जगतगुरु रामानुजाचार्य

  1. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को मिली जगदगुरु रामानुजाचार्य की उपाधि
  2. After successfully completing Lakshmi Narayan Mahayagya farewell to Jagatguru Ramanujacharya Swami Sundar Raj Ji Maharaj
  3. JRRSU, Jaipur
  4. जगदगुरु श्रीधराचार्य बोले
  5. कौन थे जगतगुरु Ramanujacharya? अयोध्या में आज इनकी मूर्ति का अनावरण करेंगे CM योगी
  6. जगतगुरु संत रामानुजाचार्य की जयंती गई – Hind Chakra


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पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को मिली जगदगुरु रामानुजाचार्य की उपाधि

बिहार के पूर्व डीजीपी एवं बाबा हरिहर नाथ मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष गुप्तेश्वर पांडेय को जगदगुरु रामानुजाचार्य के पद पर आसीन होने पर सोनपुर में हर्ष का माहौल है। गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम के पीठाधीश्वर जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्यजी महाराज, बाबा हरिहर नाथ मंदिर के मुख्य अर्चक सुशील चंद्र शास्त्री तथा लोक सेवा आश्रम के संत विष्णु दास उदासीन उर्फ मोनी बाबा समेत विभिन्न धर्म आचार्यों ने उन्हें शुभकामना देते हुए कहा सनातन धर्म का प्रचार प्रसार देश विदेश में करेंगे। 10 जून को झारखंड के गढ़वा ज़िले के जतपुरा ग्राम में चातुर्मास के पवन अवसर पर श्री त्रिदंडी स्वामी जी के कृपा पात्र श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को श्री रामानुज संप्रदाय के जगद्गुरु के पद पर चादर ओढ़ाकर पदासीन किया। अब श्री पांडेय का नया वैष्णव नाम होगा - जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य आचार्य श्री गुप्तेश्वर जी महराज। श्री स्वामीजी ने जगद्गुरु आचार्य श्री गुप्तेश्वर महाराज को वैष्णव संप्रदाय के इस सर्वोच्च पद पर पदासीन कर संपूर्ण विश्व में धर्म प्रचार का निर्देश दिया है। अत्यंत सादे समारोह में ये कार्य संपन्न हुआ । चातुर्मास की समाप्ति के बाद अक्टूबर में गढ़वा ज़िले के जतपुरा गाँव में अखिल भारतीय संत सम्मेलन में देश भर के संतों के सानिध्य में पुनः इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि अभी जून जुलाई दो महीने तक जगद्गुरु आचार्य श्री गुप्तेश्वर जी महाराज गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के दौरे पर रहेंगे और अगस्त में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में रहेंगे। सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, सिडनी में आध्यात्मिक यात्रा समाप्त कर फ़िजी देश में वहाँ के लोगों ...

After successfully completing Lakshmi Narayan Mahayagya farewell to Jagatguru Ramanujacharya Swami Sundar Raj Ji Maharaj

पूर्वडीहा पंचायत के करमडीह गांव में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सफलतापूर्वक संपन्न के बाद गुरुवार को विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन कर जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी सुंदर राज जी महाराज को विदा किया। ग्रामीणों ने बताया कि स्वामी सुंदर राज जी महाराज के चातुर्मास्य संकल्प के समापन के अवसर पर108 कुंडीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का भव्यआयोजन किया गया था। इसमे 18 अक्टूबर से भागवत पुराण, श्रीराम कथा एवं वेद शास्त्रों पर आधारित प्रवचन हुआ। इस महायज्ञ में देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों से धर्माचार्यों ने शामिल होकर श्रद्धालुओं को भगवान की अमृतमयी पावन कथा का रसपान कराया। 25 अक्टूबर को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति एवं साधु संतों की विदाई हुई थी। जगतगुरु स्वामी सुंदर राज ने महायज्ञ को सफल बनाने में तन मन धन से सहयोग करने एवं महायज्ञ में भाग लेने वाले लोगों के सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया। विदाई समारोह में महायज्ञ समिति के अध्यक्ष रामराज दुबे, महासचिव अरुण दुबे, कोषाध्यक्ष लालमोहन दुबे, जितेंद्र दुबे, गुप्तेश्वर दुबे, अगस्त द्विवेदी, आसनारायन दुबे, डॉ. कृष्ण मणि दुबे, भोला दुबे, सुरेश राम आदि मौजूद थे।

