जैव उर्वरक

  1. जैव उर्वरक : आधुनिक समय की आवश्यकता
  2. जैविक उर्वरक
  3. जैव उर्वरक क्या है यह कितने प्रकार के होते है इनके लाभ एवं प्रयोग की विधियां
  4. Guidelines for Registration of Bio
  5. Guidelines for Registration of Bio
  6. जैविक उर्वरक
  7. जैव उर्वरक : आधुनिक समय की आवश्यकता
  8. जैव उर्वरक क्या है यह कितने प्रकार के होते है इनके लाभ एवं प्रयोग की विधियां


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जैव उर्वरक : आधुनिक समय की आवश्यकता

• डॉ राजेंद्र कुमार , डॉ विनोद कुमार , • यामिनी टाक 18 मई 2021, भोपाल । जैव उर्वरक : आधुनिक समय की आवश्यकता– आधुनिक कृषि संकर बीज और उच्च उपज देने वाली किस्मों का उपयोग करने पर जोर देती है जो रासायनिक उर्वरकों और सिंचाई की बड़ी खुराक के लिए उत्तरदायी हैं। सिंथेटिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग ने मिट्टी और जल-नालियों के प्रदूषण और प्रदूषण को बढ़ावा दिया है। इससे मिट्टी को आवश्यक पौष्टिक पोषक तत्वों और कार्बनिक पदार्थों से वंचित किया गया है। इससे लाभदायक सूक्ष्म जीवों और कीड़ों का अप्रत्यक्ष रूप से मिट्टी की उर्वरता कम हो गई है और फसलों को बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। ऐसा अनुमान है कि 2020 तक, 321 मिलियन टन खाद्यान्न के लक्षित उत्पादन को प्राप्त करने के लिए, पोषक तत्वों की आवश्यकता 28.8 मिलियन टन होगी, जबकि उनकी उपलब्धता केवल 21.6 मिलियन टन होगी जो लगभग 7.2 मिलियन टन की कमी होगी, इस प्रकार घट रही है फीडस्टॉक/जीवाश्म ईंधन (ऊर्जा संकट) और उर्वरकों की बढ़ती लागत जो छोटे और सीमांत किसानों के लिए अपरिहार्य होगी, इस प्रकार पोषक तत्वों को हटाने और आपूर्ति के बीच व्यापक अंतर के कारण मिट्टी की उर्वरता के घटते स्तर को तेज करता है। रसायनिक उर्वरकों का उपयोग अब बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, क्योंकि हरित क्रांति ने मिट्टी की पारिस्थितिकी को गैर-मृदा बनाकर मिट्टी के स्वास्थ्य को कम कर दिया है, जो मिट्टी की सूक्ष्म वनस्पतियों और सूक्ष्म जीवों के लिए अपरिहार्य है जो मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और पौधों को कुछ आवश्यक और अपरिहार्य पोषक तत्व प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। बायोफर्टिलाइजऱ सूक्ष्मजीवों की एक या एक से अधिक प्रजातियां युक्त उत्पाद हैं जो जैविक प्रक्रियाओं जैसे नाइट्रोजन निर्धारण...

