कौंच बीज कितने दिन तक खाएं?

  1. शीघ्रपतन रोकने के आयुर्वेदिक इलाज
  2. औरतें पिएं गर्म दूध के साथ इस नोरोगी कौंच बीज का पाउडर, 65 की उम्र में दिखेगी 25 की फुर्ती
  3. कौंच बीज अविवाहित क्यों नहीं खा सकते? – ElegantAnswer.com
  4. Kaunch Beej Ke Fayde
  5. कौंच के बीज के स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ क्या हैं?
  6. पुत्रजीवक बीज कब और कैसे खाएं
  7. Patanjali Kaunch Beej Churna Benefits
  8. शीघ्रपतन रोकने के आयुर्वेदिक इलाज
  9. Kaunch Beej Ke Fayde
  10. पुत्रजीवक बीज कब और कैसे खाएं


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शीघ्रपतन रोकने के आयुर्वेदिक इलाज

कौंच को कपिकच्छू और कैवांच आदि के नामों से भी जाना जाता है। संभोग करने की शक्ति को बढ़ाने के लिए इसके बीज बहुत लाभकारी रहते हैं। इसके बीजों का सेवन करने से वीर्य की बढ़ोत्तरी होती है , संभोगकरने की इच्छा तेज होती है और शीघ्रपतन रोग में लाभ होता है। इसके बीजों का उपयोग करने के लिए बीजों को दूध या पानी में उबालकर उनके ऊपर का छिलका हटा देना चाहिए।इसके बाद बीजों को सुखाकर बारीक चूर्ण बनालेना चाहिए। इस चूर्ण को लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम मिश्री के साथ दूध में मिलाकर सेवन करने से लिंग का ढीलापन और शीघ्रपतन का रोग दूर होता है। शतावरी , गोखरू , तालमखाना , कौंच के बीज , अतिबला और नागबला को एकसाथ मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ रोजाना सेवन करने से स्तंभन शक्ति तेज होती है और शीघ्रपतन के रोग में लाभ होता है। रात को संभोग क्रिया करने से 1 घंटा पहले इस चूर्ण को गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से संभोग क्रिया सफलतापूर्वक संपन्न होती है। वीर्य का पतला होना , यौन-दुर्बलता और विवाह के बाद शीघ्रपतन होना जैसे रोगों में इसका सेवन बहुत लाभकारी रहता है। मोचरस , कौंच के बीज , शतावरी , तालमखाना को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर लगभग 400 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से बुढ़ापे में भी संभोग क्रिया का पूरा आनंद लिया जा सकता है। इस योग को लगभग 2-3 महीने तक सेवन करना लाभकारी रहता है। लगभग 6 चम्मच अदरक का रस , 8 चम्मच सफेद प्याज का रस , 2 चम्मच देशी घी और 4 चम्मच शहद को एक साथ मिलाकर किसी साफ कांच के बर्तन में रख लें। इस योग क...

औरतें पिएं गर्म दूध के साथ इस नोरोगी कौंच बीज का पाउडर, 65 की उम्र में दिखेगी 25 की फुर्ती

नोरोगी कौंच बीज कपिकाजू जड़ी-बूटी का बीज है, जो अपने औषधी गुणों के लिए मशहूर है। इसका पौधा फलीदार होता है और बहुत हद तक राजमा जैसा दिखता है। नोरोगी कौंच बीज के बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन यह महिलाओं में कामेच्छा और यौन इच्छा को बढ़ाने का बहुत अच्छा उपाय है। इस जड़ी-बूटी का लगभग हर हिस्सा अपने गुणों के लिए प्रसिद्ध है। नोरोगी ​कौंच बीज पाउडर का सेवन कैसे करें –नोरोगी कौंच बीज पाउडर का इस्तेमाल करना काफी आसान है। आधा चम्मच नोरोगी कौंच बीज के चूर्ण को शहद या फिर एक कप गर्म दूध में मिलाएं। दिन में दो बार भोजन के बाद इसका सेवन करें। हालांकि, कोई भी खुराक लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। खासतौर से अगर आप गर्भवती हो तों। नोरोगी कौंच बीज के उपयोग और फायदे पाचन के लिए –नोरोगी कौंच के बीज विटामिन- सी , विटामिन ई, बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन , फाइबर और फायदेमंद सैचुरेटेड फैट से भरपूर है। सुबह नोरोगी कौंच बीज का सेवन अच्छा माना जाता है। यदि नोरोगी कौंच के बीज का उपयोग लंबे समय तक सुबह-सुबह किया जाता है, तो पेट और आंत का मेटाबॉलिज्म लेवल अच्छा रहेगा। स्त्री कामेच्छा के लिए –नोरोगी कौंच बीज महिला प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। यह महिलाओं को उनके प्रजनन अंगों में स्वस्थ ब्लड सकुर्लेशन में सुधार करके लो लिबिडो के बढ़ाने में मदद करता है। गर्भावस्था में –नोरोगी कौंच बीज को रातभर पानी में भिगोने से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बहुत फायदा हो सकता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और आयरन दूध के उत्पादन को बढ़ाता है। जिन महिलाओं ने बच्चे को जन्म दिया है, उन्हें डिलीवरी के बाद अवसाद का सामना करना पड़ता है। अपने न्यूरोट्रांसमीटर विनियमन...

