Jalvayu parivartan

  1. Jalvayu Parivartan :About
  2. जलवायु की परिभाषा, प्रकार और जलवायु परिवर्तन के कारण
  3. 30.जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण आपका मांसाहारी भोजन : स्वदेशी विचार यात्रा : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive


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Jalvayu Parivartan :About

About US Jalvayu Parivartan Consulting Engineers a Jalandhar based company is one of the fastest growing, leading company in the field of Water, Wastewater Management Solutions and Environmental Services.We provide single point solution of all Environmental Services. JPCE is one of the leading Environmental Engineering Consultancy which offering projects and services in the fields of Water, Wastewater, Air Pollution, Hazardous & Solid Waste Management,Consent to Establish,Consent to Operate, Environmental Clearance, Environmental Compliances, Environmental Monitoring, Environmental Impact Assessment, Hydro-geological Survey and other Environment & Architect Services. We are having Collaboration with NABL / MoEF & CC / NEBT / BSI / PPCB / RPCB / HSPCB / HPPCB approved Laboratory for sampling, monitoring, testing in the field of Civil, Mechanical, Chemical, Biological, Water Soil and Collection of baseline data for Environment Parameters(Ambient Air, DGS tack Emission, Noise Level, Drinking Water , Wastewater , Soil, Sludge as per CPCB norms Our Vision To provide “Complete Environmental Solutions from a single point”. We aim to be the most competitive and the most productive service organization in the world. Our Mission To provide towards sustainable environmental management and to provide healthy environment to live & to work. • To provide a working environment which is inspiring, challenging,safe and healthy for all employees. • We are dedicated to our vision and work pas...

जलवायु की परिभाषा, प्रकार और जलवायु परिवर्तन के कारण

जलवायु और मौसम की पहचान इनके तापमान, वर्षा और वाष्पीकरण के आधार पर किया जाता है। पूरी दुनिया के जलवायु का वर्गीकरण करने का सबसे पहला प्रयास यूनानीयों द्वारा किया गया था। हमारे देश में मानसूनी जलवायु पाई जाती है। मानसून शब्द की उत्पत्ति अरब भाषा के मौसमी शब्द से हुई है जिसका मतलब मौसम होता है। एशिया में मानसूनी हवाओं से प्रभावित क्षेत्रों को मानसून एशिया का नाम दिया गया है जिसमें अपना देश भारत भी आता है। जलवायु के प्रकार जलवायु के निम्नलिखित प्रकार होते है। 1. उष्णकटिबंधीय उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आर्द्र क्षेत्र शामिल हैं। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का औसत तापमान लगभग 65° रहता है। इन क्षेत्रों की वर्षा 50-60 इंच होती है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण एशिया शामिल हैं। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के पौधे और जानवर पाए जाते हैं। 2. ध्रुवीय जैसा कि नाम से पता चलता है ध्रुवीय क्षेत्र ठंडे और शुष्क होते हैं। दक्षिणी ध्रुव ध्रुवीय क्षेत्रों के महत्वपूर्ण उदाहरणों में से एक है। ऐसे क्षेत्रों में कोई पौधे नहीं उगते हैं और यहाँ बहुत कम जानवर पाए जाते हैं। जैसे :- ध्रुवीय भालू, व्हेल, पेंगुइन, आदि। 3. समशीतोष्ण इन क्षेत्रों में ठंडी सर्दियाँ और हल्की गर्मियाँ होती हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप इन क्षेत्रों के प्राथमिक उदाहरण हैं। यहाँ पाए जाने वाले पौधे मेपल, ओक, विलो आदि हैं और पाए जाने वाले जानवर पक्षी, खरगोश, गिलहरी आदि हैं। 4. शुष्क शुष्क क्षेत्र उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की तरह होते हैं, मतलब वह पूरे साल गर्म और आर्द्र रहते हैं। मध्य एशिया, ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी अफ्रीका शुष्क जल वायु का उदाहरण हैं। ऐसे क्षेत्रों में केवल झाड़ियाँ पाई ज...

30.जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण आपका मांसाहारी भोजन : स्वदेशी विचार यात्रा : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive

राजीव भाई ने अपने पूरे जीवन मे देश भर मे घूम-घूम कर 5000 से ज्यादा व्याख्यान दिये। सन 2005 तक वह भारत के पूर्व से पश्चिम , उत्तर से दक्षिण चार बार भ्रमण कर चुके थे । उन्होने विदेशी कंपनियो की नाक मे दम कर रखा था । भारत के राष्ट्रीय - विदेशी किसी भी मीडिया चैनल ने उनको दिखाने का साहस नहीं किया ।क्योकि वह देश से जुडे ऐसे मुद्दो पर बात करते थे की एक बार लोग सुन ले तो देश मे सन1857 से बडी क्रांति हो जाती हैं। वह ऐसे ओजस्वी वक्ता थे जिनकी वाणी पर माँ सरस्वती साक्षात निवास करती थी। जब वे बोलते थे तो स्रोता घण्टों मन्त्र-मुग्ध होकर उनको सुना करते थे । 30 नवम्बर 1967 को जन्मऔर 30 नवंबर 2010 को ही संसार छोडने वाले ज्ञान के महासागर भाईश्री राजीव दीक्षित जी आज केवल आवाज के रूप मे हम सबके बीच जिंदा है उनके जाने के बाद भी उनकी आवाज आज देश के लाखो करोडो लोगो का मार्गदर्शन कर रही है और भारत को भारत की मान्यताओं के आधार पर खडा करने आखिरी उम्मीद बनी हुई है ।