खाटू श्याम मंदिर कहां है

  1. खाटू श्याम जी का मंदिर कौन से जिले में आता है?
  2. खाटू श्याम मंदिर दर्शन व यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी
  3. खाटू श्याम जी मंदिर जयपुर, राजस्थान
  4. Khatu Shyam Mandir in Hindi
  5. Khatu Shyam Mandir Doors Opening New Dates Announce Soon Know Details
  6. खाटू श्याम मंदिर राजस्थान यात्रा कैसे करें
  7. Khatu Shyam : कौन है बाबा खाटू श्यामजी? क्या है उनकी कहानी?
  8. खाटू श्याम मंदिर
  9. Khatu Shyam Baba: बाबा खाटू श्याम WEB PORTAL
  10. Khatu Shyam Baba: बाबा खाटू श्याम WEB PORTAL


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खाटू श्याम जी का मंदिर कौन से जिले में आता है?

Table of Contents • • • • • • • • • खाटू श्याम इतना प्रसिद्ध क्यों है? खाटू श्याम इतना प्रसिद्द इसलिए है क्यूंकि यहाँ पर लोग अपनी सारी मनोकामनाओं को पूरी करने की इच्छा जताकर खाटू श्याम के दर्शन करने आते हैं.खाटू श्याम मंदिर को हारे का सहारा भी बोला बोला जाता है क्यूंकि खाटू श्याम बाबा किसी को खाली हाँथ नहीं जाने देते हैं सभी पे उनकी कृपा बनाए रखते हैं . खाटू श्याम में क्या चीज फेमस है? माना जाता है कि खाटू श्याम के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.और यह मंदिर राजस्थान में ही नहीं पुरे भारत देश में यह मंदिर काफी मशहूर माना जाता है.यहाँ लोग दुर-दुर से सिर्फ खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं. खाटू श्याम मंदिर का क्या रहस्य है? खाटू श्याम मंदिर का रहस्य आज तक कोई भी नहीं सुलझा पाया है क्यूंकि यहाँ पर 1000 साल पहले कुछ लोगों पानी निकालने के लिए खुदाई कर रहे थे तभी 30 फीट खोदने के बाद अचानक एक बक्सा मिला जिसमे एक कटा हुआ सीर उन्हें मिला. वह सीर किसी और का नहीं बल्कि बर्बरीक का कटा हुआ आधा सीर था.सभी लोग हैरान हो गये,फिर उन्होंने उस बक्से को लेकर राजा रूप सिंह जौहन के पास पहुंचे और सारी कहानी बताई, फिर राजा को कुछ समझ नहीं आया फिर एक ब्राम्हण राजा के पास आया , ब्राम्हण ने बर्बरीक के बारे में पूरी कहानी बताई,तभी राजा ने वहाँ पर खाटू श्याम मंदिर का सिरमान किया . खाटू श्याम को हारे का सहारा क्यों कहा जाता है? खाटू श्याम को हारे का सहारा इसलिए बोला जाता है क्यूंकि किसी भी मनुष्य को जीवन में सब रास्ते बंद हो जाते है,तोह वह खाटू श्याम आता है क्यूंकि खाटू वाले बाबा किसी को भी खाली हाँथ नहीं भेजते हैं.इसलिए मंदिर का दूसरा नाम ही हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा है. खाटू श्या...