जैव

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) कृषि मंत्रालय ने उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) संशोधन नियम, 2021 की छठी अनुसूची के तहत जैव-उत्प्रेरक की विभिन्न श्रेणियों के पंजीकरण के लिए सक्षमता आंकड़े और परीक्षण रिपोर्ट जरूरी करने संबंधी मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। किसी भी जैव-उत्प्रेरक का उत्पादन या आयात करने वाले व्यक्ति के लिए यह अनिवार्य है कि वह ऐसे जैव-उत्प्रेरक को उर्वरक (अकार्बनिक, जैविक या मिश्रित) नियंत्रण (एफसीओ) संशोधन आदेश 2021 की अनुसूची छह के तहत सूचीबद्ध करे। इसे एफसीओ संशोधन आदेश भी कहा जाता है। भारत जैव-उत्प्रेरक के लिए अलग नियम तय करने वाले कुछ चुनिंदा देशों में से एक है। वर्ष 2021 में सरकार ने एफसीओ संशोधन आदेश के जरिये जैव-उत्प्रेरक विनियमन को अधिसूचित किया। इस आदेश के अनुसार, जैव-उत्प्रेरक को पहले पंजीकृत होना होगा और बाजार में आने से पहले प्रभावकारिता साबित करनी होगी। मंत्रालय के गत 12 जून को जारी मसौदा दिशानिर्देशों के मुताबिक, अंशधारकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जैव-उत्प्रेरक के पंजीकरण के लिए आवेदन के साथ जमा किया गया आंकड़ा प्रामाणिक, अनुकरणीय, उपयोग करने योग्य और अच्छी गुणवत्ता वाला हो। इस बार में संपूर्ण अध्ययन रिपोर्ट भी पेश की जानी चाहिए। जैव-उत्प्रेरक के पंजीकरण के लिए किए जाने वाले आवेदन में इस्तेमाल संबंधी आंकड़े और जानकारी शामिल होती है। इसके अलावा मनुष्यों और पर्यावरण के लिए जोखिम और उत्पाद की प्रभावकारिता का आकलन करने वाले आंकड़े भी देने होते हैं। विनिर्माताओं को रसायन विज्ञान, जैव-प्रभावकारिता परीक्षणों और विषाक्तता से संबंधित आंकड़े भी जमा करने जरूरी हैं। भाषा राजेश राजेश प्रेम प्रेम यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके क...

जैविक उर्वरक

टैग्स: • • • • • • प्रिलिम्स के लिये: जैविक खाद, मवेशी खाद, जैव उर्वरक, ठोस अपशिष्ट, बायोगैस। मेन्स के लिये: भारत में जैविक उर्वरकों की क्षमता। चर्चा में क्यों? आर्थिक सुधारों के पथ पर भारत की विकास गाथा ने देश को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना दिया है। सही नीतिगत हस्तक्षेप से भारत ‘जैविक उर्वरक’ उत्पादन का केंद्र बन सकता है। जैविक उर्वरक: • परिचय: • जैविक उर्वरक एक ऐसा उर्वरक है जो जैविक स्रोतों से प्राप्त होता है, जिसमें जैविक खाद, पशु खाद, मुर्गी पालन और घरेलू सीवेज शामिल हैं। • सरकारी नियमों के अनुसार, जैविक खाद को दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है: जैव उर्वरक और जैविक खाद। • जैव उर्वरक: • यह ठोस या तरल वाहकों से जुड़े जीवित सूक्ष्मजीवों से निर्मित हैं और कृषि योग्य भूमि के लिये उपयोगी होते हैं। ये सूक्ष्मजीव मृदा और/या फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं। • उदाहरण: राइजोबियम, एजोस्पिरिलियम, एजोटोबैक्टर, फॉस्फोबैक्टीरिया, नील हरित शैवाल (BGA), माइकोराइजा, एजोला। • जैविक खाद : • ‘जैविक खाद’ का तात्पर्य आंशिक रूप से विघटित कार्बनिक पदार्थ जैसे बायोगैस संयंत्र, खाद और वर्मीकम्पोस्ट से है। ये मृदा / फसलों को पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं तथा उपज में सुधार करते हैं। भारत में जैविक उर्वरकों की क्षमता: • नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का उपयोग: • भारत 150,000 टन से अधिक नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW) का उत्पादन करता है। • 80% की संग्रह क्षमता और MSW के जैविक भाग को 50% शामिल करते हुए भारत में उत्पन्न होने वाला कुल जैविक कचरा लगभग 65,000 टन प्रतिदिन है। • यहाँ तक कि इसका आधा हिस्सा बायोगैस उद्योग में लगा दिया जाए, सरकार जीवाश्मों और उर्वरकों के आयात मे...

