले का है जो बताता है कि इस्लाम के इस इलाके में प्रसार से पहले यहां ईसाई धर्म के लोग मौजूद थे। इस क्षेत्र में अपनी...

ईसाई धर्म क्या है?

दुनिया भर में लगभग 2.4 बिलियन लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बनाता है। यह लगभग 2000 साल पहले यहूदिया की भूमि में शुरू हुआ था जो आज यरूशलेम, इज़राइल है। ईसाई यीशु मसीह के जीवन और शिक्षाओं में विश्वास करते हैं, जिन्हें वे पूरी मानवता के लिए मसीहा या उद्धारकर्ता मानते हैं। यीशु की शिक्षा प्रेम, क्षमा, शांति और आशा पर केंद्रित थी। ईसाई धर्म क्या है? ईसाई धर्म पहली बार 0 सीई के आसपास बेथलहम में यीशु मसीह के जन्म के साथ शुरू हुआ, जिसे डेविड का शहर कहा जाता था। आज, बेथलहम वेस्ट बैंक में यरुशलम के दक्षिण में एक फ़िलिस्तीनी शहर है। यीशु आज के इस्राएल में नासरत और गलील के आस-पास के क्षेत्रों में रहता और पढ़ाता था। यीशु को सूली पर चढ़ाया गया और यरूशलेम में उनकी मृत्यु हो गई। ये स्थल पिछले दो हजार वर्षों से ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र स्थल बने हुए हैं। यीशु के समय से, ईसाई धर्म दुनिया के हर कोने में फैल गया है और आज इसके लगभग 2.4 बिलियन अनुयायी हैं, जो दुनिया की आबादी का लगभग 30% है। ईसाई एक ईश्वर में विश्वास करते हैं, जिसे वे स्वर्ग और पृथ्वी का निर्माता मानते हैं। धर्म के मूल सिद्धांत भगवान के पुत्र के रूप में यीशु मसीह के जन्म, जीवन, मृत्यु, पुनरुत्थान और शिक्षाओं के इर्द-गिर्द घूमते हैं, जिन्हें मानवता को मुक्ति प्रदान करने के लिए भेजा गया था। यीशु का जन्म लगभग 6 ईसा पूर्व - 0 सीई, आधुनिक समय में यहूदिया और गलील की भूमि पर विशाल रोमन साम्राज्य का शासन था, जो यूरोप से उत्तरी अफ्रीका से लेकर मध्य पूर्व तक तीन महाद्वीपों तक फैला था। सीज़र ऑगस्टस सम्राट था और इज़राइल राजा हेरोदेस और बाद में, उसके पुत्रों के नियंत्रण में था। यहूदी लोगों ने रोमन शासन की क...