खाटू श्याम मंदिर दर्शन व यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी

Khatu Shyam Mandir ki Jankari: खाटू श्याम मंदिर भारत के फेमस मंदिर में से एक हैं। यह भगवान कृष्ण से समर्पित मंदिर हैं। खाटू श्याम मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले से करीब 65 किलो मीटर की दूरी पर एक छोटे से गांव का प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं। खाटू श्याम मंदिर में प्रत्येक वर्ष करीब 90 लाख से अधिक भक्त खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं। भक्तों का मानना है कि खाटू श्याम के मंदिर में सभी की मनोकामना पूर्ण होती हैं। खाटू श्याम मंदिर कृष्ण भगवान के प्रसिद्ध मंदिर में से एक हैं। यदि आपने महाभारत देखी व पढ़ी होगी तो आपने बर्बरीक का नाम तो अवश्य सुना होगा। बर्बरीक पांडु पुत्र भीम तथा नागकन्या मौरवी के पुत्र थे। बर्बरीक को बचपन से ही बलशाली होने के सभी गुण प्राप्त थे। बचपन में ही इन्होंने युद्ध करने की कला श्री कृष्ण तथा अपने माता के माध्यम से सीख ली थी। युवा अवस्था में इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे तीन बाण प्राप्त कर लिए थे। शिव के यह तीनों बाण बर्बरीक को तीनों लोक में विजय बनाने के लिए काफी थे। महाभारत काल में युद्ध के दौरान बर्बरीक युद्ध को देखने के इरादे से युद्ध के मैदान में आ रहा था और यह बात श्री कृष्ण अवश्य जानते थे कि यदि बर्बरीक युद्ध में शामिल होगा तो परिणाम पांडवों के हित में नहीं होगा। बर्बरीक को युद्ध से रोकने के लिए श्री कृष्ण ने ब्राह्मण का वेश रखकर बराबरी के सामने आए और पूछा कि तुम कौन हो? और रण क्षेत्र में क्या करने जा रहे हो? श्री कृष्ण को उत्तर देते हुए बर्बरीक ने कहा कि वह एक दानी है तथा और उसके बाण ही महाभारत युद्ध का निर्णय कर देगा। ऐसे में श्री कृष्ण ने बर्बरीक की परीक्षा लेनी चाही तो बर्बरीक ने एक बाण चलाया, जिसमें पीपल के पेड़ के सारे ...

खाटू श्याम जी मंदिर जयपुर, राजस्थान

4.8/5 - (5 votes) Khatu Shyam Mandir history in hindi : राजस्थान के सीकर स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर भारत देश में कृष्ण भगवान के मंदिरों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। खाटू श्याम जी को कलयुग का सबसे मशहूर भगवान माना जाता है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू गांव में बने खाटू श्याम जी के मंदिर की हिंदू भक्तों में बहुत मान्यता है। भक्तों का कहना है कि श्याम बाबा से जो भी मांगों, वो लाखों-करोड़ों बार देते हैं, यही वजह है कि खाटू श्याम जी को लखदातार के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के मुताबिक खाटू शम जी को कलयुग में कृष्ण का अवतार माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि खाटू श्याम जी कलयुग में उनके नाम श्याम के नाम से पूजे जाएंगे। यही वजह है कि आज खाटू श्यामजी देश में करोड़ों भक्तों द्वारा पूजे जाते हैं। यहां सालभर बाबा श्याम के प्रति आस्था रखने वाले 40 लाख भक्त हर साल उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खासतौर से होली के कुछ दिनों पहले फरवरी -मार्च में यहां खाटू श्याम जी का भव्य मेला आयोजित होता है, जिसमें देश ही नहीं विदेशों से भी बाबा के भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं। खाटू श्याम मंदिर के बारे में बताया जाता है कि खाटू श्याम जी का ये मंदिर महाभारत काल में बना था, इस मंदिर का इतिहास भी महाभारत की लड़ाई से जुड़ा है। तो आइए आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएं राजस्थान के मशहूर खाटू श्याम जी के मंदिर से जुड़ी दिलचस्प तथ्यों के बारे में। • • • • • • • • • 1. खाटू श्याम जी के मंदिर के बारे में – Khatu Shyam Mandir History In Hindi जैसा कि हमने आपको बताया कि खाटू श्याम जी का मंदिर महाभारत काल में ही बनकर तैयार हो गया था। यहां पर भगवान कृष्ण खाटू श्याम बाबा के रू...

