कायांतरित चट्टान के उदाहरण

  1. कायान्तरित चट्टानें क्या है? उत्पत्ति, विशेषताएं, वितरण, उपयोग एवं चट्टानों का आर्थिक महत्व
  2. चट्टान किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?
  3. एक खुली खदान, उत्खनन व एक शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान में क्या अंतर है? ~ Geography and Ethics Notes for Civil Services
  4. भूगोल कक्षा 7 अध्याय 2. हमारी पृथ्वी के अंदर
  5. कायांतरित चट्टान
  6. क्या आप जानते हैं कि कौन सी चट्टानें रूपांतरित होती हैं?


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कायान्तरित चट्टानें क्या है? उत्पत्ति, विशेषताएं, वितरण, उपयोग एवं चट्टानों का आर्थिक महत्व

कायान्तरित चट्टानें उच्च तापमान, दवाव अथवा दोनों के प्रभाव से एवं ऊँचे ताप की वाष्प व जल से रासायनिक क्रिया से आग्नेय और अवसादी चट्टानों में मूल रूप में परिवर्तन हो जाता है। इन परिवर्तनों के फलस्वरूप बनी चट्टानें कायान्तरित चट्टानें कहलाती हैं। वारेस्टर के अनुसार, “The agents that produce changes are chiefly heat, compression and solution acting singly or together.” ऐसी चट्टानों का गुण, रंग, खनिज संरचना एवं रवे पुर्णतः नए सिरे से बनते हैं। इन चट्टानों में कठोरता एवं दृढ़ता भी अधिक होती है। • जब ज्वालामुखी उद्वभेदन के समय भीतरी भागों से तीव्र गति से आने वाला लावा अपने मार्ग में पड़ने वाली चट्टानों में घुस जाता है तो अत्यधिक ताप और दबाव के कारण मार्ग की ये चट्टानें परिवर्तित हो जाती हैं। • पर्वत निर्माणकारी प्रक्रियाओं द्वारा चट्टानों पर अत्यधिक दबाव या भिंचाव पड़ने से वे या तो टूट जाती हैं या मुड़ जाती हैं और कभी-कभी ऊपर के दबाव के कारण भिंचकर नीचे की ओर खिसक जाती हैं। यहाँ से अत्यधिक गर्मी के कारण पिघल जाती हैं और कालान्तर में ठण्डी होकर नया रूप ले लेती हैं। • विवर्तनिक बलों (Tectonic forces) के प्रभाव से कभी-कभी विस्तृत भू-भाग पर अत्यधिक दबाव के कारण कायान्तरित चट्टानें बन जाती हैं। वस्तुत: इन चट्टानों के निर्माण में दो कारण मुख्य हैं- अत्यधिक ताप एवं दबाव। कायान्तरित चट्टानों की विशेषताएं • इन चट्टानों के निर्माण पर ताप और दाब का गहरा प्रभाव पड़ता है, अत: अवसादी चट्टानों के जीवाश्म नष्ट हो जाते हैं और कुछ आग्नेय चट्टानों के खनिज द्रव्य पुनः संगठित होकर एकत्रित होने लगते हैं। • इन चट्टानों में रवे (crystals) भी पाए जाते हैं। • यह अन्य चट्टानों से अधिक कठोर होती हैं। इनमें ...

चट्टान किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?

