किस

  1. भगवान कृष्ण का जन्म कब और किस युग में हुआ?
  2. अपना पहला किस करें
  3. Types Of Kisses In Marathi
  4. उपनिषद्
  5. Baal Kaale Karne Ke Liye Methi Ke Gharelu Upay, Fenugreek Seeds For White Hair
  6. हम एक दूसरे को किस क्यों करते हैं
  7. Numerology: बर्थ डेट से जानें किस क्षेत्र में करियर बनाना आपके लिए होगा आसान, तेजी से चढ़ेंगे सफलता की सीढ़ी
  8. भगवान कृष्ण किस वंश के थे ? कृष्ण की जाति (Jaati) Lord Krishna Caste in Hindi
  9. विराम चिह्न क्या है


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भगवान कृष्ण का जन्म कब और किस युग में हुआ?

वैदिक प्रमाण द्वारा कृष्ण का जन्म श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। भागवत पुराण में कृष्ण-जन्म के सम्बन्ध में निम्नलिखित वर्णन उपलब्ध है:- श्रीशुक उवाच अथ सर्वगुणोपेतः कालः परमशोभनः। यर्ह्येवाजनजन्मर्क्षं शान्तर्क्षग्रहतारकम्॥१॥ दिशः प्रसेदुर्गगनं निर्मलोडुगणोदयम्। मही मङ्गलभूयिष्ठ पुरग्रामव्रजाकरा॥२॥ नद्यः प्रसन्नसलिला ह्रदा जलरुहश्रियः। द्विजालिकुलसन्नाद स्तवका वनराजयः॥३॥ - भागवत पुराण १०.३.१-३ भावार्थः - श्री शुकदेव जी कहते हैं - परीक्षित! अब समस्त शुभ गुणों से युक्त बहुत सुहावना समय आया। रोहिणी नक्षत्र था। आकाश के सभी नक्षत्र, ग्रह और तारे शान्त-सौम्य हो रहे थे। दिशाऐं स्वच्छ, प्रसन्न थीं। निर्मल आकाश में तारे जगमगा रहे थे। पृथ्वी के बड़े-बड़े नगर, छोटे-छोटे गाँव, अहीरों की बस्तियाँ और हीरे आदि की खानें मंगलमय हो रहीं थीं। नदियों का जल निर्मल हो गया था। रात्रि के समय भी सरोवरों में कमल खिल रहे थे। वन में वृक्षों की पत्तियाँ रंग-बिरंगे पुष्पों के गुच्छों से लद गयीं थीं। कहीं पक्षी चहक रहे थे, तो कहीं भौंरे गुनगुना रहे थे। यदुवंशेऽवतीर्णस्य भवतः पुरुषोत्तम। शरच्छतं व्यतीयाय पञ्चविंशाधिकं प्रभो॥२५॥ नाधुना तेऽखिलाधार देवकार्यावशेषितम्। कुलं च विप्रशापेन नष्टप्रायमभूदिदम्॥२६॥ ततः स्वधाम परमं विशस्व यदि मन्यसे। सलोकाल्लोकपालान्नः पाहि वैकुण्ठकिङ्करान्॥२७॥ - भागवत ११.०६.२५-२७ भावार्थः - (ब्रह्माजी श्रीकृष्ण से कहते है -) पुरुषोत्तम सर्वशक्तिमान् प्रभो! आपको यदुवंश में अवतार ग्रहण किये एक सौ पचीस वर्ष बीत गये हैं। सर्वाधार! हम लोगों का ऐसा कोई काम बाकी नहीं है, जिसे पूर्ण करने के लिये आपको यहाँ रहने की आवश्यकता हो। ब्राम्हणों के शाप के कारण आपका यह कुल भी एक प्रकार से ...

