किन्नर का संधि विग्रह

  1. किन्नर (हीन ग्रह)
  2. किन्नर का पर्यायवाची
  3. संधि विच्छेद (Sandhi Viched) : HindiPrem.com
  4. किन्नर के जननांग या गुप्तांग दिखने में कैसे होते हैं? किन्नर किसे कहते है प्राइवेट पार्ट फोटो जानकारी
  5. [Solved] 'लोकानुग्रही' का संध
  6. किन्नर (किंनर) में कौन सी संधि है? किन्नर (किंनर) शब्द का संधि विच्छेद, किन्नर (किंनर) में प्रयुक्त संधि का नाम
  7. किन्नर का पर्यायवाची
  8. [Solved] 'लोकानुग्रही' का संध
  9. किन्नर (किंनर) में कौन सी संधि है? किन्नर (किंनर) शब्द का संधि विच्छेद, किन्नर (किंनर) में प्रयुक्त संधि का नाम
  10. किन्नर (हीन ग्रह)


Download: किन्नर का संधि विग्रह
Size: 28.31 MB

किन्नर (हीन ग्रह)

• Afrikaans • العربية • Asturianu • Boarisch • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • Català • Čeština • Dansk • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Euskara • فارسی • Suomi • Français • Galego • Avañe'ẽ • עברית • Hrvatski • Magyar • Հայերեն • Bahasa Indonesia • Italiano • 日本語 • ქართული • 한국어 • Latina • Lëtzebuergesch • Lombard • Македонски • മലയാളം • Bahasa Melayu • Nederlands • Norsk nynorsk • Norsk bokmål • Polski • Português • Română • Русский • Simple English • Slovenčina • Slovenščina • Српски / srpski • Svenska • ไทย • Türkçe • Українська • Tiếng Việt • 吴语 • მარგალური • 中文 • 粵語

किन्नर का पर्यायवाची

किन्नर का पर्यायवाची | Synonyms of Kinnar किन्नर का पर्यायवाची [संज्ञा पु.] अश्वमुख, किंपुरुष, कुबेरसखा, तुरंगमुख, मर्त्यसुख। इसे भी जानें ⇓ ‘ पर्याय ’ शब्द की व्युत्पत्ति(निर्वचन) ‘पर्याय’ शब्द की व्युत्पत्ति परि उपसर्ग पूर्वक इण् गतौ(परावनुपात्यय इणः, अष्टाध्यायी-3/3/38) धातु में घञ् प्रत्यय लगकर निष्पन्न होता है, जिसका तात्पर्य होता है- परितः ईयते गम्यते शब्दार्थः अनेन इति पर्यायः अर्थात् जिसके द्वारा चारो ओर से शब्दार्थ का बोध होता है। ‘ पर्याय ’ शब्द का सामान्य अर्थ 1. समानार्थक शब्द। समान अर्थ को प्रकट करने वाला शब्द। समान अर्थ का वाचक शब्द। समानार्थवाची शब्द। पर्यायवाची 2. परम्परा। क्रम। सिलसिला। अनुक्रम। 3. प्रकार। भेद। तरह। ढंग। 4. प्रणाली। व्यवस्था। 5. सदृश। समान। बराबर। 6. तरीका। प्रक्रिया की प्रणाली। रीति। 7. एक प्रकार का अलंकार(अर्थालंकार) जिसमें एक वस्तु अनेक आश्रय ग्रहण करता है। घुमाफिरा कर कहना। वक्रोक्ति या वाक्प्रपंच से कहने की रीति। 8. अवसर। मौका। 9. द्रव्य(वस्तु) का धर्म। द्रव्य(वस्तु) का अंश। 10. बारी। उत्तराधिकार। उचित या नियमित क्रम। 11. सृष्टि। निर्माण। तैयारी। रचना। ‘ पर्याय ’ शब्द का पर्यायवाची समानार्थी। समार्थी। पर्यायवाची। एकार्थवाची। एकार्थवाचक। एकार्थबोधक। एकार्थी। पर्यायवाचक। ‘ पर्यायवाची ’ शब्द के विपरीतार्थक शब्द विपर्याय। अपर्याय। विपरीतार्थ। विलोम। The word synonym means that it is similar or nearly identical to any other word or phrase in the same language. समान अर्थ का वाचक पर्यायवाची कहलाता है । पर्यायवाची अथवा पर्यायवाचक शब्द शब्दों के अर्थ में समानता प्रकट करते हैं, इसीलिए व्याकरण की भाषा में सामान अर्थ रखने वाले समानार्थी शब्दों को...