Khatu Shyam Mandir in Hindi

राजस्थान के सीकर जिले में एक छोटे से स्थान खाटू में स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्द है | दिन प्रतिदिन खाटू श्याम जी के इस मंदिर( Khatu Shyam Mandir in Hindi) की मान्यता इतनी बढ़ती जा रही है कि दूर-दूर से भक्त हाथ में झंडी लेकर पैदल आते है | भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद से खाटू श्याम जी को भगवान कृष्ण के रूप में ही पूजा जाता है | वैसे पूरे वर्ष यहाँ भक्तों की भीड़ लगी रहती है किन्तु माह में एकादशी के दिन और फाल्गुन माह में होली से ठीक पहले आने वाली एकादशी को यहाँ बहुत बड़ा मेला लगता है | होली पर इस मेले के अवसर पर देश-विदेश से भक्त दर्शन करने आते है | कौन थे खाटू श्याम ? ( पौराणिक कथा ) :- खाटू श्याम जी का संबंध महाभारत काल से है | खाटू श्याम जी( Khatu Shyam Mandir in Hindi) का नाम बर्बरीक था वे भीम के पौत्र व घटोत्कच्च के पुत्र थे | बचपन से ही बर्बरीक बहुत शक्तिशाली और असीमित शक्तियों के मालिक थे | बर्बरीक को वरदान स्वरुप भगवान शिव से तीन बाण मिले थे जिस कारण उन्हें तीन बाण धारी भी कहा गया था | इसके अतिरिक्त अग्नि देव द्वारा विचित्र धनुष वरदान स्वरुप मिला था | इन्ही शक्तियों के कारण उन्हें युद्ध में हरा पाना असंभव था | कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की घोषणा सुन बर्बरीक ने भी युद्ध में शामिल होने का निश्चिय किया | अपनी माता से आज्ञा लेकर कि वे उस सेना की तरफ लड़ेंगे जो हार रही होगी, युद्ध क्षेत्र की तरफ निकल पड़े | जैसे ही भगवान श्री कृष्ण को बर्बरीक के युद्ध में शामिल होने के विषय में पता चला वे बर्बरीक की परीक्षा लेने निकल गये | एक ब्राह्मण साधू का वेश लेकर उन्होंने बर्बरीक को रास्ते में ही रोक लिया | साधू वेश में भगवान कृष्ण ने बर्बरीक से प्रश्न किया कि स...

Khatu Shyam Mandir Doors Opening New Dates Announce Soon Know Details

Khatu Shyam Mandir: राजस्थान के सीकर (Sikar) के प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam mandir) में बाबा खाटू श्याम के दर्शन के अभिलाषी देश-विदेश के भक्तों की मनोकामना जल्द पूरी होने वाली है. दरअसल, 15 जनवरी के बाद खाटू श्याम मंदिर के पट खुलने वाले हैं. उसके बाद बाबा के भक्त उनका दर्शन कर पाएंगे. खाटू श्याम जी का मंदिर विगत 13 नवंबर से बंद है. सीकर के डीएम अमित यादव ने पांच जनवरी को मंदिर विस्तार की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की. उन्होंने मंदिर कमेटी को 15 जनवरी तक तैयारी समाप्त करने के निर्देश दिए हैं. कपाट खुलने से पहले यानि 15 जनवरी को एक बार फिर डीएम अमित यादव मंदिर प्रांगण की तैयारियों का जायजा लेंगे. मंदिर समिति और प्रशासन ने खाटू श्याम जी मंदिर को फिर से खोलने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है. बाबा के दर्शनाथियों को इस बार पहले से बेहतर व्यवस्था का लाभ यहां आने पर मिलेगा. इससे पहले सीकर के कलेक्टर अमित यादव ने बताया था कि 31 दिसंबर 2022 और 1 जनवरी 2023 के बीच मंदिर खोल दिया जाएगा. 1 दिन में 1 लाख से अधिक लोग कर सकेंगे दर्शन ताजा अपडेट के मुताबिक पहले बाबा के दर्शन भक्तों को चार लाइन में होते थे. अब दर्शन के लिए भक्तों की 16 लाइनें लगेंगी. सीकर के कलेक्टर का का दावा है कि एक दिन में 10 लाख से अधिक लोग दर्शन कर सकेंगे. अब 10 लाख से अधिक लोगों को दर्शन कराने का लक्ष्य रखा गया है. पहले लोगों को दर्शन करने के लिए समय कम मिलता था. अब औसतन 4 मिनट लोगों को दर्शन के लिए मिलेंगे. बंद के दौरान इन चीजों पर हुआ काम 75 फीट मेला ग्राउंड में श्रद्धालुओं की लाइन बढ़ाई गई है. बचे हुए हिस्से को शेड से कवर किया गया है. खाटू श्याम मंदिर कमेटी का कहना है कि लखदातार मैदान में सीसीटीवी, कवर्ड ...