अपना पहला किस करें

अगर आप किसी को पसंद करते हैं और आपको पूरा यकीन है कि वो भी आपको पसंद करता है, तो फिर शायद अब ये सोचने लग गए होंगे कि ये समय किस करने के लिए सही होगा या नहीं। पहला किस करना बहुत एक्साइटिंग होता है, लेकिन इसे करने के बारे में नर्वस और अनश्योर फील करना भी नॉर्मल होता है। असल में, ऐसा ही उस इंसान के साथ भी होता है, जिसे आप किस करना चाहते हैं, वो भी ठीक इसी तरह से महसूस कर रहा होता है। जब आप आपके पहले किस को करने के लिए रेडी हो जाएँ, तब इसे करने के लिए एक अच्छे टाइम को चुनें, जैसे कि एक डेट पर। फिर, उस इंसान को टच करें और किस के लिए झुकें। जब किस पूरा हो जाए, उसके हाथों को पकड़ें और कुछ देर के लिए एक-दूसरे को प्यार करें। आपके पहले किस के लिए एक सही सेटिंग चुनें: भले ही आप आपके इस पहले किस को पाने के लिए बहुत बेचैन होंगे, लेकिन फिर भी अच्छा होगा अगर आप इसके लिए एक टाइम और ऐसी जगह चुनें, जहां आप कम्फ़र्टेबल फील करें। जब तक कि आप और वो इंसान, जिसे आप किस करना चाहते हैं, दोनों अकेले नहीं हो जाते, तब तक इंतज़ार करें। फिर, उनके कम्फ़र्टेबल होने और उनके मूड के अच्छे होने का पता लगाने के लिए उनसे बात करें। X रिसर्च सोर्स • जैसे, किसी इंसान को ऐसे समय पर किस करना एक अच्छा विचार नहीं होगा, जब वो किसी काम के बीच में हो या फिर जब वो उदास हो। • डेट के दौरान या फिर डांस करते समय, आपके फर्स्ट किस के लिए एक अच्छी सेटिंग रहेगी। किस करने के मूड को सेट करने के लिए उसके साथ में फ़्लर्ट करें: उन्हें देखकर स्माइल करें और आपकी आर्म्स को ओपन और आपके साइड्स में रखें, ताकि आप ओपन नजर आएँ। धीरे से उसे उसके हाथ, उसकी आर्म या फिर अगर उन्हें इसके साथ में कोई तकलीफ न हो, तो अपर थाई पर टच करें। इसके अलावा, उन...

Types Of Kisses In Marathi

आपल्या आवडत्या व्यक्तीला किस करणं ही एक अगदी सहजभावना आहे आणि सर्वात सुंदरदेखील. अर्थात यामध्ये नक्कीच कोणी वाद घालणार नाही. तुमचं ज्याच्यावर खूप प्रेम आहे त्या माणसाला जेव्हा तुम्ही पहिल्यांदा किस करता तेव्हा तुमच्या हृदयाची धडधड साहजिकच वाढलेली असते, जेव्हा कोणी बघत नसतं तेव्हा तुम्ही हळूच किस घेता किंवा एकांतात असताना अगदी भावनेत गुंतून जाऊन प्रेमाने किस करत असता जे तुमच्या आयुष्यातील अगदी विशेष क्षण असतात आणि जे तुमचं नातं नव्याने घडवत असतात. तुम्ही अगदी नवखे असून तुम्हाला किससाठी काही टीप्स हव्या असतील अथवा तुमच्या बेडरूममध्ये तुम्हाला अगदी नव्याने काही किस ट्राय करायचे असतील. तर त्यासाठी आम्ही तुम्हाला काही किस सांगणार आहोत अर्थात काही किसची शिफारस करणार आहोत असं म्हटलं तर जास्त योग्य असेल. तुम्ही हे किस एकदा तरी तुमच्या आयुष्यामध्ये नक्की घेऊन पाहा. तसंच तुमच्या जोडीदाराचं लक्ष तुमच्याकडे वळवण्यासाठी आणि त्यांनी तुमच्यामध्ये गुंतून राहण्यासाठी काय करावं आणि काय करू नये यासाठीदेखील आम्ही तुम्हाला मदत करणार आहोत. हे सर्व समजून घेतल्यानंतर नक्कीच ‘जीव रंगला, गुंगला, दंगला असा’ हे गाणं गुणगुणल्याशिवाय तुम्ही राहणार नाही. नात्यामध्ये किस घेणं महत्त्वाचं का? (Why Is Kissing Important In A Relationship?) किस हीच तरी नात्याची सुरुवात असते. खरं तर किस हा आपलं प्रेम व्यक्त करण्याची एक पद्धत आहे. समोरचा माणूस आपल्याला किती आवडतो आणि आपलं त्याच्यावर किती प्रेम आहे हे सर्वात पहिल्यांदा आपण किस घेऊन त्याला जाणवून देऊ शकतो. केवळ भावना आणि उत्कटता यापेक्षाही अधिक गोष्टी किसमध्ये असतात. वास्तविक तुमची मानसिक आणि शारीरिक स्थिती व्यवस्थित ठेवण्यासाठी आणि तुमचं नातं अधिक दृढ करण्यासाठी...