संधि विच्छेद (Sandhi Viched) : HindiPrem.com

‘संधि विच्छेद’ शीर्षक के इस लेख में संधियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को साझा किया गया है। दो शब्दों के मेल से होने वाले विकार को दो वर्णो के मेल से होने वाले विकार को ‘संधि’ कहते हैं। संधियों को तीन भागों में विभक्त किया गया है। स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि। इसके बाद स्वर संधि को दीर्घ संधि, गुण संधि, वृद्धि संधि, यण संधि व अयादि संधि में विभक्त किया गया है। दीर्घ संधि (स्वर संधि) के उदाहरण – शब्दार्थ, तथापि, मृत्यूपरांत, सूक्ति, कवीन्द्र, गिरींद्र, रवीन्द्र, पुष्पावली, परमार्थ, कल्पांत, भूपरि, भूत्तम, होतृकर, स्वर्णावसर, करुणावतार, पुस्तकार्थी, उत्तमांग, हिमालय, धनार्थी। मायाधीन, दैत्यारि, शिवालय, हरीश, कवीश, गिरीश, देहांत, महीश, नदीश, जानकीश, रजनीश, पृथ्वीश, वेदांत, आज्ञानुसार, मातृणाम, वधूत्सव, परीक्षार्थी, शिक्षार्थी। परमात्मा, शरणार्थी, सत्यार्थी, रत्नाकर, सूर्यास्त, विद्याभास, कपीश, मुनीश्वर, सेवार्थ, चरणामृत, रामावतार, रामायण, शिवायन, बद्धीश, रतीश, लक्ष्मीच्छा, भारतीश्वर। महीन्द्र, अन्नाभाव, कवीच्छा, अभीष्ट, भोजनालय, पुस्तकालय, देवालय, विद्यार्थी, युवावस्था, रामाधार, रामाश्रय, धर्मात्मा, परमानन्द, नित्यानंद, परमावश्यक। रघूत्तर, भानूदय, लघूक्ति, कटूक्ति, मंजूषा, सिंधूर्मि, लघूर्मि। गुण संधि (स्वर संधि) के उदाहरण – प्रेत, सूर्योदय, महर्षि, सप्तऋषि, महेन्द्र, रमेश, महेश, गंगोर्मि, महोत्सव, जलोर्मि, देवर्षि, समुद्रोर्मि। परोपकार, सुरेश, देवेंद्र, सुरेंद्र, उपेंद्र, नरेंद्र, नरेश, गणेश, खगेश, देवेश, राजऋषि, महेश्वर, जलोदय, चंद्रोदय, लोकोपयोग, महोपदेश, परमोत्सव, दीर्घोपल, महोर्जस्वी, महोर्मि। वृद्धि संधि (स्वर संधि) के उदाहरण – सदैव, तथैव, महौज, मतैक्य, एकैव...