खाटू श्याम मंदिर राजस्थान यात्रा कैसे करें

नमस्कार दोस्तों स्वागत है हमारे वेबसाइट Yatra99 पर आज की पोस्ट में बात करेंगे Khatu Shyam Baba Yatra की. जैसा कि हम लोग जानते हैं कि खाटू श्याम बाबा भगवान श्री कृष्ण के कलयुग अवतार माने जाते हैं, इसलिए उनकी महिमा अपरंपार है और ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति उनके दर्शन कर लेगा उसकी सभी मन की मनोकामना की पूर्ति हो जाएगी. ऐसे में अगर आप भी खाटू श्याम बाबा के दर्शन करना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि खाटू श्याम बाबा की यात्रा आप कैसे करेंगे, वहां पर कैसे पहुंचेंगे, अगर आप इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं आज हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे इस आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे. तो चलिए शुरू करते हैं- खाटू श्याम का इतिहास | Khatu Shyam Mandir History खाटू श्याम बाबा का इतिहास क्या है अगर उसके बारे में हम चर्चा करें तो वह काफी पुरानी है. और उसका सीधा संबंध महाभारत काल से है I आप लोगों ने महाभारत काल में भीम के पौत्र बर्बरीक का नाम जरूर सुना होगा जो काफी शक्तिशाली और महान योद्धा था. उसके बारे में कहा जाता है कि उसके बाण में इतनी ज्यादा ताकत थी कि एक बाण से कई लोगों को एक साथ मौत के घाट उतार सकता था. श्री कृष्ण उनके इस शक्ति के बारे में जानते थे. उन्होंने एक तरकीब निकाली और ब्राह्मण का वेश धारण कर वीर योद्धा बर्बरीक के पास पहुंच गए और उन्होंने कहा मुझे आपका सिर चाहिए इस पर बर्बरीक ने अपना सिर काट कर उन्हें दे दिया. श्रीकृष्ण ने अपना असल रूप धारण किया और उन्हें वरदान दिया कि आज के बाद तुम इस संसार में खाटू श्याम बाबा के नाम से पूजा जाओगे और इसलिए खाटू श्याम मंदिर में बर्बरीक के अलावा भगवान श्री कृष्ण और राधा की भी पूजा की जाती है I खाटू श्याम कैसे बने | Kh...

Khatu Shyam : कौन है बाबा खाटू श्यामजी? क्या है उनकी कहानी?

राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू। यहां विराजित हैं खाटू श्यामजी। खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है। यहां पर प्रतिवर्ष फाल्गुन माह शुक्ल षष्ठी से बारस तक यह मेला लगता है। श्याम बाबा की महिमा का बखान करने वाले भक्त राजस्थान या भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में मौजूद हैं। आओ जानते हैं कि कौन है बाबा खाटू श्यामजी? क्या है उनकी कहानी। खाटू श्याम की कहानी : बर्बरीक दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे। बर्बरीक के लिए तीन बाण ही काफी थे जिसके बल पर वे कौरवों और पांडवों की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे। युद्ध के मैदान में भीम पौत्र बर्बरीक दोनों खेमों के मध्य बिन्दु एक पीपल के वृक्ष के नीचे खड़े हो गए और यह घोषणा कर डाली कि मैं उस पक्ष की तरफ से लडूंगा जो हार रहा होगा। बर्बरीक की इस घोषणा से कृष्ण चिंतित हो गए। भीम के पौत्र बर्बरीक के समक्ष जब अर्जुन तथा भगवान श्रीकृष्ण उसकी वीरता का चमत्कार देखने के लिए उपस्थित हुए तब बर्बरीक ने अपनी वीरता का छोटा-सा नमूना मात्र ही दिखाया। कृष्ण ने कहा कि यह जो वृक्ष है ‍इसके सारे पत्तों को एक ही तीर से छेद दो तो मैं मान जाऊंगा। बर्बरीक ने आज्ञा लेकर तीर को वृक्ष की ओर छोड़ दिया। जब तीर एक-एक कर सारे पत्तों को छेदता जा रहा था उसी दौरान एक पत्ता टूटकर नीचे गिर पड़ा। कृष्ण ने उस पत्ते पर यह सोचकर पैर रखकर उसे छुपा लिया की यह छेद होने से बच जाएगा, लेकिन सभी पत्तों को छेदता हुआ वह तीर कृष्ण के पैरों के पास आकर रुक गया। तब बर्बरीक ने कहा कि प्रभु आपके पैर के नीचे एक पत्ता दबा है कृपया पैर हटा लीजिए, क्योंकि मैंने तीर को सिर्फ पत्तों को छेदने की आज्ञा दे रखी है आपके पैर को छेदने की नहीं। उसके इस चमत्कार को देखकर...