उपनिषद्

इस संदूक को: देखें • संवाद • संपादन सम्बन्धित उपनिषद् हिन्दू धर्म के महत्त्वपूर्ण उपनिषदों में उपनिषद् भारतीय सभ्यता की अमूल्य धरोहर है। उपनिषद ही समस्त भारतीय दर्शनों के मूल स्रोत हैं, चाहे वो उपनिषद भारतीय आध्यात्मिक चिन्तन के मूल आधार हैं, भारतीय आध्यात्मिक दर्शन के स्रोत हैं। वे ब्रह्मविद्या हैं। जिज्ञासाओं के ऋषियों द्वारा खोजे हुए उत्तर हैं। वे चिन्तनशील ऋषियों की ज्ञानचर्चाओं का सार हैं। वे कवि-हृदय ऋषियों की काव्यमय आध्यात्मिक रचनाएँ हैं, अज्ञात की खोज के प्रयास हैं, वर्णनातीत परमशक्ति को शब्दों में प्रस्तुत करनेकि की कोशिशें हैं और उस निराकार, निर्विकार, असीम, अपार को अन्तरदृष्टि से समझने और परिभाषित करने की अदम्य आकांक्षा के लेखबद्ध विवरण हैं। अनुक्रम • 1 उपनिषद शब्द का अर्थ • 2 विषय-वस्तु • 2.1 उपनिषदों की कथाएँ • 3 आध्यात्मिक चिन्तन की अमूल्य निधि • 4 उपनिषदकाल के पहले: वैदिक युग • 5 उपनिषदकालीन विचारों का उदय • 6 उपनिषदों का स्वरूप • 7 उपनिषदों का वर्गीकरण • 7.1 वेद से सम्बन्ध • 7.2 मुख्य उपनिषद एवं गौण उपनिषद • 7.3 प्रतिपाद्य विषय के आधार पर • 7.4 भाषा तथा उपनिषदों के विकासक्रम के आधार पर • 8 उपनिषदों की भौगोलिक स्थिति एवं काल • 9 सन्दर्भ • 10 इन्हें भी देखिये • 11 बाहरी कड़ियाँ • 11.1 मूल ग्रन्थ • 11.2 अनुवाद उपनिषद शब्द का अर्थ [ ] उपनिषद् शब्द का साधारण अर्थ है - ‘समीप उपवेशन’ या 'समीप बैठना (ब्रह्म विद्या की प्राप्ति के लिए शिष्य का गुरु के पास बैठना)। यह शब्द ‘उप’, ‘नि’ उपसर्ग तथा, ‘सद्’ धातु से निष्पन्न हुआ है। सद् धातु के तीन अर्थ हैं: विवरण-नाश होना; गति-पाना या जानना तथा अवसादन-शिथिल होना। उपनिषद् में ऋषि और शिष्य के बीच बहुत सुन्दर और गूढ संवाद है ज...

