Information about savitribai phule in hindi

  1. Savitribai Phule Biography
  2. Savitribai Phule Biography in Hindi
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Savitribai Phule Biography

• by • Posted On October 19, 2020 Savitribai Phule Biography- सावित्रीबाई फुले जीवनी – प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाविद और भारत की एक प्रसिद्ध कवि सावित्रीबाई फुले एक महान व्यक्तितव थीं। आईये सखियों आज सावित्रीबाई फुले जी के जीवन के बारे में जानते हैं। Savitribai Phule information in hindi . सावित्रीबाई फुले समाज को शिक्षित करना चाहती थीं ताकि वे अपने सोचने के तरीके को बदल सकें और समग्र रूप से समाज को बेहतर बना सकें। माना जाता है कि वह भारत की पहली महिला शिक्षिका हैं।उन्होंने महिलाओं के उत्थान और अधिकारों के लिए काफी हद तक योगदान दिया था। फुले और उनके पति ज्योतिराव फुले ने पुणे के पहले गर्ल्स स्कूल की स्थापना भी की, 1848 में भिड़ेपाड़ा में। सावित्रीबाई फुले को भारतीय नारीवाद की जननी माना जाता है।फुले ने जाति या लिंग के आधार पर भेदभाव को दूर करने के लिए लगातार काम किया। उन्हें महाराष्ट्र के समाज सुधारकों में एक प्रमुख व्यक्ति माना जाता है।वह एक प्रसिद्ध मराठी लेखिका भी थीं। Childhoodof Savitribai Phule – सावित्रीबाई फुले का बचपन सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को सतारा जिले में स्थित नायगांव नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था, यह स्थान पुणे से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। फुले की बहुत कम उम्र में शादी हो गई थी और वह उस समय शिक्षित नहीं थीं।यह उनके पति हैं जिन्होंने पहल की और उन्हें अपने निवास पर शिक्षित किया। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा घर पर ही पूरी की, लेकिन बाद में उनके पति के मित्र सखाराम यशवंत परांजपे और केशव शिवराम भावलकर ने उन्हें पढ़ाया। बाद में उन्होंने दो शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी दाखिला लिया। उनमे से एक संस्थान अहमदनगर में एक अमेरिकी मिशनरी सिंथिया फर्र...

Savitribai Phule Biography in Hindi

Savitribai Phule Biography in Hindi आज हम बात करेंगे , भारत की पहली महिला शिक्षक जिन्होंने अन्याय के खिलाफ खड़ा होना सिखाया। अपने पति के सहयोग से उन्होंने कई विद्यालयो का निर्माड़ किया। उनका मानना था, कि शिक्षा ही गरीबी को मिटा सकती है, इसलिए उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा दिया और समाज में फैली अफवाओं, रंग रूप और भेद भाव को ख़त्म करने का प्रण लिया। तो आये जानते है, एक समाजसेवी सावित्रीबाई फूले के जीवन के बारे में। कौन थी सावित्रीबाई फुले ? | Who was Savitribai Phule? सावित्रीबाई फुले एक भारतीय शिक्षक, समाजसेवी,और महाराष्ट्र की कवियित्री थीं। इनका जन्म 3 जनवरी 1831 महाराष्ट्र में हुआ था। उन्हें भारत के नारीवादी आंदोलन की अग्रणी माना जाता है। वह भारत की पहली महिला टीचर थी, जिन्होंने लड़कियों को शिक्षा का महत्व समझाया। सावित्रीबाई फुले ने अपने पति के साथ भारत में महिलाओं के अधिकारों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जाति, भेज-भाव के आधार पर लोगों का अनुचित व्यवहार को खत्म करने के लिए काम किया। 10 मार्च 1897 को सावित्रीबाई फुले ने अंतिम सांस ली। Savitribai Phule Biography in Hindi | सावित्रीबाई फुले का जीवन परिचय name/नाम सावित्रीबाई फुले know for/जानी जाती भारत की पहली महिला टीचर के रूप में DOB/जन्म तिथि 3 जनवरी 1831 birthplace/जन्म स्थान महाराष्ट्र में work/काम शिक्षक, समाजसेवी family/परिवार पिता – खांडोजी नवसे पाटिल माता – लक्ष्मीबाई husband /पति पति – ज्योतिराव फुले religion/धर्म हिन्दू death/निधन 10 मार्च 1897 age ( at the time of death) आयु 66 वर्ष nationality/राष्ट्रीयता भारतीय Savitribai Phule Biography in Hindi Savitribai Phule story in Hindi एक निडर महिला या...

12 Lines On Savitribai Phule in Hindi

10 Lines On Savitribai Phule in Hindi | सावित्रीबाई फूले पर 10 लाइन्स हिंदी में देश की पहली महिला शिक्षक व समाज-सेविका • सावित्रीबाई फूले की सन 1840 में 9 साल की उम्र में शादी हो गई थी उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोलें गये। पहला बालिका विद्यालय सन 1848 में महाराष्ट्र के पुणे में खोला गया • सावित्रीबाई ने जनवरी 1853 में गर्भवती पीड़ित महिलाओं के लिए बाल हत्या प्रति-बंधक गृह की स्थापना की। और सावित्रिबाई को आंदोलन की पहली नेता भी कहा जाता है • उस समय में लड़कियों का जब घर से बाहर निकलना उनको पढ़ना- लिखना भी सही नहीं होता था उस समय सावित्रीबाई ने बालिकाओं के लिए स्कूल खोले। • उनको विद्यालय खोलने पर बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लोग उन पर पत्थर फेंकते और गन्दगी भी फेंकते थे। • सावित्रीबाई फूले एक कवियत्री भी थी उनको मराठी की आदि कवित्री के रूप में जान आ गया। इनको आधुनिक मराठी काव्य का भी अग्रदूत माना जाता हैं। • सावित्रीबाई ने 19वीं सदी में अपने पति ज्योतिबा फूले के साथ मिलकर छुआछूत सतीप्रथा बाल विवाह और विधवा विवाह जैसी कुरीतियों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी दोनों ने साथ मिलकर इनके खिलाफ आवाज उठाई और एक साथ काम किया • सावित्रीबाई फूले ने औरतों को ही नहीं बल्कि मर्दों को भी उनकी जड़ता और मूर्खता से आजाद किया। • दुनिया में लगातार विकसित और नारीवादी सोच की ठोस बुनियाद सावित्रीबाई और उनके पति ज्योतिबा ने मिलकर ही डाली थी दोनों ऑक्स फोर्ड नहीं गए थे बल्कि उन्होंने यही रहकर हमारे यहां की कुप्रथा को पहचाना और उनका विरोध किया और उनका समाधान भी इसी रहकर किया • जात पात भेदभाव गैर बराबरी अंध-विश्वास शोषण ब्राह्मणवाद आदि से आज भी हमारा समाज जूझ रहा है इन सब के...