कौंच बीज अविवाहित क्यों नहीं खा सकते? – ElegantAnswer.com

इसे सुनेंरोकेंअगर आप कौंच के बीज का सेवन कर रहे हैं तो इसके लिए पहले इन बीज को पानी या फिर दूध में भिगोकर रखना होगा। इसके बाद कौंच के बीज के छिलके उतार कर धूप में सुखा दें। फिर इन बीज को बारीक पीसकर चुर्ण बना लें और रोज सुबह औऱ शाम दूध के साथ इसका सेवन करें। कौंच के बीज खाने से क्या क्या फायदे होते हैं? कौंच के बीज में मौजूद पोषक तत्व पिता बनने की अक्षमता को दूर करने के लिए भी कारगर है • कौंच के बीज में प्रोलैक्टिन नामक एक हार्मोन पाया जाता है। • कौंच के बीज के नियमित सेवन से थकान एवं शारीरिक कमजोरी दूर होती है। • कौंच के बीज में प्रोटीन, हेल्दी फैट, फाइबर तत्व पाए जाते हैं जो मांसपेशियों के विकास में मदद करते हैं। कनेर का बीज खाने से क्या होगा? इसे सुनेंरोकेंकनेर का जहर डाइगाक्सीन ड्रग की तरह होता है डाइगाक्सीन दिल की धड़कन को बहुत तेजी से कम करता है आपको बता दें कि कनेर का एक बीज डाइगाक्सीन की 100 टेबलेट्स के बराबर होता है कनेर का बीज पहले दिल की धड़कन को धीमा करता है और इसके बाद अचानक दिल की धड़कन को रोंक देता है जिससे व्यक्ति की तुरंत मौत हो जाती है। कौंच के बीज की तासीर क्या है? इसे सुनेंरोकेंकौंच के बीज की तासीर गर्म होती है। कौंच बीज कितने दिन तक खाएं? इसे सुनेंरोकेंकौंच के बीज महिला और पुरुष दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह आयुर्वेद की दुकान पर आसानी से मिल जाते हैं। अगर रोज इसके पाउडर को दूध में मिलाकर पिया जाए तो 7 दिन में ही यह बॉडी का स्टेमिना बढ़ाने में मदद करता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. कौंच बीज कितने दिन खाना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंकौंच बीजों का सेवन करने के लिए इन्हें कुछ देर दूध या पानी में भिगोएं। उसके बाद इनका छिलका उतार कर धूप में सुखा दें। सूखने के बाद...

Kaunch Beej Ke Fayde

Contents • 1 केवांच का परिचय (Introduction of Kaunch) • 2 केवांच क्या है? (What is Kevanch (Kaunch) in Hindi?) • 3 अन्य भाषाओं में केवांच के नाम (Name of Kevanch (Kaunch) in Different Languages) • 4 केवांच (कौंच) के फायदे और उपयोग (Kevanch (Kaunch) Benefits and Uses in Hindi) • 4.1 कब्ज की समस्या में कौंच के फायदे (Kaunch Benefits in Fighting with Constipation in Hindi) • 4.2 सिर दर्द में कौंच (केवांच) के फायदे (Kevanch Benefits in Relief from Headache in Hindi) • 4.3 स्नायु रोग में केवांच के लाभ (Kaunch Benefits to Cure Nervous System in Hindi) • 4.4 सांसों की बीमारी में केवांच के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Kevanch (Kaunch) in Respiratory Disease in Hindi) • 4.5 केवांच (कौंच) के सेवन से दस्त का इलाज (Benefits of Kevanch (Kaunch) to Stop Diarrhea in Hindi) • 4.6 केवांच (कौंच) के सेवन से पेचिश का इलाज (Benefits of Kevanch (Kaunch) to Stop Dysentery in Hindi) • 4.7 जलोदर रोग में केवांच के फायदे (Kevanch Benefits in Ascites Treatment in Hindi) • 4.8 किडनी विकार में केवांच (कौंच) के औषधीय गुण से लाभ (Kevanch Uses for Kidney Disorder in Hindi) • 4.9 डायबिटीज में केंवांच (कौंच) के औषधीय गुण से लाभ (Kevanch Benefits in Controlling Diabetes in Hindi) • 4.10 लकवा (पक्षाघात) में केवांच के औषधीय गुण से फायदा (Kevanch Uses in Fighting with Paralysis in Hindi) • 4.11 मूत्र विकार (पेशाब से संबंधित रोग) में केवांच के बीज से लाभ (Kevanch Benefits for Treating Urinary Disease in Hindi) • 4.12 योनि के ढीलेपन की समस्या में कौंच के फायदे (Kevanch is Helpful in Vaginal Laxity in Hindi) • 4....

