जलवायु परिवर्तन के कारण एवं परिणाम

  1. जलवायु परिवर्तन के सम्भावित परिणाम
  2. हिन्दी निबंध : जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारण
  3. [Solved] जलवायु परिवर्तन के निम्न के लिए गम्भीर परिणा�
  4. जलवायु परिवर्तन: आर्थिक विकास की राह में रुकावट
  5. जलवायु परिवर्तन के कारण और प्रभाव: Climate Change in Hindi
  6. जलवायु जोखिमों से शान्ति व सुरक्षा के लिए ख़तरा, यूएन मिशन के लिए बढ़ी चुनौतियाँ


Download: जलवायु परिवर्तन के कारण एवं परिणाम
Size: 36.54 MB

जलवायु परिवर्तन के सम्भावित परिणाम

कार्बन डाइआॅक्साइड सबसे प्रमुख हरितगृह गैस है जो आमतौर से जीवाश्म ईंधनों के जलने से उत्सर्जित होती है। यह गैस वातावरण में 0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रही है तथा इसकी तापवृद्धि क्षमता 1 है। जैव ईंधनों के जलने से प्रतिवर्ष 5 करोड़ टन से भी ज्यादा कार्बन डाइआॅक्साइड का जुड़ाव वातावरण में होता है जिसमें से 90 प्रतिशत से भी ज्यादा की उत्पत्ति उत्तरी तथा मध्य अमरीका, एशिया, यूरोप तथा मध्य एशियाई गणतन्त्रों से होती है। जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण वैश्विक उष्णता है जो हरितगृह (ग्रीनहाउस) प्रभाव का परिणाम है। हरितगृह प्रभाव वह प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी से टकराकर लौटने वाली सूरज की किरणों को वातावरण में उपस्थित कुछ गैसें अवशोषित कर लेती हैं। परिणामस्वरूप पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है। कार्बन डाइआॅक्साइड, मिथेन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, नाइट्रस आॅक्साइड तथा क्षोभमण्डलीय ओजोन मुख्य गैसें हैं जो हरितगृह प्रभाव की कारक हैं। वातावरण में इनकी निरन्तर बढ़ती मात्रा से वैश्विक जलवायु परिवर्तन का खतरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। पृथ्वी के सतह का औसत तापमान कोई 15 डिग्री सेल्सियस है। हरितगृह प्रभाव के न होने पर जो तापमान होता, यह उससे तकरीबन 33 डिग्री सेल्सियस अधिक है। इन गैसों के अभाव में पृथ्वी सतह का अधिकांश भाग -18 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान पर जमा हुआ होता। अतः इन गैसों की एक सीमा के भीतर पृथ्वी के वातावरण में उपस्थिति जीवन के लिए अनिवार्य है। जलवायु परिवर्तन नगरीकरण, औद्योगीकरण, कोयले पर आधारित विद्युत तापगृह, तकनीकी तथा परिवहन क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन, कोयला खनन, मानव जीवन के रहन-सहन में परिवर्तन (विलासितापूर्ण जीवनशैली के कारण एयर कण्डीशनर, रेफ्रिजरेटर, परफ्यूम आदि का ...