विषयसूची Show • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • पृथ्वी के धरातल की रचना जिन पदार्थों से हुई है, उसे हम चट्टान कहते हैं। चट्टान शब्द कठोरता का परिचायक है। चट्टानों में अनेक तरह के खनिज पाए जाते हैं, किसी चट्टान के बनने में एक खनिज का योग होता है और किसी चट्टान के बनने में दो या दो से अधिक खनिज तत्वों का योग रहता है। शैल कई प्रकार के खनिजों का तत्सम रूप है और खनिज विशेष प्रकार के रासायनिक मूल तत्वों का योग है। अभी तक लगभग 108 मूल तत्वों की जानकारी हासिल हुई है। इनमें कुछ अल्प मात्रा में और कुछ अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। चट्टानों की रचना खनिजों से मिलकर ही होता है। आर्थर होम्स के अनुसार, ‘अधिकांश चट्टानें खनिजों का ही मिश्रित अंश है।’ चट्टान के प्रकार चट्टान तीन प्रकार की होती हैः • आग्नेय चट्टान • अवसादी चट्टान • कायान्तरित चट्टानें 1. आग्नेय चट्टान- जो चट्टानें जो द्रव पदार्थ के ठण्डे होने से ठोस अवस्था में बदल गई वे आग्नेय चट्टानें कहलाई। आग्नेय चट्टान भू.पृष्ठ की प्राचीनतम चट्टाने हैं धरातल पर प्राप्त कुछ पुरानी एवं कुछ नयी आग्नेय चट्टाने हैं। आग्नेय चट्टानों में कभी गोल कण नहीं होते। ये चट्टानें प्रायः ज्वालामुखी क्रियाओं से बनती हैं। इन चट्टानों में किसी प्रकार के जीव या वनस्पति के अवशेष नहीं पाए जाते। स्थिति के अनुसार आग्नेय चट्टान के दो भेद हैं • अम्ल आग्नेय चट्टान, • पैठिक आग्नेय चट्टान। मुख्य रूप से ग्रेनाइट, डायोराइट, गैब्रो, पेरीडोटाइट, रायओलाइट, बेसाल्ट प्रमुख आग्नेय चट्टानें हैं। 2.अवसादी चट्टान- धरातल पर पाई जाने वाली अधिकांश चट्टानें अवसादी हैं। ऐसा अनुमान है कि 75 प्रतिशत भाग धरातल का इन्हीं चट्टानों से बना है। अंग्रेजी शब्द sedimentary लैटिन भ...

एक खुली खदान, उत्खनन व एक शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान में क्या अंतर है? ~ Geography and Ethics Notes for Civil Services

प्रश्न। एक खुली खदान, उत्खनन व एक शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान में क्या अंतर है? ( अध्याय - 5 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन ,कक्षा X NCERT समकालीन भारत-2 ) उत्तर। पृथ्वी की सतह के नीचे दबी चट्टानों से खनिजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को खनन कहते हैं। जहाँ से खनन किया जाता है उसे खदान कहा जाता हैं। कुछ खनिज जमीन के सतह पर तो कुछ खनिज जमीन के काफी गहराई पर मिलते है अतः खदान भी कई प्रकार के होते है। खदान के कुछ महत्वपूर्ण प्रकार निम्न लिखित हैं: • खुली खदान • उत्खनन • शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान एक खुली खदान, उत्खनन व एक शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान में अंतर निम्नलिखित हैं: खुली खदान: खुली खदान में खनन प्रकिया को ओपन-पिट माइनिंग को ओपन-कास्ट माइनिंग भी कहा जाता है। खनिज जो उथली गहराई पर होते हैं, सतह की परत को हटाकर बाहर निकाल लिए जाते हैं, ऐसे खदान को खुली खदान के रूप में जाना जाता है। भारत में अधिकांश लौह अयस्क की खदानें खुली खदानें हैं। खुली खदानवाली खदानें ज्यादातर तलछटी चट्टानों में पाए जाने वाले खनिजों से संबंधित हैं। उत्खनन: खनिज जो सतह के पास स्थित होते हैं, केवल उत्खनन नामक प्रक्रिया द्वारा खोदे जाते हैं। बॉक्साइट का अधिकांश खनन उत्खनन के माध्यम से किया जाता है। उत्खनन उन खनिजों से संबंधित है जो पृथ्वी की सतह पर अपक्षय सामग्री में पाए जाते हैं। शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान: गहरे छिद्र को शाफ्ट कहते हैं। बहुत अधिक गहराई पर स्थित खनिज भण्डार तक पहुँचने के लिए गहरे छिद्र किए जाते हैं, शाफ्ट खनन कहलाते हैं, और ऐसे खदानों को शैफ्टयुक्त भूमिगत खदान कहते हैं। शाफ्ट वाली भूमिगत खानों के उदाहरणकोयला, तांबा,पेट्रोलियम, और प्राकृतिक गैस हैं। शाफ्ट वाली भूमिगत खदानें आग्नेय और कायांतरित चट्टानों के खनिजों ...