किन्नर के जननांग या गुप्तांग दिखने में कैसे होते हैं? किन्नर किसे कहते है प्राइवेट पार्ट फोटो जानकारी

किन्नर किसे कहते है: मैं देखता हूँ की लोगों के बीच में किन्नर के जननांग के विषय में बड़ी जिज्ञासा होती है | गूगल पर भी लोग इस विषय में खूब सर्च करते हैं परन्तु उन्हें इस विषय पर बहुत सही जानकारी उपलब्ध नहीं है; तो आइये आप को जानकारी देते हैं की वास्तव में किन्नर के जननांग या अंग दिखने में कैसे होते हैं ? किन्नरों के बारे में जानकारी: किन्नरो को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है। पहला – महिला किन्नर: महिला जैसे किन्नर जिनका स्तन बहुत छोटा-छोटा होता है, मूत्र त्याग करने के लिए योनि के स्थान एक गोल छेद होता है, इसे दाढ़ी-मूंछ नहीं होती है, साधारणतः महिला किन्नर समाज के सामने खुलकर नहीं आती है और वो महिलाओ के बीच मे अपना जीवन व्यतीत कर लेती हैं| दूसरा- पुरुष किन्नर: पुरुष जैसे किन्नर जो जन्मजात होते है उसके पास अंडकोश नहीं होता है, मूत्र त्याग करने के छोटा लिंग होता है जिसमे तनाव पैदा नहीं होता है, इसे दाढ़ी मूंछ होती है, पुरुष किन्नर नारी के वेश में समाज मे खुलकर रहता है, पुरुष किन्नर जमात मे रहता है तथा नाच-गाकर अर्जन करता है। तीसरा- कृत्रिम किन्नर: किन्नर कृत्रिम भी बनते हैं जो जन्मजात नहीं होते हैं और विदेशों में होर्मोंस और सर्जरी से बनते हैं पर भारत में ऐसे किन्नर दूसरे के नन्हें नवजात शिशुओं को चुरा उसी अवस्था उसके अंडकोष को निष्क्रिय करवा के नपुंसक बनाने से होते है (जैसे सांड को बैल बनाना), इसे दाढ़ी मूंछ होती है तथा उसमे अंडकोश की थैली भी दिखाई देती है पर जनन नहीं कर सकते और वो पुरुष किन्नर के साथ ही रहता है। किन्नर प्राइवेट पार्ट फोटो आपने देखा होगा किन्नर भी वास्तव में दो तरह के होते हैं, एक जो पुरुषों की तरह देखता है और दूसरे जो स्त्रियों जैसे दीखते हैं | लेकिन उन...

[Solved] 'लोकानुग्रही' का संध

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए: आग के इस लोकानुग्रही रूप का विग्रह अलाव भी है, जो न केवल शीत दूर करने का माध्यम है बल्कि लोक की सामूहिक चेतना का प्रतीक भी है I अलाव से ही जुड़े हैं नेह-छोह के अदृश्य बंधन जिनके पाश में बँधा हुआ था समूचा गाँव। जैसे-जैसे बदलाव ने पाँव पसारे हैं, अलाव अब प्राय: स्‍मृति की चीज बनता जा रहा है। गाँव जो अलाव के पास बैठकर अपने-अपने दुख-सुख बाँटता था वह अब शहराता जा रहा है I समय के साथ-साथ हमारे प्रेम और अपनत्व के दायरे सिमटते जा रहे हैं I शहरों से आयातित शहरीपन गाँव की नस-नस में समाता जा रहा है। दुमुँहापन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बनता जा रहा है। ऐसे में चौपाल पर अलाव के इर्द-गिर्द बैठकर इकहरे मन से बातें भला किसे रुचे I 'लोकानुग्रही' का संधि विच्छेद है - 'लोकानुग्रही' का संधि विच्छेद "लोक + अनुग्रही" है। Key Points • लोकानुग्रही • लोक + अनुग्रही • अ + अ :- आ • दीर्घ संधि • लोकानुग्रही शब्द का अर्थ लोगों पर कृपा है। • अनुग्रह • पुल्लिंग • कृपा। Additional Information • दीर्घ संधि के उदाहरण • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ । • हिम + आलय = हिमालय । • विद्या + अर्थी = विद्यार्थी । • विद्या + आलय = विद्यालय । • रवि + इंद्र = रवींद्र, मुनि + इंद्र = मुनींद्र । • गिरि + ईश = गिरीश, मुनि + ईश = मुनीश । • मही + इंद्र = महींद्र, नारी + इंदु = नारींदु । • नदी + ईश = नदीश मही + ईश = महीश । • (उ + उ = ऊ) • भानु + उदय = भानूदय, विधु + उदय = विधूदय । • (उ + ऊ = ऊ) • लघु + ऊर्मि = लघूर्मि, सिधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि । • (ऊ + उ = ऊ) • वधू + उत्सव = वधूत्सव, वधू + उल्लेख = वधूल्लेख । • (ऊ + ऊ = ऊ) • भू + ऊर्ध्...