हिन्दी निबंध : जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारण

वह गैसें जो हरित गृह प्रभाव के लिए उत्तरदायी हैं को हरितगृह गैस के नाम से जाना जाता है। कार्बन डाईऑक्साइड(सीओ2), मीथेन (सीएच4), क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स (सीएफसीज), नाइट्रस ऑक्साइड (एन2ओ) तथा क्षोभमण्डलीय ओजोन(ओ3) मुख्य हरित गृह गैसें हैं जो हरित गृह प्रभाव के लिए उत्तरदायी हैं। विभिन्न कारणों से वातावरण में इनकी निरन्तर बढ़ती मात्रा से वैश्विक जलवायु परिवर्तन का खतरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। पृथ्वी के सतह का औसत तापमान लगभग 15 डिग्री सेल्सियस है। यह तापमान हरित गृह प्रभाव के न होने पर जो तापमान होता उससे तकरीबन 33डिग्री सेल्सियस अधिक है। हरित गृह गैसों के अभाव में पृथ्वी सतह का अधिकांश भाग -18डिग्री सेल्सियस के औसत वायु तापमान पर जमा हुआ होता। अतः हरित गृह गैसों का एक सीमा में पृथ्वी के वातावरण में उपस्थिति जीवन के उद्भव, विकास एवं निवास हेतु अनिवार्य है। जलवायु परिवर्तन के अन्य कारण: नगरीकरण, औद्योगीकरण, कोयले पर आधारित विद्युत तापगृह, तकनीकी तथा परिवहन क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन, कोयला खनन, मानव जीवन के रहन-सहन में परिवर्तन (विलासितापूर्ण जीवनशैली के कारण रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीश्नर तथा परफ्यूम का वृहद पैमाने पर उपयोग), धान की खेती के क्षेत्रफल में अभूतपूर्व विस्तार, शाकभक्षी पशुओं की जनसंख्या में वृद्धि, आधुनिक कृषि में रासायनिक खादों का अंधाधुंध प्रयोग आदि कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जो हरित गृह गैसों के वातावरण में उत्सर्जन के लिए उत्तरदायी हैं। पिता के महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए हर साल विश्वभर में फादर्स डे (father's day) मनाया जाता है। इस साल फादर्स डे 14 जून को मनाया जाएगा। अगर आपने अभी तक अपने पिता के लिए कोई भी गिफ्ट नहीं लिया है तो आप इन लास्ट मिनट गिफ्ट आईडिया ...

[Solved] जलवायु परिवर्तन के निम्न के लिए गम्भीर परिणा�

• जलवायु परिवर्तन का अर्थ है किसी क्षेत्र में समय की लंबी अवधि के लिए औसत स्थितियों जैसे कि तापमान, पानी बरसने में परिवर्तन। • पेड़ों को काटना जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारण है। पेड़ ग्रीनहाउस गैसों को सोखते हैं जो ग्लोबल वार्मिंग की मुख्या वजह हैं। कम पेड़ होने का अर्थ होगा वातावरण में अधिक ग्रीनहाउस गैसों का होना और इससे ग्लोबल वार्मिंग की उग्रता भी बढ़ जाएगी। • वैश्विक जलवायु परिवर्तन का अर्थ है सम्पूर्ण पृथ्वी पर औसत दीर्घकालिक परिवर्तन। ​ निम्न के लिए जलवायु परिवर्तन के गम्भीर परिणाम हो सकते हैं : • बढ़ते हुए तापमान की वजह से वाष्पीकरण होने, वर्षा के पैटर्न में बदलाव और बर्फ के बारिश की तरह तेज़ी से गिरने से पानी की सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है।तापमान बढ़ने से बर्फ की चादरों और हिमनद के पिघलने से पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। • एक गर्म जलवायु में वाष्पीकरण की दर बढ़ जाएगी जिससे सिंचाई वाली फसलों को और अधिक पानी की ज़रुरत पड़ेगी। इससे कुछ क्षेत्रों में सहभागिता कम हो जाएगी और पानी की माँग और खाद्य सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी। • समुद्र तल का बाधा हुआ स्तर समुद्री किनारों के आकार को बदल देता है जिससे बाढ़ और भूमि के नीचे समुद्री हस्तक्षेप में बढ़ोतरी होती है। इसलिए, विकल्प1 सही उत्तर है। उपरोक्त परिणाम प्राथमिक प्रकृति के होते हैं। हालाँकि, जलवायु परिवर्तन के अन्य परिणाम भी होते हैं जिनका अप्रत्यक्ष प्रभाव होता है : • जलवायु परिवर्तन उच्च तीव्रता वाली वर्षा की घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति के कारण मिटटी में नमी और पोषक को प्रभावित कर सकते हैं। • जलवायु परिवर्तन जल और वायु के प्रदूषण को बढ़ाता है जिसकी वजह से दीर्घकालिक श्वास सम्बन्धी बीमारियाँ ही सकती हैं, जैसे कि अस्थमा। जलवायु परिवर्तन ई...

