कान के नीचे दर्द होना

  1. सिर की नसों में दर्द के लक्षण, कारण, इलाज, दवा
  2. कान के पीछे गांठ
  3. नसों में होने वाले दर्द का इलाज़ करें
  4. आंख, कान और दांतों के दर्द के हर रोग का इलाज, लक्षण और कारण
  5. बहरेपन के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
  6. कान में दर्द के कारण और घरेलू इलाज (Ear Pain treatment in Hindi)
  7. कान के नीचे कट जाने से हैं परेशान, इन बातों का रखें ध्यान
  8. कान की सूजन (ओटिटिस मीडिया)
  9. कान के नीचे दर्द होना Archives


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सिर की नसों में दर्द के लक्षण, कारण, इलाज, दवा

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कान के पीछे गांठ

प्रकट, पहले से पता लगाने योग्य, दर्द रहित गेंद के रूप में सील या तालु के दौरान सिर के पीछे कान के पीछे दर्दनाक गांठ खुद को अलग-अलग तरीकों से प्रकट कर सकती है - दबाव के साथ त्वचा के नीचे या आसपास के ऊतकों के साथ एक तंग आसंजन के रूप में महसूस किया जाता है एडिमा या कान के पीछे सूजन। अगर कान के पीछे धक्कों दिखाई दे तो क्या करें, मुझे किस डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, कैसे और क्या इलाज करना चाहिए? पहचान की समस्या एक वयस्क और एक बच्चे में, ऐसी शिक्षा की घटना के कारण हो सकते हैं: • एक सूजन प्रकृति की पीड़ादायक त्वचा, • वसामय ग्रंथि के मार्ग की रुकावट, • लार ग्रंथियों की सूजन और सूजन, • ट्यूमर जैसी त्वचा और हड्डियों के रोग, • अभिघातजन्य के बाद के परिवर्तन। समस्या यह है कि लोग एक ही अभिव्यक्ति का अलग-अलग शब्दों में और मनमाने ढंग से वर्णन करते हैं: "यह कान के पीछे या नीचे सूज गया है और दर्द होता है, कुछ सख्त गांठ दिखाई दी है, बाहर निकल गया, बाहर कूद गया, कूद गया - यह क्या है, डॉक्टर?" इसके अलावा, इस मामले में, जब स्थानीयकरण को "अंडर" के बारे में कहा जाता है, तो उनका अर्थ अक्सर स्थान और "पीछे" होता है, और लगभग सिर के पीछे प्लेसमेंट होता है। चूंकि विभिन्न लिम्फ नोड्स टखने के आसपास स्थित होते हैं - पीछे के कान, पश्चकपाल, पैरोटिड (लोब के पास), मौखिक विवरण का कार्य "गांठ" या ट्यूमर के स्थान को निर्दिष्ट करना है। उसी समय, यदि कान (कान) के पीछे या नीचे एक छोटा सा गांठ (गांठ) दिखाई दिया या "उछला", "बाहर निकल गया", "सूजन", जिसे दबाने पर दर्द होता है, आदि, कोशिश करने की सलाह दी जाती है डॉक्टर को सीधी परीक्षा आयोजित करने का अवसर दें। रोगी की स्थिति का आकलन करने में शामिल होने वाले विशेषज्ञों मे...