किन्नर (किंनर) में कौन सी संधि है? किन्नर (किंनर) शब्द का संधि विच्छेद, किन्नर (किंनर) में प्रयुक्त संधि का नाम

Advertisement विद्यार्थियों के लिए व्यंजन संधि के बारे में संक्षेप में जानकारी इस प्रकार है:-व्यंजन संधि के अनेक भेद एवं प्रकार हैं। यहाँ पर हमने व्यंजन संधि के किन्नर (किंनर) से संबन्धित भेद को समझाया है। विद्यार्थी व्यंजन संधि को गहराई से समझने के लिए नीचे दिये गए लिंक लिंक पर जाएँ और व्यंजन संधि के सभी 10 नियमों का विस्तार से अध्ययन कर सकते हैं। व्यंजन संधि की परिभाषा व्यंजन तथा व्यंजन या स्वर के मेल से जो विकार (परिवर्तन) उत्पन्न होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं अर्थात् शब्दों या शब्दांशों के मिलने से नया शब्द बनने पर पहले शब्द के आखिरी और दूसरे शब्द के प्रथम वर्णों में होने वाले परिवर्तन को संधि कहते हैं। यदि प्रथम पद के अंत में स्वर रहित “म्” वर्ण आये तथा दूसरे पद के प्रारंभ में किसी वर्ग का कोई एक वर्ण आये तो प्रथम पद के अंत वाला स्वर रहित ”म” वर्ण अगले वर्ण के पांचवें वर्ण में बदल जाता है यदि आगे कोई स्वर वर्ण आये तो उस स्वर वर्ण की मात्रा स्वर रहित “म” वर्ण में जुड़ जाती है। Advertisement व्यंजन संधि के उदाहरण :- अकिम् + चन = अकिञ्चन (अकिंचन) विभिन्न परीक्षाओं में किन्नर (किंनर) में कौन सी संधि है आदि प्रश्न कई प्रकार से पूछे जाते हैं।जैसे कि :- किन्नर (किंनर) शब्द में कौन सी संधि है? किन्नर (किंनर) का संधि विग्रह? किन्नर (किंनर) में कौन सी संधि है? किन्नर (किंनर) का संधि भेद कीजिये? किन्नर (किंनर) संधि का नाम बताइये? किन्नर (किंनर) का संधि विच्छेद? Related Posts: • विच्छेद में कौन सी संधि है? विच्छेद शब्द का संधि विच्छेद,… • ऋण में कौन सी संधि है? ऋण शब्द का संधि विच्छेद, ऋण में… • किञ्चित (किंचित) में कौन सी संधि है? किञ्चित (किंचित) शब्द… • अङ्ग ( अंक) में कौन ...