कौंच के बीज के स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ क्या हैं?

कौंच के बीज भारत, चीन और एशिया, अमेरिका और अफ्रीका के अन्य गर्म क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय है। यह फलीदार खाद्य फसल फैबेसी पादप परिवार की है। यह आमतौर पर चमकीले हरे पत्ते और लंबी शाखाओं के साथ 15 मीटर लंबा होता है। कौंच के बीज किस काम आते हैं? इसका उपयोग आयुर्वेद में चिकित्सा प्रयोजनों के लिए किया जाता है। पहले इसका उपयोग बांझपन, यौन अक्षमता, नपुंसकता, तंत्रिका संबंधी विकारों और कामोत्तेजक गतिविधियों जैसी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता था। आइए कौंच के बीज के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करें और देखें कि वे कुछ चिकित्सीय स्थितियों के इलाज में कैसे सहायक हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • कौंच के बीज के फायदे आइये नीचे दिए कौंच बीज के फायदों को पढ़ें – 1. प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ाता है कौंच के बीज टॉनिक का काम करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह प्रजनन अंगों की सहायता करता है। बेहतर यौन ऊर्जा और कामेच्छा को बनाए रखने के लिए ये बीज एक बेहतरीन कामोत्तेजक हो सकते हैं। इसके अलावा, वे सामान्य प्रजनन क्षमता का समर्थन करते हैं, और शुक्राणु और डिंब के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं। 2. शरीर सौष्ठव को बढ़ावा देता है कौंच के बीज में पाए जाने वाले एसिड एल-डोपा की उच्च मात्रा ग्रोथ हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होती है। मनुष्य का शरीर मांसपेशियों के द्रव्यमान को बढ़ाने और शक्ति प्रदान करने के लिए इस हार्मोन का उत्पादन करता है। 3. तंत्रिका तंत्र को बेहतर करे कई कौंच बीज के फायदे में से एक यह है कि इसमें लेवोडोपा होता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन का प्रवर्तक है। डोपामाइन द्वारा अनैच्छिक गति, कार्यशील स्मृति, सीखने, अनुभूति और मनोदशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती ...

पुत्रजीवक बीज कब और कैसे खाएं

ऐसा माना जाता है की कुछ महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज का उपयोग करती हैं. इसके अलावा अन्य काफी सारी बीमारियों में भी पुत्रजीवक बीज का उपयोग किया जाता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की पुत्रजीवक बीज कब और कैसे खाएं . इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज कई बार काफी महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज का इस्तेमाल करती हैं. पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज का पाउडर दूध के साथ मासिक के दिनों में लिया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की दूध के साथ पुत्रजीवक बीज की गिरी का सेवन करने से संतान प्राप्ति होती हैं. इसके अलावा मासिक से जुडी समस्या का भी निवारण होता हैं. फोड़े फुंसी के लिए पुत्रजीवक बीज कई बार हम देखते है की शरीर के किसी हिस्से पर फोड़े फुंसी बन जाने के बाद जल्दी जाते नहीं हैं. और उल्टा दर्द पैदा करते हैं. ऐसे में पुत्रजीवक बीज का लेप बनाकर प्रभावित जगह पर लगाने से फोड़े फुंसी में राहत मिलती हैं. वियाग्रा का असर कितनी देर तक रहता है – वियाग्रा क्या होता है बुखार के लिए पुत्रजीवक बीज बुखार में भी पुत्रजीवक बीज काफी फायदेमंद माना जाता हैं. बुखार की समस्या के निवारण के लिए रोजाना 10 से 15 ml पुत्रजीवक बीज के पत्तो के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती हैं. अगर आप रोजाना सुबह के समय इसका सेवन करते हैं. तो आपको बुखार में काफी हद तक राहत मिलती हैं. तो इस प्रकार से किसी भी बीमारी और फायदे के लिए आप पुत्रजीवक बीज का उपयोग कर सकते हैं. पुत्रजीवक बीज का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए यह आपकी ब...

