Jaishankar prasad ka jivan parichay

  1. जयशंकर प्रसाद जीवन परिचय निबंध Jaishankar Prasad Biography
  2. जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय
  3. कवि जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय। Jaishankar Prasad ka jivan parichay
  4. जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय – Hindi Jaankaari
  5. Jaishankar Prasad ka jivan Parichay जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय
  6. जयशंकर प्रसाद
  7. जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय एवं प्रमुख रचनाएं
  8. जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय: Jaishankar Prasad Ka Jivan Parichay, Jaishankar Prasad Biography


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जयशंकर प्रसाद जीवन परिचय निबंध Jaishankar Prasad Biography

Biography Of Jaishankar Prasad In Hindi जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय : प्रसाद एक युग प्रवर्तक रचनाकार थे. जिन्होंने एक साथ कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में हिंदी को गौरवान्वित करने वाली रचनाएं लिखी. आधुनिक हिंदी साहित्य के इतिहास में प्रसाद का गौरव अक्षुण्ण है. काशी के प्रसिद्ध सुंघनी साहू परिवार में जन्म, आरम्भिक शिक्षा और जीवन समर्द्धता से प्रारम्भ हुआ, Jaishankar Prasad Biography In Hindi-प्रसाद के साहित्य में प्रकृति की चेतना के सचेतन रूप के साथ साथ मानव के लौकिक और परलौकिक जीवन की जैसी विविधतापूर्ण झाँकी प्रस्तुत की गई है, वैसी आधुनिक युग के किसी अन्य कवि में नही मिलती है. कवि के रूप में जयशंकर प्रसाद निराला, पंत, महादेवी के साथ छायावाद के चौथे स्तम्भ के रूप में प्रतिष्ठित हुए. नाट्य लेखन में स्वर्णिम इतिहास को आधार बनाकर गौरवशाली भारतवर्ष का रेखांकन कर उस समय के जनमानस में आत्म चेतना का संचार किया. कहानी और उपन्यास के माध्यम से मानवीय करुना और भारतीय मनीषा के अनेकानेक अनावृत पक्षों का उद्घाटन किया है. Telegram Group Jaishankar Prasad Ka Jeevan Parichay जीवन परिचय बिंदु जयशंकर प्रसादजीवन परिचय पूरा नाम जयशंकर प्रसाद धर्म हिन्दू जन्म 30 जनवरी 1889 जन्म स्थान वाराणसी उत्तरप्रदेश माता-पिता देवीप्रसाद मृत्यु 15 नवम्बर 1937, 48 वर्ष की आयु में रचनाएं कानन कुसुम, महाराणा का महत्व, झरना, आंसू, लहर, कामायनी, प्रेम पथिक पेशा कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार इनका जन्म 30 जनवरी 1889 को काशी के देवी प्रसाद जी के घर हुआ था. काशी में इनकी पुश्तेनी पैठ थी, इनके दादा के बाद पिता का जनता बड़ी श्रद्धा से सम्मान किया करती थी. इस तरह के परिवार में जन्मे पले प्रसाद जी को बहुभा...

जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय

जयशंकर प्रसाद जी हिंदी भाषा के महान कवियों एवं लेखकों में से एक माने जाते है, जिनके द्वारा कई तरह की कहानियाँ, कविताएं, नाटक, उपन्यास और निबंध लिखे गए है। हिंदी की कविताएं और कहानियाँ पढ़ना किसे पसंद नहीं होता। आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जो हिंदी साहित्य में दिलचस्पी रखते होंगे। अगर ऐसा है तो आप लोगों ने Jaishankar Prasad जी का नाम तो जरूर सुना होगा। आज की इस पोस्ट में आपको जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय सक्षिप्त में दिया गया है। Table of Contents • • • • • • Jaishankar Prasad Ka Jivan Parichay और उनके द्वारा लिखी गई कविताएं या कहानियाँ ये एक ऐसा विषय है जो आपको प्राथमिक स्कूल से लेकर कॉलेज तक में पढ़ाया जाता है। इस पोस्ट में हमने आपको जयशंकर प्रसाद के Jivan Parichay और उनके द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध रचनाओं को बहुत ही आसान तरीके से समझाने की कोशिश की है इसलिए इस पोस्ट को शुरू से अंत तक जरूर पढ़े। जयशंकर प्रसाद जी का जीवन परिचय जयशंकर प्रसाद एक महान लेखक, कवि और नाटककार थे। उनका जन्म 30 जनवरी 1889 को वाराणसी (काशी) के “संघूनी साहू” नामक एक जाने-माने परिवार में हुआ था। जयशंकर प्रसाद एक ऐसे चमकते सितारे की तरह थे, जिन्होंने अपनी कलम से लिखी हुई कविताएं और लेख द्वारा जगत में परिवर्तन ला दिया। उनके द्वारा लिखी गई लगभग सभी कहानियों और नाटकों के विषय सामाजिक, ऐतिहासिक और पौराणिक पर आधारित थे। परिवार – जयशंकर प्रसाद के पिता का नाम बाबू देवकी प्रसाद तथा माता का नाम मुन्नी देवी था। इनके पिता एक तंबाकू व्यापारी थे, जिसकी वजह से उनके परिवार को “संघूनी साहू” के नाम से पहचाना जाता था। Jay Shankar Prasad को अपनी कम उम्र में ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि जब वे 12 साल के थे तो उनक...

कवि जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय। Jaishankar Prasad ka jivan parichay

Jaishankar Prasad: जयशंकर प्रसाद भारत के प्रसिध्द नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार व कवियो मे से एक है इनका जन्म उत्तर प्रदेश के प्रसिध्द जिले काशी (वाराणसी) में 30 जनवरी 1889 ई० मे हुआ था। इनका परिवार सुंघनी साहू के नाम से प्रसिद्ध था। जयशंकर प्रसाद के पिता का नाम देवीप्रसाद व माता का नाम मुन्नी देवी था। इनके पिता स्वयं साहित्य प्रेमी थे। इस प्रकार जयशंकर प्रसाद को बचपन से ही साहित्यिक वातावरण प्राप्त हुआ। जिससे जयशंकर प्रसाद आगे चलकर एक महान व प्रसिध्द कवि सके। विषय सूची • • • • • • जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय – jai shankar prasad ka jeevan parichay जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) एक छायावादी युग के लेखक है। इनका बचपन से ही हिंदी साहित्य के प्रति अधिक प्रेम व लगाव था। इन्होने मात्र 9 साल की उम्र मे अपने गुरु रसमय सिद्धू को एक सवैया लिख कर दिया था जिसका नाम था कलाधर, जिससे इनके गुरु ने महान कवि बनने का आशिर्वाद दिया। जशंकर प्रसाद के बड़े भाई शम्भू रत्न चाहते थे कि वह व्यवसाय को संभाले लेकिन जयशंकर जी का काव्य रचना के प्रति प्रेम देखते हुए उनके भाई ने उन्हे पूरी छूट दे दी, अपने बड़े भाई की सहमति और उनके आशीर्वाद के साथ जयशंकर जी हिंदी साहित्य लेखन और काव्य रचना के क्षेत्र में लग गए। और आज वो भारत के महान कवि, नाटककार, उपन्यासकार के लेखको मे से एक है। Jaishankar Prasad ka jivan parichay जयशंकर प्रसाद जी का बचपन व शिक्षा – Education of Jaishankar Prasad जयशंकर जी का बचपन – जयशंकर प्रसाद जी ने जब 9 वर्ष के थे, तभी उन्होने एक कबिता की रचना की, जिसे पढ़कर इनके पिता जी ने इन्हें महान कवि बनने का आशीर्वाद दिया। और बाल्यावस्था में ही आपने माता पिता के साथ देश के विभिन्न तीर्थस्थानो...

जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय – Hindi Jaankaari

आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि , उपन्यासकार , नाटककार और कहानीकार महाकवि जयशंकर प्रसाद बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । हिन्दी छायावादी युग की स्थापना करने वाले चार स्तंभों में से एक माने जाने वाले jaishankar prasad ka janm 30 जनवरी 1889 को हुआ था ।वे एक युग प्रवर्तन करने वाले लेखक थे ।उनके समय में हिन्दी साहित्य की अनेक विद्यायों (जैसे कहानी , निबंध , उपन्यास ,कविता ) को नया प्रकाश मिला । जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय-(Jaishankar Prasad ka Jeevan Parichay) Jaishankar Prasad ji ka Jivan Parichay विस्तार से जानने के लिए नीचे लिखी जयशंकर प्रसाद की जीवनी को पढ़ना होगा । यहाँ आपको jaishankar prasad ka jivan parichay तथा jaishankar prasad ki jivani की पूरी जानकारी दी जाएगी । जयशंकर प्रसाद का जीवन काल (जयशंकर प्रसाद का जन्म कब हुआ?) जयशंकर प्रसाद का जीवन काल 30 जनवरी 1889 से लेकर 14 नवम्बर 1937 तक माना जाता है । इन्होंने छोटी सी आयु में ही लिखने की कला में महारथ कासिल कर ली थी । प्रसाद जी को अपने पास – पड़ोस के विद्वानों के साथ रहकर कविता करने की प्रेरणा मिली । जयशंकर प्रसाद का परिवार जयशंकर प्रसाद जी का जन्म बनारस के एक सुघनी साहू परिवार में हुआ था । मात्र 12 वर्ष की उम्र में उनके पिता सुँघनी जी का देवलोकगमन हो गया । उसके बाद तो जैसे उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा । व्यवसाय में नुकसान होने के कारण उनका पूरा परिवार कर्जे में डूब गया । जिसके कारण उनके घर में क्लेश शुरू हो गया । पिता की मृत्यु के दो से तीन वर्ष के बाद ही उनकी माँ की भी मृत्यु हो गई । इस दुखद घटना से वह अभी उभर ही नहीं पाए पाए थे की उनके जीवन का सबसे बुरा दिन तब आया जब उनके बड़े भी का स्वर्गवास हो गया । बड़े भी की मृत्यु ...

Jaishankar Prasad ka jivan Parichay जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय

नाम जयशंकर प्रसाद जन्म 1890 ई० जन्म स्थान काशी पिता का नाम देवी प्रसाद शिक्षा अंग्रेजी, फारसी, उर्दू, हिंदी व संस्कृत का स्वाध्याय रुचि साहित्य के प्रति, काव्य रचना, नाटक लेखन लेखन-विधा काव्य, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध मृत्यु 15 नवंबर, 1937 साहित्य में पहचान छायावादी काव्य धारा के प्रवर्तक भाषा भावपूर्ण एवं विचारात्मक शैली विचारात्मक, अनुसंधानात्मक, इतिवृत्तात्मक, भावात्मक एवं चित्रात्मक। साहित्य में स्थान प्रसाद जी को हिंदी साहित्य में नाटक को नई दिशा देने के कारण 'प्रसाद युग' का निर्माणकर्ता तथा छायावाद का प्रवर्तक कहा गया है। जीवन परिचय:- जयशंकर प्रसाद बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार थे। उनका जन्म 1890 ईसवी में काशी के 'सुंघनी साहू' नामक प्रसिद्ध वैश्य परिवार में हुआ था। उनके यहां तंबाकू का व्यापार होता था। उनके पिता देवी प्रसाद और पितामह शिवरत्न साहू थे। इनके पितामह परम शिवभक्त और दयालु थे। उनके पिता भी अत्यधिक उदार और साहित्य प्रेमी थे। प्रसाद जी का बचपन सुखमय था। बाल्यकाल में ही उन्होंने अपनी माता के साथ धारा क्षेत्र, ओंकारेश्वर, पुष्कर, उज्जैन और ब्रज आदि तीर्थों की यात्राएं की। यात्रा से लौटने के बाद पहले उनके पिता का और फिर 4 वर्ष पश्चात उनकी माता का निधन हो गया। प्रसाद जी की शिक्षा दीक्षा और पालन-पोषण का प्रबंध उनके बड़े भाई संभू रत्न ने किया और क्वींस कॉलेज में उनका नाम लिखवाया, किंतु उनका मन वहां न लगा। उन्होंने अंग्रेजी और संस्कृत का अध्ययन स्वाध्याय से घर पर ही प्राप्त किया। उनमें बचपन से ही साहित्यानुराग था। वे साहित्यिक पुस्तकें पढ़ते और काव्य रचना करते रहे। पहले तो उनके भाई उनकी काव्य रचना में बाधा डालते रहे, परंतु जब उन्होंने देखा कि प्रसाद जी का मन क...

जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद जन्म 30 जनवरी 1889 मृत्यु नवम्बर 15, 1937 ( 1937-11-15) (उम्र48) व्यवसाय जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी 1890- 14 नवंबर 1937) जयशंकर प्रसाद का जन्म माघ शुक्ल दशमी, संवत्‌ १९४६ वि॰ तदनुसार 30 जनवरी 1890 ई॰ दिन-गुरुवार) प्रसाद जी की प्रारंभिक घर के वातावरण के कारण ‘सावक पंचक’ सन १९०६ में भारतेंदु पत्रिका में कलाधर नाम से ही प्रकाशित हुई थी। वे नियमित रूप से गीता-पाठ करते थे, परंतु वे संस्कृत में गीता के पाठ मात्र को पर्याप्त न मानकर गीता के आशय को जीवन में धारण करना आवश्यक मानते थे। प्रसाद जी का पहला अनुक्रम • 1 लेखन-कार्य • 1.1 कविता • 1.2 कहानी • 1.3 उपन्यास • 1.4 नाटक • 1.4.1 रंगमंचीय अध्ययन • 2 प्रकाशित कृतियाँ • 2.1 काव्य • 2.2 कहानी-संग्रह एवं उपन्यास • 2.3 नाटक-एकांकी एवं निबन्ध • 2.4 रचना-समग्र • 3 सम्मान • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँजयशंकर प्रसाद: एक परिचय ('महाकवि प्रसाद फाउंडेशन' द्वारा प्रस्तुत वीडियो) लेखन-कार्य [ ] कविता [ ] प्रसाद ने प्रसाद जी ने जब लिखना शुरू किया उस समय भारतेन्दुयुगीन और द्विवेदीयुगीन काव्य-परंपराओं के अलावा श्रीधर पाठक की 'नयी चाल की कविताएँ भी थीं। उनके द्वारा किये गये अनुवादों 'एकान्तवासी योगी' और 'ऊजड़ग्राम' का नवशिक्षितों और पढ़े-लिखे प्रभु वर्ग में काफी मान था। प्रसाद के 'चित्राधार' में संकलित रचनाओं में इसके प्रभाव खोजे भी गये हैं और प्रमाणित भी किये जा सकते हैं। 1909 ई॰ में 'इन्दु' में उनका कविता संग्रह 'प्रेम-पथिक' प्रकाशित हुआ था। 'प्रेम-पथिक' पहले ब्रजभाषा में प्रकाशित हुआ था। बाद में इसका परिमार्जित और परिवर्धित संस्करण खड़ी बोली में नवंबर 1914 में 'प्रेम-पथ' नाम से और उसका अवशिष्ट अंश दिसंबर 1914 में 'च...

जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय एवं प्रमुख रचनाएं

जयशंकर प्रसाद (सन् 1890-1937 ई.) का जन्म माघ शुक्ल दशमी, संवत् 1946 वि. को वाराणसी के प्रसिद्ध तंबाकू के भारी व्यापारी सुंघनी साहू के पुत्र रूप में हुआ। जयशंकर प्रसाद के पिता शिवरतन साहू काशी के अति प्रतिष्ठित नागरिक थे। अवधि में सुंघनी सूंघने वाली तंबाकू को कहते हैं। यह परिवार अति उत्तम कोटि की तम्बाकू का निर्माण करता था इसीलिए नाम ही सुंघनी साहू पड़ गया। भरा-पूरा परिवार था। कोई भी धार्मिक अथवा विद्वान काशी में आता तो साहू जी उसकी अत्यधिक सेवा करते थे। दानी परिवार था। कवियों, गायकों तथा कलाकारों की गोष्ठियां उनके घर पर चलती रहती थीं। महादेव नाम से प्रसिद्ध थे। शैशवावस्था में ही खेलने की अनेक वस्तुओं में से लेखनी का चयन किया था। नौ वर्ष की अवस्था में कलाधर उपनाम से कविता रचकर अपने गुरू रसमय सिद्ध को दिखलाई। इनका परिवार शैव था। घर पर ही संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी तथा फारसी आदि भाषाओं के पढ़ने की व्यवस्था थी। बारह वर्ष की अवस्था में उनके पिता का स्वर्गवास हो गया। अग्रज शंभुरतन का ध्यान व्यवसाय की ओर अधिक न था। देवी प्रसाद की मृत्यु के बाद गृहकलह ने जन्म लिया। मकान बिक गया। कॉलेज की पढ़ाई छूट गई। आठवीं कक्षा तक ही पढ़ सके। उपनिषद्, पुराण, वेद एवं भारतीय दर्शन का अध्ययन घर पर चलता रहा। जयशंकर प्रसाद जी कसरत किया करते थे। दुकान बही पर बैठे-बैठे कविता लिखा करते थे। जयशंकरप्रसाद जी ने तीन विवाह किए थे। प्रथम पत्नी का क्षय रोग से तथा द्वितीय का प्रसूति के समय देहावसान हो गया था। तीसरी पत्नी से इन्हें रत्न शंकर नामक पुत्रा की प्राप्ति हुई। जीवन के अन्तिम दिनों में जयशंकर प्रसाद जी उदर रोग से ग्रस्त हो गए थे तथा इसी रोग ने कार्तिक शुक्ला देवोत्थान एकादशी, विक्रम संवत् 1994 को इस बहुमु...

जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय: Jaishankar Prasad Ka Jivan Parichay, Jaishankar Prasad Biography

Jaishankar Prasad Ka Jivan Parichay: जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय बायोग्राफी, जीवनी, निबंध,अनमोल विचार, राजनितिक विचार, जयंती, शिक्षा, धर्म, जाति, मृत्यु कब हुई थी, शायरी, आत्मकथा Jaishankar Prasad (Tulsidas Biography uotes, Biography in Hindi) Jaishankar Prasad ( Jeevan Parichay, Jayanti, Speech, History, University, Quotes, Caste, Religion) | Jaishankar Prasad ki jivani in Hindi | Jaishankar Prasad ki jivani in Hindi | jaishankar prasad ka jivan parichay aur unki rachnaye | aishankar Prasad Ka Jivan Parichay: आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय जो कि आपको बहुत ही आसान भाषा में समझ में आ जाएगा और आप जिस चीज का जानकारी लेने आए आपको सारी जानकारी इस आर्टिकल में मिल जाएगा तो इस आर्टिकल को आप पूरा जरूर पढ़ें प्रश्न पर क्लिक करें और उत्तर पर जाएं • • • • • • • • • • • • • • • • • • जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय: Jaishankar Prasad Ka Jivan Parichay Jaishankar Prasad Ka Jivan Parichay: नाम Name जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) जन्म Birth 30 जनवरी 1889, बनारस, उत्तर प्रदेश, भारत मृत्यु death 15 नवम्बर 1937, बनारस, उत्तर प्रदेश, भारत जीवनकाल Life span 47 वर्ष कहानियाँ Stories आंधी, आकाशदीप, चित्र मंदिर, संदेश, इंद्रजाल, प्रतिध्वनि, आदि। उपन्यास Novel तितली, कंकाल, इरावती, आदि। नाटक play स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, एक घूंट, जन्मजय का यज्ञ, राज्यश्री आदि। कविताएँ poems कानन कुसुम, आंसू, आत्मकथ्य, कामायनी, झरना आदि। प्रसिद्धि का कारण cause of fame लेखक, कवि, उपन्यासकार पिता father देवी प्रसाद साहू माता Mother —- जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय हिंदी में Jai...