JRRSU, Jaipur

New Page 1 New Page 1 Jagadguru Ramanandacharya Rajasthan Sanskrit University Village Madau, Post Bhankrota, Jaipur-302026 Email : [email protected] स्थापनादिवस - 06 फरवरी 2001 Link for On-line Exam Hon'ble Prime Minister Address on the Occasion of National Technology Day Advertisement for the Post of Vice-Chancellor of Gujarat University, Ahmedabad (Shri Kalraj Mishra ) (Hon'ble Chancellor ) (Hon'ble Governor, Govt. of Rajasthan) Prof. Ram Sewak Dubey (Hon'ble Vice Chancellor ) New New Portal for Rajbhawan, Jaipur Developed by JRRSU Nodal officer : Dr. Shashi Kumar Sharma Designed by Kuldeep Tiwari Best view at 1024x768 Last Updated on : 16/06/2023

जगदगुरु श्रीधराचार्य बोले

जगदगुरु श्रीधराचार्य बोले- भरत जैसे भाई का प्रेम हो तो कलियुग में भी आनंद | Jagadguru Shridharacharya said; If there is love for a brother like Bharat then there will be bliss in Kali Yuga.ayodhya. Asharfi Bhawan. Jagadguru Ramanujachary Swami Shreedharachary. Dm Ayodhya. UP tourism - Dainik Bhaskar अशर्फी भवन में श्रीराम कथा जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य ने कहा कि भगवान श्री म के वन जाने के बाद सभी अयोध्यावासियों की स्थिति दयनीय हो गई। प्रभु राम के जाने के बाद अयोध्या की अमन शांति ही चली गई। सभी अयोध्या वासी प्रभु राम के वियोग में रोने लगे।प्राणों से प्रिय पुत्र राम के वियोग में महाराज दशरथ ने तड़प तड़प कर अपने प्राणों की आहुति दे दी। आज वही अयोध्या भगवान राम के वियोग में रो रही है भगवान श्री राम केवट की नाव में बैठकर नदी पार कर वन की ओर चले जाते हैं। सुमंत जी अयोध्या वापस लौट कर आते हैं। वे महाराज दशरथ से सभी समाचार बताते है तो महाराज दशरथ पुत्र वियोग में रुदन करने लगते हैं। जिस अयोध्या में प्रतिदिन उत्सव का आयोजन होता था आज वही अयोध्या भगवान राम के वियोग में रो रही है। यज्ञोपवीत संस्कार देते जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य भरत जी दुखी हो जाते हैं और अपने को धिक्कारने लगते हैं अयोध्या पर आए इस असहनीय संकट को देखकर गुरु वशिष्ठ जी ने भरत को अयोध्या बुलाया है।भरत जी जैसे ही अयोध्या आए वे इस असहनीय संकट को देख कर के दुखित हो गए। अपनी मां के महल में गए केकई के चरणों में प्रणाम किया। मां के कई की स्वार्थपूर्ण वाणी को सुनकर भरत जी दुखी हो जाते हैं और अपने को धिक्कारने लगते हैं। भरत जी कहते हैं यदि मेरा जन्म ना होता तो पिताजी के प्राणों से अधिक प्रिय भाई रा...