जैव उर्वरक क्या है यह कितने प्रकार के होते है इनके लाभ एवं प्रयोग की विधियां

कुछ ऐसेजीवाणुओंको जो पौधों के साथ असहजीवी रूप में रहकर वायुमण्डलीय नत्रजन को मृदा में स्थिर करते है, जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) कहलाते है। मृदा मेंविटामिनअघुलनशीलफॉस्फोरसको घुलनशील रूप में परिवर्तित करने का कार्य करते हैं। जिससे मृदा में पौधों के लिएनत्रजनतथाफॉस्फोरसकी उपलब्धता बढ़ जाये। किसानों तक पहुँचाने के लिए किसी उपयुक्त माध्यम की आवश्यकता होती है। जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) तैयार करने के लिये कोयले के चूर्ण, लिग्नाइट मृदा तथारासायनिक पोषक तत्वोंकी निश्चित मात्रा को 10% पानी में नम करके मशीनों में अनावश्यक जीवाणुओं का हनन किया जाता है। इस प्रकार बने जीवाणु रहित माध्यम को 48 घण्टे तक ठण्डा करते है। जैव उर्वरक क्या है अर्थ एवं परिभाषा defination and meaning of bio fertilizer in hindi जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) जैव उर्वरक की परिभाषा (defination of bio fertilizer in hindi) फसलों के लिये उपयोगी जीवाणुओं को मिलाकर पैकेट बनाये जाते हैं जिन्हें जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi)कहते है। अब इन पैकेटों को उचित तापमान पर रखने पर लगभग एक सप्ताह में जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है। इन पैकेटों को किसानों में वितरित किया जाता है जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi)कोजैव कल्चर याजैव टीकेभी कहा जाता है। ये भी पढ़ें • • • जैव उर्वरक के नाम (Name of bio fertilizer in hindi) जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) के प्रमुख प्रकार - 1. माइक्रोफॉस जैव उर्वरक (Microfoss bio fertilizer) 2. एजोटोबैक्टर जैव उर्वरक (Azotobacter Bio Fertilizer) 3. राइजोबियम जैव उर्वरक (Rhizobium bio fertilizer) 4. नील हरित शैवाल जैव उर्वरक (Indigo Green Algae Bio Fertilize...

Guidelines for Registration of Bio

June 16, 2023सिक्किम के पेगोंग में अचानक आई बाढ़ से 3,000 पर्यटक फंसे, NH10 पर आवाजाही बंद June 16, 2023Biporjoy Cyclone: IMD ने राजस्थान में ऑरेंज अलर्ट जारी किया, भारी बारिश की आशंका, रेल यातायात प्रभावित June 16, 2023Indonesia Open: प्रणय, चिराग-सात्विक सेमीफाइनल में, श्रीकांत बाहर हुए June 16, 2023HDFC-HDFC Bank मर्जर: फंडों को घटाने होंगे 5,000 करोड़ रुपये के शेयर June 16, 2023वासुदेवन फिर से बन सकेंगे इक्विटास स्मॉल फाइनैंस बैंक के MD, CEO June 16, 20235 साल में 1 लाख करोड़ रुपये पहुंचेगा पतंजलि ग्रुप का कारोबार, बाबा रामदेव ने लॉन्च किए 14 प्रीमियम प्रोडक्ट्स June 16, 2023Aadhaar-PAN लिंक करने की आखिरी डेट आ रही करीब, चूके तो देने पड़ेंगे इतने पैसै June 16, 2023सोने की तरह चांदी पर भी लोन देने की उठी मांग, बैक RBI के पास पहुंचे June 16, 2023India’s forex reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में फिर गिरावट, 9 जून को समाप्त सप्ताह में घटकर 593.749 अरब डॉलर पर June 16, 2023Adipurush releases today: क्या रामायण आधारित मूवी से खत्म होगा PVR Inox के शेयर में गिरावट का वनवास ? • होम • बजट 2023 • अर्थव्यवस्था • बाजार • शेयर बाजार • म्युचुअल फंड • आईपीओ • समाचार • कंपनियां • स्टार्ट-अप • रियल एस्टेट • टेलीकॉम • तेल-गैस • एफएमसीजी • उद्योग • समाचार • पॉलिटिक्स • लेख • संपादकीय • आपका पैसा • भारत • उत्तर प्रदेश • महाराष्ट्र • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ • बिहार व झारखण्ड • राजस्थान • अन्य • मल्टीमीडिया • वीडियो • टेक-ऑटो • विविध • मनोरंजन • ट्रैवल-टूरिज्म • शिक्षा • स्वास्थ्य • अन्य • विशेष • आज का अखबार • ताजा खबरें • अंतरराष्ट्रीय • वित्त-बीमा • फिनटेक • बीमा • बैंक • बॉन्ड • समाचार • क...