खाटू श्याम मंदिर

खाटू श्याम मंदिर को भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार के रूप में जाना जाता है। खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है, जहां हर साल बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इस तीर्थ स्थल में कृष्ण और बर्बरीक पूज्य देवता हैं, जिन्हें अक्सर कुलदेवता के रूप में पूजा जाता है। मूर्ति दुर्लभ पत्थर से बनी है। भक्तों का मानना ​​​​है कि मंदिर में बर्बरीक या खाटूश्याम का सिर है, जो एक महान योद्धा थे, जिसने कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान कृष्ण के अनुरोध पर अपना सिर बलिदान कर दिया था। श्री श्याम मंदिर की स्थापना शिलालेख के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ला 3 संवत 1777 के दिन रखी गई, फाल्गुन शुक्ला 7 संवत 1777 को श्री श्याम जी सिंहासन में विराजमान हुए। खाटू श्याम जी का प्रमुख पर्व: खाटू श्याम धाम का फाल्गुन मेला काफी प्रसिद्ध है। इस मौके पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक शुक्ल एकादशी (अर्थात प्रबोधिनी एकादशी) को श्याम बाबा का जन्मदिवस मनाया जाता है। निकटतम अन्य दर्शनीय स्थल: पशुपतिनाथ मंदिर, सीता कुंड, करणी माता रींगस रोड, शीशम हनुमान जी, खंडेला दरबार प्राचीन महल फव्वारे, सीताराम मंदिर ( रामद्वारा), प्राचीन शिव मंदिर, मंगल दास जी एवं गणेश दास जी की प्राचीन समाधि, खटवांग राजा का महल पुराणिक कथा खाटू श्याम बाबा से जुड़ी एक बेहद दिलचस्प घटना सुनने को मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि जब महाभारत का युद्ध होना निश्चित था, तो एक वीर वनवासी ने अपनी माता से उस युद्ध में भाग लेने की अनुमति मांगी। माँ ने अनुमति देते हुए कहा- 'जाओ बेटा! हारने वाले का सहारा बनो।' उसने अपनी मां से वादा किया था कि वह हारे हुए व्यक्ति का समर्थन करेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वह बहादुर युवक भीम के पुत्र बर्बरीक और हिडिम्बा के...

Khatu Shyam Baba: बाबा खाटू श्याम WEB PORTAL

• दर्शन • दैनिक दर्शन • खाटू दर्शन बुकिंग • Khatu Shyam Ji Prashad Online • Ekadashi Darshan • खाटूश्याम आरती • खाटूश्याम चालीसा • खाटूश्याम भजन • खाटू श्याम कथा • Media • खाटू श्याम स्टेटस • खाटू श्याम कोट्स • खाटू श्याम शायरी • Khatu Baba Wallpapers • Shyam Baba Ringtones • Khatu Shyam Videos • Blog • Join Our Whatsapp Group👉 खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Temple) खाटू श्याम जी मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, खाटू श्याम जी घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक के अवतार हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त अपने दिल की गहराई से उनके नाम का उच्चारण करते हैं, वे धन्य हो जाते हैं और अगर वे इसे सच्ची भक्ति के साथ करते हैं तो उनके संकट दूर हो जाते हैं। खाटू श्याम जी (Khatu Shyam) मंदिर के पीछे की कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत की लड़ाई शुरू होने से पहले, बर्बरीक की शक्ति को बेजोड़ कहा जाता था। उसने कमजोर पक्ष का पक्ष लेने का फैसला किया था ताकि वह न्यायपूर्ण रह सके, एक ऐसा निर्णय जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों का पूर्ण विनाश हो जाएगा, केवल बर्बरीक ही जीवित बचेगा। ऐसा कहा जाता है कि इस तरह के विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उसका सिर (शीश दान) मांगा, जिसके लिए वह सहर्ष तैयार हो गया। श्री कृष्ण उनके प्रति दिखाई गई भक्ति और बर्बरीक के महान बलिदान से इतने खुश थे कि उन्होंने उन्हें एक वरदान दिया, जिसके अनुसार बर्बरीक कलयुग (वर्तमान समय) में कृष्ण के अपने नाम, श्याम जी (Khatu Shyam) के नाम से जाना जाएगा और उनके स्वरूप में पूजा की जाएगी। राजस्थान में खाटू श्याम मंदिर का निर्माण युद्ध के बाद, श्री कृष्ण ने बर्बरीक के सिर को आ...

Khatu Shyam Baba: बाबा खाटू श्याम WEB PORTAL

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