नसों में होने वाले दर्द का इलाज़ करें

गर्दन, पीठ, हाथ या शरीर के किसी अन्य हिस्से की नस के दबने से होने वाला दर्द थोडा पीड़ादायक होता है | इससे आपके रोज़मर्रा के कामों में भी बाधा आ सकती है | जब चारों ओर उपस्थित ऊतक जैसे हड्डियाँ, कार्टिलेज, टेंडॉन्स या मांसपेशियां, नस को असामान्य रूप से दबाती हैं या फंस जाती हैं तब नस दबने पर दर्द होता है | चाहे आप खुद इसका इलाज घर पर करें या डॉक्टर की मदद लें, लेकिन नसों में होने वाले दर्द का इलाज़ करने की जानकारी आपको पूरी तरह से ठीक होने और दर्द का सामना करने में मदद करेगी | X Mayo Clinic • दबी हुई नस को जितना हो सके दबाना या मोड़ना टालें। • ज्यादा से ज्यादा आराम करें। • जितना हो सके ब्रेस (brace) या स्पलिंट (splint) की मदद से नस को एक जगह पर स्थिर रखें। • सूजन कम करने के लिए बर्फ और गर्म चीज़ों से बारी बारी से मालिश करें। • आराम पाने के लिए हलकी मसाज करें लेकिन ज्यादा दबाव न डालें। • कोई एक दर्द निवारक दवा (NSAID) जैसे ब्रूफेन (ibuprofen) लें। नस दबने की या नसों में होने वाले दर्द की पहचान करें: जब कोई नस किसी प्रकार से क्षतिग्रस्त हो जाती है और अपने पूरे सिग्नल भेजने में असमर्थ हो जाती है तब नस में दर्द होता है | यह नस के दबने के कारण होता है जो हर्नियेटेड डिस्क, आर्थराइटिस या बोन स्पर (bone spur) के कारण हो सकता है | चोट लगने, गलत तरीके के पोस्चर से, बार-बार की गतिविधियों से, खेल और मोटापे जैसी स्थितियों और गतिविधियों से भी नसों में दर्द हो सकता है | पूरे शरीर में किसी भी जगह की नस दबाने से पीड़ा हो सकती है लेकिन ये आमतौर पर रीढ़ (स्पाइन), गर्दन, कलाई और कोहनियों में पाई जाती है | • इन स्थितियों के कारण सूजन आ जाती है जो आपकी नसों को संकुचित कर देती है और इससे नस दबने स...

आंख, कान और दांतों के दर्द के हर रोग का इलाज, लक्षण और कारण

आंख हमारे शरीर का वो अंग है जो काफी ज़्यादा नाज़ुक और महत्वपूर्ण है। ऐसे में अगर इनमें किसी प्रकार की समस्या आ जाए तो जीवन व्यतीत करने में काफी दिक्कते आने लगती हैं। आंखों का कमज़ोर होना उन समस्याओं में से एक है। कानों की बात करें तों इनका कार्य हमारे इर्द गिर्द हो रही गतिविधियों की आवाज़ को हम तक पहुंचाना है। ऐसे में कभी न कभी कानों से जुड़ी दिक्कत हर किसी को हो ही जाती है लेकिन काने से जुड़ी छोटी सी भी समस्या भी हमारे रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बहुत परेशानियां ले आती हैं। दांतों की परेशानियों की बात करें तो इनमें पीलापन आना, दांतों में कीड़ा लगना, दांतों का टेढ़ा होना, मसूड़ों में दर्द होना। ऐसी कई प्रकार की समस्याएं हमारे दांतों में होती है। ऐसे में अगर आपको आंख, कान और दांत की किसी भी प्रकार का सामना करना पड़ रहा है तो आप इस पेज पर अपनी समस्या का हल पा सकते हैं टेकफ्रेश आई ड्रॉप को फार्मटक ऑप्थल्मिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने बनाकर तैयार किया है। इस दवा में कार्बोक्सी मिथाइल सेलुलोज दवा को मिलाया गया है। यह ड्रॉप एक तरह का लुब्रिकेंट होता है। यह नेचुरल ऑसुओं की तरह काम करता है। यह दवा आंखों को नमी और लुब्रिकेट देकर आखों में जलन और अन्य परेशानियों से राहत देता है। टेकफ्रेश आई ड्रॉप एक कृत्रिम आंसू है, जिसका इस्तेमाल आंखों में सूखापन से राहत… बढ़ती टैक्नलॉजी के चलते हर दूसरे व्यक्ति को आंखो की समस्या होनी आम हो गई है। पहले के जमाने में लोगों में आंखों की समस्या बढ़ती उम्र के साथ देखी जाती है, लेकिन आजकल बदलते लाइफस्टाइल की वजह से यह समस्या बच्चों से लेकर बड़ों तक में देखी जा रही है। यह समस्या अब इतनी आम हो गई है। जिसको भयानक नहीं कहा जा सकता। आज के समय में लोग...