Patanjali Kaunch Beej Churna Benefits

Contents • • • • • • • • • • • Patanjali Kaunch Beej Churna जो पुरुषों की शारीरिक समस्या को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है, यह पुरुषों के और महिलाओं के प्रजनन अंगों को विकास करता है, और पतंजलि कौंच बीज पुरुषों में महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या एवं शारीरिक कमजोरी में इसका प्रयोग किया जाता है, पुरुषों में होने वाले यौन समस्या जैसे धात गिरना ,डिस्चार्ज होना, नसों की कमजोरी, Patanjali Kaunch Beej Churna के फायदे : यह पुरुषों एवं महिलाओं के प्रजनन अंगों का विकास करता है और यौन समस्या से राहत दिलाता है. यहां जोश वर्धक, शक्तिवर्धक, तथा वीर्य वर्धक औषधि है जिससे प्रजनन अंगों को ताकत मिलती है और यौन दुर्बलता दूर करने में मदद करता है. Advertisement महिलाओं में मासिक धर्म में होने वाली समस्या में जैसे, पेट दर्द, मासिक धर्म के दौरान दर्द होना, कमर दर्द, शारीरिक कमजोरी, बेचैनी, चिड़चिड़ापन मैं इसके सेवन से लाभ मिलता है, तथा महिलाओं को ताकत प्रदान करता है. और मानसिक तनाव,नसों की कमजोरी, लो स्पर्म काउंट, स्वप्नदोष ,जल्दी डिस्चार्ज होना, यह इसके नियमित सेवन से शरीर को मजबूत बनाता है, वजन बढ़ाता है, शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाता है, तथा strength , इसमें यह इसके अलावा इसके सेवन से पेट संबंधित समस्या में भी लाभ मिलता है जैसे अपचन, पेट दर्द, गैस की समस्या, दस्त, खांसी, एसिडिटी जैसी समस्याओं में भी इसके सेवन से लाभ मिलता है. Patanjali Kaunch Beej Churna का सेवन कौन-कौन लोग कर सकते हैं: 18 साल के ऊपर वाले सभी उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं. 18 साल के कम उम्र वाले बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए. Advertisement Patanjali Kaunch Beej Churna का सेवन कैसे करना है: 3 से 5 ग्राम पतंज...

शीघ्रपतन रोकने के आयुर्वेदिक इलाज

कौंच को कपिकच्छू और कैवांच आदि के नामों से भी जाना जाता है। संभोग करने की शक्ति को बढ़ाने के लिए इसके बीज बहुत लाभकारी रहते हैं। इसके बीजों का सेवन करने से वीर्य की बढ़ोत्तरी होती है , संभोगकरने की इच्छा तेज होती है और शीघ्रपतन रोग में लाभ होता है। इसके बीजों का उपयोग करने के लिए बीजों को दूध या पानी में उबालकर उनके ऊपर का छिलका हटा देना चाहिए।इसके बाद बीजों को सुखाकर बारीक चूर्ण बनालेना चाहिए। इस चूर्ण को लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम मिश्री के साथ दूध में मिलाकर सेवन करने से लिंग का ढीलापन और शीघ्रपतन का रोग दूर होता है। शतावरी , गोखरू , तालमखाना , कौंच के बीज , अतिबला और नागबला को एकसाथ मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ रोजाना सेवन करने से स्तंभन शक्ति तेज होती है और शीघ्रपतन के रोग में लाभ होता है। रात को संभोग क्रिया करने से 1 घंटा पहले इस चूर्ण को गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से संभोग क्रिया सफलतापूर्वक संपन्न होती है। वीर्य का पतला होना , यौन-दुर्बलता और विवाह के बाद शीघ्रपतन होना जैसे रोगों में इसका सेवन बहुत लाभकारी रहता है। मोचरस , कौंच के बीज , शतावरी , तालमखाना को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर लगभग 400 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से बुढ़ापे में भी संभोग क्रिया का पूरा आनंद लिया जा सकता है। इस योग को लगभग 2-3 महीने तक सेवन करना लाभकारी रहता है। लगभग 6 चम्मच अदरक का रस , 8 चम्मच सफेद प्याज का रस , 2 चम्मच देशी घी और 4 चम्मच शहद को एक साथ मिलाकर किसी साफ कांच के बर्तन में रख लें। इस योग क...