किन्नर का पर्यायवाची

किन्नर का पर्यायवाची | Synonyms of Kinnar किन्नर का पर्यायवाची [संज्ञा पु.] अश्वमुख, किंपुरुष, कुबेरसखा, तुरंगमुख, मर्त्यसुख। इसे भी जानें ⇓ ‘ पर्याय ’ शब्द की व्युत्पत्ति(निर्वचन) ‘पर्याय’ शब्द की व्युत्पत्ति परि उपसर्ग पूर्वक इण् गतौ(परावनुपात्यय इणः, अष्टाध्यायी-3/3/38) धातु में घञ् प्रत्यय लगकर निष्पन्न होता है, जिसका तात्पर्य होता है- परितः ईयते गम्यते शब्दार्थः अनेन इति पर्यायः अर्थात् जिसके द्वारा चारो ओर से शब्दार्थ का बोध होता है। ‘ पर्याय ’ शब्द का सामान्य अर्थ 1. समानार्थक शब्द। समान अर्थ को प्रकट करने वाला शब्द। समान अर्थ का वाचक शब्द। समानार्थवाची शब्द। पर्यायवाची 2. परम्परा। क्रम। सिलसिला। अनुक्रम। 3. प्रकार। भेद। तरह। ढंग। 4. प्रणाली। व्यवस्था। 5. सदृश। समान। बराबर। 6. तरीका। प्रक्रिया की प्रणाली। रीति। 7. एक प्रकार का अलंकार(अर्थालंकार) जिसमें एक वस्तु अनेक आश्रय ग्रहण करता है। घुमाफिरा कर कहना। वक्रोक्ति या वाक्प्रपंच से कहने की रीति। 8. अवसर। मौका। 9. द्रव्य(वस्तु) का धर्म। द्रव्य(वस्तु) का अंश। 10. बारी। उत्तराधिकार। उचित या नियमित क्रम। 11. सृष्टि। निर्माण। तैयारी। रचना। ‘ पर्याय ’ शब्द का पर्यायवाची समानार्थी। समार्थी। पर्यायवाची। एकार्थवाची। एकार्थवाचक। एकार्थबोधक। एकार्थी। पर्यायवाचक। ‘ पर्यायवाची ’ शब्द के विपरीतार्थक शब्द विपर्याय। अपर्याय। विपरीतार्थ। विलोम। The word synonym means that it is similar or nearly identical to any other word or phrase in the same language. समान अर्थ का वाचक पर्यायवाची कहलाता है । पर्यायवाची अथवा पर्यायवाचक शब्द शब्दों के अर्थ में समानता प्रकट करते हैं, इसीलिए व्याकरण की भाषा में सामान अर्थ रखने वाले समानार्थी शब्दों को...

[Solved] 'लोकानुग्रही' का संध

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए: आग के इस लोकानुग्रही रूप का विग्रह अलाव भी है, जो न केवल शीत दूर करने का माध्यम है बल्कि लोक की सामूहिक चेतना का प्रतीक भी है I अलाव से ही जुड़े हैं नेह-छोह के अदृश्य बंधन जिनके पाश में बँधा हुआ था समूचा गाँव। जैसे-जैसे बदलाव ने पाँव पसारे हैं, अलाव अब प्राय: स्‍मृति की चीज बनता जा रहा है। गाँव जो अलाव के पास बैठकर अपने-अपने दुख-सुख बाँटता था वह अब शहराता जा रहा है I समय के साथ-साथ हमारे प्रेम और अपनत्व के दायरे सिमटते जा रहे हैं I शहरों से आयातित शहरीपन गाँव की नस-नस में समाता जा रहा है। दुमुँहापन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बनता जा रहा है। ऐसे में चौपाल पर अलाव के इर्द-गिर्द बैठकर इकहरे मन से बातें भला किसे रुचे I 'लोकानुग्रही' का संधि विच्छेद है - 'लोकानुग्रही' का संधि विच्छेद "लोक + अनुग्रही" है। Key Points • लोकानुग्रही • लोक + अनुग्रही • अ + अ :- आ • दीर्घ संधि • लोकानुग्रही शब्द का अर्थ लोगों पर कृपा है। • अनुग्रह • पुल्लिंग • कृपा। Additional Information • दीर्घ संधि के उदाहरण • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ । • हिम + आलय = हिमालय । • विद्या + अर्थी = विद्यार्थी । • विद्या + आलय = विद्यालय । • रवि + इंद्र = रवींद्र, मुनि + इंद्र = मुनींद्र । • गिरि + ईश = गिरीश, मुनि + ईश = मुनीश । • मही + इंद्र = महींद्र, नारी + इंदु = नारींदु । • नदी + ईश = नदीश मही + ईश = महीश । • (उ + उ = ऊ) • भानु + उदय = भानूदय, विधु + उदय = विधूदय । • (उ + ऊ = ऊ) • लघु + ऊर्मि = लघूर्मि, सिधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि । • (ऊ + उ = ऊ) • वधू + उत्सव = वधूत्सव, वधू + उल्लेख = वधूल्लेख । • (ऊ + ऊ = ऊ) • भू + ऊर्ध्...