बहरेपन के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

सुनाई कम देना या बहरापन के कारण, बचाव, लक्ष्ण औऱ उपचार | He aring Loss in Hindi सुनाई कम देना या बहरापन जब किसी व्यक्ति को शुरूआत में कम सुनाई देता है या किसी अन्य व्यक्ति की आवाज कम सुनाई देती है तो यह सम्स्या कुछ समय बाद बहरापन का रूप ले लेती है जिससे व्यक्ति बहरा हो जाता है। बहरेपन में व्यक्ति को सुनाई नहीं देता है वह किसी अन्य व्यक्ति की आवाज, ध्वनि को सुनने में असमर्थ रहता है। बहरेपन के कई लक्ष्ण औऱ कारण होते है जिन्हे समय रहते पहचाना जा सकता है और उपचार किया जा सकता है। सुनाई कम देने व बहरापन के कारण | He aring Loss and Deafness in Hindi बहरापन के कई कारण हो सकते है जिससे व्यक्ति की सुनने की क्षमता कम हो जाती है या खत्म हो जाती है यह सभी कारण निम्नलिखित है। 1. कोक्लिया में क्षति कोक्लिया कान के भीतर एक अंग होता है जो व्यक्ति के मस्तिष्क में ध्वनि संकेत भेजता है लेकिन जब व्यक्ति लगातार शोर के संपर्क में आता है तो इसकी कोशिकाओं को क्षति पहुंचती है औऱ मस्तिषक तक संकेत भेजने में रूकावट होती है जिससे व्यक्ति को कम सुनाई या बहरापन की सम्स्या होने लगती है। 2. कान में संक्रमण कान में संक्रमण होने के कारण या कान की हड्डी के बढने के कारण कान में दर्द व सुनने की क्षमता प्रभावित होती है जिससे व्यक्ति को बहरापन की सम्स्या होने लगती है। 3. कान के पर्दे में परेशानी यदि कान में किसी कारण जैसे कान में संक्रमण, अचानक से दवाब बनना, कान में कुछ ऐसा चला जाना जिसकी वजह से कान के पर्दे में छेद हो जाता है इसके कारण व्यक्ति बहरा हो जाता है और कुछ सुनाई नहीं देता है। बहरापन के लक्ष्ण | Hearing Loss Symptoms in Hindi बहरापन के कई लक्ष्ण है जिससे कान से संबंधित अनेक समस्याओं औऱ बहरापन की समस्या...

कान में दर्द के कारण और घरेलू इलाज (Ear Pain treatment in Hindi)

कान का दर्द एक आम बीमारी है जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं। आमतौर पर यह समस्या सबसे ज्यादा बच्चों में पायी जाती है। कान में दो प्रकार के दर्द होते हैं। एक दर्द कान के अंदर होता है और दूसरा दर्द कान के बाहर होता है जो इस बात का इशारा करते हैं की आपके कान में कुछ समस्या है और आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। बाजार में इस बीमारी के इलाज के लिए बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं जो कान के इस दर्द से छुटकारा दिलाने में काफी मददगार साबित होती हैं लेकिन साथ यह समस्या भी है की अक्सर मरीज पर इन दवाओं का दोहरा असर पड़ता है। दवा लेने के बाद मरीज अपने कान के दर्द से तो छुटकारा पा लेता है लेकिन कई बार कान के अंदर फैले इंफेक्शन को खत्म नहीं कर पाता है जिसकी वजह से आगे उसे फिर परेशानी होती है। कान में दर्द होने के कारण कान में मैल जमा होने की वजह से कान में मैल जमा हो जाने की वजह से भी कान में दर्द होता है। व्यक्ति की स्किन तैलीय (Oily skin) होती है उन्हें वैक्स (Wax) की ज्यादा समस्या होती है। वैक्स को कान से बाहर निकालने के कुछ ही दिनों के बाद यह फिर से बन जाता है। ज्यादा दिनों तक कान में रहने के बाद वैक्स सुख जाता है और फिर कान की नली को ब्लॉक (Block) कर देता है जिसकी वजह से दर्द होने शुरू हो जाते हैं और साथ ही साथ सुनाई भी कम देने लगती है। कान का पर्दा चोटिल होने की वजह से कान के अंदर की ट्यूब बहुत सेंसिटिव (Sensitive) होती है और इसके ऊपर हल्का सा भी दबाव बनने पर यह चोटिल हो जाती है और इसमें दर्द होने लगता है। साथ ही इससे मवाद भी आने लगता है। ज्यादा देर तक ऐसी स्थिति रहने की वजह से कान के आस पास की हड्डियों गलने भी लगती हैं जिसकी वजह से आगे बहुत सारी परेशानियां सामने आती हैं। यूस्टेकियन ट्यू...