Kaunch Beej Ke Fayde

Contents • 1 केवांच का परिचय (Introduction of Kaunch) • 2 केवांच क्या है? (What is Kevanch (Kaunch) in Hindi?) • 3 अन्य भाषाओं में केवांच के नाम (Name of Kevanch (Kaunch) in Different Languages) • 4 केवांच (कौंच) के फायदे और उपयोग (Kevanch (Kaunch) Benefits and Uses in Hindi) • 4.1 कब्ज की समस्या में कौंच के फायदे (Kaunch Benefits in Fighting with Constipation in Hindi) • 4.2 सिर दर्द में कौंच (केवांच) के फायदे (Kevanch Benefits in Relief from Headache in Hindi) • 4.3 स्नायु रोग में केवांच के लाभ (Kaunch Benefits to Cure Nervous System in Hindi) • 4.4 सांसों की बीमारी में केवांच के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Kevanch (Kaunch) in Respiratory Disease in Hindi) • 4.5 केवांच (कौंच) के सेवन से दस्त का इलाज (Benefits of Kevanch (Kaunch) to Stop Diarrhea in Hindi) • 4.6 केवांच (कौंच) के सेवन से पेचिश का इलाज (Benefits of Kevanch (Kaunch) to Stop Dysentery in Hindi) • 4.7 जलोदर रोग में केवांच के फायदे (Kevanch Benefits in Ascites Treatment in Hindi) • 4.8 किडनी विकार में केवांच (कौंच) के औषधीय गुण से लाभ (Kevanch Uses for Kidney Disorder in Hindi) • 4.9 डायबिटीज में केंवांच (कौंच) के औषधीय गुण से लाभ (Kevanch Benefits in Controlling Diabetes in Hindi) • 4.10 लकवा (पक्षाघात) में केवांच के औषधीय गुण से फायदा (Kevanch Uses in Fighting with Paralysis in Hindi) • 4.11 मूत्र विकार (पेशाब से संबंधित रोग) में केवांच के बीज से लाभ (Kevanch Benefits for Treating Urinary Disease in Hindi) • 4.12 योनि के ढीलेपन की समस्या में कौंच के फायदे (Kevanch is Helpful in Vaginal Laxity in Hindi) • 4....

पुत्रजीवक बीज कब और कैसे खाएं

ऐसा माना जाता है की कुछ महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज का उपयोग करती हैं. इसके अलावा अन्य काफी सारी बीमारियों में भी पुत्रजीवक बीज का उपयोग किया जाता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की पुत्रजीवक बीज कब और कैसे खाएं . इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज कई बार काफी महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज का इस्तेमाल करती हैं. पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज का पाउडर दूध के साथ मासिक के दिनों में लिया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की दूध के साथ पुत्रजीवक बीज की गिरी का सेवन करने से संतान प्राप्ति होती हैं. इसके अलावा मासिक से जुडी समस्या का भी निवारण होता हैं. फोड़े फुंसी के लिए पुत्रजीवक बीज कई बार हम देखते है की शरीर के किसी हिस्से पर फोड़े फुंसी बन जाने के बाद जल्दी जाते नहीं हैं. और उल्टा दर्द पैदा करते हैं. ऐसे में पुत्रजीवक बीज का लेप बनाकर प्रभावित जगह पर लगाने से फोड़े फुंसी में राहत मिलती हैं. वियाग्रा का असर कितनी देर तक रहता है – वियाग्रा क्या होता है बुखार के लिए पुत्रजीवक बीज बुखार में भी पुत्रजीवक बीज काफी फायदेमंद माना जाता हैं. बुखार की समस्या के निवारण के लिए रोजाना 10 से 15 ml पुत्रजीवक बीज के पत्तो के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती हैं. अगर आप रोजाना सुबह के समय इसका सेवन करते हैं. तो आपको बुखार में काफी हद तक राहत मिलती हैं. तो इस प्रकार से किसी भी बीमारी और फायदे के लिए आप पुत्रजीवक बीज का उपयोग कर सकते हैं. पुत्रजीवक बीज का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए यह आपकी ब...