कौन थे जगतगुरु Ramanujacharya? अयोध्या में आज इनकी मूर्ति का अनावरण करेंगे CM योगी

डीएनए हिंदीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanth) आज अयोध्या (Ayodhya) के दौरे पर हैं. वह महान संत जगतगुरू रामानुजाचार्य (Ramanujacharya) की मूर्ति का अनावरण करेंगे. यह प्रतिमा लगभग चार फीट लंबी होगी. इस मूर्ति को राम जन्मभूमि से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित दक्षिण भारत की शैली पर बने मंदिर 120 साल पुराने राधा कृष्ण मंदिर (अम्मा जी) में स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा वह श्री राम मंत्रार्थ मंडपम के रजत जयंती कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. सीएम योगी अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम की तैयारी की भी समीक्षा करेंगे. बता दें कि पिछले दिनों सीएम योगी ने अधोध्या में लता मंगेश्कर चौक का भी उद्घाटन किया था. कौन थे रामानुजाचार्य? रामानुजाचार्य का जन्म तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 1017 में हुआ था. रामानुजाचार्य एक वैदिक दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में प्रसिद्ध हैं. उन्होंने देशभर में घूम- घूमकर समानता और सामाजिक न्याय पर जोर दिया. रामानुजाचार्य ने भक्ति आंदोलन को पुनर्जीवित किया और उनके उपदेशों ने अन्य भक्ति विचारधाराओं को प्रेरित किया. उन्हें अन्नामाचार्य, भक्त रामदास, त्यागराज, कबीर और मीराबाई जैसे कवियों के लिए प्रेरणा माना जाता है. ये भी पढ़ेंः लक्ष्मण का माने जाते हैं अवतार रामानुजाचार्य को लक्ष्मण का अवतार माना जाता है. कलयुग में रामानुजाचार्य जी के रूप में लक्ष्मण ने अवतार लिया था. रामानुजाचार्य आलवन्दार यामुनाचार्य के प्रधान शिष्य थे. गुरु की इच्छानुसार रामानुज ने उनसे तीन काम करने का संकल्प लिया था- ब्रह्मसूत्र, विष्णु सहस्रनाम और दिव्य प्रबंधनम की टीका लिखना. रामानुजाचार्य ने गृहस्थ आश्रम त्यागकर श्रीरंगम के यदिराज संन्यासी से संन्यास की दीक्षा ली. ...

जगतगुरु संत रामानुजाचार्य की जयंती गई – Hind Chakra

दरभंगा, दिनांक: 18 मई 2021:: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को जगतगुरु संत रामानुजाचार्य की जयंती सिद्ध विद्यापीठ गलमाधाम में मनाई गई। रामानुजाचार्य ने वेदान्त दर्शन पर आधारित अपना नया दर्शन विशिष्ट अद्वैत वेदान्त लिखा था। रामानुजाचार्य ने वेदान्त के अलावा सातवीं-दसवीं शताब्दी के रहस्यवादी एवं भक्तिमार्गी आलवार सन्तों के भक्ति-दर्शन तथा दक्षिण के पंचरात्र परम्परा को अपने विचारों का आधार बनाया। उन्होंने यूँ तो कई ग्रन्थों की रचना की किन्तु ब्रह्मसूत्र के भाष्य पर लिखे उनके दो मूल ग्रन्थ सर्वाधिक लोकप्रिय हुए- श्रीभाष्यम् एवं वेदान्त संग्रहम्।। रामानुजाचार्य के अनुसार, भक्ति का अर्थ पूजा-पाठ या कीर्तन-भजन नहीं बल्कि ध्यान करना या ईश्वर की प्रार्थना करना है, ऐसे भगवतपाद् जगतगुरु रामानुजाचार्य के जयंती के सुअवसर पर सिद्ध विद्यापीठ गलमाधाम में पंडित जीवेश्वर मिश्र सहित प्रेमीगण ब्रम्हाशस्त्र धारिणी महामारी नाशिनी माँ पिताम्बरा श्री बंग्लामुखी भगवती का हवन, एवं श्री बटुकभैरव आपद्दुधारक मंत्र से हवन एवं महादेव के महामृत्युंजय मंत्र से हवन कर रहे हैं ये हवन अमावस्या से लेकर वैशाख पूर्णिमा तक करोना महामारी के संकट को समाप्त करने के लिए तथा लोगों के कल्याण हेतु ( 11 मई से लेकर 26 मई तक) ये हवन निरंतर चल रहा है तथा अष्ट दिवस कि अग्नि का दर्शन और अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास किया गया।