कान के नीचे कट जाने से हैं परेशान, इन बातों का रखें ध्यान

इन दिनों देर तक मास्क पहनने से बच्चों के कान के नीचे कट जाने की शिकायत देखने को मिल रही है। कई बार खेलते समय या कान तेज से खिच जाने पर भी कान के बाहरी हिस्से में कट या घाव हो जाते हैं। अधिकतर मामलों में साधारण प्राथमिक उपचार से ही घर पर इसका इलाज किया जा सकता है। इलाज के लिए कुछ सुझाव विशेषज्ञों द्वारा सुझाये गए हैं, आइए जानते हैः विशेषज्ञों के सुझाव सबसे पहले घबरायें नहीं, और बच्चे को भी शांत रखें। अगर आप शांत और आश्वस्त रहेंगे तो आपके बच्चे परेशान या घबरायेंगे नहीं। सबसे पहले अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें। अगर खून बह रहा है तो उसको रोकने के लिए एक साफ कपड़े या पट्टी से कुछ मिनट तक दबाव डालें। कटी हुई जगह को डेटॉल या सेवलॉन से अच्छी तरह से साफ कर लें। ध्यान रखें कि घाव को गंदे पानी या कपड़े से साफ़ न करें। कान के नीचे कट जिसे अच्छी तरह से साफ नहीं किया जाता है, वह संक्रमण का कारण बन सकता है। एंटीसेप्टिक लोशन या क्रीम लगाएं। कान के नीचे कट बड़ा होने पर ड्रेसिंग करें और बार-बार ड्रेसिंग बदलें। हर दिन कट वाली जगह की जांच करें और इसे साफ और सूखा रखें। कट वाली जगह फूंकें नहीं। इससे कीटाणु पनप सकते हैं। चोट के कारण होने वाले दाग-धब्बों को रोकने में मदद करने के लिए ठीक हुए कट और घावों पर सनस्क्रीन का प्रयोग करें। नारियल का तेल लगाना भी फायदेमंद हो सकता है। अपने बच्चे को सिखाएं कि कान में कोई वस्तु न डालें, जैसे कि रुई या पेंसिल। अपने बच्चे को खेल गतिविधियों के लिए सुरक्षात्मक ईयर गार्ड या हेलमेट पहनना सिखाएं जिससे चोट को बचाया जा सकता है। विशेषज्ञ को कब कॉल करना चाहिए? बहुत ज्यादा खून बह रहा हो और 5 से 10 मिनट के सीधे दबाव के बाद भी रुकें नहीं। 1/2 इंच से अधिक गहरे या लंबे कट या घा...

कान की सूजन (ओटिटिस मीडिया)

ओटिटिस मीडिया (कान की सूजन)जैसी समस्या में कान के मध्य भाग में संक्रमण और कान में जब कोई संक्रमण होता है, तो यह कान के परदे के पीछे पीप और म्यूकस को इकठ्ठा कर देता है, जिस वजह से कान की नली अवरुद्ध हो जाती है और कान में दर्द और सूजन होने लगता हैं। जब कान के मध्य हिस्से में तरल बनता है, तो इस स्थिति को “बहाव के साथ मध्य कान का दर्द” भी कहा जाता है। ओटिटिस मीडिया होने पर रोगी के कान का ईयर ड्रम लाल और उभरा हुआ दिखने लगता है। ओटिटिस मीडिया (कान की सूजन) के लक्षण • कान में खिंचाव और खुजली होना, • बहुत तेज कान में दर्द, • कान में दबाव लगना, • तरल पदार्थ का बहना, • चिड़चिड़ाहट व बेचैनी महसूस करना, • à...

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