भूगोल कक्षा 7 अध्याय 2. हमारी पृथ्वी के अंदर

निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:- (क) पृथ्वी की तीन परतें क्या हैं ? उत्तर :- एक प्याज की तरह पृथ्वी भी एक के ऊपर एक संकेंद्री परतों से बनी हैI पृथ्वी की सतह की सबसे ऊपरी परत को पर्पटी कहते हैं। यह सबसे पतली परत होती है। यह महाद्वीपीय संहति में 35 किलोमीटर एवं समुद्री सतह में केवल 5 किलोमीटर तक महाद्वीपीय संहति मुख्य रूप से सिलिका एवं ऐलुमिना जैसे खनिजों से बनी है। इसलिए इसे सिएल (सि– सिलिका तथा एल – एलुमिना) कहा जाता है। पर्पटी के ठीक नीचे मैंटल होता है जो 2900 किलोमीटर की गहराई तक फैला होता है। इसकी सबसे आतरिक परत क्रोड है जिसकी त्रिज्या लगभग 3500 किलामीटर है, यह मुख्यतः निकल एवं लोहे की बनी होती है तथा इसे निफे (नि– निकिल तथा फे– फैरस) कहते हैं। (ख) शैल क्या है ? उत्तर :- पृथ्वी की पर्पटी अनेक प्रकार के शैलों से बनी है। पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को शैल कहते हैं। शैल विभिन्न रंग, आकार एवं गठन की हो सकती हैं। (ग) तीन प्रकार की शैलों के नाम लिखें। उत्तर :- आग्नेय (इग्नियस) शैल, अवसादी (सेडिमेंट्री) शैल एवं कायांतरित (मेटामॉरफिक) शैल। (घ) बहिर्भेदी एवं अंतर्भदी शैल का निर्माण कैसे होता है ? उत्तर :- आग्नेय शैल दो प्रकार की होती है :- अंतर्भेदी शैल एवं बर्हिभेदी शैल। वास्तव में आग की तरह लाल द्रवित्त मैग्मा ही लावा है जो पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकलकर सतह पर आता है। जब द्रवित लावा पृथ्वी की सतह पर आता है, वह तेजी से ठंडा होकर ठोस बन जाता है। इस प्रकार बहिर्भेदी शैल का निर्माण होता है। इनकी संरचना बहुत महीन दानों वाली होती है उदाहरण के लिए – बेसाल्ट। द्रवित मैग्मा कभी– कभी भू– पर्पटी के अंदर गहराई में ही ठंडा हो जाता है। इस प्रकार अंतर्भे...

कायांतरित चट्टान

अवसादी एवं आग्नेयचट्टानों में ताप (Heat) एवं दाब (Pressure) के कारण परिवर्तन हो जाने सेरूपांतरित चट्टानों का निर्माण होता है | रूपांतरण की क्रिया के दौरान मौलिकचट्टान के संघटन तथा स्वरूप में परिवर्तन हो जाता है एवं उसकी पहचान भी कठिन होजाती है | किन्तु चट्टान में किसी प्रकार का विघटन या वियोजन नहीं होता है |कभी-कभी आग्नेय (Igneaus )एवंअवसादी चट्टानों के अतिरिक्त रूपांतरित चट्टानों का भी रूपांतरण हो जाता है जिसेअति रूपांतरण (Intense Metamorphism) कहते है | रूपांतरण के प्रमुख कारक है – ताप(Heat), दबाव (Compression )तथाघोलिकरण (Solution) | रूपांतरण की प्रक्रिया जरी रहने पर खनिजों काएक बड़ा प्रतिशत प्लेट जैसी शक्ल ग्रहण कर लेता है और ये खनिज चट्टानों में एकसमान्तर रेखा में एकत्र हो जाते हैं | इस संरचना को शल्कन (Foliation ) कहते है | सुविकसित शल्कन को शिष्ट (Schists)कहते है | शिष्ट में कुछ खनिजों के क्रिस्टलों की आकृति में वृद्धि हो जाती है |इन बड़े क्रिस्टलों को पोर्फीरोब्लाष्ट (Porphyroblasts) कहते है |

क्या आप जानते हैं कि कौन सी चट्टानें रूपांतरित होती हैं?

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