जलवायु परिवर्तन: आर्थिक विकास की राह में रुकावट

यह एडिटोरियल 27/08/2022 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “Inclusion of climate change in policy is crucial for a strong economy” लेख पर आधारित है। इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में चर्चा की गई है। संदर्भ इस बात पर वैश्विक सहमति बढ़ती जा रही है कि जलवायु परिवर्तन दुनिया भर के देशों के विकास प्रक्षेपवक्र पर दबाव उत्पन्न कर रहा है, जिसके प्रकट आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव नज़र आ रहे हैं। • विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वैश्विक जोखिम रिपोर्ट (Global Risks Report, 2020) के अनुसार अगले दशक में शीर्ष 5 जोखिमों में से सभी जलवायु से संबंधित हो सकते हैं। इन जोखिमों में मानवजनित पर्यावरणीय आपदाएँ, जलवायु कार्रवाई विफलता, प्राकृतिक आपदाएँ, जैव विविधता हानि और चरम मौसमी घटनाएँ शामिल हैं। • वर्ष 2018 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार विलियम डी. नॉर्डहॉस और पॉल रोमर को जलवायु परिवर्तन को दीर्घकालिक व्यापक आर्थिक विश्लेषण में एकीकृत करने के लिये प्रदान किया गया था। • जबकि पूरा विश्व ही जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहा है, भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ इसके प्रति विशेष रूप से भेद्य/संवेदनशील हैं। इस प्रकार, एक भौतिक पहलू के रूप में जलवायु जोखिम भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय स्तर की नीतियों, व्यावसायिक रणनीतियों और वित्त के पुनर्विन्यास को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। जलवायु परिवर्तन क्या है? • जलवायु परिवर्तन तापमान और मौसम के पैटर्न में दीर्घकालिक परिवर्तन को संदर्भित करता है। ये परिवर्तन प्राकृतिक हो सकते हैं, जैसे सौर चक्र में बदलाव के माध्यम से। • लेकिन 1800 के दशक से मानव गतिविधियाँ जलवायु परि...

जलवायु परिवर्तन के कारण और प्रभाव: Climate Change in Hindi

जलवायुकामतलबहोताहैकिसीविशेषक्षेत्रमेंकाफ़ीलम्बेसमयतकरहनेवालाऔसतमौसम।औरजबउसविशेषक्षेत्रकेऔसतमौसममेंबदलावआताहै, तोउसेजलवायुपरिवर्तनकहतेहैं।अंग्रेज़ीमेंजलवायुपरिवर्तनको climate changeकहाजाताहै।वर्तमानसमयमेंजलवायुपरिवर्तनएकवैश्विकसमस्याबनगईहैजिसकेदुष्परिणामधीरे-धीरेपूरीदुनियाकेसामनेआरहेहैं।आइएजानतेहैंकि जलवायुपरिवर्तनकेकारणऔरप्रभावक्या-क्याहैं? जलवायुपरिवर्तनकेप्राकृतिककारण • महासागरीयधाराएँ:महासागरजलवायुव्यवस्थाकेमहत्त्वपूर्णघटकहोतेहैं।येपृथ्वीकेलगभग 71% भागपरफैलेहैं।वायुमण्डलअथवापृथ्वीद्वारासूर्यकेविकिरणकाजितनाअवशोषणकियाजाताहै, येउससेदोगुनाअवशोषितकरतेहैं।यहीकारणहैकिजलवायुकेनिर्धारणमेंइनकामहत्त्वपूर्णयोगदानहोताहै।समय-समयपरमहासागरअपनातापवायुमण्डलमेंछोड़ताहै, जिससेजलवायुप्रभावितहोतीहै।अत्यधिकतापजलवाष्पकेरूपमेंपृथ्वीपरग्रीनहाउसगैसकेप्रभावकोबढ़ाताहै।इसप्रकारमहासागरीयधाराएँभीजलवायुकोप्रभावितकरनेमेंयोगदानदेतीहैं। • महाद्वीपीयपृथक्करण:महाद्वीपोंकानिर्माणतबहुआथाजबलाखोंवर्षपूर्वधरतीकाएकबड़ाहिस्साधीरे-धीरेपृथक्होनाशुरूहुआ।इसअलगावकाजलवायुपरभीप्रभावपड़ा, क्योंकिइसनेधरती, उसकीअवस्थितितथाजलमण्डलोंकीभौतिकविशेषताओंकोपरिवर्तितकरदिया।धरतीकेविखण्डननेमहासागरीयधाराओंतथापवनोंकेप्रवाहकोभीपरिवर्तितकरदिया, जिसकाप्रभावजलवायुपरपड़रहाहै।महाद्वीपोंकायहपृथक्करणआजभीजारीहैऔरजलवायुपरिवर्तनकोऔरगतिशीलबनारहाहै। • ज्वालामुखी:ज्वालामुखीविस्फोटसेकाफीमात्रामेंसल्फरडाइऑक्साइड (SO), सल्फरट्राइऑक्साइड (SO3), क्लोरीन (Cl 2), जलवाष्प, धूलकणतथाराखवायुमण्डलमेंबिखरकरफैलजातेहैं।यद्यपिज्वालामुखीगतिविधियाँकुछदिनोंकीहीहोतीहैं, लेकिनउससेभारीमात्रामेंनिकलनेवालीगैसेंतथाराखकईवर्षोंतकजलवायुपैटर्नकोप्रभावितकरतेहैं। • मीथेनगैस (CH 4)...