Baal Kaale Karne Ke Liye Methi Ke Gharelu Upay, Fenugreek Seeds For White Hair

Hair Care: बालों का सफेद होना एक ऐसी दिक्कत है जिससे अनेक लोगों को दोचार होना पड़ता है. बाल समय से पहले कई कारणों से सफेद हो सकते हैं. बालों में पोषण की कमी, जरूरत से ज्यादा केमिकलयुक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल, बालों की सही तरह से देखरेख ना करना और धूप में बालों को खुला रखने पर भी बाल कम उम्र में सफेद (White Hair) हो जाते हैं. इसके अलावा, जेनेटिक्स भी बालों को सफेद बनाते हैं. बहुत बार तनाव के कारण भी सेहत प्रभावित होती है और बाल सफेद होना शुरू हो जाते हैं. ऐसे में घर की ही कुछ आम चीजों को अपनाकर सफेद बालों को फिर से काला करने की कोशिश की जा सकती है. मेथी ऐसी ही एक घर की चीज है जो बालों को बनाती है सफेद. सफेद बालों के लिए मेथी के दाने | Fenugreek Seeds White Hair बालों को पोषण देने के लिए और सफेद बालों को फिर से काला करने के लिए मेथी के दानों (Methi ke Dane) का इस्तेमाल किया जा सकता है. मेथी के दाने एक नहीं बल्कि कई तरह से बालों पर असर डालते हैं और बालों को लंबा बनाने में भी मददगार हैं. मेथी के दानों में आयरन और प्रोटीन पाया जाता है जिससे बालों की ग्रोथ अच्छी होती है. इन दानों में पौटेशियम की भी अच्छी मात्रा होती है जो बालों को सफेद होने से रोकती है और सफेद बालों को काला करने में मददगार है. Photo Credit: iStock मेथी के दानों का पानी सफेद बालों पर मेथी के दानों का पानी (Fenugreek Seed Water) भी लगाया जा सकता है. इस पानी को बनाने के लिए मेथी के दानों में पानी डालें और इसे आंच पर चढ़ा दें. इस पानी को कुछ देर उबालने के बाद ठंडा करके छान लें. इस पानी को हर दूसरे दिन बालों पर लगाया जा सकता है. इससे बालों की सफेदी कम होती नजर आने लगती है. मेथी और नींबू का हेयर मास्क मेथी के दानों क...

हम एक दूसरे को किस क्यों करते हैं

Kiss Kyu Ki Jati Hai:‘किस’ का नाम लेते ही हमें फिल्मों में एक दूसरे को किस करते हुए प्रेमी प्रेमिका की याद आती है। वास्तव में किस (kiss) सिर्फ प्रेमी प्रेमिका ही एक दूसरे को नहीं करते हैं बल्कि दुनिया का हर एक व्यक्ति अपना प्यार जाहिर करने के लिए अलग अलग रिश्तों में अपने चाहने वालों को किस करता है। पति अपना प्यार जाहिर करने के लिए पत्नी को किस करता है, मां अपने बच्चों को और दोस्त अपने दोस्त को किस करता है। इसलिए किस के एक नहीं बल्कि अनेक मायने हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किस करता है। लेकिन किस करने के कुछ वैज्ञानिक कारण भी होते हैं जो आमतौर पर कम लोगों को ही पता होते हैं। विषय सूची • • • • • • • • • किस करने से कितनी कैलोरी खर्च होती है – Kiss karne se kitni calorie kharch hoti hai in Hindi चुंबन के वैज्ञानिक अध्ययन को फिलेमैटोलॉजी कहा जाता है। शोध से पता चलता है कि किस करने में फेसियल और पोस्टुरल सहित विभिन्न प्रकार की मांसपेशियों का उपयोग किया जाता है। किस करने में ऑर्बिक्यूलेरिस ओरिस नामक मुख्य कंकाल मांसपेशी शामिल होती है। सामान्य किस करने में दो से कम मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है और इस दौरान दो से तीन आमतौर पर किस करने का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। जिस व्यक्ति के प्रति आपके मन में जब भावनाएं उत्पन्न होती हैं उसी दौरान लोग एक दूसरे को किस करते हैं। आइये जानते हैं किस कब और किसलिए किया जाता है। सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए हम एक दूसरे को करते हैं किस – Kiss for increase sex drive in Hindi (और पढ़े – रोमांटिक लव में किया जाता है किस – Romantic love mein kiya jata hai kiss in Hindi जब हम किसी व्यक्ति के प्रति आकर्षित होते हैं और उससे प्या...