Guidelines for Registration of Bio

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जैविक उर्वरक

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जैव

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) कृषि मंत्रालय ने उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) संशोधन नियम, 2021 की छठी अनुसूची के तहत जैव-उत्प्रेरक की विभिन्न श्रेणियों के पंजीकरण के लिए सक्षमता आंकड़े और परीक्षण रिपोर्ट जरूरी करने संबंधी मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। किसी भी जैव-उत्प्रेरक का उत्पादन या आयात करने वाले व्यक्ति के लिए यह अनिवार्य है कि वह ऐसे जैव-उत्प्रेरक को उर्वरक (अकार्बनिक, जैविक या मिश्रित) नियंत्रण (एफसीओ) संशोधन आदेश 2021 की अनुसूची छह के तहत सूचीबद्ध करे। इसे एफसीओ संशोधन आदेश भी कहा जाता है। भारत जैव-उत्प्रेरक के लिए अलग नियम तय करने वाले कुछ चुनिंदा देशों में से एक है। वर्ष 2021 में सरकार ने एफसीओ संशोधन आदेश के जरिये जैव-उत्प्रेरक विनियमन को अधिसूचित किया। इस आदेश के अनुसार, जैव-उत्प्रेरक को पहले पंजीकृत होना होगा और बाजार में आने से पहले प्रभावकारिता साबित करनी होगी। मंत्रालय के गत 12 जून को जारी मसौदा दिशानिर्देशों के मुताबिक, अंशधारकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जैव-उत्प्रेरक के पंजीकरण के लिए आवेदन के साथ जमा किया गया आंकड़ा प्रामाणिक, अनुकरणीय, उपयोग करने योग्य और अच्छी गुणवत्ता वाला हो। इस बार में संपूर्ण अध्ययन रिपोर्ट भी पेश की जानी चाहिए। जैव-उत्प्रेरक के पंजीकरण के लिए किए जाने वाले आवेदन में इस्तेमाल संबंधी आंकड़े और जानकारी शामिल होती है। इसके अलावा मनुष्यों और पर्यावरण के लिए जोखिम और उत्पाद की प्रभावकारिता का आकलन करने वाले आंकड़े भी देने होते हैं। विनिर्माताओं को रसायन विज्ञान, जैव-प्रभावकारिता परीक्षणों और विषाक्तता से संबंधित आंकड़े भी जमा करने जरूरी हैं। भाषा राजेश राजेश प्रेम प्रेम यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके क...