जलवायु जोखिमों से शान्ति व सुरक्षा के लिए ख़तरा, यूएन मिशन के लिए बढ़ी चुनौतियाँ

Lacroix_UN इस पृष्ठभूमि में, यूएन मिशन अपने कार्बन पदचिन्हों को घटाने के लिए क़दम उठा रहे हैं ताकि उनसे उपज रहे दुष्परिणामों से निपटा जा सके. अवर महासचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, शान्ति एवं सुरक्षा के बीच बढ़ते सम्बन्ध, और यूएन मिशन वाले क्षेत्रों में आ रहे वृहद बदलावों के मद्देनज़र, हमें आवश्यकता के अनुरूप ढलना होगा. ज्याँ-पियेर लाक्रोआ ने ध्यान दिलाया कि जलवायु परिवर्तन पर अन्तरसरकारी आयोग ( वर्ष 2023 में यह दूसरी बार है जब इन रुझानों पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद में दूसरी औपचारिक बैठक आयोजित की गई है. बैठक के दौरान कोलम्बिया के पूर्व राष्ट्रपति और नोबेल पुरस्कार विजेता ह्वान मैनुएल सांटोस समेत 70 से अधिक वक्ताओं ने जलवायु परिवर्तन और बदतर हो रही सुरक्षा व्यवस्था पर विचारों का आदान-प्रदान किया. जलवायु एवं सुरक्षा अवर महासचिव लाक्रोआ ने मौजूदा प्रयासों की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि अतीत के कुछ वर्षों में, संयुक्त राष्ट्र के अधिकांश शान्ति अभियानों को पहले से कहीं अधिक ख़तरों और राजनैतिक चुनौतियों से जूझना पड़ा है. “सीमा-पार चुनौतियाँ, पर्यावरणीय क्षरण, और जलवायु परिवर्तन के कारण गहन होती जा रही चरम मौसम घटनाएँ, शासनादेश (mandate) को लागू कर पाने की हमारी सामर्थ्य के समक्ष चुनौती पेश कर रही है.” “हम नाज़ुक हालात का सामना कर रहे सदस्य देशों और जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहे [देशों] के बीच एक मज़बूत पारस्परिक सम्बन्ध को देखते हैं.” बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से 16 देश सबसे संवेदनशील हैं, उनमें से 9 देशों में संयुक्त राष्ट्र फ़ील्ड मिशन सेवारत हैं: अफ़ग़ानिस्तान, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, हेती, माली, सोमालिया, सूडान, दक्षिण सूडान...