Numerology: बर्थ डेट से जानें किस क्षेत्र में करियर बनाना आपके लिए होगा आसान, तेजी से चढ़ेंगे सफलता की सीढ़ी

Numerology: बर्थ डेट से जानें किस क्षेत्र में करियर बनाना आपके लिए होगा आसान, तेजी से चढ़ेंगे सफलता की सीढ़ी Mulank Numerology: मूलांक से व्यक्ति यह भी जान सकता है कि उसे किस करियर क्षेत्र में सफलता मिलेंगी. ऐसे में व्यक्ति अपने मूलांक के अनुसार करियर चुनता है तो उसे जल्दी करियर बनाने में मदद मिलेगी. डीएनए हिंदीः अंक ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के मूलांक(Mulank Numerology) से उसके बारे में काफी कुछ जान सकते हैं. मूलांक (Mulank Numerology) से जातक के व्यवहार और भविष्य का पता लगा सकते हैं. इतना ही नहीं मूलांक (Mulank Numerology) से यह भी जान सकते हैं कि व्यक्ति को किस करियर क्षेत्र में सफलता मिलेंगी. ऐसे में व्यक्ति अपने मूलांक (Mulank) के अनुसार करियर चुनता है तो उसे जल्दी करियर बनाने में मदद मिलेगी. मूलांक निकालने के लिए जन्म तारीख को जोड़ना होता है. किसी जातक का जन्म 18 तारीख को हुआ है. तो उसका मूलांक (1+8) 9 होगा. इसी प्रकार मूलांक (Mulank Numerology) निकाला जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि किस मूलांक के जातकों को किस क्षेत्र में करियर (​​​Career by Numerology) बनाना चाहिए. मूलांक के मुताबिक चुनें करियर मिलेगी अपार सफलता मूलांक 1 जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 1, 10,19 या 28 तारीख को हुआ हो उनका मूलांक 1 होता है. इन लोगों को बिजली, विज्ञान, डॉक्टर, सरकारी ठेका, आभूषण आदि से संबंधित कार्यों में बनाना चाहिए. मूलांक 2 महीने की 2,11,20 और 29 तारीख को जन्में लोगों का मूलांक 2 होता है. यह लोग बहुत ही भावुक होते हैं. इन्हें पत्रकारिता, रत्न व्यापार, तरल चीजों से जुड़े काम और आर्किटेक्चर-इंटीरियर के काम में अपना करियर बनाना चाहिए. मूलांक 3 मूलांक तीन उन लोगों का होता है जिनका ...