जैव उर्वरक : आधुनिक समय की आवश्यकता

• डॉ राजेंद्र कुमार , डॉ विनोद कुमार , • यामिनी टाक 18 मई 2021, भोपाल । जैव उर्वरक : आधुनिक समय की आवश्यकता– आधुनिक कृषि संकर बीज और उच्च उपज देने वाली किस्मों का उपयोग करने पर जोर देती है जो रासायनिक उर्वरकों और सिंचाई की बड़ी खुराक के लिए उत्तरदायी हैं। सिंथेटिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग ने मिट्टी और जल-नालियों के प्रदूषण और प्रदूषण को बढ़ावा दिया है। इससे मिट्टी को आवश्यक पौष्टिक पोषक तत्वों और कार्बनिक पदार्थों से वंचित किया गया है। इससे लाभदायक सूक्ष्म जीवों और कीड़ों का अप्रत्यक्ष रूप से मिट्टी की उर्वरता कम हो गई है और फसलों को बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। ऐसा अनुमान है कि 2020 तक, 321 मिलियन टन खाद्यान्न के लक्षित उत्पादन को प्राप्त करने के लिए, पोषक तत्वों की आवश्यकता 28.8 मिलियन टन होगी, जबकि उनकी उपलब्धता केवल 21.6 मिलियन टन होगी जो लगभग 7.2 मिलियन टन की कमी होगी, इस प्रकार घट रही है फीडस्टॉक/जीवाश्म ईंधन (ऊर्जा संकट) और उर्वरकों की बढ़ती लागत जो छोटे और सीमांत किसानों के लिए अपरिहार्य होगी, इस प्रकार पोषक तत्वों को हटाने और आपूर्ति के बीच व्यापक अंतर के कारण मिट्टी की उर्वरता के घटते स्तर को तेज करता है। रसायनिक उर्वरकों का उपयोग अब बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, क्योंकि हरित क्रांति ने मिट्टी की पारिस्थितिकी को गैर-मृदा बनाकर मिट्टी के स्वास्थ्य को कम कर दिया है, जो मिट्टी की सूक्ष्म वनस्पतियों और सूक्ष्म जीवों के लिए अपरिहार्य है जो मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और पौधों को कुछ आवश्यक और अपरिहार्य पोषक तत्व प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। बायोफर्टिलाइजऱ सूक्ष्मजीवों की एक या एक से अधिक प्रजातियां युक्त उत्पाद हैं जो जैविक प्रक्रियाओं जैसे नाइट्रोजन निर्धारण...

जैव उर्वरक क्या है यह कितने प्रकार के होते है इनके लाभ एवं प्रयोग की विधियां

कुछ ऐसेजीवाणुओंको जो पौधों के साथ असहजीवी रूप में रहकर वायुमण्डलीय नत्रजन को मृदा में स्थिर करते है, जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) कहलाते है। मृदा मेंविटामिनअघुलनशीलफॉस्फोरसको घुलनशील रूप में परिवर्तित करने का कार्य करते हैं। जिससे मृदा में पौधों के लिएनत्रजनतथाफॉस्फोरसकी उपलब्धता बढ़ जाये। किसानों तक पहुँचाने के लिए किसी उपयुक्त माध्यम की आवश्यकता होती है। जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) तैयार करने के लिये कोयले के चूर्ण, लिग्नाइट मृदा तथारासायनिक पोषक तत्वोंकी निश्चित मात्रा को 10% पानी में नम करके मशीनों में अनावश्यक जीवाणुओं का हनन किया जाता है। इस प्रकार बने जीवाणु रहित माध्यम को 48 घण्टे तक ठण्डा करते है। जैव उर्वरक क्या है अर्थ एवं परिभाषा defination and meaning of bio fertilizer in hindi जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) जैव उर्वरक की परिभाषा (defination of bio fertilizer in hindi) फसलों के लिये उपयोगी जीवाणुओं को मिलाकर पैकेट बनाये जाते हैं जिन्हें जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi)कहते है। अब इन पैकेटों को उचित तापमान पर रखने पर लगभग एक सप्ताह में जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है। इन पैकेटों को किसानों में वितरित किया जाता है जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi)कोजैव कल्चर याजैव टीकेभी कहा जाता है। ये भी पढ़ें • • • जैव उर्वरक के नाम (Name of bio fertilizer in hindi) जैव उर्वरक (bio fertilizer in hindi) के प्रमुख प्रकार - 1. माइक्रोफॉस जैव उर्वरक (Microfoss bio fertilizer) 2. एजोटोबैक्टर जैव उर्वरक (Azotobacter Bio Fertilizer) 3. राइजोबियम जैव उर्वरक (Rhizobium bio fertilizer) 4. नील हरित शैवाल जैव उर्वरक (Indigo Green Algae Bio Fertilize...