किन्नर (किंनर) में कौन सी संधि है? किन्नर (किंनर) शब्द का संधि विच्छेद, किन्नर (किंनर) में प्रयुक्त संधि का नाम

Advertisement विद्यार्थियों के लिए व्यंजन संधि के बारे में संक्षेप में जानकारी इस प्रकार है:-व्यंजन संधि के अनेक भेद एवं प्रकार हैं। यहाँ पर हमने व्यंजन संधि के किन्नर (किंनर) से संबन्धित भेद को समझाया है। विद्यार्थी व्यंजन संधि को गहराई से समझने के लिए नीचे दिये गए लिंक लिंक पर जाएँ और व्यंजन संधि के सभी 10 नियमों का विस्तार से अध्ययन कर सकते हैं। व्यंजन संधि की परिभाषा व्यंजन तथा व्यंजन या स्वर के मेल से जो विकार (परिवर्तन) उत्पन्न होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं अर्थात् शब्दों या शब्दांशों के मिलने से नया शब्द बनने पर पहले शब्द के आखिरी और दूसरे शब्द के प्रथम वर्णों में होने वाले परिवर्तन को संधि कहते हैं। यदि प्रथम पद के अंत में स्वर रहित “म्” वर्ण आये तथा दूसरे पद के प्रारंभ में किसी वर्ग का कोई एक वर्ण आये तो प्रथम पद के अंत वाला स्वर रहित ”म” वर्ण अगले वर्ण के पांचवें वर्ण में बदल जाता है यदि आगे कोई स्वर वर्ण आये तो उस स्वर वर्ण की मात्रा स्वर रहित “म” वर्ण में जुड़ जाती है। Advertisement व्यंजन संधि के उदाहरण :- अकिम् + चन = अकिञ्चन (अकिंचन) विभिन्न परीक्षाओं में किन्नर (किंनर) में कौन सी संधि है आदि प्रश्न कई प्रकार से पूछे जाते हैं।जैसे कि :- किन्नर (किंनर) शब्द में कौन सी संधि है? किन्नर (किंनर) का संधि विग्रह? किन्नर (किंनर) में कौन सी संधि है? किन्नर (किंनर) का संधि भेद कीजिये? किन्नर (किंनर) संधि का नाम बताइये? किन्नर (किंनर) का संधि विच्छेद? Related Posts: • विच्छेद में कौन सी संधि है? विच्छेद शब्द का संधि विच्छेद,… • ऋण में कौन सी संधि है? ऋण शब्द का संधि विच्छेद, ऋण में… • किञ्चित (किंचित) में कौन सी संधि है? किञ्चित (किंचित) शब्द… • अङ्ग ( अंक) में कौन ...

किन्नर (हीन ग्रह)

• Afrikaans • العربية • Asturianu • Boarisch • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • Català • Čeština • Dansk • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Euskara • فارسی • Suomi • Français • Galego • Avañe'ẽ • עברית • Hrvatski • Magyar • Հայերեն • Bahasa Indonesia • Italiano • 日本語 • ქართული • 한국어 • Latina • Lëtzebuergesch • Lombard • Македонски • മലയാളം • Bahasa Melayu • Nederlands • Norsk nynorsk • Norsk bokmål • Polski • Português • Română • Русский • Simple English • Slovenčina • Slovenščina • Српски / srpski • Svenska • ไทย • Türkçe • Українська • Tiếng Việt • 吴语 • მარგალური • 中文 • 粵語