भगवान कृष्ण किस वंश के थे ? कृष्ण की जाति (Jaati) Lord Krishna Caste in Hindi

भगवान कृष्ण किस वंश के थे : आप सभी भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले श्री कृष्ण से जुड़ी बहुत सी कथाओं के बारे में जानते ही होंगे, परंतु आज मैं आपको इस लेख में भगवान कृष्ण की पूरी वंशावली के बारे में बताने जा रहा हूं । जिसके बारे में सभी कृष्ण भक्तों को अवश्य ही जानना चाहिए । भगवान कृष्ण किस जाति के थे, कृष्ण भगवान किस गोत्र के थे, कृष्ण भगवान किस कास्ट के थे इन सभी सबलो का उत्तर हमने इस पोस्ट में प्रमाण के साथ दिया है। इन सभी उत्तरो को जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पड़े। विषयसूची • • • • • • • भगवान कृष्ण किस वंश के थे ? Krishna Bhagwan Kis Vansh Ke The भगवान कृष्ण किस वंश के थे, ये जानने के लिए आपको पहले श्री कृष्ण की पूर्वज के वारे में जानना होगा। भगवान कृष्ण की पूर्वज कौन थे, ये जानते ही आपको खुद बा खुद पता चल जायेगा की भगवान कृष्ण के वंश क्या था और भगवान कृष्ण कौनसे जाती के थे ? (Krishna Bhagwan Kaun Si Jaati Ke The) श्री कृष्ण वासुदेव के पुत्र थे। श्री कृष्ण के पिता वासुदेव जी की जाति क्षत्रिय यदुवंशी ओर कुल चंद्रवंशी था। यादवोंके पूर्वज राजा यदु भी एक क्षत्रिय यदुवंशी थे । यदुवंशी अपने नाम के पीछे यादव लगाते हैं। इससे पता चलता है की, श्री कृष्ण भगवान की जाति क्षत्रिय यदुवंशी था। अधिक पढ़ें : नीचे हमने भगवान श्री कृष्ण के पूरी वंशावली के बारे लिखा है, चाहे तो आप पूरा लेख पढ़ सकते है और भगवान कृष्ण की पूर्बज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। कृष्ण वंशावली | वासुदेव ओर श्री कृष्ण के पूर्वज १. चंद्रवंशी की उत्पत्ति अगर आप भगवान श्री कृष्ण के भक्त हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े । पाठकों विष्णु पुराण में इस बात का वर्णन किया गया है कि तीनों लोकों के पालनहार विष्...

विराम चिह्न क्या है

विराम चिह्न किसे कहते हैं – Viram Chinh Kise Kahate Hain दोस्तो जैसा कि विराम का अर्थ रुकना होता है, उसी प्रकार हिंदी व्याकरण में विराम शब्द का अर्थ है – ठहराव या रुक जाना। एक व्यक्ति अपनी बात कहने के लिए, उसे समझाने के लिए, किसी कथन पर बल देने के लिए, आश्चर्य आदि भावों की अभिव्यक्ति के लिए कहीं कम, कहीं अधिक समय के लिए ठहरता है। भाषा के लिखित रूप में कुछ समय ठहरने के स्थान पर जो निश्चित संकेत चिह्न लगाये जाते है, उन्हें विराम–चिह्न(Viram chinh) कहते है। विराम–चिह्नों के प्रयोग से भाषा में स्पष्टता और सुन्दरता आ जाती है तथा भाव समझने में भी आसानी होती है। यदि विराम–चिह्नों का यथा स्थान उचित प्रयोग न किया जाये तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। उदाहरण-– • रोको, मत जाने दो। • रोको मत, जाने दो। इस प्रकार विराम–चिह्नों से अर्थ एवं भाव में परिवर्तन हो जाता है। इनका ध्यान रखना आवश्यक है। विराम चिन्ह – Viram chinh नाम विराम चिह्न अल्प विराम ( , ) अर्द्ध विराम ( ; ) पूर्ण विराम ( । ) प्रश्नवाचक चिह्न ( ? ) विस्मयसूचक चिह्न ( ! ) अवतरण या उद्धरण चिह्न इकहरा — ( ‘ ’ ),दुहरा — ( “ ” ) योजक चिह्न ( – ) कोष्ठक चिह्न ( ) [ ] विवरण चिह्न ( :– ) लोप चिह्न ( …… ) विस्मरण चिह्न ( ^ ) संक्षेप चिह्न ( . ) निर्देश चिह्न ( – ) तुल्यतासूचक चिह्न ( = ) संकेत चिह्न ( * ) समाप्ति सूचक चिह्न ( – : –) विराम–चिह्नों का प्रयोग– 1. अल्प विराम किसे कहते है – Alpviram in Hindi ? अल्पविराम अल्प विराम का अर्थ है, थोड़ी देर रुकना या ठहरना। अंग्रेजी में इसे हम ‘कोमा’ कह कर पुकारते है। (1) वाक्य में जब दो या दो से अधिक समान पदों पदांशो अथवा वाक्यों में संयोजक अव्यय ‘और’ की संभावना हो, वहाँ अल्प विराम का प्रयोग होता ...